मंडी। हिमाचल के मंडी जिला में अग्निवीर भर्ती रैली होने जा रही है। सेना भर्ती कार्यालय मंडी के भर्ती निदेशक कर्नल डीएस सामंत ने बताया कि 20 से 26 दिसंबर तक मंडी के पड्डल ग्राउंड में जिला मंडी, कुल्लू तथा लाहौल स्पीति के युवाओं के लिए भर्ती रैली का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान मौसम को ध्यान में रखते हुए अग्निवीर भर्ती के लिए पड्डल ग्राउंड में उम्मीदवार द्वारा रिपोर्ट करने का समय सुबह 6 बजे कर दिया गया है। उन्होंने भर्ती रैली में भाग लेने वाले युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने सभी मूल दस्तावेजों के साथ सुबह 6 बजे भर्ती रैली स्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करें।
सराज। मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत जैशला के भहड़ा गांव में पटीकरी प्रोजेक्ट पुल के उद्घाटन से पहले ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया।
इसके चलते पुल के उद्घाटन को स्थगित कर दिया गया है। पुल का उद्घाटन 7 दिसंबर को पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह करने वाले थे। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के चलते फिलहाल उद्घाटन स्थगित किया गया है।
दरअसल, जैशला भहड़ा दरूणू शिहिल के निवासियों का कहना है कि सरकार ने पुल तो बना दिया है लेकिन यहां की सड़कों की हालत बेहद खराब है।
लोगों का कहना है कि जब सड़क ही चलने लायक नहीं होगी तो पुल का क्या करेंगे। बरसात के समय में भी सड़क की हालत इतनी खराब हो गई थी कि वाहन तो क्या ये पैदल चलने लायक भी नहीं बची थी।
प्रधान बीर सिंह व अन्य गांव वालों का कहना है कि सरकार पहले यहां की सड़क ठीक करे और एचआरटीसी बस की सुविधा भी प्रदान करे। ग्रामीणों ने कहा है कि पुल का उद्घाटन तभी होने दिया जाएगा जब सड़क ठीक होगी और बस सुविधा मिलेगी। यह जानकारी हमें जीवानंद ने दी है।
जंजैहली। हिमाचल के मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली में सोमवार को बड़ा सड़क हादसा पेश आया है। जंजैहली के मगरू गला में एक कार गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में महिला सहित तीन लोगों की मौत हुई है वहीं दो लोग घायल हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी शादी अटैंड कर लौट रहे थे।
मृतकों की पहचान मदन लाल (68) पुत्र देवी राम निवासी गांव गडौन डा. संगलवाड़ा तह. थुनाग (मंडी), जयवंती (67) पत्नी मदन लाल निवासी गांव गडौन डा. संगलवाड़ा तह. थुनाग (मंडी) और भीम सिंह पुत्र धर्म सिंह निवासी गांव चिमटी डा. लंबाथाच तह, थुनाग (मंडी) के रूप में हुई है।
वहीं, मुरारी लाल (39) पुत्र भोप सिंह निवासी गांव थाच, डा. थुनाग (मंडी), कुशमा देवी (44) पत्नी लुहेंद्र निवासी गांव धार डा. जरोल, डा. थुनाग (मंडी) घायल हुए हैं।
जानकारी के अनुसार ये पांचों लोग कार में सवार होकर शादी से लौट रहे थे। मगरू गला में कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर तीन लोगों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हादसे पर शोक जताया है।
जयराम ठाकुर ने कहा, “मेरे सराज के जंजैहली के अंतर्गत मगरू गला में सड़क हादसा होने की खबर सुनकर बहुत दुःखी हूं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें। घायलों को स्वास्थ्य लाभ शीघ्र प्राप्त हो देवी-देवताओं से यही प्रार्थना करता हूं।”
मंडी। हिमाचल में मंडी-पंडोह सड़क मार्ग बहाल हो गया है। मार्ग पर सिंगल लेन वाहनों की आवाजाही जारी है। बता दें कि मंडी-पंडोह सड़क मार्ग पर 6 मील के पास बड़ी चट्टान गिरी थी। इसके चलते सड़क मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद हो गया था।
मंडी-पंडोह मार्ग बंद होनेहल्के वाहन कमांद-कटौला सड़क मार्ग से आवाजाही कर रहे थे। भारी वाहनों को सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ा। मार्ग बंद होने के बाद से सड़क को बहाल करने का कार्य जारी था। कड़ी मशक्कत के बाद पहले छोटे वाहनों के लिए मार्ग बहाल किया गया, फिर सभी प्रकार के वाहनों की सिंगल लेन आवाजाही जारी हो गई।
लिखी कामयाबी की इबारत, कमा रहीं साढ़े तीन लाख रुपए
मंडी। कवि सोहन लाल द्विवेदी की लिखी कविता कि यह पंक्तियां ‘‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती’’ मंडी जिला के सुंदरनगर के भरज्वाणु की सुनीता देवी पर पूरी तरह से फिट बैठती हैं। बीमार पति की देखभाल की चिंता, न खेती लायक जमीन, ऊपर से पढ़ी लिखीं भी कम। इससे बावजूद सुनीता देवी ने हिम्मत नहीं हारी और आमदनी के साथ पति की देखभाल का तोड़ निकाल लिया।
उन्होंने घर की छत पर पनीरी उगाने का काम शुरू किया। इसके बाद उन्होंने लीज पर ली भूमि पर प्राकृतिक सब्जियां उगाने का कार्य भी शुरू किया। अब सुनीता तीन से साढ़े तीन लाख रुपए की कमाई कर रही हैं। यही नहीं कृषि शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को पनीरी उगाने का प्रशिक्षण भी दे रही हैं।
सुंदरनगर के भरज्वाणु की सुनीता देवी केवल 5वीं पास हैं और आज वह छत पर पनीरी उगाने का कार्य करने पर देशभर में नाम कमा रही है। उन्हें नाचन जनकल्याण सेवा समिति, कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति ने उनके घर आकर सम्मानित कर चुके हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भी महिला किसान दिवस के अवसर पर सुनीता के साथ वर्चुअली बातचीत कर उनके सराहनीय कार्य के लिए तारीफ की है।
सुंदरनगर कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कृषि शिक्षण संस्थानों के बच्चे सुनीता देवी के पास प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं। अब तक वह 300 से अधिक बच्चों को प्राकृतिक खेती और छत पर पनीरी के बारे में प्रशिक्षण दे चुकी हैं। छत पर पनीरी उगाने के कार्य को लेकर सुनीता देवी इलाके के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन कर उभरी हैं।
सुंदरनगर के भरज्वाणु की सुनीता देवी का कहना है कि पति के अकसर बीमार रहने और खेती लायक जमीन न होने पर घर की छत पर पनीरी उगा कर आय का सहारा बनाने के बारे में सोचा, जिससे कि वह घर पर रहकर अपने बीमार पति का भी ख्याल रख पाएंगी। इसके साथ ही पनीरी को उगाने के लिए जमीन की भी जरूरत नहीं होगी।
इसके लिए उन्होंने घर की छत पर लकड़ी के बाक्स बनाकर उसमें विभिन्न सब्जियों की नर्सरी तैयार की और बाजार में बेचना शुरू किया। इससे सुनीता देवी को एक लाख तक की कमाई होने लगी। सुनीता देवी छत पर गोभी, बंद गोभी, ब्रोकली, घीया, करेला, खीरा, प्याज आदि के पनीरी उगाती है और बाजार में बेचती हैं।
गांव के लोग उनसे घर पर आकर ही पनीरी ले जाते हैं और इस तरीके को भी सीखते हैं। सुनीता देवी ने पनीरी को उगाने के कार्य में सफलता मिलने पर सरकार की सहायता से प्राकृतिक खेती करने की सोची। इसके लिए उन्होंने जमीन लीज पर लेकर खेती शुरू कर दी। सुनीता देवी का कहना है कि पनीरी बेचकर और प्राकृतिक खेती करके वह तीन से साढ़े तीन लाख रुपये सालाना की आय अर्जित कर रही है।
सुनीता देवी ने प्रदेश सरकार और कृषि विभाग का धन्यवाद करते हुए बताया उनकी सफलता के पीछे प्रदेश सरकार विशेषकर कृषि विभाग का योगदान रहा है। उन्हें समय-समय कृषि विकास से कृषि से संबंधित नवीनतम जानकारी के साथ आर्थिक सहायता मिलती रही है।
उधर, डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि सुनीता देवी जैसी मेहनती महिलाओं को कृषि, उद्यान सहित अन्य विभागों की स्वावलंबी योजनाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर महिलाओं की आय बढ़ाने तथा उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से भी कई कदम उठाए जा रहे हैं।
मंडी। वन मित्र योजना के तहत वन मित्रों को वन विभाग में शामिल करने की प्रक्रिया 30 नवंबर से शुरू हो गई है। इसके अंतर्गत इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन पत्र भरे जा रहे हैं।
मुख्य अरण्यपाल ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क वृत शमशी जिला कुल्लू मीरा शर्मा ने बताया कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क वृत शमशी की 52 बीटों में वन मित्रों को शामिल करने के लिए आवेदन पत्र भरे जा रहे हैं।
आवेदन पत्र संबंधित वन्य प्राणी परिक्षेत्र में 30 दिसंबर से पहले जमा करवाए जा सकेंगे। उन्होंने उम्मीदवारों से आग्रह करते हुए कहा कि वह प्रक्रिया संबंधित अन्य सूचना के लिए संबंधित परिक्षेत्राधिकारी के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
मंडी। जिला मंडी के बालीचौकी उपमंडल के बाजार में पुराने पुलिस चौकी भवन से जीरो चौक व बस स्टैंड तक के स्ट्रेच को ‘नो पार्किंग जोन’ घोषित किया गया है। वहां सड़क पर लगने वाले लंबे जाम से राहत दिलाने, यातायात का सुगम प्रवाह सुनिश्चित बनाने और लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत यह विशेष यातायात व्यवस्था लागू की गई है।
इसे लेकर जिला दंडाधिकारी मंडी अरिंदम चौधरी ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 117 के तहत अधिसूचना जारी की है। इससे पहले प्रारूप अधिसूचना जारी करके इस यातायात व्यवस्था को लेकर लोगों की आपत्तियां मांगी गई थीं और उन्हें एक माह के भीतर अपनी आपत्तियों को लिखित रूप से डीसी ऑफिस मंडी में सौंपने को कहा गया था।
इस अवधि में प्राप्त आपत्तियों पर विचार करने के बाद अधिसूचना को अंतिम रूप दिया जाना था। उक्त अवधि में प्रशासन को कोई भी आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है, लिहाजा जिला दंडाधिकारी ने अधिसूचना को अंतिम रूप दे दिया है। इसके मुताबिक बालीचौकी में पुराना पुलिस चौकी भवन से जीरो चौक व बस स्टैंड तक का रोड़ स्ट्रेच ‘नो पार्किंग जोन’ होगा।
मंडी जिला के बल्ह घाटी के बंगोट गांव में जश्न का माहौल
मंडी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में 40 साथियों के साथ 17 दिन फंसे रहने के बाद शुकवार को मंडी जिला के बल्ह घाटी के बंगोट गांव का विशाल सुरक्षित घर पहुंचा।
विशाल के सुरक्षित घर लौटने की खुशी में परिजनों और गांव वालों ने खूब पटाखे फोड़े और ढोल नगाड़ों के साथ उसका स्वागत किया गया।
घर पहुंचने पर मां उर्मिला ने बेटे की आरती उतारी और फिर उसे गले लगाकर खूब दुलार किया। बेटे को गले लगाते ही मां उर्मिला फूट-फूट कर रोने लगीं। हालांकि उसे सामने देख मां के दिल को तसल्ली भी मिल गई।
मां उर्मिला ने कहा कि बेटे के उत्तरकाशी से सुरक्षित घर पहुंचने पर खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने सरकार से कहा है कि वह अपने बेटे को अब वापस नहीं भेजना चाहतीं। उनके बेटे को स्थानीय स्तर पर ही नौकरी दे दी जाए। इसके अलावा कोई मांग नहीं है।
विशाल के पिता धर्म सिंह ने कहा कि बेटा सुरक्षित घर आ गया है इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है। यह लम्हे परिवार के लिए बेहद अहम है। दादी गरवर्धनू ने कहा कि विशाल की सलामती के लिए सभी ने प्रार्थना की। उन्होंने रेस्क्यू करने वालों का आभार किया और उन्हें आशीर्वाद दिया।
विशाल की घर वापसी के दौरान बल्ह विधायक इंद्र सिंह गांधी, मंडी जिला भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद व अन्य भी शामिल रहे। विशाल के घर पहुंचते ही मोदी है तो मुमकिन है के नारे भी लगे।
वहीं, उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल से सकुशल लौटे विशाल ने बताया कि उस दिन ड्यूटी खत्म करने के बाद लौटती बार उन्हें मालूम हुआ कि रास्ता बंद हो गया है। मलबा कितना है और कितनी दूरी तक है इसका अंदाजा नहीं था। विपरीत परिस्थितियों में सभी ने एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए सबने समय गुजारा।
अधिकतर समय सो कर, टहलने, एक-दूसरे से बातचीत व पारंपरिक खेल खेलने में गुजरता था। अंदर गुजारे समय का भी आनंद लेने का प्रयास किया, ताकि नकारात्मक ख्याल दिल में न आएं। परिजनों से मिलने के बाद विशाल ने कहा कि हिमाचल में ही नौकरी मिल जाए तो बेहतर है। अब दोबारा उत्तरकाशी जाने का मन नहीं है।
विभागों को एक हफ्ते में प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश
मंडी। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण GSI (जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया-जीएसआई) की टीम ने मंडी जिले में बरसात में विभिन्न जगहों पर बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन और भू धंसाव के कारणों का पता लगाने और रोकथाम के उपाय सुझाने को किए सर्वे की अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार तथा प्रशासन को सौंप दी है।
रिपोर्ट मिलते ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार मंडी जिला प्रशासन इसमें सुझाए उपायों के मुताबिक तात्कालिक समाधान के साथ साथ दीर्घकालिक उपायों पर काम में जुट गया है।
डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि GSI की रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण तथा जल शक्ति विभाग को सभी स्थलों पर प्रोटेक्शन कार्यों के लिए एक सप्ताह के भीतर प्राक्कलन तैयार करने को कहा गया है।
उन्होंने गुरुवार को GSI रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक में संबंधित अधिकारियों इसे लेकर निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा दिए प्राक्कलन को राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन फंड – एसडीएमएफ) के तहत स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इनमें नालों के तटीकरण, रॉक बोल्टिंग, भूमि भराव एवं संरक्षण, प्रोटेक्शन कार्य, डंगे लगाने इत्यादि कार्य किए जाएंगे।
विश्वकर्मा मंदिर चौक के सामने 1 करोड़ से होगा प्रोटेक्शन कार्य
अरिंदम चौधरी ने बताया कि मंडी शहर में पुराने सुकेती पुल के समीप विश्वकर्मा मंदिर चौक के सामने भूस्खलन वाले स्थल पर 1 करोड़ से प्रोटेक्शन कार्य किया जाएगा। इसमें रॉक बोल्टिंग की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा।
लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए प्राथमिक प्राक्कलन तैयार किया है। कार्य के लिए 30 लाख रुपये गुरुवार को ही जारी कर दिए गए हैं और विभाग को तुरंत इसका टेंडर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं, मंडी की टारना पहाड़ी में भूस्खलन और भूधंसाव की समस्या के समाधान के उपायों के तहत पहाड़ी में आई दरारों का उपयुक्त सामग्री से भराव के अलावा सीपेज रोकने के उपाय तथा जल निकासी की सुव्यवस्था के साथ ही अन्य प्रोटेक्शन कार्य किए जाएंगे।
उन्होंने सरकाघाट के जुकैण गांव में नाले के तटीकरण के लिए भी एक सप्ताह में प्राक्कलन बनाने के निर्देश दिए। इसके करीब 400 से 500 मीटर स्ट्रेच का तटीकरण किया जाएगा।
वहीं, उन्होंने सरकाघाट के टटीह, धर्मपुर के रियूर तथा नरेरा तथा सुंदरनगर के फगवां व धनोटू में भी प्रभावित जगहों पर प्रोटेक्शन कार्यों को लेकर प्राक्कलन बनाने को कहा।
डीसी ने आईआईटी मंडी के पदाधिकारियों से इन सभी भूस्खलन तथा भूधंसाव प्रभावित अथवा संभावित स्थलों पर विशेष सेंसर लगाने का आग्रह किया।
डीसी ने कहा कि मंडी जिले में अन्य भूस्खलन तथा भूधंसाव प्रभावित अथवा संभावित स्थलों के सर्वेक्षण के लिए आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है। वैज्ञानिकों का एक दल जल्द ही जिले में चिन्हित जगहों का दौरा कर रोकथाम के उपायों को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
बता दें किसमूचे प्रदेश समेत मंडी जिले में जुलाई-अगस्त महीने में भारी बारिश के कारण अनेक जगहों पर भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाएं हुई थीं। उन्हें देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जियोलॉजिकल सर्वे कराकर इसके कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए थे।
इस संदर्भ में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम ने मंडी जिले में पूरी गहनता से सर्वेक्षण किया तथा द्वारा भूभौतिकीय कारकों के व्यापक अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार तथा प्रशासन को सौंपी है।
जीएसआई ने मंडी, सरकाघाट, धर्मपुर तथा सुंदरनगर उपमंडल में आपदा प्रभावित जगहों पर सर्वेक्षण किया था। उसके आधार पर प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुरूप अब त्वरित समाधान के साथ साथ सुझाए गए दीर्घकालिक उपायों पर काम किया जा रहा है।
अतिरिक्त उपायुक्त मंडी निवेदिता नेगी ने दी जानकारी
मंडी। जिन लोगों ने 10 साल पहले अपना आधार कार्ड बनवाया है और अभी तक एक भी बार अपडेट नहीं करवाया है, उन्हें अपने दस्तावेज आधार में अपडेट करवाने जरूरी है, ताकि आधार सत्यापन में कोई असुविधा ना हो।
बच्चे की आयु 5 और 15 वर्ष होने पर अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक अपडेट करना जरूरी है, ताकि बच्चे सरकार द्वारा समय-समय पर प्रदान की जाने वाली विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
यह जानकारी जिला स्तरीय आधार निगरानी समिति की बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मंडी निवेदिता नेगी ने दी। अतिरिक्त उपायुक्त ने उन सभी लोगों से अपील की है कि वे अपने अपने आधार कार्ड अपडेट करवाना सुनिश्चित करें।
आधार कार्ड अपडेट करवाने की सुविधा आधार केंद्रों पर प्राप्त की जा सकती है या स्वयं भी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। आधार कार्ड में मोबाइल नंबर और ई मेल को अपडेट करवाना अति आवश्यक है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बैंक, शिक्षा, महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य के साथ अन्य विभागों को निर्देश दिए कि सभी विभाग आधार सेवाओं को सुचारू रूप से चलाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने जिला के सभी निवासियों से अपने 0-5 वर्ष के बच्चों का आधार कार्ड बनवाना सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बच्चे की आयु 5 और 15 वर्ष होने पर अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक अपडेट करना जरूरी है, ताकि बच्चे सरकार द्वारा समय-समय पर प्रदान की जाने वाली विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।