शिमला। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायक होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और केएल ठाकुर (नालागढ़) के इस्तीफे स्वीकार न होने के मामले में हाईकोर्ट दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। इसमें दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलील दी गई।
लगभग तीन घंटे तक बहस चली, जिसमें स्पीकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी की।
कोर्ट ने तीन निर्दलीय विधायक मामले को अब 30 अप्रैल 4 बजकर 15 मिनट पर सुनने का निर्णय लिया है, जिसमें स्पीकर की तरफ से बहस पूरी की जाएगी। यह जानकारी हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने दी।
एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि तीन निर्दलीय विधायकों के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पूरी कीं। अब हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आर्गुमेंट जारी हैं।
कोर्ट मंगलवार सवा चार बजे मामले की सुनवाई दोबारा शुरू करेगा। इसमें स्पीकर की तरफ से वकील आर्गुमेंट रखेंगे।
उन्होंने बताया कि हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और उनके सहयोगी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी कर रहे थे। उम्मीद है कि मंगलवार को भी वह वीडियो कांफ्रेंसिंग से पैरवी करेंगे।
शिमला। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे दे दिए हैं। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने अभी इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं।
इसको लेकर निर्दलीय विधायक हाईकोर्ट पहुंचे हैं। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
वहीं, हिमाचल सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते कल यानी 24 अप्रैल को विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका दी है। याचिका दल बदल कानून के प्रावधानों के तहत दायर की गई है।
याचिका में कहा है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी। ऐसे में यह मामला दल बदल कानून के दायरे में आता है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें।
वहीं, विधायक हरीश जनार्था ने भी मामले में शामिल कर पक्ष सुनने के लिए एक अलग याचिका हाईकोर्ट में दी है।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था, जिसमें उसे कामयाबी नहीं मिली है।
देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, हमीरपुर के आशीष शर्मा और नालागढ़ के केएल ठाकुर ने भी दबाव में इस्तीफे दिए हैं। इस्तीफे स्वीकार होने से पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं, जो दल बदल कानून के दायरे में आता है।
इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है। साथ ही विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए सम्मिलित करने के लिए याचिका दायर की है।
वहीं, जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर तीखा जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि मंडी से भाजपा प्रत्याशी मूर्खो की तरह बयान दे रही है और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी मजबूरी में साथ साथ चल रहे हैं।
कंगना कह रही हैं कि देश 2014 में आजाद हुआ और नेता जी सुभाष चंद्र बोस पहले प्रधानमंत्री थे। क्या भाजपा प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश की जनता को अनपढ़ समझ रही है, जिन्हें कुछ मालूम नहीं है।
शिमला। हिमाचल में तीन निर्दलीय विधायकों से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट में अब कल यानी 25 अप्रैल को सुनवाई होगी।
बता दें कि कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा ने 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन स्पीकर ने अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
इस याचिका पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था।
तीन निर्दलीय विधायक विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सामने पेश हुए और तीनों निर्दलियों ने एक-एक कर अपना पक्ष विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लिखित में रखा।
इसके बाद तीनों विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने हिमाचल विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
शिमला। बीजेपी कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर लगातार निशाना साध रही है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने एक वर्ग को खुश करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शिमला में इस पर पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के घोषणा पत्र का शीर्षक ही मोदी की गारंटी है मोदी की गारंटी घोषणा पत्र नहीं हो सकता। चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को पहले कांग्रेस का घोषणा पत्र पढ़ना चाहिए उसके बाद कुछ कहना चाहिए।
वहीं, इलेक्टोरल बॉन्ड के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 8500 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड लिया है।
कोई भी दूसरा दल प्रचार और होर्डिंग के मामले में बीजेपी की बराबरी नहीं कर सकता। कांग्रेस पार्टी के अकाउंट फ्रीज कर दिए हैं। देश के लोग ही चुनाव में कांग्रेस पार्टी का सहयोग करेंगे।
भाजपा के 400 पार के नारे के सवाल के जवाब में चिदंबरम कहा कि तमिलनाडु में 25 सीट, केरल में 20 सीट पर लड़ रही है। इन सभी सीटों पर बीजेपी हारेगी। बीजेपी 400 सीटों पर लड़ नहीं रही है किसी दूसरे देश में लड़ने की योजना बना रही है।
नई दिल्ली। मिशन कश्मीर फिल्म तो आपने देखी होगी। आज हम बात करने जा रहे हैं, मिशन साउथ (Mission South) की। यह कोई फिल्म नहीं बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मिशन साउथ है। 2017 में अमित शाह ने पार्टी नेताओं को एक “मिशन साउथ” का खाका दिया।
इसका उद्देश्य पांच राज्यों: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में अस्थिर राजनीतिक स्थिति और संभावित पुन: गठबंधन का लाभ उठाना है।
पिछले कुछ वर्ष में एक मजबूत आरएसएस नेटवर्क बनाया गया है और यह योजना को आगे बढ़ाने के लिए स्वाभाविक मंच बनेगा। रणनीति यह थी कि अन्य पार्टियों से स्थापित नेताओं को लाया जाए। साथ ही पार्टी के कुछ अपने नेताओं को दूसरे राज्यों से लाया जाए। लोकप्रिय फिल्मी सितारों को शामिल किया जाए। यहां तक कि स्थानीय पार्टियों को भी तोड़ा जाए।
केरल की बात करें तो केरल राज्य में 26 फीसदी मुस्लिम और 18 फीसदी ईसाई मतदाता हैं, जो पिछले दो लोकसभा चुनाव के नतीजों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण रहे हैं।
अमित शाह ने हिंदुओं और ईसाइयों को लुभाने में पहला कदम उठाने की कोशिश की है। केरल में सायरो-मालाबार चर्च विवाद आप देख ही सकते हैं।
ईसाई मतदाताओं को लुभाने की योजना
2015 में रिचर्ड हे भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें 16वीं लोकसभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले दो नियुक्त सदस्यों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया।
2016 में मलयालम सुपरस्टार सुरेश गोपी को राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था और वह उसी वर्ष बाद में भाजपा में शामिल हो गए। 2017 में नौकरशाह से नेता बने केजे अल्फोंस केंद्रीय मंत्री बनने वाले केरल से पहले भाजपा नेता बने।
मई 2017 में प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता जॉर्ज कुरियन को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया। अप्रैल 2023 में अनुभवी कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी भाजपा में शामिल हो गए।
अनिल के एंटनी पथानामथिट्टा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। जनवरी 2024 में केरल के पीसी जॉर्ज ने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया।
तमिलनाडु में शाह की रणनीति
मार्च 2024 में एस रामदास के नेतृत्व वाली पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) एनडीए गठबंधन में शामिल हो गई। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पीएमके को 10 सीटें दी हैं।
टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन सहयोगी अम्मा मक्कल मुनेत्र कज़गम (एएमएमके) तमिलनाडु में भाजपा के साथ सीट-बंटवारे के समझौते के तहत 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।
आंध्र प्रदेश में क्या कुछ हुआ
मार्च 2024 में अमित शाह के भव्य दृष्टिकोण के तहत भाजपा ने एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना पार्टी (जेएसपी) के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
भाजपा ने 6 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया, जबकि टीडीपी 17 संसदीय और 144 राज्य सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ऐसा लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में पार्टी को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
अब तेलंगाना की करते हैं बात
हाल के वर्ष में तेलंगाना में भाजपा का उदय उल्लेखनीय रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 7 फीसदी वोट शेयर हासिल हुआ था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीतकर कई लोगों को चौंका दिया।
दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 14 फीसदी वोट शेयर हासिल किया और 8 सीटें जीतीं। लोकसभा चुनाव के लिए अमित शाह ने राज्य में उम्मीदवारों की शीघ्र घोषणा करके एक रणनीति बनाई, जिससे उन्हें विकास कार्यों, कल्याणकारी योजनाओं और पीएम मोदी की स्वच्छ छवि पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
तेलगांना में बीआरएस को हाल के दिनों में कई असफलताओं का सामना करना पड़ा है। हाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार से आंतरिक अशांति पैदा हो गई है, प्रमुख नेताओं और सदस्यों के कांग्रेस और भाजपा में शामिल होने की अफवाह है।
दिल्ली शराब घोटाले में कविता की गिरफ्तारी और कई अन्य नेताओं के भ्रष्टाचार के आरोपों और हाल के फोन टैपिंग मामलों ने बीआरएस की स्थिति को और कमजोर कर दिया है।
भाजपा इस समय राज्य में कांग्रेस विरोधी मतदाताओं पर निर्भर है। मार्च 2024 में पूर्व सांसद गोडेम नागेश (आदिलाबाद) और सीताराम नाइक (वारंगल), पूर्व विधायक जलागम वेंकट राव (खम्मम) और शानापुडी सैदिरेड्डी सहित कई वरिष्ठ बीआरएस नेता भाजपा में शामिल हो गए।
कर्नाटक में मिशन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जेडीएस के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। पुराने मैसूर क्षेत्र में जेडीएस का गढ़ है, पार्टी उत्तरी कर्नाटक के जिलों में महत्वपूर्ण उपस्थिति का दावा करती है, जिसने अतीत में कई विधानसभा सीटें हासिल की हैं।
भाजपा उम्मीद कर रही है कि वह जेडीएस-नियंत्रित क्षेत्रों में अपने नुकसान को रोकने में सक्षम होगी और अंततः वह अपने लिए वही मतदाता आधार हासिल करने में सक्षम होगी। इससे वोक्कालिगा मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में एकजुट करने में भी मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने ग्रहण की बीजेपी की सदस्यता
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी तेजिंदर सिंह बिट्टू ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही भाजपा का दामन थाम लिया है।
उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को त्यागपत्र भेजकर हिमाचल के सह प्रभारी के साथ AICC सेक्रेटरी पद से भी इस्तीफे का ऐलान किया था।
चुनावों से पहले इस तरह तेजिंदर सिंह बिट्टू का पद छोड़ना पार्टी के लिए बड़े झटका है। तेजिंदर सिंह बिट्टू न सिर्फ पंजाब कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे बल्कि हिमाचल में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
तेजिंदर सिंह बिट्टू ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस दौरान बीजेपी कार्यालय में अश्विनी वैष्णव, सुशील कुमार उर्फ रिंकू और विनोद तावड़े भी मौजूद रहे।
इसके अलावा, चौधरी करमजीत कौर ने भी बीजेपी मुख्यालय पहुंच कर पार्टी की सदस्यता ग्रहणकी। करमजीत कौर कांग्रेस के टिकट पर जालंधर से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, मौजूदा समय में वह कांग्रेस से नाराज थीं।
सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे को शेयर करते हुए तेजिंदर पाल सिंह बिट्टू भावुक हो गए थे। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, ’35 साल बाद भारी मन से कांग्रेस से रिजाइन कर रहा हूं।’
तेजिंदर पाल सिंह बिट्टू ने नगर निगम शिमला के चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। वह यहां नगर निगम शिमला के चुनाव प्रबंधन का काम भी देख रहे थे।
कांग्रेस पार्टी की शिमला संसदीय क्षेत्र की बैठक में गरजे मुख्यमंत्री
शिमला। मंडी संसदीय क्षेत्र की बैठक के बाद आज शिमला संसदीय क्षेत्र की कांग्रेस मुख्यालय में अहम बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रतिभा सिंह, शिमला संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी व सरकार के मंत्री व पार्टी के शिमला संसदीय क्षेत्र पदाधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने शिमला संसदीय क्षेत्र के लिए अहम बैठक बुलाई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने 15 महीने के काम को लेकर जनता के बीच में जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त राज्य सरकार ने बिना केंद्र सरकार की मदद के बेहतरीन काम किया।
जब प्रदेश में आपदा आई, तब भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने दिल्ली में हिमाचल प्रदेश की आवाज नहीं उठाई।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी जब हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का संकल्प आया, तब भाजपा विधायकों ने इसका समर्थन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि सभी भाजपा सांसदों और विशेष तौर पर शिमला के सांसद सुरेश कश्यप को यह जवाब देना चाहिए कि उन्होंने हिमाचल में आई आपदा के वक्त वे वहां कहां छिप गए थे।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर महीने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान योजना के तहत 1500 रुपए की सम्मान निधि की शुरुआत हुई, तब भी राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचकर भाजपा ने से रोकने की कोशिश की।
शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि वे मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ेंगे। शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि वे मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ेंगे।
प्रतिभा बोलीं- मुसाफिर की वापसी से पार्टी हुई गौरवान्वित
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र से बीते विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे दिग्गज कांग्रेस नेता गंगूराम मुसाफिर ने करीब डेढ़ साल बाद घर वापसी की है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव मजबूत और सशक्त होकर उतरेगी। कांग्रेस में गंगू राम मुसाफिर की वापसी हुई है
उनकी पार्टी में वापसी का स्वागत है।
उनकी वापसी से पार्टी गौरवान्वित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एकजुटता के साथ भारी बहुमत के साथ शिमला लोकसभा का चुनाव जीतेगी।
हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी तजेंद्र सिंह बिट्टू ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस पर प्रतिभा ने कहा कि हाईकमान देखेगी क्यों बिट्टू ने इस्तीफा दिया है।
उनके स्थान पर नई नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी टिकट कुछ घंटों में फाइनल होंगे।
शिमला। हिमाचल में लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी तजेंद्र सिंह बिट्टू ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को त्यागपत्र भेजकर हिमाचल के सह प्रभारी के साथ AICC सेक्रेटरी पद से भी इस्तीफे का ऐलान किया।
चुनावों से पहले इस तरह तजेंद्र सिंह बिट्टू का पद छोड़ना पार्टी को बड़ा नुकसान दे सकता है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा और छह उपचुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में सियासी वार पलटवार जारी है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश कांग्रेस पर पलटवार किया है। जयराम ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस अस्थिरता के कारण बौखलाहट में है।
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार नहीं रहेगी। इस दौरान जयराम ठाकुर ने सिलसिलेवार तरीके से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं पर पलटवार किया।
इस दौरान जयराम ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर महिलाओं को जून में एकमुश्त 3000 रुपए की राशि देने के बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री सुक्खू समेत कांग्रेस पर पलटवार किया। नेता प्रतिपक्ष ने निशाना साधते हुए कहा कि बीते घटनाक्रम के बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस बौखलाहट में है।
उन्होंने कहा कि बार-बार भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि सरकार की अस्थिरता का कारण उनके खुद के नेता हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। पार्टी हाई कमान के साथ कांग्रेस नेताओं की भी यही चर्चा हुई है।
मुख्यमंत्री के दाएं और बाएं बैठे हुए नेताओं को भी यही आश्वासन पार्टी हाई कमान की ओर से दिया गया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद यह सरकार प्रदेश में बनी नहीं रहेगी। चारों सीटों पर भाजपा की जीत हो रही है।
वहीं, इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सिलसिलेवार तरीके से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री पर निशाना साधा। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति से मुख्यमंत्री विचलित हो गए हैं।
चुनाव के समय में घोषणा कर रहे हैं जो की साफ तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को 1500 देने की घोषणा सरकार ने की लेकिन 15 महीने में यह घोषणा पूरी नहीं हुई।
अब चुनाव के समय में कांग्रेस को उसकी याद आई है, वहीं इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को भी निशाने पर लिया।
मुकेश अग्निहोत्री पर निशाना चाहते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि बार-बार सरकार को स्थिर बताने की आखिर आवश्यकता क्या है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में भी कहा जा रहा था कि परिणाम उनके पक्ष में होगा लेकिन परिणाम सबने देखा।
जयराम ने कहा कि उन पर इल्जाम लगाया जा रहा है कि वह सरकार को अस्थिर करने का काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार की स्थिरता के पीछे उनके अपने लोग हैं। इस दौरान जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के पास चुनावी मैदान में उतरने के लिए कोई तैयार नहीं है।
उन्होंने तंज करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चुनाव से पहले कांग्रेस प्रत्याशी तय कर देगी, वहीं उप मुख्यमंत्री को जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह नींद में भी सपने नहीं देखते दिन की बात तो दूर। मुकेश अग्निहोत्री ने जयराम ठाकुर पर निशाना साधते को कहा था कि नेता प्रतिपक्ष दिन में सपने देख रहे हैं।