पालमपुर। कांगड़ा जिला के पालमपुर बस स्टैंड में युवती पर युवक द्वारा दराट से हमले को लेकर मंगलवार को केएलवी कॉलेज की छात्राओं का गुस्सा फूटा है।
छात्राओं ने पालमपुर बाजार में विशाल जुलूस निकाला साथ ही पालमपुर पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन भी किया। हाथ में स्लोगन लेकर छात्राओं ने खूब नारेबाजी की।
छात्राओं ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर बताया कि पीड़ित युवती शाइना पढ़ाई में बहुत अच्छी है और अपने करियर को लेकर काफी ईमानदार है। कॉलेज में कभी भी उसकी ओर से कोई भी गलत गतिविधि नहीं देखी गई।
छात्राओं ने पीड़िता के बारे में फैलाई जा रही अफवाओं को रोकने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। इसी के साथ गुस्साई छात्राओं ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की भी मांग की है।
इसी के साथ छात्राओं ने समाज में महिलाओं के प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार का संदेश देते हुए कहा कि सभी महिलाओं से सम्मान पूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए क्योंकि एक दिन कोई आपकी बेटी के साथ भी ऐसा कर सकता है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए नया कानून बनाकर उसमें कड़ी सजा का प्रवाधान किया जाना चाहिए ताकि कोई किसी की बहन-बेटी के साथ गलत काम करने से पहले कई बार सोचे।
पालमपुर। कांगड़ा के पालमपुर बस स्टैंड में युवती पर युवक द्वारा दराट से हमले का मामला सामने आया है। युवती पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल और खतरे से बाहर है। आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वारदात 20 अप्रैल, 2024 शनिवार की है। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने जान की परवाह किए बिना युवक धर दबोचा तो कुछ ने लड़की को अस्पताल पहुंचाकर मानवता दिखाई। इसमें थुरल निवासी प्रियंका और पालमपुर निवासी मनिंद्र शामिल हैं।
युवक के हमले के बाद खून से लथपथ एक बिटिया का दर्द दूसरी बिटिया थुरल निवासी प्रियंका ने समझा। प्रियंका डिग्री कॉलेज पालमपुर में अंतिम वर्ष की छात्रा है और पीड़ित लड़की पालमपुर के निजी कॉलेज में पढ़ती है।
वह एक दूसरे को जानती तक नहीं थी। फिर भी प्रियंका पीड़ित के जख्म नहीं देख पाई और उसे बचाने की जद्दोजहद में लगी रही। प्रियंका पालमपुर अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज टांडा तक पीड़ित युवती के साथ गई।
प्रियंका ने यह भी परवाह नहीं कि उसके कपड़े खून से खराब हो जाएंगे। सच कहते हैं कि इंसान कपड़ों से नहीं जाना जाता बल्कि दिल से जाना जाता है। इस बात को प्रियंका ने बखूबी साबित किया है।
थुरल निवासी प्रियंका ने कहा कि जब वारदात वाली जगह के पास पहुंची तो देखा कि कुछ लोग एक लड़के को पीट रहे हैं। उसने पास जाकर पूछा तो लोगों ने बताया कि इस युवक ने युवती पर दराट से हमला कर दिया है।
पास ही बैठी युवती को जब देखा तो उसके सिर से पानी की तरह खून बह रहा था। वहां पर किसी की हिम्मत नहीं कि युवती को अस्पताल ले जाया जाए।
फिर उसने वहां मौजूद एक व्यक्ति को कहा कि अंकल इसे जल्दी अस्पताल ले जाते हैं, नहीं तो युवती की मौत हो सकती है। क्योंकि खून काफी बह गया था।
फिर युवती को उठाकर सिविल अस्पताल पालमपुर ले आए। वहां पर डॉक्टरों ने फटाफट ड्रेसिंग बगैरा की और युवती को मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर कर दिया।
प्रियंका ने बताया कि युवती के परिजन नहीं पहुंचे थे। वह और अन्य व्यक्ति युवती के साथ मेडिकल कॉलेज टांडा में गए। युवती को इमरजेंसी में लेकर गए। वहां पर डॉक्टर आदि का बहुत लाइट वर्क था।
पहले पेपर वर्क पेपर वर्क कर रहे थे। यह नहीं कि पहले उस लड़की को चेक करें। पहले लड़की को तो देखना चाहिए। टांडा में डॉक्टरों ने युवती की ड्रेसिंग खोली और साफ बगैरा किया।
जख्म काफी गहरे थे। हाथ की हड्डियां सामने दिख रही थीं। सिर का भी बुरा हाल था। टांके लगाकर युवती को चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया।
मौका-ए-वारदात पर युवती चारों तरफ से लोगों से घिरी हुई थी। लोग दूर से वीडियो बना रहे थे अपने कंटेंट के लिए। किसी की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि कोई उस लड़की के पास जाए और उसे वहां से अस्पताल ले जाए।
लड़की मर रही है, लेकिन लोगों को कंटेंट की पड़ी थी। प्रियंका का कहना है कि जब युवक और युवती की बहस हो रही थी तब लोगों ने कुछ नहीं किया। अगर लड़ाई हो रही है तब भी लोगों को पूछना तो चाहिए था कि क्या हो रहा है।
जब युवक ने दराट निकाला तब ही युवक को दबोच लेना चाहिए। उस वक्त भी लोग वीडियो बनाते रहे। अगर उस वक्त लोग हिम्मत दिखाते तो युवती की यह हालत न होती। जब युवक ने युवती पर दराट से हमला कर दिया उसके बाद उसे पकड़ा गया।
प्रियंका ने यह भी आरोप लगाया कि जब युवक लोगों से बात कर रहा था तो लोग युवती को ब्लैम कर रहे थे। इससे युवक और ज्यादा गुस्सा हो गया और उसने यह कदम उठा लिया। माहौल को शांत करने की जगह लोगों ने उसमें घी डालने का काम किया।
युवती प्रियंका की बातों पर मंथन जरूरी है। एक बात तो सत्य है कि कब और कहां किसी के साथ क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। परिवार वाले और जानने वाले उस वक्त हमेशा साथ नहीं होते हैं।
ऐसे में अजनबी व्यक्ति ही दूसरे का सहारा बन सकता है। ऐसा किसी कानून में नहीं लिखा गया है, लेकिन मानवता की किताब में जरूर अंकित है।
ewn24 news Choice Of Himachal थुरल निवासी प्रियंका और पालमपुर निवासी मनिंद्र का जज्बे को सलाम करता है।
इसके चलते उसके बैग में दराट रहता ही था। क्योंकि मल्टी टास्क वर्कर को सड़क किनारे झाड़ियों आदि की छंटाई का भी कार्य करना पड़ता है।
वारदात वाले दिन 20 अप्रैल को आरोपी युवक युवती से यह जानने के लिए कि वह उससे बात क्यों नहीं कर रही है बस स्टैंड पालमपुर पहुंचा। युवती ने बात करने से साफ मना कर दिया। युवक आपा खो बैठा और बैग से दराट निकालकर युवती पर हमला कर दिया।
बता दें कि शनिवार 20 अप्रैल को पालमपुर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। पालमपुर बस स्टैंड के पास एक युवक ने युवती पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया।
युवक ने तेजधार हथियार (दराट) से युवती के सिर पर कई वार किए। युवती की चार उंगलियां कटी हैं और उसके सिर पर गंभीर चोटें आई। आरोपी युवक ने युवती पर 9 से 10 बार दराट से हमला किया।
आरोपी युवक सुमित कुमार पुत्र रमेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक मस्सल, नगरोटा बगवां का रहने वाला है। युवती सुलह (सालन) की रहने वाली है और पालमपुर के निजी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि 20 अप्रैल को पालमपुर बस अड्डे में हुई दर्दनाक घटनाक्रम में पुलिस थाना पालमपुर में भारतीय दंड संहिता धारा 307, 326, 323, 341 के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।
इस वारदात में 21 वर्षीय सुलह निवासी छात्रा को हाथ, बाजू, सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। स्थानीय लोगों की सहायता से पीड़िता को पहले सिविल अस्पताल पालमपुर और फिर टांडा अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया।
अब पीड़िता की हालत में काफी सुधार है। मौके से पुलिस द्वारा साक्ष्य और हमला करने के लिए उपयोग में लाए गए दराट को कब्जे में ले लिया है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पीडब्ल्यूडी मसल में मल्टी टास्क वर्कर के रूप में कार्य कर रहा है। यह अपनी रिश्तेदार की शादी में 6 साल पहले गांव सालन में गया।
वहां पर शादी में इसने पीड़िता को देखा था और तब से दोनों में कॉल के माध्यम से बातचीत होने लगी। करीब 3 साल बाद इसे पता चला कि पीड़िता किसी एक और लड़के से बात करती है। पीड़िता ने पिछले 15-20 दिन से इसका नंबर ब्लॉक कर दिया।
20 अप्रैल को इसने पीड़िता को बात करने के लिए कहा तो वह मना करने लगी, तब यह अपना आप खो बैठा और इसने उस पर दराट से 8-10 वार कर दिए।
आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया है। आरोपी से और गहनता से पूछताछ की जा रही है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि मामले से संबंधित सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है, जिस पर पुलिस की साइबर सेल टीम निरंतर नजर बनाए हुए है। अफवाह फैलाने वालों पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित छात्रा का पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार चल रहा है फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। पुलिस ने आरोपी शनिवार को ही पकड़ लिया था, लेकिन लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है।
पीड़िता के परिजनों का कहना है कि आरोपी को फांसी दी जाए। गुस्साए लोगों ने शनिवार रात और रविवार को पालमपुर थाने के बाहर प्रदर्शन किया था।
बता दें कि शनिवार 20 अप्रैल को पालमपुर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। पालमपुर बस स्टैंड के पास एक युवक ने युवती पर दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया।
युवक ने तेजधार हथियार (दराट) से युवती के सिर पर कई वार किए। युवती की चार उंगलियां कटी हैं और उसके सिर पर गंभीर चोटें आई। आरोपी युवक ने युवती पर 9 से 10 बार दराट से हमला किया।
आरोपी युवक सुमित कुमार पुत्र रमेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक मस्सल, नगरोटा बगवां का रहने वाला है। युवती सुलह (सालन) की रहने वाली है और पालमपुर के निजी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि 20 अप्रैल को पालमपुर बस अड्डे में हुई दर्दनाक घटनाक्रम में पुलिस थाना पालमपुर में भारतीय दंड संहिता धारा 307, 326, 323, 341 के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।
इस वारदात में 21 वर्षीय सुलह निवासी छात्रा को हाथ, बाजू, सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। स्थानीय लोगों की सहायता से पीड़िता को पहले सिविल अस्पताल पालमपुर और फिर टांडा अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया।
अब पीड़िता की हालत में काफी सुधार है। मौके से पुलिस द्वारा साक्ष्य और हमला करने के लिए उपयोग में लाए गए दराट को कब्जे में ले लिया है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पीडब्ल्यूडी मसल में मल्टी टास्क वर्कर के रूप में कार्य कर रहा है। यह अपनी रिश्तेदार की शादी में 6 साल पहले गांव सालन में गया।
वहां पर शादी में इसने पीड़िता को देखा था और तब से दोनों में कॉल के माध्यम से बातचीत होने लगी। करीब 3 साल बाद इसे पता चला कि पीड़िता किसी एक और लड़के से बात करती है। पीड़िता ने पिछले 15-20 दिन से इसका नंबर ब्लॉक कर दिया।
20 अप्रैल को इसने पीड़िता को बात करने के लिए कहा तो वह मना करने लगी, तब यह अपना आप खो बैठा और इसने उस पर दराट से 8-10 वार कर दिए।
आरोपी को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया है। आरोपी से और गहनता से पूछताछ की जा रही है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि मामले से संबंधित सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है, जिस पर पुलिस की साइबर सेल टीम निरंतर नजर बनाए हुए है। अफवाह फैलाने वालों पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल व मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
शिमला। हिमाचल प्रदेश में आज 77वां हिमाचल दिवस मनाया गया। इस मौके पर शिमला के ऐतिहासिक रिज पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं। इस दौरान पुलिस बल की टुकड़ियों के सलामी दस्तों ने रिज मैदान पर मार्च पास्ट किया। वहीं इस दौरान हिमाचली संस्कृति की ख़ास झलक भी देखने को मिली।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने 77 वें हिमाचल दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्य होने के बावजूद और अनेक उपलब्धियों को प्राप्त किया है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के एक छोटा राज्य होने के बावजूद इसकी ख्याति पूरे देश में है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि नशे के खिलाफ हिमाचल प्रदेश को जंग छेड़ने की ज़रूरत।
वहीं इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 77 वें हिमाचल दिवस की प्रदेशवासियों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार का उद्देश्य है कि 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी लोग इस उद्देश्य के साथ में काम करें ताकि हिमाचल को समृद्धशाली प्रदेश बनाया जा सके।
इस दौरान कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि हर्ष और उल्लास के साथ आज हिमाचल दिवस मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा भी इसी ऊर्जा के साथ यह दिवस मनाएं और देश के उत्थान के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर हिमाचल प्रदेश विकसित और समृद्ध बनाना है।
नादौन। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि शनिवार को लोकसभा चुनाव व विधानसभा उपचुनाव के टिकट फाइनल करने के लिए दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी।
उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति को नाम भेजे जाएंगे। शाम तक टिकटों को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नादौन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की सत्ता की भूख ज्यादा बढ़ गई है। वोट के दम पर सरकार नहीं बना सके तो अब नोटों के दम पर सत्ता हथियाना चाह रहे हैं। जनता भाजपा को नकार चुकी है, यह जयराम ठाकुर को दिमाग में बिठा लेना चाहिए।
अन्य प्रदेशों में भाजपा ने नोटों के दम सत्ता हथियाई, वैसा ही हिमाचल में करना चाह रहे थे। लेकिन, भगवान हमारे साथ हैं और उन्होंने हमें जनता की सेवा का मौका दिया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि बिकाऊ को जनता कभी जिताऊ नहीं बनाएगी।
बागी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में 300 से 400 करोड़ रुपये के काम हुए हैं। उनकी मर्जी के एसडीएम, बीडीओ, तहसीलदार, अधिशाषी अभियंता और एसडीओ लगाए, फिर भी बिक गए।
राजनीति में यह नहीं होना चाहिए कि चुनाव में जो राशि खर्च की है, विधायक बनने के बाद उसे पूरा करने में जुट जाएं और कमाई न हो तो सरकार गिराने की साजिश रच दें। बिकाऊ विधायकों का चरित्र जनता के सामने बेनकाब हो चुका है।
शिमला। हिमाचल में मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं।
ऐसे भी अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस हाईकमान के द्वारा नियुक्त ऑब्जर्वर को इस्तीफा सौंपा है। हालांकि अभी इस्तीफा राज्यपाल को नहीं सौंपा गया है।
इसी बीच सरकार के मीडिया कार्डिनेटर यशपाल शर्मा ने फेसबुक पर पोस्ट डाली है। लिखा है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की खबरें निराधार हैं। कांग्रेस हाईकमान की तरफ से नियुक्त पर्यवेक्षक अभी शिमला नहीं पहुंचे हैं।
विपक्ष की ओर से फैलाई जा रही अफवाहों पर विश्वास न करें। भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है। मुख्यमंत्री पर पार्टी हाईकमान का विश्वास पूरी तरह कायम है। मीडिया के सभी वरिष्ठ साथियों से अनुरोध है कि बेबुनियाद खबरें चलाने से बचें।
शिमला। हिमाचल बीजेपी के नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि कांग्रेस बिखर गई है। कांग्रेस का ग्राफ जीरो हो रहा है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।
उन्होंने विक्रमादित्य सिंह के मंत्री पद छोड़ने के फैसले को सही करार दिया है। हर्ष महाजन ने कहा कि विधायक सरकार में प्रताड़ित हैं। हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है। विधायक खुद हमारे पास आ रहे हैं। कांग्रेस में फाइव स्टार कल्चर है। लोगों को झूठी गारंटियां दी गईं।
शिमला। हिमाचल में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी को राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।
हर्ष महाजन को कांग्रेस की सेवा का फल मिला और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नजदीकियों का फायदा यह कहना गलत न होगा। वहीं, भाजपा का मास्टर स्ट्रोक भी काम आया है।
हर्ष महाजन का लंबा अरसा कांग्रेस में बीता है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खासमखास नेताओं में माना जाता था। वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार भी रहे हैं।
हर्ष महाजन चंबा सदर से तीन बार विधायक और पूर्व मंत्री रहे हैं। हर्ष महाजन ने कांग्रेस की टिकट पर 1993 में चंबा सदर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 1998, 2003 में भी वह विधायक रहे।
वर्ष 2007 के चुनाव में उन्होंने इलेक्शन लड़ने से मना कर दिया। उनके इस फैसले से उनके समर्थकों को बड़ा झटका लगा। वहीं, अन्य लोगों को भी इस फैसले ने हैरान किया।
2007 के बाद हर्ष महाजन ने कोई चुनाव नहीं लड़ा। चुनाव न लड़ते हुए हर्ष महाजन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ साये की तरह रहे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अंतिम सांस तक हर्ष महाजन उनके साथ रहे।
वीरभद्र सिंह के अच्छे और बुरे वक्त में हर्ष महाजन उनके साथ हमेशा खड़े रहे।
हर्ष महाजन चुनावी प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के शिमला ग्रामीण और अर्की विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा भी हर्ष महाजन ने ही संभाला था।
वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में भी सत्ता का केंद्र बदला। वहीं, हिमाचल में भी सत्ता बदली। सत्ता बदलने के बाद हर्ष महाजन ने कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामा।
हिमाचल में कांग्रेस के 40 विधायक हैं। भाजपा के 25 और तीन आजाद हैं। राज्यसभा चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को 34-34 मत मिले। पर्ची से विजेता का ऐलान हुआ। इसमें कांग्रेस के छह मत कम हुए।
भाजपा को तीन निर्दलीय और 6 कांग्रेस विधायकों का साथ मिला। इससे साफ है कि कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हुई है। 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए भाजपा प्रत्याशी को मत डाला है।
बताया जा रहा है कि सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा ने क्रॉस वोटिंग की है।
सबको पता है कि सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर और इंद दत्त लखनपाल को भी पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह गुट का माना जाता है। वह पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के करीबियों में जाने जाते थे। सुधीर शर्मा के पिता बैजनाथ के पूर्व विधायक संत राम वीरभद्र सिंह के घनिष्ठ मित्रों में थे।
ऐसे में वीरभद्र सिंह के कटर समर्थक रहे हर्ष महाजन को वीरभद्र सिंह के कटर समर्थकों का मत जाना स्वाभाविक था। कहीं न कहीं यह नजदीकियां हर्ष महाजन के काम आई हैं।
इसी के चलते देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा का मत भी उन्हें मिला। कांग्रेस की अंतर्कलह ने इस मुकाम को और आसान कर दिया। क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद वीरभद्र गुट कहीं न कहीं हाशिए पर है। हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह कई बार सरकार को चेता चुकी हैं।
भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए हर्ष महाजन को राज्य सभा प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया था। कहीं न कहीं भाजपा ने भी हर्ष महाजन की कांग्रेस की नजदीकियों को भुनाया है।
हर्ष महाजन को चुनावी मैदान में उतारकर भाजपा ने कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह का फायदा उठाया, वहीं सुक्खू सरकार की कुर्सी हिलाने का भी दाव खेला। कहीं न कहीं भाजपा का मास्टर स्ट्रोक काम आया है। हर्ष महाजन की जगह अगर भाजपा का और कोई पुराना नेता होता तो परिणाम ऐसा न होता।
कहीं न कहीं राज्यसभा के लिए हिमाचल से बाहरी प्रत्याशी देना भी कांग्रेस को भारी पड़ा है। ऐसा कहा जा सकता है कि प्रत्याशी खड़ा नहीं किया, बल्कि हाईकमान ने थोपा था।
शिमला। हिमाचल में आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका थी। हिमाचल की राजनीति में बड़ा उलट फेर हुआ है। बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी राज्यसभा चुनाव हार गया। भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत हुई है।
दोनों ही प्रत्याशियों को मिले 34-34 यानी बराबर वोट मिले। टाई होने के बाद पर्ची डाली गई जिसमें भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई। इस जीत से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है और भाजपा में खुशी की लहर है।
कांग्रेस के 40 विधयकों के बावजूद कांग्रेस को सिर्फ 34 वोट ही मिले यानी 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी राज्य सभा चुनाव हार गए हैं जिससे कांग्रेस की बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष का पद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हर्ष महाजन चुनावी प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के शिमला ग्रामीण और अर्की विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा महाजन ने ही संभाला था।