शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार के लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि बंद करने के फैसले पर रोक लगा दी है। यह जानकारी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने दी है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि बहाल करने के हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आपातकाल में देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए संघर्ष करने वाले प्रहरियों हो भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्मानित किया गया था।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना की बहाली का हार्दिक स्वागत है। लोकतंत्र प्रहरियों की इस जीत से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार यह यह फैसला भी असंवैधानिक था।
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना के तहत पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 15 दिन तक जेल में रहने वाले लोकतंत्र प्रहरियों को प्रतिमाह 15 हजार एवं उससे ज्यादा समय तक जेल में रहने पर 20 हज़ार प्रतिमान दिए जाते थे, जिसे सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था।
कोर्ट ने एक्ट को लागू करने की अधिसूचना को किया खारिज
शिमला। सुक्खू सरकार को हिमाचल हाईकोर्ट की तरफ से बड़ा झटका मिला है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने वॉटर सेस अधिनियम को खारिज करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता रजनीश मानिकतला ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय कि डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है। इस डिवीजन बेंच में न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य शामिल थे।
इस खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सुक्खू सरकार की ओर से बनाया गया यह अधिनियम बनाना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। राज्य सरकार की ओर से तैयार किए गए इस अधिनियम को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक करार दिया है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पास इस तरह का कानून बनाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। इस तरह हिमाचल सरकार की तरफ से जारी वॉटर सेस की अधिसूचना रद्द मानी जाएगी।
शिमला। हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत के साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। इससे सुक्खू सरकार पर संकट मंडरा गया था।
तमाम गतिरोध के चलते कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और भूपेश बघेल को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा था।
होटल सिसिल में ऑब्जर्वर ने हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, विक्रमादित्य सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की। सबसे मुलाकात के बाद तय हुआ कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे को लेकर दबाव नहीं डालेंगे।
मीडिया से बातचीत में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑब्जर्वर ने पहले पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह से बातचीत की और बाद में विक्रमादित्य सिंह के साथ बात की और इनकी राय जानी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा कि वह विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। अब तय हुआ है कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे यानी प्रेस नहीं करेंगे।
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जो ऑब्जर्वर आए हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों से राय ली है। मेरा मानना है कि व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण संगठन होता है और संगठन को बनाए रखना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है।
मैंने जो सुबह इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने नकारा था। पार्टी हित में मैं उसे प्रेस नहीं करना चाहूंगा। संकट को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि किसी प्रकार का संकट नहीं था, मात्र एक क्रिएशन थी। हर तरीके का हल होता है, बस सकारात्मक सोच होनी चाहिए।
शिमला। हिमाचल की राजनीति में खलबली मच गई है। राज्यसभा चुनावों में बड़ी हार के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। विक्रमादित्य ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र के खिलाफ है।
इस तरह का घटनाक्रम हिमाचल में चिंतजनक है। क्या कारण रहे यह जानना जरूरी है। 2022 में विधानसभा चुनाव हुए उस समय सभी ने मिलकर चुनाव लड़े। वीरभद्र का नाम चुनावों में इस्तेमाल किया गया, सबके योगदान से सरकार बनी। एक साल की सरकार की कार्यप्रणाली पर बेबाक तरीके से कहना जरूरी है।
एक साल की सरकार की व्यवस्था में सरकार में विधायकों को दबाने की कोशिश हुई जिसका ये परिणाम है। हाई कमान के सामने मामला उठाया लेकिन जिस तरह से होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ।
प्रदेश के युवा नौजवान साथियों ने सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्या सरकार उनके लिए कुछ कर पाई हैं? केवल ये कहना कि हमने किया है? ये सब घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
दुख के साथ कहना पड़ रहा है मुझे कई मौके पर अपमानित करने की कोशिश की गई है। मैं किसी भी प्रैशर में आने वाला नहीं हूं। वीरभद्र सिंह के जो प्रिंसिपल हैं हम उसी राह पर चलेंगे, लेकिन कोई हमारी आवाज और अस्तित्व को दबाने और मिटाने की कोशिश करेगा वह सहन नहीं होगा।
कांग्रेस हाई कमान को इसके बारे में अवगत कराया गया है। अब गेंद हाई कमान के पाले में हैं। जिसके नाम पर सरकार बनी उसके लिए दो गज जमीन माल रोड़ पर नहीं मिली। विक्रमादित्य सिंह ने रोते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने के लिए मालरोड पर दो गज जमीन तक उपलब्ध नहीं करवाई गई।
विक्रमादित्य ने रोते हुए कहा कि हम इमोशनल लोग हैं भावनात्मक रूप से, मैं बहुत आहात हूं। किस वजह से ये हुआ हाई कमान को ये देखना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमने पार्टी का हर मोके पर साथ दिया है। आने वाले समय में कोई ऐसा कदम नहीं उठाऊंगा जिससे किसी को ठेस लगे। मैं इस सरकार से इस्तीफा देता हूं।
शिमला। बहुमत की सुक्खू सरकार की राज्यसभा चुनाव में फजीहत हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए हैं। वहीं, कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए हर्ष महाजन चुनाव जीत गए हैं।
हिमाचल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की फजीहत के कारणों की बात करें तो बागी नेताओं की अनदेखी के बाद कांग्रेस हाईकमान द्वारा बाहरी प्रत्याशी थोपना आग में घी का काम कर गया।
बता दें कि राज्यसभा सांसद के रूप में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। इसके चलते हिमाचल में एक सीट पर राज्यसभा चुनाव हुआ है।
राज्यसभा चुनाव की आहट के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर भी अटकलें तेज हो गईं। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी के हिमाचल से राज्यसभा जाने की अटकलें लगती रहीं। जब राज्यसभा चुनाव का बिगुल बजा तो नामांकन के आखिरी दिन से एक दिन पहले कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
कहीं न कहीं इस फैसले से कांग्रेस के अंदर भी चर्चाएं हुईं। पर हाईकमान के निर्णय के आगे कोई कुछ कह न पाया। कुछ नेताओं को ऐसा भी लगा कि हिमाचल में कोई सक्षम नेता नहीं था, जिसे प्रदेश हित में राज्यसभा भेजा जाता।
वहीं, हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेता हाशिए पर आ गए। इसमें सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा प्रमुख हैं। कांग्रेस में अंतर्कलह किसी से छिपी नहीं थी।
जब कांग्रेस ने बाहरी को प्रत्याशी बनाया तो भाजपा भी एक्टिव मोड़ में आ गई।
राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर पत्ते न खोलने वाली भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन भरने से पहले अपने प्रत्याशी हर्ष महाजन का नामांकन भरवा दिया। इससे पहले ऐसी किसी भी प्रकार की चर्चाएं राजनीति के गलियारों में नहीं थीं। भाजपा के इस फैसले ने सबको चौंका दिया।
भाजपा, कांग्रेस की अंतर्कलह के साथ बाहरी प्रत्याशी को लेकर कुछ कांग्रेस विधायकों की नाराजगी को भुनाने में जुट गई। भाजपा एक तीर से दो निशाने की फिराक में थी।
एक विधायकों की नाराजगी से राज्यसभा सीट जीतना और दूसरा सरकार को अस्थिर करना। हुआ भी ऐसा। कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। वहीं, निर्दलीय भी भाजपा के साथ चले। बहुमत की सरकार के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
शिमला। हिमाचल राज्यसभा चुनाव ने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी है। भाजपा हिमाचल की सुक्खू सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा है कि सरकार अभी अल्पमत में नहीं है।
दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव के नतीजे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बीजेपी विधायक दल के साथ विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से उनके कार्यालय में मुलाकात की।
मांग की है कि बजट पारित करने के लिए डिवीजन ऑफ वोट की मांग की। कट मोशन डिवीजन ऑफ वोट से होना चाहिए। जब भी फाइनेंशियल बिल पारित हो तो फ्लोर टेस्ट हो।
विधानसभा में सवाल के जवाब में मुहैया करवाई जानकारी
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान अब तक 3,159 लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान करसोग के विधायक दीप राज के सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुहैया करवाई है।
जवाब में बताया गया कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार प्रदेश की बेरोजगारी की दर 4.0 प्रतिशत है। प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में 7,42,845 आवेदक पंजीकृत हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ये सभी पंजीकृत आवेदक बेरोजगार हों।
वर्तमान में प्रदेश सरकार ने अपने अब तक के कार्याकाल में सरकारी क्षेत्र में 3,159 लोगों को रोजगार प्रदान किया है। गैर सरकारी क्षेत्रों में श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा रोजगार कार्यालयों के माध्यम से 9,317 युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है।
इसके अतिरिक्त यह भी सूचित किया जाता है कि गैर सरकारी क्षेत्र अथवा निजी क्षेत्र के उद्योगों एवं नियोक्ताओं द्वारा रोजगार उनके स्तर पर भी प्रदान किया जाता है।
किस विभाग, बोर्ड और निगम में मिली सरकारी नौकरी
रजिस्ट्रार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 55, सरकार के उप सचिव (एसए) हिमाचल प्रदेश, कार्मिक सचिवालय विभाग (प्रशासन सेवा-I) शिमला में 7, आयुक्त, हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग, शिमला में 2, रजिस्ट्रार, हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग,शिमला में 2, निदेशक कृषि हिमाचल में 14 और पशुपालन विभाग में 16 पद भरे गए हैं।
निदेशक, अटल बिहारी वाजपेई संस्थान पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल विभाग मनाली, जिला कुल्लू में दो, सहकारी समितियों में चार, प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 605, राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क हिमाचल प्रदेश में 5, फायर सर्विंसेस में 29, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ), वन खेती एवं संरक्षण विभाग में 9 को रोजगार प्रदान किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में 160, उच्च शिक्षा विभाग में 483, एडीजी-सह-कमांडेंट जनरल, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं हिमाचल प्रदेश, शिमला में एक, बागवानी में 4, उद्योग विभाग में 6, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 1, जल शक्ति विभाग में 67, कमला नेहरू अस्पताल शिमला में 14 और श्रम-सह-निदेशक रोजगार, हिमाचल प्रदेश, शिमला में 2 को सरकारी नौकरी मिली है।
पंचायती राज विभाग में 5, पुलिस विभाग में 156, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग में 2, कारागार एवं सुधार सेवाएं, हिमाचल प्रदेश, शिमला में 10, पीडब्ल्यूडी में 125, तकनीकी शिक्षा में 13, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग हिमाचल प्रदेश, शिमला में 2, कोष, लेखा एवं लॉटरी विभाग हिमाचल प्रदेश, शिमला में 1, शहरी विकास विभाग में 3 और महिला एवं बाल विकास विभाग में 11 को रोजगार दिया गया है।
युवा सेवाएं एवं खेल विभाग में 16, अभियोजन विभाग में 2, ऑडिट विभाग में 11, आयुष विभाग में 68, फोरेंसिक सर्विस में 2, हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड खलीनी शिमला में 2, हिमाचल प्रदेश बिल्डिंग एवं अन्य कॉन्स्ट कार्य कल्याण बोर्ड में 13 पद भरे गए हैं।
हिमाचल एक्ससर्विसमेन कॉरपोरेशन में 1, हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 40, हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन में 5, एचआरटीसी में 95, बिजली बोर्ड में 442, वन निगम में 10, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 2, एमसी शिमला में एक, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में 3 को सरकारी क्षेत्र में रोजगार मिला है।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी, ऊन खरीद विपणन फेडरेशन में 7, राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद शिमला में 1, हिमऊर्जा में 1, हिमाचल प्रदेश जोगिन्द्रा सहकारी बैंक, राजगढ़ रोड, सोलन में 8, डॉ वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी शिमला में 3, एचपीयू में 4, डीसी ऑफिस बिलासपुर में 1, चंबा में 11, कुल्लू में 3, शिमला में 6 और ऊना में भी 6 को नौकरी मिली है।
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने आईपीएस (IPS) और एचपीएस अधिकारियों का तबादला किया है। प्रदेश सरकार ने तीन एसपी सहित 7 आईपीएस अधिकारियों को इधर-उधर किया है। साथ ही दो को नई तैनाती दी है। आईपीएस में तैनाती का इंतजार कर रहे बिमल गुप्ता को आईजी विजिलेंस लगाया गया है।
डीआईजी विजिलेंस जी शिवकुमार अब डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी होंगे। तैनाती का इंतजार कर रहीं सोम्या सांबशिवन को पीटीसी डरोह कांगड़ा का प्रिंसिपल लगाया गया है। एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर को एसपी एसडीआरएफ जुन्गा में तैनाती दी है।
कमांडेंट पहली एचपीएपी जुन्गा डा मोनिका अब कमांडेंट 6वीं बटालियन धौलाकुआं होंगी। एसपी क्राइम सीआईडी शिमला पदम चंद को एसपी हमीरपुर में तैनाती दी है। एसपी हमीरपुर डा आकृति को कमांडेंट पहली बटालियन बनगढ़ लगाया गया है।
कमांडेंट पांचवीं बटालियन बस्सी हमीरपुर राकेश सिंह को एसपी ऊना के पद पर तैनाती दी है। वहीं, आईपीएस तिरुमलाराजू एसडी वर्मा अब डीएसपी करसोग के पद पर सेवाएं देंगे।
एचपीएस अधिकारियों में एएसपी हमीरपुर अशोक कुमार को एएसपी बद्दी लगाया गया है। एएसपी सीएंडटीएस शिमला रत्न सिंह अब एएसपी शिमला होंगे। एएसपी पांचवीं बटालियन बस्सी धर्म चंद को एएसपी पुलिस जिला नूरपुर लगाया गया है। डीएसपी बीबीएमबी सुंदरनगर खजाना राम अब डीएसपी बद्दी होंगे।
डीएसपी राजगढ़ अरुण मोदी को डीएसपी पहली एचपीएपी जुन्गा लगाया गया है। डीएसपी सीआईडी मंडी सुशांत शर्मा अब डीएसपी चौपाल होंगे। डीएसपी बद्दी प्रियंका गुप्ता को डीएसपी बीबीएमबी सुंदरनगर लगाया है। डीएसपी दलाईलामा सिक्योरिटी नितिन चौहान अब डीएसपी हेड क्वार्टर हमीरपुर होंगे। डीएसपी लाहौल स्पीति मनीश चौधरी को डीएसपी (एलआर) बिलासपुर लगाया है।
एएसपी चौथी बटालियन जंगलबैरी हमीरपुर विजय कुमार को कमांडेंट होम गार्ड चंबा लगाया है। एएसपी पहली एचपीएपी जुन्गा शिमला प्रवीर कुमार ठाकुर एएसपी 6वीं बटालियन धौलाकुआं में तैनाती दी है। एएसपी पांचवीं बटालियन बस्सी बिलासपुर राज कुमार अब एएसपी सोलन होंगे। एएसपी 6वीं बटालियन धौलाकुआं बबिता राणा को एएसपी पहली एचपीएपी जुन्गा लगाया गया है।
शिमला एएसपी सुनील दत्त को एएसपी सीएंटीएस शिमला लगाया है। एएसपी सोलन योगेश रोल्टा को एएसपी सिरमौर में तैनाती दी है। डीएसपी ज्वालामुखी कांगड़ा विकास कुमार धीमान को डीएसपी चौथी बटालियन लगाया गया है। तैनाती का इंतजार कर रहे लाल मन को डीएसपी पांचवीं बटालियन बस्सी में तैनाती दी है।
डीएसपी पहली एचपीएपी बटालियन जुन्गा विद्या चंद को डीएसपी राजगढ़ लगाया गया है। डीएसपी हेड क्वार्टर हमीरपुर रोबिन डोगरा को डीएसपी दलाईलामा सिक्योरिटी लगाया गया है। डीएसपी करसोग गीतांजलि ठाकुर को डीएसपी दूसरी बटालियन सकोह में तैनाती दी है।
तीसरी बटालियन पंडोह डीएसपी ओम प्रकोश अब डीएसपी पहली एचपीएपी जुन्गा होंगे। डीएसपी एलआर बिलासपुर राज कुमार को डीएसपी हेड क्वार्टर लाहौल स्पीति लगाया गया है।डीएसपी ट्रैफिक शिमला अजय कुमार भारद्वाज को डीएसपी एलआर राज भवन शिमला में तैनाती दी है।
तैनाती का इंतजार कर रहे मनविंद्र ठाकुर को डीएसपी चौथी बटालियन जुन्गा लगाया गया है। डीएसपी दूसरी बटालियन सकोह भूपिंद्र सिंह को डीएसपी तीसरी बटालियन पंडोह में तैनाती दी है। भावानगर डीएसपी जिला किन्नौर नरेश कुमार को डीएसपी रामपुर के पद तैनाती दी है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक साल के लंबे अंतराल के बाद सुक्खू सरकार में कैबिनेट विस्तार हुआ और दो नए मंत्रियों राजेश धर्माणी और यादविंदर गोमा को कैबिनेट में जगह दी गई। इसके करीब एक माह बाद नए मंत्रियों को विभाग वितरित किए गए। इसमें विक्रमादित्य सिंह से खेल मंत्रालय लेकर यादवेंदर गोमा को दिया गया।
विक्रमादित्य के पास अब पीडब्ल्यूडी विभाग ही बचा है। इसके बाद से ही विक्रमादित्य की अपनी ही सरकार से नाराजगी की चर्चा भी सियासी गलियारों में शुरू हो गई। खासकर तब जब विक्रमादित्य सिंह 12 जनवरी, 2024 को कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए। अब विक्रमादित्य सिंह ने इसको लेकर चुप्पी तोड़ी है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग वापस लेने पर कहा कि मुझे कोई नाराजगी नहीं है। वीरभद्र सिंह के नाम पर प्रदेश में चुनाव हुए, सबने मिलकर काम किया। विभाग लेना और देना मुख्यमंत्री का अधिकार क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि मंत्री का तमगा लेने वाले हम नहीं हैं।
व्यक्ति अपने कर्मों से जाना जाता है, कितने पोर्टफोलियो किसके पास हैं, इससे नहीं। सरकारें आती जाती हैं। जनता के साथ जुड़े रहना जरूरी है। एक साल में खेल विभाग में जो कर सकते थे किया और इसमें और बहुत कुछ करने की जरूरत है।
विद्युत बोर्ड कर्मी वेतन और पेंशन न मिलने के कारण सड़कों पर
शिमला। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ एक साल में ही बड़ा जन आक्रोश पैदा हो गया है।
कर्मचारियों को OPS के नाम पर सुक्खू सरकार ने ठगा जिसके चलते हज़ारों बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ़ बीते कल ही हल्ला बोला।
सरकार ने एक साल में ही 13 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया है, लेकिन विकास कार्य फिर भी ठप है। भर्तियां एक साल में एक भी नहीं हुई हैं। युवा रोज़गार की सरकार से गुहार लगा रहे हैं। सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है।
नेता विपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है, लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है। विद्युत बोर्ड कर्मचारी वेतन और पेंशन न मिलने के कारण आज सड़कों पर आ गए हैं। कांग्रेस कर्ज के लिए भाजपा को कोसती थी, लेकिन आज उन्होंने कर्ज लेना की सारी हदें लांघ दी है।
दो नए मंत्रियों को अन्य मंत्रियों से छीन कर विभाग दिए गए हैं जिससे तीन मंत्रियों की कार्य क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हिमाचल से भ्रष्टाचार के कारण उद्योग शिफ्ट हों रहें हैं। दुबई में उद्योगपतियों से मिलने के नाम पर मुख्यमंत्री शादियों मे शामिल हो रहे हैं और तथ्य लोगों से छुपाए जा रहे हैं।
वहीं, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बीते कल शिमला में निर्माण कार्य को लेकर आए सर्वोच्च न्यायलय के फैसले से शिमला वासियों को बड़ी राहत मिली है जिसका श्रेय लेने का कांग्रेस सरकार प्रयास कर रही है। जबकि भाजपा सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर की थीं जिसका अब निर्णय आया है।
वहीं, जयराम ठाकुर ने हाई कोर्ट के सीपीएस को लेकर आए आदेशों को लेकर कहा कि हाई कोर्ट के आदेश स्पष्ट नहीं है। मामले को लटकाने का प्रयास प्रतीत हो रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट के सीपीएस को लेकर स्पष्ट आदेश हैं कि सीपीएस को पद पर बने रहना असंवैधानिक है।