शिमला। हिमाचल कांग्रेस ने लोकसभा के लिए शेष बची दो सीटों पर भी आज प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से पूर्व मंत्री आनंद शर्मा को टिकट दी गई हैं, वहीं हमीरपुर से सतपाल रायजादा चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में आयोजित ‘केंद्रीय चुनाव समिति’ की बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की।
बता दें कि शिमला और मंडी से कांग्रेस पहले ही प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। मंडी से विक्रमादित्य सिंह को टिकट दी है। वहीं, शिमला से विनोद सुल्तानपुरी चुनावी मैदान में हैं। अब कांग्रेस ने चारों सीटों पर पत्ते खोल दिए हैं।
कांगड़ा में अब कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा और भाजपा प्रत्याशी राजीव भारद्वाज के बीच मुकाबला होगा।
हमीरपुर में भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर और कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा, मंडी से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह और भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत, शिमला से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के बीच चुनावी जंग होगी
शिमला। हिमाचल प्रदेश के बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने चुनाव आयोग पर कांग्रेस के साथ सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इसके चलते प्रदेश में विकास कार्यों में बाधा आ रही है।
शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार के लंबे समय से विभिन्न विभागों से संबंधित 34 मामलों में से 27 मामले आयोग के पास अनुमति के लिए लंबित पड़े हैं, लेकिन आयोग जानबूझ कर इन्हें लटकाने का काम कर रहा है।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के चलते आवश्यक कार्य, जोकि हर साल नियमित तौर पर होते है, पूरी तरह ठप पड़ गए है।
प्रदेश के ऊपरी भागों में मौसम के अनुरूप ही सड़कों या अन्य जनहित से जुड़े कार्य थोड़े समय ही होते हैं। अगर इस समय यह कार्य पूरे नहीं हुए तो इसका नुकसान लोगों को भुगतना पड़ सकता है।
प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही सरकार ने अपने इन आवश्यक व नियमित कार्यों को पूरा करने के लिए आयोग से अनुमति मांगी थी।
लेकिन अनुमति देना तो दूर इसका जवाब भी आयोग से अभी तक नहीं आया है। सरकार ने आयोग से उन विभागों में नियुक्तियों के परिणाम निकालने की अनुमानित भी मांगी थी, जिनकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
उद्योग विभाग में स्कूलों के लिए बैंच खरीद को लेकर टेंडर लगने थे वह भी नही लग रहे हैं जबकि स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इसी तरह अध्यापकों के रिक्त पद भी भरे जाने थे।
जगत सिंह नेगी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उसके पास लंबित पड़े सभी जनहित के कार्यों की पूरा करने की अनुमति सरकार को दें।
धर्मशाला। हिमाचल के कांगड़ा जिला के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने जा रहा है। उपचुनाव काफी रोचक रहने की उम्मीद है। पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा कांग्रेस से बगावत करके भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही धर्मशाला कांग्रेस नेता सुधीर शर्मा को आड़े हाथ ले रहे हैं। धर्मशाला से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजयइंद्र कर्ण और पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी ने सुधीर शर्मा पर जमकर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि पूर्व मंत्री पंडित संतराम की विरासत को पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ने कलंकित किया है। सुधीर के भाजपा में जाने पर संतराम जी की आत्मा भी रो रही होगी।
पंडित जी ने अपनी विरासत सुधीर को सौंपते समय यह कभी सोचा नहीं होगा कि उनका बेटा यह गुल खिलाएगा। सुधीर कांग्रेस में रहते पार्टी हाईकमान का विश्वास खो चुके थे, इसलिए उन्हें सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।
विजय इंद्र कर्ण और देवेंद्र जग्गी ने कहा कि धर्मशाला की जनता का सुधीर से विश्वास उठ चुका है। वह अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं, उनके कारनामे ऐसे हैं कि क्षेत्र की जनता शर्मसार है।
भाजपा को अपना ईमान बेचकर सुधीर ने यह साबित कर दिया कि वह कभी भी किसी को धोखा दे सकते हैं। उन्होंने पार्टी को पहले भी धोखा दिया था, जब उपचुनाव लड़ने से पीछे से हट गए थे।
सुधीर की राजनीति शुरू से ही स्वार्थ की रही है। वह जनहित के लिए नहीं, निजी फायदे की राजनीति करते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस सरकार के सवा साल के कार्यकाल में उन्होंने धर्मशाला स्मार्ट सिटी के काम में तेजी लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खू ने खुद स्मार्ट सिटी के काम की निगरानी की और निरंतर नगर निगम के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करते रहे। उन्होंने कहा कि सुधीर अब किसी जिम्मेदारी के काबिल नहीं हैं।
लोगों ने उन्हें बड़ी उम्मीदों के साथ धर्मशाला का विधायक बनाया था, लेकिन उन्होंने लोगों के काम करवाने के बजाय खुद की महत्वकांक्षाओं को तवज्जो देते हुए 14 महीने में ही कांग्रेस से बगावत करके भाजपा ज्वाइन कर ली। जनता अब उन्हें दोबारा विधायक नहीं बनाएगी।
उन्होंने कहा कि जनता को जनसेवक चाहिए, धनसेवक नहीं। लोगों ने 15-15 करोड़ रुपये में बिके कांग्रेस के पूर्व विधायकों को सबक सिखाने का मन बना लिया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व बिकाऊ विधायकों को 4 जून को तसल्ली हो जाएगी।
बाई इलेक्शन के लिए कांग्रेस ने 3 सीटों पर प्रत्याशी किए घोषित
शिमला। हिमाचल कांग्रेस ने विधान सभा उपचुनाव की 6 में से तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। सुजानपुर से कैप्टन रणजीत सिंह राणा, गगरेट से राकेश कालिया और कुटलेहड़ से विवेक शर्मा को टिकट दी गई है। सुजानपुर में पार्टियां बदली हैं, लेकिन चेहरे वही हैं।
गगरेट और कुठलैहड़ में कांग्रेस ने पुराने चेहरों पर ही विश्वास जताया है। सुजानपुर और गगरेट में कांग्रेस ने भाजपा से असंतुष्ट नेताओं पर दाव खेला है।
हालांकि, गगरेट के प्रत्याशी कांग्रेस छोड़कर ही भाजपा में गए थे। वर्ष 2022 में गगरेट क्षेत्र से टिकट कटने के बाद नाराज होकर राकेश कालिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था। कुठलैहड़ से कांग्रेस ने एक बार फिर विवेक शर्मा पर दाव खेला गया है।
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो उपचुनाव में 2022 चुनाव के प्रत्याशी ही आमने-सामने होंगे, लेकिन पार्टियां बदली हैं। 2022 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े राजेंद्र राणा ने भाजपा ज्वाइन कर ली है।
वहीं, भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े प्रत्याशी कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उपचुनाव में अब दोनों आमने-सामने हैं। वर्ष 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने राजेंद्र राणा को टिकट दी थी।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के चुनाव लड़ने से इंकार के बाद उनके करीबी कैप्टन रणजीत सिंह राणा को चुनावी मैदान में उतारा गया। मुकाबला काफी करीबी रहा था। राजेंद्र राणा मात्र 399 मतों से जीते थे।
हिमाचल राजनीतिक परिस्थितियों के चलते राजेंद्र राणा कांग्रेस से बगावत कर गए और भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने उपचुनाव में राजेंद्र राणा को प्रत्याशी बनाया। सुजानपुर पूर्व सैनिक बहुल क्षेत्र है। ऐसे में कांग्रेस ने भाजपा को टक्कर देने के लिए कैप्टन रणजीत सिंह राणा पर दाव खेला है। अब देखना बाकी है कि सुजानपुर की जनता का निर्णय क्या रहता है।
गगरेट विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 2022 में कांग्रेस ने चैतन्य शर्मा को टिकट दिया और भाजपा ने राजेश ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा। कांग्रेस के चैतन्य शर्मा ने भाजपा के राजेश ठाकुर को 15 हजार से अधिक वोटों से हराया।
चैतन्य शर्मा ने भी कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा ने उपचुनाव में उन्हें टिकट दी। कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा ज्वाइन कर चुके राकेश कालिया ने फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर ली। कांग्रेस ने राकेश कालिया को टिकट दी है। वह दो बार चिंतपूर्णी और गगरेट से एक बार विधायक रहे हैं।
कुठलैहड़ में 2022 में कांग्रेस के देवेंद्र भुट्टो और भाजपा के वीरेंद्र कंवर के बीच चुनावी मुकाबला हुआ। देवेंद्र भुट्टो ने वीरेंद्र कंवर को 7,579 मतों से मात दी। 2017 में विवेक शर्मा को कांग्रेस ने टिकट दी थी, लेकिन वह चुनाव हार गए थे।
2022 में देवेंद्र भुट्टो पर कांग्रेस ने दाव खेला था और कांग्रेस सीट निकालने में कामयाब रही। देवेंद्र भुट्टो भी कांग्रेस से बगावत कर गए और भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने उन्हें उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस ने एक बार फिर विवेक शर्मा पर दाव खेला है। विधानसभा उपचुनाव के लिए तीन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने पत्ते खोल दिए हैं। अब देखना बाकी है कि जनता का निर्णय क्या रहता है।
बता दें कि हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसमें धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट, कुठलैहड़ और लाहौल स्पीति शामिल हैं। इसमें तीन सीटों सुजानपुर, गगरेट और कुठलैहड़ पर टिकट फाइनल हो गए हैं।
धर्मशाला, बड़सर, लाहौल स्पीति में अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हो पाएं हैं। उपचुनाव में कांग्रेस किसी प्रकार का जोखिम लेने के मूड़ में नहीं है। इसलिए पार्टी फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
सूची में सुजानपुर से कैप्टन रणजीत सिंह राणा, गगरेट से राकेश कालिया और कुटलेहड़ से विवेक शर्मा को टिकट दी गई है।
बता दें कि हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसमें धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट, कुठलैहड़ और लाहौल स्पीति शामिल हैं। इसमें तीन सीटों पर टिकट फाइनल हो गए हैं।
शिमला। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायक होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और केएल ठाकुर (नालागढ़) के इस्तीफे स्वीकार न होने के मामले में हाईकोर्ट दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। इसमें दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलील दी गई।
लगभग तीन घंटे तक बहस चली, जिसमें स्पीकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी की।
कोर्ट ने तीन निर्दलीय विधायक मामले को अब 30 अप्रैल 4 बजकर 15 मिनट पर सुनने का निर्णय लिया है, जिसमें स्पीकर की तरफ से बहस पूरी की जाएगी। यह जानकारी हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने दी।
एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि तीन निर्दलीय विधायकों के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पूरी कीं। अब हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आर्गुमेंट जारी हैं।
कोर्ट मंगलवार सवा चार बजे मामले की सुनवाई दोबारा शुरू करेगा। इसमें स्पीकर की तरफ से वकील आर्गुमेंट रखेंगे।
उन्होंने बताया कि हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और उनके सहयोगी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी कर रहे थे। उम्मीद है कि मंगलवार को भी वह वीडियो कांफ्रेंसिंग से पैरवी करेंगे।
शिमला। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे दे दिए हैं। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने अभी इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं।
इसको लेकर निर्दलीय विधायक हाईकोर्ट पहुंचे हैं। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
वहीं, हिमाचल सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते कल यानी 24 अप्रैल को विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका दी है। याचिका दल बदल कानून के प्रावधानों के तहत दायर की गई है।
याचिका में कहा है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी। ऐसे में यह मामला दल बदल कानून के दायरे में आता है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें।
वहीं, विधायक हरीश जनार्था ने भी मामले में शामिल कर पक्ष सुनने के लिए एक अलग याचिका हाईकोर्ट में दी है।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था, जिसमें उसे कामयाबी नहीं मिली है।
देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, हमीरपुर के आशीष शर्मा और नालागढ़ के केएल ठाकुर ने भी दबाव में इस्तीफे दिए हैं। इस्तीफे स्वीकार होने से पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं, जो दल बदल कानून के दायरे में आता है।
इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है। साथ ही विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए सम्मिलित करने के लिए याचिका दायर की है।
वहीं, जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर तीखा जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि मंडी से भाजपा प्रत्याशी मूर्खो की तरह बयान दे रही है और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी मजबूरी में साथ साथ चल रहे हैं।
कंगना कह रही हैं कि देश 2014 में आजाद हुआ और नेता जी सुभाष चंद्र बोस पहले प्रधानमंत्री थे। क्या भाजपा प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश की जनता को अनपढ़ समझ रही है, जिन्हें कुछ मालूम नहीं है।
राज्य सरकार ने आज कोर्ट में एक एप्लिकेशन डालकर कहा कि CPS केस में हाईकोर्ट का फैसला पूरे देश में लागू होने वाला है। इसलिए इस केस में देश के बेहतर एक्सपर्ट व कानून के जानकारों को बहस का मौका मिलना चाहिए।
शिमला। बीजेपी कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर लगातार निशाना साध रही है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने एक वर्ग को खुश करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शिमला में इस पर पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के घोषणा पत्र का शीर्षक ही मोदी की गारंटी है मोदी की गारंटी घोषणा पत्र नहीं हो सकता। चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को पहले कांग्रेस का घोषणा पत्र पढ़ना चाहिए उसके बाद कुछ कहना चाहिए।
वहीं, इलेक्टोरल बॉन्ड के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 8500 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड लिया है।
कोई भी दूसरा दल प्रचार और होर्डिंग के मामले में बीजेपी की बराबरी नहीं कर सकता। कांग्रेस पार्टी के अकाउंट फ्रीज कर दिए हैं। देश के लोग ही चुनाव में कांग्रेस पार्टी का सहयोग करेंगे।
भाजपा के 400 पार के नारे के सवाल के जवाब में चिदंबरम कहा कि तमिलनाडु में 25 सीट, केरल में 20 सीट पर लड़ रही है। इन सभी सीटों पर बीजेपी हारेगी। बीजेपी 400 सीटों पर लड़ नहीं रही है किसी दूसरे देश में लड़ने की योजना बना रही है।
पीड़ित छात्रा का पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार चल रहा है फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। पुलिस ने आरोपी शनिवार को ही पकड़ लिया था, लेकिन लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है।
पीड़िता के परिजनों का कहना है कि आरोपी को फांसी दी जाए। गुस्साए लोगों ने शनिवार रात और रविवार को पालमपुर थाने के बाहर प्रदर्शन किया था।
बता दें कि शनिवार 20 अप्रैल को पालमपुर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। पालमपुर बस स्टैंड के पास एक युवक ने युवती पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया।
युवक ने तेजधार हथियार (दराट) से युवती के सिर पर कई वार किए। युवती की चार उंगलियां कटी हैं और उसके सिर पर गंभीर चोटें आई। आरोपी युवक ने युवती पर 9 से 10 बार दराट से हमला किया।
आरोपी युवक सुमित कुमार पुत्र रमेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक मस्सल, नगरोटा बगवां का रहने वाला है। युवती सुलह (सालन) की रहने वाली है और पालमपुर के निजी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि 20 अप्रैल को पालमपुर बस अड्डे में हुई दर्दनाक घटनाक्रम में पुलिस थाना पालमपुर में भारतीय दंड संहिता धारा 307, 326, 323, 341 के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।
इस वारदात में 21 वर्षीय सुलह निवासी छात्रा को हाथ, बाजू, सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। स्थानीय लोगों की सहायता से पीड़िता को पहले सिविल अस्पताल पालमपुर और फिर टांडा अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया।
अब पीड़िता की हालत में काफी सुधार है। मौके से पुलिस द्वारा साक्ष्य और हमला करने के लिए उपयोग में लाए गए दराट को कब्जे में ले लिया है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पीडब्ल्यूडी मसल में मल्टी टास्क वर्कर के रूप में कार्य कर रहा है। यह अपनी रिश्तेदार की शादी में 6 साल पहले गांव सालन में गया।
वहां पर शादी में इसने पीड़िता को देखा था और तब से दोनों में कॉल के माध्यम से बातचीत होने लगी। करीब 3 साल बाद इसे पता चला कि पीड़िता किसी एक और लड़के से बात करती है। पीड़िता ने पिछले 15-20 दिन से इसका नंबर ब्लॉक कर दिया।
20 अप्रैल को इसने पीड़िता को बात करने के लिए कहा तो वह मना करने लगी, तब यह अपना आप खो बैठा और इसने उस पर दराट से 8-10 वार कर दिए।
आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया है। आरोपी से और गहनता से पूछताछ की जा रही है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि मामले से संबंधित सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है, जिस पर पुलिस की साइबर सेल टीम निरंतर नजर बनाए हुए है। अफवाह फैलाने वालों पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।