गुरुवार दोपहर 12 बजे राज्य सचिवालय शिमला में कैबिनेट की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू करेंगे। हिमाचल कैबिनेट की बैठक में 3000 वन मित्र की तैनाती को मंजूरी मिलेगी। इसके अलावा भी बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर के नादौन में सबल योजना के शुभारंभ अवसर पर आयोजित जनसभा में इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि आगामी कैबिनेट की बैठक में वन विभाग में 3000 वन मित्रों की तैनाती की जाएगी।
शिमला। हिमाचल में इन दिनों सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी का मामला गरमाया हुआ है। भाजपा सुक्खू सरकार पर यूनिवर्सिटी को बंद करने का आरोप लगा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामले को लेकर पूर्व भाजपा सरकार को ही लपेटे में ले लिया है।
शिमला में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब भी कोई यूनिवर्सिटी खुलती है तो उसके कुछ नियम और कानून होते हैं।
विधानसभा चुनाव से ठीक 6 महीने पहले जयराम ठाकुर ने सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी खोली और खोली कहां कॉलेज में और उसके साथ कॉलेज को जोड़ दिया। जिस तरह स्कूल खोले, जहां बच्चे नहीं हैं और टीचर नहीं हैं, उसी तरह इन्होंने (पूर्व भाजपा सरकार) यूनिवर्सिटी भी खोल दी।
यूनिवर्सिटी में जितने छात्रों के पेपर होने हैं, उसका प्रबंध नहीं है। बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। यूनिवर्सिटी का कोई ढांचा तो बता दें, कहां उनकी बिल्डिंग बनी है। परीक्षा केंद्र कैसे हों उस दृष्टि से मंडी यूनिवर्सिटी से कॉलेज निकाले गए हैं। यूनिवर्सिटी बंद नहीं कर रहे हैं हम।
पहले आधारभूत ढांचे में सुधार करेंगे। आधारभूत ढांचे में सुधार के बाद क्या-क्या कोर्स शुरू कर सकते हैं, उसका तय होगा। अभी कॉलेज ही वो यूनिवर्सिटी नहीं है। इसको नाम दे दिया, क्योंकि चुनाव लड़ना था और चुनाव में फायदा उठाना चाहते थे। हमारी सरकार यह देखकर काम नहीं कर रही है कि चुनाव लड़ना है।
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू) मंडी के कार्य क्षेत्र में कटौती करने के मुख्यमंत्री के फैसले को बहुत ही निंदनीय और दुर्भावना युक्त बताया था।
उन्होंने कहा था कि सरकार एक विश्वविद्यालय और नहीं खोल सकती है, इसलिए पूरे कि सरकार द्वारा खोले गए विश्वविद्यालय को बंद करने की साजिश कर रही है। सुक्खू सरकार एसपीयू मंडी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा एसपीयू के कार्य क्षेत्र से जिला चंबा, कांगड़ा के साथ-साथ आनी और निरमंड के कॉलेजों को बाहर करना मंडी विश्वविद्यालय के साथ उन जिलों की छात्रों के साथ भी धोखा है, जो उसमें पढ़ाई कर रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि प्रदेश में शिक्षा सर्व सुलभ हो इसलिए जिला मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय की स्थापना की और शिमला से दूर पड़ने वाले जिलों के कॉलेजों को एसपीयू के साथ संबद्ध किया, जिससे छात्रों को शिमला तक दौड़ न लगानी पड़े। प्रशासनिक रूप से भी कार्य क्षेत्र बंट जाने से दोनों विश्वविद्यालयों पर भार कम हो जाएगा। इसका लाभ प्रदेश के छात्रों को मिला।
कुल्लू, मंडी, चम्बा, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति के छात्रों को शिमला तक का चक्कर नहीं लगाना पड़ता था। एसपीयू की वजह से इन क्षेत्र के छात्रों और उनके परिवारों को बहुत आसानी हो रही थी।
छात्रों और उनके परिजनों को सैकड़ों किलोमीटर का सफर कम करना पड़ता था। इससे समय साथ खर्च में भी कमी आई थी। सरकार के इस दुर्भावनापूर्ण फैसले की वजह से हज़ारों छात्र और उनके परिजनों को भी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
हमीरपुर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 और 5 सितंबर को जिला हमीरपुर के प्रवास पर रहेंगे। प्रवास कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री सोमवार दोपहर करीब 2 बजे गौना करौर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पहुंचेंगे और वहां प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सबल योजना का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री विशेष रूप से सक्षम बच्चों को आवश्यक उपकरण भी वितरित करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू गांव सेरा में स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में जनसमस्याएं सुनेंगे।
मंगलवार सुबह करीब सुबह साढे दस बजे सुक्खू बड़सर विधानसभा क्षेत्र के गांव जब्बल खैरियां पहुंचेंगे और वहां आपदा प्रभावित परिवारों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों का निरीक्षण करेंगे।
इसके बाद वह गांव गुरु दा बन, समताणा खुर्द और लाहड़ी सालन में भी राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगे तथा उसके बाद कुछ देर के लिए भोटा के विश्राम गृह में रुकेंगे।
दोपहर बाद मुख्यमंत्री भोटा से टौणी देवी, उहल, ननोट, भटेड़, उटपुर, सचूही, बजाहर, जोल पलाही और मैहलड़ू में राहत एवं पुनर्वास कार्यों का निरीक्षण करते हुए सुजानपुर पहुंचेंगे।
सुजानपुर शहर और इसके आस-पास के क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित लोगों से मिलेंगे तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगे। शाम को वह सेरा लौट आएंगे। 6 सितंबर की सुबह मुख्यमंत्री पालमपुर रवाना हो जाएंगे।
शिमला।हमीरपुर जिला के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र लिखा है। पत्र में भर्तियों, आउटसोर्स कर्मियों, कोविड के समय तैनात नर्सिंग स्टाफ, करुणामूलक आधार पर नौकरी, पुलिस भर्ती घोटाले और फर्जी डिग्री मामले को लेकर बात रखी गई है।
राजेंद्र राणा ने लिखा कि पिछले लंबे समय से जो भर्तियों के परिणाम रुके हुए हैं और जिन युवाओं ने परीक्षा उतीर्ण की है, वे अब बैचेन हैं और बड़ी अधीरता से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से बहुत से युवा ओवर एज हो रहे हैं और वे इस बात से चिंतित हैं कि आयु सीमा लांघने के कारण कहीं वे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र न हो जाएं।
हम विपक्ष में रहते हुए लगातार इन युवाओं के हित की पैरवी करते रहे हैं और अब कांग्रेस सरकार से इन युवाओं को बहुत उम्मीदें हैं। जनप्रतिनिधि होने के नाते सैकड़ों ऐसे युवा उनसे मिलकर और पार्टी के अन्य चुने हुए जनप्रतिनिधियों से भी मिलकर भर्तियों का रिजल्ट तुरंत निकालने की मांग करते हैं और विधायक भी इस बारे युवाओं की मांग को लेकर अक्सर चर्चा करते हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि इस बारे त्वरित निर्णय लिया जाए, ताकि युवाओं को भविष्य सुरक्षित रहे।
हमीरपुर स्थित अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (HPSSC) लंबे समय से बंद पड़ा है। यहां ईमानदार अधिकारी की तैनाती करके इसे फिर से क्रियाशील बनाया जाए। युवाओं की उम्मीदें इसके साथ जुड़ी हैं। यहां भर्तियों का सिलसिला शुरू होने से युवाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
पिछली सरकार के समय से ही हजारों युवा करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमने भी विपक्ष में रहते हुए लगातार उनके हक की आवाज उठाई गई है। उनके पक्ष में फैसला किया जाना समय की मांग है। उम्मीद है कि आप इस बारे सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेकर ऐसे युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखेंगे।
राजेंद्र राणा ने पत्र में लिखा है कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में जो पुलिस भर्ती में स्कैम हुआ था और इस वजह से हजारों युवाओं का भविष्य प्रभावित हुआ था, तब इस मामले को विपक्ष में रहते हुए हम सबने सदन में बहुत जोर शोर से उठाया था।
अब इस स्कैम पर संजीदगी दिखाने की जरूरत है और प्रदेश के युवाओं की उम्मीदें आप पर केंद्रित हैं। इस भर्ती स्कैम में जो अधिकारी संलिप्त थे उन पर कड़ी कार्रवाई होने का जनता बेसव्री से इंतजार रही है।
प्रदेश में फर्जी डिग्री के माध्यम से युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ होने का मामला अभी तक ठंडा नहीं पड़ा है। जांच लंबी खिंचती रही है, जिस तरह यह मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए था, उस पर पूर्व सरकार अपनी इच्छा शक्ति नहीं दिखा पाई। अब आपके नेतृत्व पर पूरा भरोसा है और आप इस बारे कोई फैसला लेंगे।
आउटसोर्स कर्मचारियों को न्याय दिए जाने का मुद्दा भी विपक्ष में रहते हुए सदन में उठाते रहे हैं। इन आउटसोर्स कर्मियों को अब आपसे न्याय की उम्मीद है। कोविड महामारी के दौर में नर्सिंग स्टाफ ने बड़ी तत्परता से अपनी भूमिका निभाई थी, उस समय मुश्किल दौर में नर्सिंग स्टाफ की जो भर्ती हुई थी उनके हित और भविष्य सुरक्षित रहना चाहिए और उनके साथ पूरा न्याय होना चाहिए। यह मांगें पूरी होना समय की मांग है। इससे पार्टी और मजबूत होगी और आपका नेतृत्व भी मजबूत होगा।
शिमला। भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश संयोजक सुशील राठौर ने शीर्ष नेतृत्व से चर्चा के बाद सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश सह संयोजक, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों, संसदीय क्षेत्र संयोजकों एवं सह संयोजकों की घोषणा की है। राठौर ने बताया कि विभाग की प्रदेश सह संयोजक गीतांजलि मेहता होंगी।
संसदीय क्षेत्र संयोजक के रुप में कांगड़ा हैप्पी कुमार, मंडी सुनील भारद्वाज, हमीरपुर कंशिका चोपड़ा और शिमला विक्रम मट्टू नियुक्त किए गए। संसदीय क्षेत्र सह संयोजक के रूप में कांगड़ा मैडी नरयाल, मंडी पुष्पिंदर ठाकुर, हमीरपुर सुनील ठाकुर और शिमला विकेश तोमर कार्य करेंगे।
इंफ्रास्ट्रक्चर को भी 10 हजार करोड़ रुपए का हुआ नुकसान
शिमला।पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल को प्राकृतिक आपदा में करीब 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसमें करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान इंफ्रास्ट्रक्चर को हुआ है। साथ ही लगभग इतना ही नुकसान ही जीडीपी को हुआ है। टूरिज्म का पैसा खत्म हुआ है। शराब (liqueur) की आय प्रदेश को जो होनी थी वो खत्म हुई है।
इसके अलावा हिमाचल में 350 से अधिक लोगों की जान गई है। हजारों घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार हिमाचल त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं कर रही है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को दूसरा घर कहते हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि क्या यह इसलिए है कि हिमाचल कांग्रेस शासित राज्य है। इस मापदंड की जवाबदेही भाजपा को करनी चाहिए। उत्तराखंड के केदरानाथ में राष्ट्रीय आपदा घोषित कर सकते हैं। जब केंद्र में कांग्रेस शासित सरकार थी तो गुजरात के भुंज में राष्ट्रीय आपदा घोषित की गई।
हिमाचल में इतने लोगों की जान जानें, सड़कों को नुकसान होने और इतने घरों के क्षतिग्रस्त होने के बाद भी राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं की जा रही है, इसको लेकर केंद्र सरकार और हिमाचल में भाजपा के नेताओं की जवाबदेही लोगों के प्रति बनती है।
बंद सड़कों को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सड़कों को लेकर हर रोज अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। हमारी कोशिश है कि अगले 15 दिन में यानी 15 सितंबर तक बंद पड़ी सभी सड़कों को खोल दिया जाए। विभिन्न माध्यमों से लोगों, एमएलए, जिला प्रशासन से फीडबैक ली जा रही है। इस फीडबैक को विभाग के अधिकारियों से शेयर किया जा रहा है, ताकि लोगों को जल्द राहत प्रदान की जा सके।
नुकसान का निरीक्षण कर प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगी
शिमला। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी 10 सितंबर से पहले हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी। वह आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उनका दुख-दर्द सांझा करेंगी। प्रियंका गांधी पहले भी तीन बार हिमाचल प्रदेश में आई त्रासदी के दौरान आने की कोशिश कर चुकी हैं, लेकिन खराब मौसम और रेड अलर्ट घोषित होने के कारण वह नहीं आ सकीं।
बीते 21 अगस्त को प्रियंका के सोलन पहुंचने का कार्यक्रम तय हो गया था। उनकी सुरक्षा एवं सहयोगी टीम 20 अगस्त को सोलन पहुंच गई थीं। प्रियंका को भी दिल्ली से रवाना होना था, लेकिन 21 अगस्त को बारिश का रेड अलर्ट होने की वजह से उन्हें कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। अब प्रियंका गांधी का हिमाचल आने का कार्यक्रम फाइनल हो गया है। वह प्रदेश में आकर भारी बारिश व बादल फटने से हुए नुकसान का निरीक्षण कर प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगी।
शिमला।सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने एनएचएआई को राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों को शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि आपदा के कारण मंडी- मनाली फोरलेन, विशेषकर पंडोह के पास कैंची मोड़ में सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, जिसके बहाली कार्यों में और तेजी लाने के लिए इस फोरलेन के संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त अधिकारियों को तैनात करने की आवश्यकता है। उन्होंने आने वाले समय में मंडी जिले के कैंची मोड़ के नीचे सुरंग बनाने की संभावनाएं तलाशने पर बल दिया।
बता दें कि मंडी-मनाली फोरलेन पंडोह के पास बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। मार्ग बार-बार बंद हो रहा है। अभी भी कुल्लू-मंडी वाया पंडोह मार्ग लैंडस्लाइड के चलते बंद है। कुल्लू-मंडी वाया पंडोह सड़क झलोगी के पास टनल नंबर 11 के पास लैंडस्लाइड होने के कारण बंद हो गई है।
लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिस कारण सड़क बहाली का कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है। वहीं, कुल्लू-मंडी वाया कमांद सड़क छोटे वाहनों के लिए बहाल है, लेकिन सड़क की स्थिति बेहतर न होने के कारण इस मार्ग से छोटे और खाली वाहनों को ही भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सेब सीजन चल रहा है और किसानों की उपज को समय पर मंडियों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही लाहौल क्षेत्र में आलू की फसल भी तैयार हो जाएगी और राष्ट्रीय राजमार्गों की समय पर बहाली के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में तीन प्रमुख सुरंगों के निर्माण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा और कुल्लू घाटी को जोड़ने के लिए घटासनी-शिल्ह-बुधाणी-भुभु जोत सुरंग का निर्माण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह सुरंग न केवल पर्यटन की दृष्टि से वरदान साबित होगी बल्कि इसका सामरिक महत्व भी है क्योंकि इससे कांगड़ा से मनाली के बीच की दूरी लगभग 55 किलोमीटर कम हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि चंबा जिले में चुवाड़ी-चंबा सुरंग और भावा घाटी से पिन घाटी को जोड़ने वाली सुरंग राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये सुरंगें पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा सभी मौसमों में सड़क सम्पर्क बनाए रखने में सहायक होंगी।
मुख्यमंत्री ने शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा, क्योंकि इससे प्रदेश के आठ जिलों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सड़क के सौंदर्यकरण में बढ़ोतरी के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप अथवा पांच मीटर का मध्याह्न सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या प्रति वर्ष 5 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ परवाणू-सोलन फोरलेन की चर्चा करते हुए कहा कि ढलानों में बेहतर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इनकी कटाई तकनीकी रूप से की जाए। उन्होंने कहा कि एनएचएआई को राजमार्गों पर ड्रेनेज और क्रॉस ड्रेनेज का निर्माण कर पानी की उचित निकासी सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने बाढ़ के कारण सोलन जिले के बद्दी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए दो पुलों के जीर्णोद्धार में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने नालागढ़-भरतगढ़ सड़क को फोरलेन बनाने पर बल दिया, जो दो राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि पूरे पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन बनाया जाना चाहिए क्योंकि टुकड़ों में इस राजमार्ग को फोरलेन बनाने से यातायात के सुचारू प्रवाह में समस्या होगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि एनएचएआई जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्गों को स्थायी रूप से बहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव लोक निर्माण भरत खेड़ा, प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नजीम, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग हरबंस सिंह ब्रसकॉन, क्षेत्रीय अधिकारी एन.एच.ए.आई. अब्दुल बासित और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
आनी के संपर्क मार्गों को जल्द बहाल करने के निर्देश
आनी।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कुल्लू जिला के आपदाग्रस्त क्षेत्र आनी का दौरा किया और भू-स्खलन से क्षतिग्रस्त हुए घरों का जायज़ा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला आनी में रहने, खाने-पीने और अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि अस्थायी शिविर में रहने वालों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रशासन तथा स्थानीय लोगों से भूस्खलन के कारणों की जानकारी भी हासिल की। उन्होंने संबंधित विभागों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर भवन गिरने के कारण गिरे मलबे को नियंत्रित तरीके से उठाने और खतरे की जद में आए भवनों को खाली करवाने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और स्थानीय प्रशासन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
उन्होंने लोगों से अपील कि वे असुरक्षित घरों को खाली कर दें तथा राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे दिशा-निर्देशों की पालना करें। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आनी उपमंडल के संपर्क मार्गों को जल्द बहाल करने के लिए निर्देश दिए, ताकि बागवानों और किसानों को अपनी फसल मंडियों तक पहुंचाने में कोई दिक्कत पेश न आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के संसाधनों पर हिमाचल के लोगों का हक है और आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए इन संसाधनों से हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस मानसून में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन राज्य सरकार हर प्रभावित तक मदद पहुंचाना सुनिश्चित कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आनी उपमंडल में इस मानसून के मौसम में अभी तक 27 भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जबकि 87 भवनों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त सरकारी और निजी सम्पति को भी काफी क्षति हुई है।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक लोकेंद्र कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार, एपीएमसी के अध्यक्ष राम सिंह मियां, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष यूपेंद्र कांत मिश्रा, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिमला। भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में जारी आपदा की स्थिति से प्रभावशाली तरीके से निपटने में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा आगे बढ़कर सक्रिय नेतृत्व प्रदान करने की नीति आयोग ने सराहना की है। विश्व बैंक के बाद अब नीति आयोग ने आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल प्रबंधन की प्रशंसा की है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी ने एक पत्र के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की सराहना की। पत्र में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार, आपदा प्रबंधन टीमों सहित अन्य सभी हितधारक, जरूरतमंदों को राहत प्रदान करने के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। नीति आयोग इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
सुमन के. बेरी ने कहा है कि राज्य में भीषण त्रासदी की घटनाएं चौंकाने वाली हैं। इस कारण राज्य में कृषि, समग्र आजीविका और आधारभूत अधोसंरचना को भारी क्षति हुई है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए नीति आयोग संकट के इस समय में हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ दृढ़ता के साथ खड़ा है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नीति आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आयोग के प्रोत्साहन से राज्य सरकार को और अधिक तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य को इस वर्ष बरसात के दौरान अभी तक 12000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
प्रदेश सरकार सभी प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से प्रदेश एक बार पुनः इस चुनौतिपूर्ण स्थिति से पार पाते हुए एकजुट होकर उभरेगा।