शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने बड़ी पहल की है। हिमाचल प्रदेश पुलिस बल के इतिहास में पहले महिला बिगुलर प्रशिक्षण को शुरू किया गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह (PTC Daroh) में यह प्रशिक्षण शुरू किया है। जल्द ही हिमाचल प्रदेश राज्य में गार्ड ऑफ ऑनर तथा अन्य समारोहों में महिला बिगुलर देखने को मिलेंगी।
बता दें कि बिगुल एक महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण है, जहां बिगुल कॉल का उपयोग शिविर की दैनिक दिनचर्या को इंगित करने के लिए किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से युद्ध के दौरान अधिकारियों से सैनिकों तक निर्देश प्रसारित करने के लिए सेना में बिगुल का उपयोग किया जाता था। बिगुल का उपयोग लीडर्स/अधिकारियों को इकट्ठा करने और शिविरों में मार्च करने का आदेश देने के लिए किया जाता था।
बिगुल बजाने वाले पुलिस बल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि उनकी बिगुल ध्वनि समारोहों, परेड और अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के दौरान महत्वपूर्ण संकेत के रूप में काम करती है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस का कहना है कि पुलिस बल में महिला बिगुलर में शामिल करना न केवल विविधता के प्रति विभाग के समर्पण को उजागर करता है, बल्कि पुलिस बल में इच्छुक महिलाओं के लिए एक प्रेरणा के रूप में भी काम करता है। यह पहल संदेश देती है कि लिंक को किसी के जुनून को आगे बढ़ाने और पेशेवर उत्कृष्टता हासिल करने में कभी बाधा नहीं बनने देना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने इस महत्वपूर्ण पहल के लिए डीआईजी/प्रधानाचार्य हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह विमल गुप्ता को बधाई दी है। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट डालकर दी है।
भारतीय डाक विभाग द्वारा 10 वर्ष या उससे कम आयु की बेटियों के लिए बढ़िया स्कीम चलाई है जिसका नाम है सुकन्या समृद्धि योजना। भारतीय डाक विभाग की तरफ से 4 दिसंबर से 16 दिसंबर, 2023 तक सुकन्या समृद्धि योजना के तहत ‘समृद्ध सुकन्या, समृद्ध समाज’ अभियान चलाया जा रहा है।
इस योजना के तहत 10 वर्ष या उससे कम आयु की बेटी के नाम पर न्यूनतम 250 रुपए से खाता खुलवाया जा सकता है। खाता खुलने के बाद आवेदक अपनी सुविधा अनुसार इसमें राशि जमा करवा सकता है, जोकि एक वर्ष में एक लाख पचास हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है। आज हम आपको इसी योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं …
सुकन्या समृद्धि योजना फॉर्म आपको पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक में जाकर ही भर होता है। सुकन्या समृद्धि योजना की अवधि बालिका के 21 वर्ष के होने या 18 वर्ष की आयु के बाद उसकी शादी होने तक होती है। हालांकि, यह निवेश आपको अकाउंट खोलने की तारीख से 15 साल तक ही करना होता है।
सुकन्या समृद्धि योजना में एक साल में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा नहीं कराए जा सकते। वहीं, कम से कम 250 रुपये के निवेश से भी अकाउंट खोला जा सकता है।
इस योजना में 1 से लेकर 10 से कम उम्र की बेटियों का खाता खोला जा सकता है। इस अकाउंट के मैच्योर होने पर भी आपको किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आवेदक को सरकार द्वारा जमा की गई राशि पर 7.6 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जाएगा। बेटी की आयु 21 वर्ष होने पर यह राशि उसे दी जाएगी। योजना के तहत आवेदक बालिका 18 वर्ष की होने पर अपनी उच्च शिक्षा के लिए जमा राशि का 50 प्रतिशत निकलवा सकती है।
सुकन्या योजना में आपके पास 14 साल तक पैसा जमा करने का विकल्प नहीं है। आपको 15 साल तक पैसा जमा करना होगा। अगर आप हर महीने 500 रुपये जमा करते हैं तो आपका सालाना जमा 6000 रुपये होगा।
अगर आप इस स्कीम में 1000 रुपए मंथली इन्वेस्ट करते हैं तो सालाना 12 हजार रुपए जमा होंगे। 15 साल में कुल 1,80,000 रुपए का निवेश होगा और 3,29,212 रुपए सिर्फ ब्याज से मिलेंगे। इस तरह मैच्योरिटी पर कुल 5,09,212 रुपए मिलेंगे।
खाता 10 वर्ष से कम उम्र की लड़की के लिए प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक द्वारा खाता खोला जा सकता है। योजना के नियमों के तहत एक जमाकर्ता एक बालिका के नाम पर केवल एक खाता खोल और संचालित कर सकता है। किसी बालिका के प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक को केवल दो बालिकाओं के लिए खाता खोलने की अनुमति है।
प्रति बालिका केवल एक खाता खोला जा सकता है या तो डाकघर या किसी बैंक में। यह खाता एक परिवार में अधिकतम दो बालिकाओं के लिए खोला जा सकता है । केवल जुड़वा या तीन बेटियों के जन्म की स्थिति में ही एक परिवार में दो से अधिक खाते खोले जा सकते हैं।
इस स्कीम के तहत आप मैच्योरिटी पीरियड से पहले पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि आपने 15 साल तक पैसा जमा किया हो। तभी आपको ये सुविधा मिलेगी वरना आप पैसा नहीं निकाल सकते हैं। पैसा निकालने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म के साथ लड़की की आईडी लगाना जरूरी है।
जो माता-पिता अपनी बच्ची के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा रहे हैं, उन्हें अपनी फोटो आईडी और एड्रेस प्रूफ देना होगा। माता-पिता के बदले कानूनी अभिभावक खाता खोल रहे हैं तो उन्हें आईडी और एड्रेस प्रूफ देना होगा। इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि जमा कराए जा सकते हैं।
बालिका के माता-पिता या कानूनी अभिभावक का पहचान प्रमाण – इसी तरह, पासपोर्ट, पैन कार्ड, मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, चुनाव आईडी कार्ड या संबंधित व्यक्ति की पहचान को मान्य करने वाला भारत सरकार द्वारा जारी कोई अन्य प्रमाण पत्र पहचान प्रमाण के रूप में मान्य होगा।
खास बात ये है कि सुकन्या समृद्धि योजना में खाताधारक की जन्मतिथि नहीं बदली जा सकती है। खाता बच्चे के नाम और जन्म तिथि के साथ खोला जाता है और इसे बाद में बदला नहीं जा सकता है।
इसके अलावा आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत जमाकर्ता द्वारा किए गए योगदान पर एक वित्तीय वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक कर कटौती का लाभ उठाया जा सकता है। उत्पन्न ब्याज को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10 (10D) के तहत कर का भुगतान करने से भी छूट दी जाएगी।
भारत में कहीं भी किया जा सकता है स्थानांतरित
सुकन्या समृद्धि खाते को भारत में कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है। यह दोनों तरीकों से काम करता है – आप इसे या तो डाकघर से बैंक में या बैंक से डाकघर में स्थानांतरित कर सकते हैं। स्थानांतरण सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों और भारतीय डाकघरों के बीच किया जा सकता है।
अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा कराना होगा। इसी के साथ सुकन्या समृद्धि खाता बंद कर दिया जाएगा।
खाते में जमा पैसा और ब्याज की राशि अकाउंट होल्डर के माता-पिता या अभिभावक को लौटा दिया जाता है। खाता बंद होने से पहले वाले महीने तक ब्याज जोड़ कर दिया जाता है।
धनराशि निकालने के लिए फॉर्म-4 भरें और इसे मूल पासबुक के साथ उस डाकघर या बैंक में जमा करें जहां खाता है। इस स्थिति में, आप उपलब्ध शेष राशि का 50 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं। इसकी अनुमति लड़की के 18 वर्ष की हो जाने या 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने, जो भी पहले हो, के बाद दी जाती है।
पात्र बालिकाओं के अभिभावकों से अपील है कि वह अपनी बेटियों का खाता अवश्य खुलवाएं और भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं। अधिक जानकारी के लिए किसी भी नजदीकी डाकघर से संपर्क किया जा सकता है।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला के भरमौर क्षेत्र में कांगड़ा जिला के एक युवक ही हत्या का मामला सामने आया है। हत्या का आरोप 15 लोगों पर लगा है। इनमें से चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि अभिमन्यु भनोट (25) पुत्र सुरेंद्र कुमार निवासी गांव गगवाल डाकघर भदरोआ तहसील इंदौरा जिला कांगड़ा लूणा में एक कैफे में काम करता था। 16 नवंबर को युवक अचानक से लापता हो गया।
कैफे संचालक ने पहले अपने स्तर पर युवक का पता लगाने की कोशिश की। जब सफलता हाथ न लगी तो पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत की। शिकायत मिलने के बाद पुलिस भी जांच में जुट गई।
सोमवार को रावी नदी से एक शव बरामद हुआ। शव लापता अभिमन्यु का था। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया। परिजनों को सूचना दी गई।
सूचना मिलने के बाद युवक का भाई भीष्म अन्य लोगों के साथ मंगलवार दोपहर बाद चंबा पहुंचा। मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल चंबा में उनके बयान दर्ज किए। पुलिस को दिए बयान में भीष्म ने कैफे संचालक समेत 15 अन्य लोगों पर उसके भाई की हत्या का आरोप लगाया।
अभिमन्यु के भाई भीष्म के अनुसार अभिमन्यु ने फोन पर जान को खतरा बताया था। 16 नवंबर को अभिमन्यु ने फोन करके 14 लोगों द्वारा ने कैफे में हमला करने की बात बताई थी।
उसने बताया था कि वह वहां से जान बचाकर मुख्य मार्ग पर आ गया। इसके बाद अचानक उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।
इसके बाद कैफे संचालक परविंद्र ने फोन करके अभिमन्यु के लापता होने की सूचना दी। भीष्म ने शक जाहिर किया है कि कैफे संचालक व 14 लोगों ने मिलकर उसके भाई की हत्या की है।
भाई की शिकायत के बाद भरमौर पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले में चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
एसपी अभिषेक यादव ने अभिमन्यु के परिजनों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। मेडिकल कॉलेज चंबा में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया।
शिमला के कालीबाड़ी में मीडिया से बातचीत में कही यह बात
शिमला। सरकार के एक साल के जश्न से संबंधित हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बयान पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। अगर प्रतिभा सिंह ने कोई बात कही है तो निश्चित रूप से उसका निवारण मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू करेंगे, क्योंकि प्रतिभा सिंह संगठन की मुखिया हैं।
उनका भी मानना है कि सरकार और संगठन के बीच पूरी तरह से तालमेल होना भी चाहिए। प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है और संगठन के माध्यम से बनी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इसका संज्ञान लेंगे और संगठन के साथ तालमेल बनाकर कार्य किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यह बात शिमला के कालीबाड़ी में मीडिया से बातचीत में कही।
शिमला के कालीबाड़ी में युवा उत्सव में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं। उनके रोजगार व स्वरोजगार के लिए विभाग काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक साल के कार्यकाल में आपदा का कठिन समय भी आया।
बावजूद इसके प्रदेश को आगे ले जाने का काम सरकार ने किया है। पिछली सरकार की कारगुजारियां और 80 हजार करोड़ के कर्ज का बोझ मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री ने 4500 करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया है। गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा हैं।
सरकार के एक साल के कार्यकाल पर विपक्ष पूरे प्रदेश पर धरने प्रदर्शन कर रहा है। उस पर विक्रमादित्य ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ओछी राजनीति कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि परिणाम कहीं और आए हैं, जयराम नाटी यहां डाल रहे हैं। यू ही नहीं उन्हें नाटी किंग कहा जाता। उन्हें अपने परिणाम देखने चाहिए।
उन्हें एक साल पहले सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। वह अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पैसे के इस्तेमाल को लेकर उन्होंने कहा कि तमाम जांच एजेंसियां उनके पास हैं, उसकी जांच करवाए। उन्हें गरिमापूर्ण तरीके से बयानबाजी करनी चाहिए। आपदा को लेकर भाजपा ने विधानसभा में सरकार का समर्थन क्यों नहीं दिया, जयराम को इसका जवाब देना चाहिए।
राजगढ़। सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल में नेहरपाब पंचायत के जुब्बल चंदेश में स्थित शिरगुल महाराज के मंदिर में आग लग गई। मंगलवार दोपहर को ये अग्निकांड हुआ है।
इस अग्निकांड में मंदिर में रखी मूर्तियां, सोने-चांदी के आभूषण व नकदी आदि जलकर राख हो गए हैं। इसमें करीब 25 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। गनीमत ये रही कि जिस समय आग लगी आसपास कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था इसलिए किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है।
जुब्बल गांव के जगजीत ठाकुर देवा उर्फ काकू ने बताया कि ये अग्निकांड मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे हुआ। मंदिर के पुजारी (घणीता) राजिंदर देवा सुबह करीब 10.30 बजे पूजा-अर्चना करने के बाद यहां से निकल गए। जाते समय उन्होंने मंदिर के गेट पर ताला लगाया और किसी काम से राजगढ़ निकल गए।
करीब 12 बजे अचानक मंदिर में से आग की लपटें और धुआं उठने लगा। गांव के लोगों ने जैसे ही ये नजारा देखा तो तुरंत वहां इकट्ठे हुए और आग बुझाने जुट गए। हालांकि आग तेजी से भड़की और मंदिर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।
जुब्बल चंदेश के आराध्य देव शिरगुल महाराज के इस मंदिर का हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया था। दो मंजिला मंदिर की चिनाई पत्थरों से की गई थी और दूसरी मंजिल में देवदार की लकड़ी से बनी थी जिस पर नक्काशी की गई थी।
इस मंदिर में अष्टधातु की 7 बड़ी मूर्तियां, तीन पाप की मूर्तियां, तीन नेवी की मूर्तियां, छत्र, करीब दो किलो चांदी, पीतल व सोने का सामान रखा था। ये सारा सामान आग में जलकर राख हो गया है।
आकलन के अनुसार करीब 25 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बिलासपुर के मंगरोट निवासी ने मजबूरन भूमि पर किया कब्जा
बिलासपुर। हिमाचल के बिलासपुर जिला में शिमला-धर्मशाला नेशनल हाईवे पर चारपाई लगाकर बिस्तर बिछा दिया। साथ ही पत्थर और रेहड़ी लगाकर एक लेन को बंद कर दिया गया।
दूसरी लेन से यातायात सुचारू चलता रहा। मामला बिलासपुर जिला के मंगरोट का है। नेशनल हाईवे पर अपनी भूमि का दावा करने वाले राजनकांत ने ऐसा किया है। इससे पहले भी राजनकांत ने कई बार नेशनल हाईवे पर पत्थर और रेहड़ी लगाकर उसे रोका है।
राजनकांत का कहना है कि भूमि का वापस करने के लिए कहा था, लेकिन प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन उसे अपनी भूमि पर कब्जा करना पड़ रहा है।
उधर, हाईवे बंद करने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन भी हरकत में आया और एसडीएम ने पीड़ित परिवार को मिलने के लिए बुलाया है। बता दें कि लंबे अरसे से यह परिवार अपने हक के लिए लड़ रहा है।
अपनी जमीन पर अवैध कब्जा होते हुए परिवार बेबस नजर आ रहा है। हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन का दावा करने वाली सुक्खू सरकार के राज में यह परिवार व्यवस्था परिवर्तन के इंतजार में है।
राजनकांत के अनुसार मंगरोट गांव में उनकी माता के नाम से 15 बिस्वा जमीन है, उसमें से 8 बिस्वा जमीन पर लोक निर्माण विभाग के द्वारा अतिक्रमण करके व अवैध कब्जा करके सड़क बनाई हुई है।
इससे उन्हें वहां पर व्यापार करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने विभागीय मापदंडों के अनुसार टायरिंग न करके किसी प्रभावशाली व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए टायरिंग को आगे बढ़ाते-बढ़ाते उनकी 8 बिस्वा जमीन पर कब्जा कर लिया है और अब उनकी जमीन से कब्जा नहीं छोड़ा जा रहा है।
राजनकांत इस बाबत हमीरपुर के सांसद और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को भी पत्र लिख चुके हैं। साथ ही आलाधिकारियों से भी मांग उठा चुके हैं।
शिमला। हिमाचल में 10वीं पास युवक व युवतियों के लिए रोजगार का सुनहरा मौका है। कांस्टेबल (जीडी) बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एसएसएफ और राइफलमैन जीडी असम राइफल्स के 26146 पदों पर भर्ती होगी।
इसके लिए आयु सीमा 18 से 23 वर्ष चाहिए। आरक्षित वर्गों को नियमानुसार छूट मिलेगी। कर्मचारी चयन आयोग ने कांस्टेबल (जीडी) सेंट्रल आर्म्ड फोर्स, एसएसएफ, राइफलमैन (जीडी) असम राइफल्स परीक्षा-2024 को लेकर नोटिस जारी कर दिया है।
इसके लिए 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। आवेदन https://SSC.nic.in पर कर सकते हैं। आवेदन में शुद्धि के लिए 4 से 6 जनवरी 2024 तक समय मिलेगा। आवेदन शुल्क 100 रुपए लगेगा। महिला, एससी, एसटी और एक्स सर्विसमेन के लिए आवेदन शुल्क में छूट होगी।
भर्ती के लिए पुरुषों की लंबाई 170 सेंटीमीटर और महिलाओं की 157 सेंटीमीटर होनी चाहिए। कुछ वर्ग के अभ्यर्थियों को छूट भी रहेगी। इसमें ST पुरुष के लिए 162.5 और महिला के लिए 150.0 लंबाई रहेगी।
हिमाचल डोगरा के लिए पुरुष की लंबाई 165.0 और महिला की 155.0 रहेगी। बिना फुलाए छाती 80 सेंटीमीटर और फुलाकर 5 सेंटीमीटर अधिक होनी चाहिए। इसमें भी ST के लिए छाती बिना फुलाए 76 और डोगरा के लिए 78 होनी चाहिए। महिला अभ्यर्थियों की छाती का माप नहीं लिया जाएगा।
कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट में 80 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न दो नंबर का होगा। पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप होगा। पेपर एक घंटे का होगा। इसमें जनरल इंटेलिजेंस एंड रिजनिंग, सामान ज्ञान, एलीमेंट्री मेथ और अंग्रेजी/हिंदी के प्रश्न होंगे।
इन पदों पर होगी भर्ती
इस भर्ती प्रक्रिया के तहत करीब 26146 पदों पर भर्ती होगी। इसमें पुरुषों के लिए 23347 पद हैं। इसमें 9626 अनारक्षित हैं। एससी के लिए 3334, एसटी के लिए 2354, ओबीसी के लिए 4776 और ईडब्ल्यूएस के लिए 3257 पद आरक्षित हैं।
महिलाओं के लिए 2799 पद हैं। इसमें 1183 अनारक्षित हैं। एससी के लिए 408, एसटी के लिए 248, ओबीसी के लिए 584, ईडब्ल्यूएस के लिए 376 पद हैं। कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट फरवरी मार्च 2024 में होना प्रस्तावित है।
हिमाचल में हमीरपुर और शिमला में परीक्षा केंद्र होंगे। शैक्षणिक योग्यता, आवेदन शुल्क और अन्य प्रकार की अधिक जानकारी को एसएससी की ऑफिशियल नोटिफिकेशन देखें।
आईएफएम फिनकोच ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भरेगी पद
धर्मशाला। कांगड़ा जिला में सेल्स ऑफिसर के 100 पदों के लिए साक्षात्कार होंगे। इन पदों के लिए नूरपुर, कांगड़ा, धर्मशाला, पालमपुर और बैजनाथ में साक्षात्कार लिए जाएंगे।
रोजगार अधिकारी धर्मशाला आकाश राणा ने बताया कि आईएफएम फिनकोच ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड मोहाली द्वारा महिला व पुरुष आवेदकों से सेल्स ऑफिसर के 100 पद भरे जाएंगे। इसके लिए स्नातक जरूरी है। आयु 25 वर्ष से कम होनी चाहिए।
कंपनी द्वारा चयनित उम्मीदवारों को 25 हजार से 39 हजार 500 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा और हिमाचल प्रदेश, पंजाब व चंडीगढ़ में तैनाती दी जाएगी।
इच्छुक आवेदक अपने मूल प्रमाण पत्रों तथा पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ के साथ 4 दिसंबर को क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय धर्मशाला, 5 दिसंबर को उप रोजगार कार्यालय पालमपुर और 6 दिसंबर को उप रोजगार कार्यालय बैजनाथ में साक्षात्कार में भाग ले सकते हैं।
साक्षात्कार सुबह 10 बजे से होंगे। अधिक जानकारी हेतु मोबाइल नंबर 9815703430 पर संपर्क भी कर सकते हैं। इस साक्षात्कार के सम्बन्ध में यात्रा भत्ता व अन्य भत्ता देय नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि सभी इच्छुक आवेदकों साक्षात्कार में भाग लेने से पहले बेवसाइट EEMIS.hp.nic.in पर जाकर अपनी ई- मेल से लॉगइन करने के बाद आईएफएम् फिनकोच प्राइवेट लिमिटेड की रिक्तियों के लिए आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन के पश्चात ही साक्षात्कार लिया जाएगा।
चंबा। हिमाचल में चंबा शहर के साथ लगती सरोल पंचायत के भंडारका गांव में 16 साल के किशोर ने खुदकुशी कर ली। किशोर ने ये खौफनाक कदम क्यों उठाया अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार मनीष कुमार पुत्र जगदीश चंद शनिवार रात को परिवार के साथ खाना खाने के बाद सोने के लिए अपने कमरे में चला गया। रविवार सुबह वह जब अपने कमरे से बाहर नहीं निकला तो परिजनों को कुछ शक हुआ। उन्होंने दरवाजे को तोड़कर अंदर देखा तो मनीष फंदे से लटका हुआ था। ये नजारा देख परिजनों के होश उड़ गए।
शिमला/जालंधर। हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को जालंधर में एक कार्यक्रम के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान के साथ दोनों प्रदेशों से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा की। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ सार्थक चर्चा विभिन्न विषयों पर हुई है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस पर आने वाले समय में सार्थक काम होगा, जिससे दोनों प्रदेशों को लाभ होगा। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पंजाब व हिमाचल धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है ,पंजाब के लाखों श्रद्धालु हिमाचल में पर्यटन व धार्मिक निष्ठा आस्था से आते हैं, उनको हम बेहतर से बेहतर यातायात की सुविधा दें इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान के साथ धार्मिक पर्यटन को लेकर परिवहन निगम व पंजाब रोडवेज की बस सेवा का आदान-प्रदान अधिक हो, धार्मिक व पर्यटन व ऐतिहासिक महत्व के स्थान यातायात सेवा से जुड़े, इसको लेकर सार्थक बात की गई है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इसका लाभ जहां पंजाब के लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर यात्रा में मिलेगा। वहीं, हिमाचल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंजाब के अनेक धार्मिक ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर जाते हैं, ऐसे में हिमाचल के श्रद्धालुओं को भी यातायात की सुविधा का लाभ मिलेगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान समय में हमारी मुख्य चिंता बढ़ता नशा है जो हिमाचल की देवभूमि को अपनी चपेट में ले रहा है, पंजाब से नशा तस्कर बड़ी संख्या में आते है, हिमाचल की सीमाएं पंजाब के साथ लगती हैं और पंजाब भी नशे की समस्या से जूझ रहा है, ऐसे में दोनों प्रदेशों को नशे के विरुद्ध सख्ती के साथ कार्रवाई करनी होगी, हमने हिमाचल की चिंताओं के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान को अवगत करवाया है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने भी इस चिंता को बाजिब मानते हुए इस समस्या के हल के लिए सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, यह नौजवान पीढ़ी को बचाने का एक बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता दोनों प्रदेशों के लिए है, इससे दोनों प्रदेशों के हर नागरिक का हित जुड़ा हुआ है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ अवैध खनन के मामले को भी उठाया गया है। उन्होंने कहा कि खनन माफिया का बढ़ना चिंता का विषय है, इसलिए अवैध खनन पर रोक के लिए पंजाब भी जिम्मेदारी के साथ कार्रवाई करें तो निश्चित रूप से इस पर अंकुश लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी हिमाचल की चिताओं को समझा है, गंभीरता से लिया है, ऐसे में आने वाले समय में निश्चित रूप से संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए नतीजे पर पहुंचा जाएगा और जितनी बार भी हमें पंजाब से यह मामले उठाने पड़े, हम लगातार उठाते रहेंगे, ताकि सार्थक परिणाम सामने आए।