शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली रवाना होंगे। मुख्यमंत्री आज शाम दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन से मुलाकात करेंगे और प्रदेश के मुद्दों को लेकर चर्चा करेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिह ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद केंद्र ने हिमाचल की लोन की लिमिट 1,4500 करोड़ से साढ़े पांच हजार करोड़ घटा दी है साथ ही पेंशन ग्रांट को भी रोक दिया है। इसको लेकर वित्त मंत्री से शाम को उनकी बैठक है। उसमें इसको लेकर मांग उठाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2024 में जोगिंदरनगर स्थित है शानन विद्युत परियोजना की पंजाब के साथ लीज खत्म हो रही है। पंजाब के साथ शानन विद्युत परियोजना की लीज खत्म होने को लेकर हिमाचल सरकार शानन विद्युत प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेने की तैयारियों में जुट गई है।
मुख्य्मंत्री ने कहा है कि शानन विद्युत परियोजना में हिमाचल का हक है इसलिए यह परियोजना 2024 में लीज खत्म होने के बाद हिमाचल को मिलनी चाहिए। इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी बात की है।
उधर, एनपीए बंद करने के बाद डॉक्टरों के विरोध को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मौजूदा डॉक्टरों का एनपीए खत्म नहीं किया है जो इसका विरोध कर रहे हैं, बल्कि यह एनपीए जो आगे से नए डॉक्टर नियुक्त होंगे उनके लिए खत्म किया गया है। ऐसे में एनपीए को लेकर डॉक्टरों का विरोध सही नहीं है। अगर डॉक्टर उनके पास आते हैं तो इस फैसले को लेकर सरकार पुनर्विचार करेगी।
शिमला। कांगड़ा दौरे के बाद शिमला लौटे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू मंगलवार यानी आज दोपहर बाद दिल्ली रवाना होंगे। 31 मई यानी कल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू रैहन पहुंचेंगे जहां वह सकरी पुल का उद्घाटन करेंगे।
क्या रहेगा सीएम सुक्खू पूरा टूअर प्रोग्राम नीचे पढ़ें विस्तार से —
शानन परियोजना की लीज खत्म होने के मामले पर भी रखी बात
नई दिल्ली। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट की। सीएम सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि शानन परियोजना की 99 वर्ष का लीज एग्रीमेंट मार्च, 2024 में समाप्त हो रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पंजाब सरकार को लीज अवधि समाप्त होने से पहले हिमाचल प्रदेश को परियोजना सौंपने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
सीएम सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में राज्य की हिस्सेदारी के बारे में भी अवगत करवाया और राज्य के लिए 12 प्रतिशत पानी की रॉयल्टी की मांग की। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी द्वारा परियोजनाओं के निर्माण के कारण प्रदेश में कई कस्बों को पुनर्वास की समस्या का सामना करना पड़ा।
परियोजनाओं के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए परन्तु बहुत से विस्थापितों को 50 वर्षों के बाद भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है और यह परियोजनाएं देनदारियों से मुक्त हैं। उन्होंने राज्य सरकार को बीबीएमबी की सभी कार्यशील परियोजनाओं में निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी लगाने की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की दीर्घकालीन लंबित मांग है।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) में राज्य की रॉयल्टी बढ़ाने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि 12 वर्षों की ऋण अवधि पूर्ण करने वाली परियोजनाओं से निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी हिस्सेदारी प्राप्त की जाती है। इसे मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा सकता है।
सीएम सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री को हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की सरकार की पहल से भी अवगत कराया और राज्य में हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए कर लाभ सहित प्रोत्साहन प्रदान करने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के अध्यक्ष राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया उपस्थित थे।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन (OPS) का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हैदराबाद रवाना होने से पहले धर्मशाला में यह घोषणा की है। इससे हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के करीब 6 हजार से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
बता दें कि वीरवार को शिमला में प्रदेशभर के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अन्य विभागों की तर्ज पर पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की।
धर्मशाला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांगड़ा दौरे पर हैं। मुख्यमंत्री 23 मई को शिमला से कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचे। कांगड़ा एयरपोर्ट पर धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सुधीर शर्मा का हाथ पकड़ आगे बढ़ गए।
अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सुधीर शर्मा को हाथ पकड़कर कहां तक ले जाते यह तो भविष्य बताएगा। पर कांगड़ा जिला से अभी तक एक ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। सरकार में अभी तीन कैबिनेट मंत्रियों की जगह है। यह तस्वीर किस ओर इशारा कर रही, आपको पता तो जरूर बताएं।
महापौर और उपमहापौर ने सीएम से मुलाकात कर उठाई मांग
शिमला। नगर निगम शिमला के नवनिर्वाचित महापौर सुरेंद्र चौहान और उपमहापौर उमा कौशल ने मुख्यमंत्री से शिमला शहर में सूखे पेड़ों को काटने की शक्तियां नगर निगम को देने का आग्रह किया है। शिमला में कई ऐसे सूखे पेड़ हैं जो खतरा बने हुए हैं।
नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिल कर सूखे पेड़ों का मुद्दा उठाया है। शिमला में कई इलाकों में सूखे पेड़ लोगों के घरों के लिए खतरा बने हुए हैं।
इन पेड़ों को काटने के लिए सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है। नगर निगम में इसको लेकर ट्री कमेटी बनाई गई है लेकिन पेड़ों को काटने की अनुमति सरकार द्वारा बनाई सब कमेटी देती है। ऐसे में अनुमति मिलने में ही काफी समय लग जाता है।
यही नही मुख्यमंत्री से जंगलों में सूखे पड़े पेड़ों को भी जल्द काटने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जंगलों में पेड़ गिर जाते हैं और उन्हें समय रहते नहीं हटाया जाता जिससे लकड़ियां सड़ जाती हैं और सरकार को भी काफी नुकसान होता है।
ऐसे में इन्हें जल्द काटने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा शहर के अन्य मुद्दों को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें सभी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है।
शिमला। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में वन विभाग के 10 वन डिवीजन में सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अदालत में मामले की पैरवी की थी और उसने वन विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया है।
उन्होंने कहा कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ सहित पांच वन डिवीजन में खैर के पेड़ों की कटाई के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है और इन वन डिवीजन में प्रति वर्ष 16,500 पेड़ निर्धारित किए गए हैं और जल्द ही खैर की निकासी शुरू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष पांच वन डिवीजन नाहन, पांवटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी वनों का निरीक्षण करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे और इन पांचों वन डिवीजन के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए खैर के पेड़ों की गिनती की जाएगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि खैर के पेड़ों की सिल्वीकल्चर कटाई वन प्रबंधन एवं इनके कायाकल्प के अलावा सरकार के राजस्व सृजन में सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि खैर के वृक्षों का समय से कटान नहीं होने के कारण अधिकांश पेड़ सड़ रहे हैं और यह बेहतर वन प्रबंधन की दिशा में एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में प्रायोगिक के आधार पर खैर के पेड़ों की कटाई के परिणाम जानने के लिए इसमें पेड़ों की कटाई की अनुमति प्रदान की थी। अब शीर्ष अदालत ने वन विभाग की राय एवं केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा शीर्ष अदालत में प्रस्तुत निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति प्रदान की है।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के शोघी स्थित तारा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की और हिमाचल प्रदेश के लोगों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री व अन्य ने मंदिर में लंगर प्रसाद भी ग्रहण किया।
मोहाली। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जुलाई 2023 से हिमाचल प्रदेश सरकार हिम परिवार परियोजना आरंभ करेगी। इस परियोजना के तहत प्रदेश के परिवारों को एक विशिष्ट पहचान प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज पंजाब के मोहाली स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में गवर्नेंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी द्वारा आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिम डाटा पोर्टल का शुभारंभ भी किया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिम परिवार परियोजना के माध्यम से विशिष्ट पहचान वाले परिवार के राशन कार्ड, परिवार रजिस्टर, विद्युत, पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाओं की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि हिम परियोजनाओं से जुड़े लोगों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी सुगमता से मिलेगी और इस तरह लक्षित वर्गों तक योजनाओं के लाभ शीघ्र पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए दिशा निर्धारण सबसे महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बेहतर शासन के लिए बेहतर प्रशासन के लक्ष्य के साथ विकास की दिशा निर्धारित करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जन-जन को सुखी और समृद्ध बनाना राज्य सरकार का लक्ष्य है और इसके लिए उचित स्तर पर सही डाटा होना आवश्यक है।
सरकार ने अपने पहले ही बजट में अत्याधुनिक डाटा संकलन एवं अनुसंधान तकनीक अपनाने पर बल दिया, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि आगामी 10 वर्ष में हिमाचल को देश का समृद्ध राज्य बनाया जाएगा। इस दिशा में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग हिमाचल प्रदेश के नीति निर्धारण में सहायक रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयास शीघ्र ही सकारात्मक परिवर्तन के रूप में सामने आएंगे।
ठाकुर सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि ‘नॉलेज पार्टनर’ के रूप में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हिमाचल डाटा पोर्टल को और लाभदायक एवं उपयोगी बनाने में सहयोग करेगा, ताकि प्रदेश के 72 लाख लोगों के जीवन में आशातीत परिवर्तन लाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार तथा इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, वन तथा शासन के क्षेत्रों में मिलकर कार्य करेंगे।
उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस को हिमाचल में नीति अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने इससे पूर्व संस्थान में पौधा रोपा और संस्थान परिसर का दौरा कर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली ने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री का व्यापक राजनीतिक अनुभव हिमाचल के विकास को नई ऊंचाई प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि एक प्रतिष्ठित संस्थान का प्रदेश सरकार के साथ कार्य करना नीति को जन हितकारी दिशा देने में सहायक है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सलाहकार सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार गोकुल बुटेल ने कहा कि 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति डाटा एवं सही सूचनाओं का समयबद्ध संकलन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू नवाचार और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर हिमाचल को देश का अनुकरणीय राज्य बनाने के लिए कार्यरत हैं। उन्होंने हिम परिवार परियोजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
अभिषेक जैन सचिव सूचना प्रोद्योगिकी हिमाचल प्रदेश ने कहा कि प्रदेश सरकार के विभिन्न प्रयासों से इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का जुड़ाव अनेक मायनों में आम जन के लिए लाभप्रद रहेगा। उन्होंने कहा कि नीति निर्धारण में सही डाटा तक पहुंच योजनाओं के सफल कार्यान्वयन का महत्वपूर्ण कारक है।
भारती इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक पॉलिसी के डीन प्रोफेसर मदन पिलुतला ने कहा कि सूचना प्रोद्योगिकी के उपयोग और हिम डाटा पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी से लोग वास्तविक अर्थों में सही समय पर लाभ प्राप्त कर पाएंगे। भारती इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक पॉलिसी के निदेशक प्रोफेसर अश्वनी छेत्रे ने हिमाचल में डाटा तक पहुंच और इसके माध्यम से योजनाओं के लाभ लोगों तक पहुंचाने की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सूचना प्रोद्योगिकी के माध्यम से जन जन को लाभान्वित करने की पहल अनुकरणीय है। डॉ. आरुषि जैन, नीति निदेशक भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी ने उपस्थित लोगों स्वागत किया और हिम डाटा पोर्टल सहित सम्मेलन के विषय की जानकारी प्रदान की।
मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, हिमाचल प्रदेश के निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी मुकेश रेप्सवाल, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक सोलन वीरेंद्र शर्मा, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के शिक्षाविद, अन्य अनुसंधानकर्ता एवं संस्थान के छात्र इस अवसर पर उपस्थित थे।