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गर्मियों में गाड़ी में भूलकर भी न रखें ये चीजें, वरना पड़ सकता है पछताना

गर्मी के मौसम में कारों में आग लगने की घटनाएं बहुत होती हैं। इसके पीछे बड़ी वजह गलत वायरिंग को माना जाता है। इसके अलावा भी कई ऐसी लापरवाही होती हैं, जिससे बड़ी दुर्घटना होते देर नहीं लगती। आज हम आपको बताते हैं कि धूप में कार खड़ी करते वक्त किन चीजों को उनमें भूलकर भी न रखें।

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दरअसल हम जब भी कहीं जाते हैं तो अक्सर खुली धूप में शीशे बंद करके गाड़ी को खड़ी रखना पड़ता है। इसके चलते कार के अंदर गैस बन जाती है, जिससे उसमें आग लगने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

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इससे बचने के लिए आपको कार के शीशे एक इंच तक खुले रखने चाहिए। ऐसा करने से कार के अंदर बनने वाली गैस ऊपर उठकर खिड़की के जरिए बाहर निकल सकती है।

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बंद गाड़ी में भूलकर भी लाइटर न रखें

अगर आप धूप में गाड़ी खड़ी करके कहीं जा रहे हैं तो भूलकर भी उसमें लाइटर, डिओड्रेंट स्प्रे या उसके जैसी कोई ज्वलनशील चीज न रखें। कार के गर्म होने के बाद उसमें लाइटर से आग लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके बजाय आप लाइटर या डिओ को अपने साथ ही लेकर जाएं तो ठीक रहेगा।

इलेक्ट्रॉनिक आइटम को रखने से बचें

कई लोग मोबाइल, लैपटॉप या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को कार में छोड़कर जाना पसंद करते हैं। गाड़ी गर्म होने के साथ ही ये गैजेट भी गर्म होते जाते हैं और फिर कभी भी विस्फोट के साथ फट सकते हैं। इसलिए संभव हो तो इन्हें अपने साथ लेकर जाएं या किसी व्यक्ति को इनकी रखवाली के लिए बिठाकर जाएं, जो थोड़ी खिड़की खोलकर कार के अंदर बैठा रहे।

बच्चों को गाड़ी में कभी न छोड़ें

धूप में कार खड़ी करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखें कि उसमें कभी भी बच्चों को लॉक करके न जाएं। ऐसा करने से गाड़ी में गैस बन सकती है, जिसकी चपेट में आकर बच्चा बेहोश हो सकता है या उसकी जान जा सकती है। हो सके तो बच्चों को अपने साथ लेकर जाएं या फिर किसी बड़े व्यक्ति को उनकी देखभाल के लिए साथ में बिठाकर चले जाएं।

प्लास्टिक वाली पानी की बोतलें

गर्मी के मौसम में प्यास लगाना एक स्वाभाविक सी बात है, इसके कारण लोग बाहर से प्लास्टिक की बोतल वाला पानी खरीद लेते हैं और कार में रख देते हैं , लेकिन ये काफी घातक होता है।

जाहिर सी बात है गर्मी के मौसम में प्लास्टिक काफी नुकसानदायक होता है, गर्मी ही नहीं हर मौसम में के लिए खतरनाक होता है। अगर आप कार पार्क करके और गाड़ी में पानी भूल गए तो आने के बाद उस पानी को न पियें।

 

पैसे और महत्वपूर्ण दस्तावेज

आप कभी भी अपने कार के अंदर नकद पैसे और महत्वपूर्ण कागज को न छोडें। क्योंकि अगर आपकी कार चोरी हुई तो इसके साथ -साथ आपकी ये चीजें भी चली जाएगी।

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जरा खुद से भी करलो प्यार … सिर्फ एक महिला नहीं बहुत खास हैं आप

दुनियाभर में 8 मार्च यानी आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस मौके पर महिला अधिकारों, महिलाओं के योगदान, उनके लिए समान अधिकार और उन्हें सम्मान देने जैसे मुद्दों पर खूब चर्चा और बातें होती हैं। लेकिन कई बार महिलाएं खुद को पुरुषों से कम आंकने लगती हैं, इसलिए जरूरी है कि पहले उनमें अपने लिए आत्मविश्वास जगाने की आवश्यकता है। ऐसा तभी हो सकता है जब वो अपने बारे में सोचेंगी और अपना ख्याल रखेंगी।

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हालांकि, हमेशा देखा गया है कि महिलाएं ये केयर पाने में नाकाम रहती हैं। महिलाएं चुनौतियों से जूझती हैं, ऑफिस और घर के डबल रोल में ही पिसती रहती हैं। लगातार इस तरह से काम करने से आने वाला वक्त और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में खुद को तैयार रखने के लिए सेल्फ केयर करें। ये सेल्फ केयर ही आपको हर पड़ाव पर सफलता हासिल कराएगी।

हम आपको बताते हैं कि आप खुद का केयर कैसे कर सकती हैं…

स्वस्थ भोजन का ही करें सेवन

अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं पूरे परिवार का ध्यान तो रखती हैं, लेकिन अपने खान-पान के प्रति बेहद लापरवाह होती हैं। इसलिए सबसे जरूरी है पौष्टिक भोजन खाना। सेल्फ लव के लिए ये आपका सबसे पहले कदम होना चाहिए। हालांकि, सेल्फ लव का मतलब यहां कपकेक, पिज्जा या शायद बटर चिकन खाने से नहीं है। समय-समय पर खुद को ट्रीट देना अच्छी बात है, लेकिन रोजाना आपको स्वस्थ भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

तनाव कम करने का ढूंढें कोई तरीका

तनाव आपका सबसे बड़ा दुश्मन है! इन दिनों हमारा जीवन इतना व्यस्त हो गया है कि दैनिक तनाव को दूर करने के लिए कुछ समय निकालना बेहद महत्वपूर्ण है। चाहे अपना पसंदीदा शो देखें, या फिर गानें सुनकर या डांस करके। आपको अपने लिए कुछ ऐसी गतिविधि चुननी चाहिए जिसे करते हुए आप तनाव मुक्त महसूस करें।

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दोस्तों और परिवार के लिए भी निकालें समय

अगर आप वर्किंग वुमन हैं तो आपके लिए दोगुना स्ट्रेस हो सकता है। ऐसे में काम और निजी जीवन के बीच के तनाव की वजह से आप खुद को सामाजिक जीवन से अलग न करें। कुछ समय अपने दोस्तों और परिवार या अपने करीबी रिश्तों के लिए भी निकालें ताकि आप अपने करीबी संबंध बनाए रख सकें।

व्यायाम के लिए निकालना होगा समय

दिनभर मशीन की तरह लगातार काम में लगी रहने वाली महिलाएं कई बार ये सोच लेती हैं कि उनका काम ही उनके लिए व्यायाम है। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको शारीरिक लाभों के लिए व्यायाम के लिए अलग से समय निकालना होगा। इससे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से आपको मदद मिलेगी और आपका मूड भी अच्छा बना रहेगा।

कभी-कभी यूं ही हो जाएं सज-धजकर तैयार

सजना-संवरना हर महिला का पसंदीदा काम होता है, जो उन्हें खुशी भी देता है। ऐसे में जरूरी नहीं है कि आप किसी मौके का इंतजार करें। कई बार खुद के लिए भी आपको तैयार होना चाहिए, जिससे आपका मूड अच्छा रहे। इसलिए जब आप उदास महसूस करें तो खुद को अपने पसंदीदा गेटअप में तैयार करें।

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काम से ब्रेक लेना है बेहद जरूरी

किसी भी महिला के लिए चाहे वो ऑफिस जाने वाली हो या फिर घर गृहस्थी संभालने वाली, उसके लिए ब्रेक लेना बेहद आवश्यक है। भले ही आप कितनी भी व्यस्त हों, हर दिन बस 10-15 मिनट का ब्रेक लें और कुछ ऐसा करें जिससे आपको आराम मिले। चाहे आप टहलने जाएं या किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जो आपके करीब है चाहे गार्डनिंग करें। लेकिन खुद को खुशी मिले ऐसा कोई काम करने के लिए दिन में अवश्य समय निकालें

नींद के साथ समझौता करना बंद करें

अगर काम के चक्कर में आप अपनी नींद के साथ समझौता कर रही हैं, तो आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप भावनात्मक और शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस कर सकती हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी बड़ी समस्याएं हो सकती हैं। समय पर सोने की कोशिश करें और कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।

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रंगों से बिंदास खेलें होली, बालों को बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

स्किन और बालों के लिए खतरनाक हो सकते हैं रंग

हमारे देश में होली यानी रंगों का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। होली के दिन से कुछ दिन पहले ही लोग एक-दूसरे रंग लगाना शुरू कर देते हैं। रंगों के साथ होली खेलने के लिए तो सभी उत्सुक रहते हैं लेकिन रंगों को लेकर डर भी बना रहता है।

रंग अच्छे ना हों तो स्किन और बालों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। खासकर लड़कियों को ये चिंता सताती है कि होली के रंग कहीं उनके बालों को खराब न कर दें। रंगों से होली खेलने के बाद बालों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इसके लिए हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। ये टिप्स लड़की हो या लड़का दोनों के लिए ही कारगर साबित होंगे …

सेहत का है ख्‍याल तो होली पर इन बातों का रखें ध्‍यान-कहीं रंग में पड़ न जाए भंग
बालों में लगाएं तेल

होली खेलने से पहले बालों में तेल लगाने से रंग बालों में प्रवेश नहीं कर पाता और जब आप बालों के रंग को होली के बाद धो रहे होते हैं, तो बाल नहीं टूटते। इससे बचने के लिए स्कैल्प की अच्छी तरह मालिश करें। मालिश करने के लिए नारियल तेल या जैतून के तेल का उपयोग करें। इससे बालों पर एक परत चढ़ जाती है, जो बालों को सुरक्षा प्रदान करती है।

होली से पहले बालों को धोएं

होली वाले दिन सुबह बालों में तेल लगाने से पहले उनका धुला हुआ होना काफी जरूरी है। इसके लिए आप बालों को एक रात पहले अच्छे से धो सकते हैं। ऐसा करने से बालों को काफी सुरक्षा मिलेगी। अगर एक रात पहले बाल धो रहे हैं, तो एक रात पहले बालों को धोएं और कंडीशन करें। होली खेलने जाने से पहले लीव-इन कंडीशनर भी लगा सकते हैं।

बालों के सिरों को कटवा लें

होली के लिए अपने बालों की देखभाल करने के लिए सबसे पहले बालों के सिरों को कटवा लें। दरअसल, सिंथेटिक रंग आपके बालों को रूखा बना सकते हैं और दोमुंहे बालों का कारण बन सकते हैं इसलिए होली के कुछ दिन पहले बालों के सिरों को कटवा लें, ताकि उनकी अच्छी से देखभाल कर सकें।

बालों को ढक कर रखें

एक बार जब आप अपने बालों में तेल लगा लें, तो उसके बाद बालों को ढकना सबसे अच्छा उपाय है। बालों को ढकने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सिर पर स्कार्फ बांध सकते हैं या फिर कैप लगा सकते हैं। महिलाएं भी बालों को खुला रखने से बचें, इसके बजाय बालों का बन बनाकर रखें और टाइट पोनीटेल बनाएं। इससे सिर में रंग नहीं जाएगा।

डीप कंडीशनर करें

कंडीशनर बालों को अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं इसलिए शुरुआत में ही बालों को कंडीशनर करना न भूलें। कंडीशनर को अपने बालों पर कम से कम 10 मिनट तक लगा रहने दें, लेकिन ध्यान रखें कि कंडीशनर बालों की जड़ों में न लगे। 10 मिनट बाद बालों को धो लें। इसके बाद बालों को अच्छे से सुखा लें।

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होली खेलने के बाद अब नहीं होगी परेशानी, चुटकियों में निकालें चेहरे, बाल और नाखून से रंग

होली खेलना तो सबको पसंद होता है लेकिन एक चीज से हर कोई परेशान होता है वो है रंग। जी हां, होली खेलने के बाद बड़ी मुश्किल ये हो जाती है कि रंगों को चेहरे, बाल या नाखून से कैसे हटाया जाए। इसके लिए कई बार बड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

सेहत का है ख्‍याल तो होली पर इन बातों का रखें ध्‍यान-कहीं रंग में पड़ न जाए भंग

कुछ लोगों के चेहरे और फेस का रंग तो आसानी से छूट जाता है, लेकिन कुछ लोगों का रंग नहीं निकलता। अगर वे लोग केमिकल वाले शैंपू और अन्य चीजों से उस कलर को निकालने की कोशिश करते हैं, तो स्किन और हेयर को नुकसान हो सकता है।

अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो होली खेलने का प्लान बना चुके हैं, लेकिन चेहरे, बाल और नाखून के कलर लगने की चिंता रहती है, तो आज हम कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाने से चेहरे, बाल और नाखून से आसानी से कलर निकाल सकते हैं …

नाखूनों से होली का रंग कैसे हटाएं

नाखूनों को होली के रंग से बचाने का सबसे अच्छा उपाय ये हो सकता है कि आप ट्रांसपेरेंट नेल पॉलिश लगा लें, जो कि होली खेलने के बाद नेल पॉलिश रिमूवर से आसानी से निकाला जा सकता है।

अगर उसके बाद भी रंग नाखूनों से नहीं जाता है तो नाखूनों को गुनगुने पानी के टब में बादाम के तेल या सिरके के साथ भिगोएं। इससे नाखूनों का रंग निकल जाएगा। इसके साथ ही नाखूनों पर कुछ दिनों तक कुछ न लगाएं।

चेहरे से रंग कैसे हटाएं

चेहरे से रंग निकालने के लिए गहरे क्लींजिंग फेस वॉश का उपयोग करें और उसके बाद मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। यदि आवश्यक हो, तो आप अगले दिन फेस मास्क का उपयोग कर सकते हैं।

यदि आप होली खेलने से पहले अपने शरीर पर तेल का उपयोग कर रहे हैं, तो गहरी टैनिंग से बचने के लिए तेल के ऊपर सनस्क्रीन भी लगा सकते हैं। यदि आप बेसन, दही और नींबू के मिश्रण जैसे घरेलू इलाज रंग निकालने के लिए अपना रहे हैं तो त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए उस मिश्रण में विटामिन ई का एक कैप्सूल मिलाएं।

रंगों से बिंदास खेलें होली, बालों को बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स
बालों से रंग कैसे हटाएं

जैसे ही आप होली खेल लें, उसके बाद बालों को शैम्पू करें। रंग निकालने के लिए 2 बार शैंपू की जरूरत हो सकती है। भले ही आपको थकान हो रही हो, लेकिन आलस के कारण कंडीशनर लगाना न छोड़ें, क्योंकि आपके बालों को होली के रंग के बाद अतिरिक्त हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है।

कंडीशनर के बाद हेयर सीरम लगाएं। यह बालों को धूप के प्रभाव और रंगों के कारण होने वाले रूखेपन से रिपेयर करेगा। बालों के झड़ने को कम करने के लिए हेयर स्पा कराएं या घर पर ही डीप कंडीशनिंग मास्क का उपयोग लगाएं।

शरीर से रंग कैसे हटाएं

चेहरे और शरीर से होली का रंग निकालने के लिए लोग त्वचा को स्क्रब करना शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से स्किन का रंग भले ही चला जाए, लेकिन इससे त्वचा को काफी नुकसान हो सकता है। चेहरे और स्किन का कलर निकालने के लिए बॉडी वॉश या साबुन से नहाएं तो शरीर पर थोड़ा सा तेल मलें।

यह न केवल रंग को निकालने में मदद करेगा बल्कि आपकी शुष्क त्वचा को पोषण भी देगा। यदि आप तेल का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो आप एक गाढ़ी क्रीम या लोशन भी चुन सकते हैं। इसके बाद जब शरीर को तौलिए से पोंछेंगे, तो आप देखेंगे कि रंग तौलिया में आ चुका है।

इस बात का खास ध्यान रखें अगर होली खेलने के बाद आपको कोई भी इचिंग या खुजली होती है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। अगर आपकी स्किन सेंसेटिव है तो पक्के रंगों से होली खेलने से बचें या फिर पहले अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें और उसके बाद ही होली खेलें।

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सेहत का है ख्‍याल तो होली पर इन बातों का रखें ध्‍यान-कहीं रंग में पड़ न जाए भंग

छोटी सी लापरवाही बन सकती है परेशानी का सबब

होली का त्योहार यानि रंगों की मस्ती में डूबने का अवसर। वैसे तो होली पर मस्ती की कोई सीमा नहीं होती, सभी इस दिन पूरी मस्‍ती में नजर आते हैं। रंगों और उमंगों पर किसी का बंधन नहीं होता। यह इसी खुशी से मनाया जाए यही जरूरी है, वरना कई बार छोटी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है। अगर आपको अपनी और अपने परिवार की सेहत का ख्‍याल तो होली पर इन बातों का जरूर ध्‍यान रखें ताकि होली के रंग में कहीं भंग न पड़ जाए..

केमिकल कलर्स है नुकसानदायक

होली पर बिकने वाले केमिकल वाले कलर्स सस्‍ते तो होते हैं पर सेहत पर इनका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे आंखों, त्वचा, नाक और कान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। होली को पूरी मस्‍ती से मनाने के लिए कोशिश करें की हर्बल कलर्स का ही इस्तेमाल करें। ये कलर स्किन फ्रेंडली होते हैं और आसानी से छूट भी जाते हैं।

ढके हुए कपड़े पहनें

होली पर रंग तो खेलना ही है पर इसके लिए अपने कपड़ों का बहुत ध्‍यान रखें। कोशिश करें कि पूरी तरह ढके हुए कपड़े ही पहनें। इससे त्‍वचा को कम नुकसान पहुंचेगा। शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं जहां पर रंगों की पहुंच बहुत ज्‍यादा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए कपड़ों का ध्‍यान रखना ज्‍यादा जरूरी है।

आंखों की सुरक्षा है जरूरी

आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। रंग या केमिकल का एक छोटा सा कण भी आंखों के लिए घातक हो सकता है। इसलिए जब भी होली खेलने निकलें, कोशिश करें कि आंखों पर रंगीन चश्‍मा पहन लें। इससे आप स्‍टाइलिश लगेंगे और आंखें भी सुरक्षित रहेंगी।

चेहरे पर बनाएं सुरक्षा चक्र

होली पर सबसे ज्‍यादा बुरा हाल चेहरे का होता है। इस पर रंग लगाए बिना हो होली की शुरूआत हो ही नहीं सकती। इसलिए चेहरे को छुपा तो नहीं सकते पर उस पर सुरक्षा चक्र बनाएं। इसके लिए चेहरे पर पेट्रोलियम जेली या सरसों/नारियल का तेल लगाएं। यह रंगों के खिलाफ आपके चेहरे पर सुरक्षा चक्र बनाएंगे।

बालों का रखें ध्‍यान

रंग चाहें हर्बल हों या केमिकल वाले, दोनों ही बालों के स्‍टफ को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए अगर आप होली की मस्‍ती प्‍लान कर रहे हैं तो बालों में तेल जरूर लगाएं। इससे रंग बालों पर गिरेगा तो जरूर पर उन्‍हें डैमेज नहीं कर पाएगा।

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ऐसे लोग भूलकर भी ना करें अमरूद का सेवन, वरना सेहत को पड़ जाएगा भारी

अमरूद के सिर्फ फायदे ही नहीं नुकसान भी हैं

नई दिल्ली। अमरूद तो आपने खाया ही होगा। अमरूद स्वाद और सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही इसमें अनेक पोषक तत्वों का भंडार होता है और इस वजह से यह कई बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। यानी कुल मिलाकर अमरूद किसी चमत्कारी फल से कम नहीं है।

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सिर्फ यही नहीं, अमरूद के पत्ते भी सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। ये भी कई बीमारियों से शरीर को बचाने में सक्षम हैं, क्योंकि इन पत्तों में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं।

लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके कुछ नुकसान भी हैं। अमरूद को कुछ बीमारियों में तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में ताकि आप अब से ही सावधान हो जाएं…

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इन लोगों को नहीं करना चाहिए अमरूद का सेवन
  • जिन लोगों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या है उन्हें इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. अगर आपको अमरूद खाने के बाद उल्टी या पेट दर्द महसूस होता है तो वह इसे खाने से परहेज करें।
  • वहीं, जो लोग एक्जिमा जैसी बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें भी इससे परहेज करना चाहिए। इससे त्वचा में जलन हो सकती है. इसके पत्तों का इस्तेमाल अर्क के रूप में बिल्कुल ना करें.
  • वहीं, जिन लोगों की सर्जरी होने वाली हो किसी तरह की उन्हें दो हफ्ते पहले से सेवन बंद कर देना चाहिए. इससे ब्लड सर्कुलेशन में परेशानी आ सकती है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को भी अमरूद नहीं खाना चाहिए. साथ ही जिन लोगों को सर्दी जुकाम उन्हें भी अमरूद का सेवन नहीं करना चाहिए. इसकी तासीर ठंडी होती है जो सर्दी को ट्रिगर कर सकती है।
  • शुगर के मरीजों को भी इसका सेवन कम करना चाहिए. अगर खाते भी हैं तो ब्लड शुगर अपना जरूर चेक करवाएं, तो अब से सावधानी बरतनी चाहिए।
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सिर्फ खाने में डालने के काम नहीं आती हींग, और भी हैं कमाल के फायदे, जानें

भारतीय रसोई में कितने ही तरह के मसाले होते हैं और इन मसालों के अलग-अलग गुण होते हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं हींग के बारे में। खाने में हींग का उपयोग खूब किया जाता है। खाने में इसे मिलाने से पाचन आसान होता है। पाचन दुरुस्त करने के अलावा भी हींग कई काम करता है। यह पेट में गैस से लेकर गंभीर माइग्रेन और यहां तक कि कीड़े के काटने का भी इलाज करता है। आईए आपको बताते हैं हींग के फायदों के बारे में विस्तार से …

दांत के दर्द में देता है आराम

अगर आपके दांत में दर्द है तो जिस दांत में दर्द है वहां और आसपास के मसूड़ों पर चुटकी भर हींग लगा लें। दर्द में राहत पाने के लिए दिन में इस उपाय को 2 से 3 बार करें।

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कान की दर्द में भी फायदेमंद

सर्दी के मौसम में ठंड लग जाने से कान में दर्द कई बार हो जाता है। ऐसे में इयर ड्रोप्स के अलावा आप घरेलू उपचार पर कर सकते हैं। हींग में एंटी वायरल और एंटी इंफेक्शन गुण पाए जाते हैं, जो कान के दर्द में आराम देने का काम करते हैं। इसके लिए एक बर्तन में दो चम्मच नारियल के तेल में चुटकी भर हींग डालकर हल्की आंच पर गर्म कर लें। जब ये गुनगना हो तब इसकी कुछ बूंदें अपने कान में डालें। इससे आपको तुरंत राहत मिल सकती है।

सिर दर्द में दे तुरंत आराम

अगर आप सिर दर्द से परेशान हैं तो आप हींग आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए हल्की आंच पर पैन रखें और उसमें एक से दो कप पानी गर्म कर लें। अब इसमें चुटकी भर हींग डालें और 10-15 मिनट के लिए गर्म होने दें। जब पानी की मात्रा थोड़ी कम हो जाए, तो गैस को बंद कर दें। तेज़ सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए दिनभर इस पानी को पिएं। इसके अलावा आप हींग में गुलाब जल मिलाकर इसका पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं और फिर इसे माथे पर लगा सकते हैं। इससे भी आराम मिलता है।

शिशुओं में गैस की समस्या को करे कम

शिशुओं में गैस की समस्या को कम करने के लिए इससे अच्छा उपाय और कोई नहीं है। इस जांचे और परखे उपाय को सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए एक से दो चम्मच गुनगुने पानी में चुटकी भर हींग डालें और फिर बच्चे की नाभी के आसपास उंगलियों की मदद से लगाएं। इससे छोटे बच्चों में गैस की समस्या तुरंत ठीक हो जाती है।

कीड़े के काटने पर करें इस्तेमाल

हींग सिर्फ खाने में ही हेल्दी नहीं होती, बल्कि कीड़ों के काटने का भी इलाज कर सकती है। हींग के पाउडर में थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को ज़ख्म पर लगा लें और सूखने दें। जब सूख जाए तो निकाल दें। इससे कीड़े के काटने वाली जगह पर आराम मिलेगा।

अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सूखी खांसी का करे इलाज

हींग में एंटीवायरल और एंटीइंफेक्शन गुण होते हैं इसलिए इसका उपयोग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सूखी खांसी और जुकाम को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। तुरंत आराम पाने के लिए आधा चमच हींग पाउडर और सोंठ में दो चम्मच शहद मिला लें। दो से तीन तक इस मिक्सचर को खाएं। इससे आपको सांस की तकलीफ से जल्द आराम मिल जाएगा।

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पढ़ाई और करियर का प्रेशर कहीं आपके बच्चे से न करवा दे कुछ गलत

NEET में तीन बार हुआ असफल होने के बाद युवक ने उठाया ये कदम

शिमला। मां-बाप कई बार बच्चों पर पढ़ाई और करियर को लेकर इतना ज्यादा प्रेशर डाल देते हैं कि बच्चा कुछ ऐसा कदम उठाने का मजबूर हो जाता है जिससे उसकी पूरी जिंदगी ही खत्म हो जाती है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है हिमाचल प्रदेश में।

हिमाचल : फर्जी दस्तावेज़ बनाकर MBBS में ली एडमिशन, बिलासपुर का युवक गिरफ्तार

बिलासपुर निवासी 20 साल के युवक पर घर वालों का ऐसा दबाव बना कि वह सही गलत सब भूल कर गलत कदम उठा बैठा। युवक ने सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ कर आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस में एडमिशन ले ली लेकिन जब वेरिफिकेशन हुई तो उसकी असलियत सबके सामने आ गई।

मामले में आरोपी छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी छात्र ने बताया कि उसके ऊपर NEET पास करने का प्रेशर था। छात्र के परिवार से अधिकतर डॉक्टर के पेशे में है जिसके चलते परिवार वालों ने छात्र पर डॉक्टर बनने का दबाव बनाया और इसका नतीजा ये हुआ कि उसने NEET के रिजल्ट में ही टेंपरिंग की। वह पहले भी तीन बार NEET दे चुका था, लेकिन क्वालीफाई नहीं हो पा रहा था। इसके बाद उसने किसी जानने वाली लड़की के नंबरों के साथ छेड़छाड़ की औऱ खुद ही नकली सर्टिफिकेट तैयार कर एडमिशन भी ले ली।

हिमाचल विधानसभा : डिनोटिफाई मुद्दे पर हंगामा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

दरअसल, आईजीएमसी में एमबीबीएस पर फर्जी एडमिशन लेने का मामला आया सामने आया है जिसमें आईजीएमसी के प्रिंसिपल की तरफ से मिली शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जीवाड़ा एमबीबीएस में एडमिशन का है एक छात्र ने फर्जी दस्तावेज से एमबीबीएस में एडमिशन ले ली लेकिन जब दस्तावेज की वेरिफिकेशन हुई तो दस्तावेज नकली पाए गए।

आरोपी छात्र ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करवाई गई प्रवेश परीक्षा (नीट) के रिजल्ट में ही छेड़छाड़ कर खुद ही फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किया। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर वह अटल मेडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी में आयोजित काउंसलिंग में शामिल हुआ। झूठे दस्तावेज के आधार पर उसका दाखिला आईजीएमसी शिमला में कंफर्म हो गया।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने कॉलेज में एडमिशन ली और नियमित कक्षाएं भी लगाना शुरू कर दीं। आरोपी बिलासपुर जिला के घुमारवीं के रहने वाला है। इसने जिस नाम के सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ की वह एक छात्रा का है। मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने इसे कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। वहीं, इसके खिलाफ लक्कड़ बाजार चौकी में शिकायत दर्ज करवाई गईं है जिसके आधार पर पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है।

पुलिस की छानबीन में एक हैरान करने वाली बात सामने आई है। छात्र के परिवार से अधिकतर डॉक्टर के पेशे में है जिसके चलते परिवार वालों ने छात्र पर डॉक्टर बनने का दबाव बनाया है और इसका नतीजा ये हुआ कि न चाहते हुए भी छात्र ने फर्जी दस्तावेज बनाकर एमबीबीएस में एडमिशन ली। जिसके लिए छात्र के साथ-साथ परिवार भी काफी हद तक ज़िम्मेदार है।

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गुस्सा दिमाग ही नहीं दिल और पेट भी करता है खराब, क्या है नुकसान जानें

गुस्सा ऐसी चीज है जो आपके रिश्तों को तो खराब करता ही है लेकिन इससे भी खतरनाक ये है कि ये आपके शरीर को भी बीमार करता है। गुस्से से दिमाग तो खराब होता ही है लेकिन इसके साथ ही दिल औऱ पेट भी खराब होता है। जी हां, ये कोई मजाक नहीं बिलकुल सच है।

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बाल्टीमोर के जॉन हॉपकिंस अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर इलन शोर विटस्टीन का कहना है कि गुस्से या हताशा में शरीर के न्यूरो हॉर्मोनल सिस्टम पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है जो इमरजेंसी तक पहुंचा सकता है और लंबे समय में इंसान की मौत तक हो सकती है। गुस्सा हमारे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से नर्वस सिस्टम तक को प्रभावित करता है।

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गुस्से से शरीर के हर हिस्से पर क्या असर पड़ता है हम आपको बताते हैं …

बीपी बढ़ना और नसों में सिकुड़न : ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के विशेषज्ञ डॉक्टर विटस्टीन कहते हैं- गुस्सा धमनियों को संकुचित करता है। पहले से कोई कार्डियोवस्कुलर बीमारी जैसे हाई बीपी या हाई कोलेस्ट्रॉल है तो दिल का दौरा पड़ सकता है। गुस्से से बीपी बढ़ने, नसों के सिकुड़ने के साथ इम्यून सिस्टम से पचाने वाले सेल निकलते हैं। यह सब एक साथ होता है। इससे धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं।

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याददाश्त होने लगती है कमजोर : गुस्से में दिमाग सही फैसले नहीं कर पाता। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में मनोरोग और बिहेवियरल न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर डॉक्टर रोयसे ली कहते हैं- किसी खास वजह से उत्तेजित होने पर दिमाग कुछ कर दिखाने के लिए भी प्रेरित करता है। इंसान गुस्से में वह कह और कर जाता है, जिसे वह पसंद नहीं करता। गुस्से में याददाश्त कमजोर होती है। किसी चीज पर केंद्रित नहीं हो पाते।

खाना नहीं पचता-भूख लगना बंद : भावनाओं और पेट का गहरा संबंध है। गुस्से की वजह से गैस्ट्रो की समस्या होने लगती है। खाना पचता नहीं है। कब्ज रहने लगता है। डॉक्टर एटिनजिन कहते हैं- गुस्से में पेट की मांसपेशियां ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं। कई बार आंते अपनी जगह से हट जाती हैं। इससे डायरिया तक हो सकता है। कई बार गुस्से की वजह से पेट में मरोड़ भी पड़ने लगते हैं। कई बार भूख लगना बंद हो जाती है।

 

ध्यान, प्राणायाम से खुद को रखें फिट : येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में क्लिनिकल मनोविज्ञानी और प्रोफेसर डॉक्टर वीलियम बर्ग कहते हैं- गुस्सा रोक पाना हमेशा संभव नहीं होता, लेकिन हम इसे कम कर सकते हैं। ध्यान, प्राणायाम के साथ खुद को फिट रखें और पूरी नींद लें। इससे आपको गुस्सा कम आएगा और आप स्वस्थ रह पाएंगे।

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सर्दियों में मूली खाने के फायदे अनेक, जल्‍दी नहीं आएंगे सर्दी-खांसी की चपेट में

कुछ लोग सर्दियों में मूली इसलिए नहीं खाते कि इसकी तासीर ठंडी होती है पर सर्दी के मौसम में मूली जरूर खाएं। इसको खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। यह सीजनल सब्जी है और अधिक फायदा करती है क्योंकि सीजनल सब्जी खाने के लिए डॉक्टर भी सलाह देते हैं। इसके अलावा सर्दी के मौसम में गाजर, चुकंदर और टमाटर के साथ मूली का सेवन भी जरूर करें। हम आपको मूली खाने के कुछ फायदों के बारे में बताते हैं।

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मूली खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे आप जल्‍दी सर्दी-खांसी की चपेट में नहीं आएंगे। इसका सेवन करने से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। इसमें मौजूद एंथेसरइनिन होता है जो दिल की बीमारी के स्‍तर को कम करता है। मूली का ठंड में सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही डाइजेशन आसानी से होता है।

डायबिटीज के मरीज भी मूली का सेवन कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर की मात्रा को कम करती है। हालांकि हाई ब्लड शुगर होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए। या डॉक्टर की सलाह से ही सेवन करें। शारीरिक थकान होने पर मूली का रस पीना फायदेमंद है। इसे गरम कर इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर गर्म पानी से गरारे करें। इससे काफी आराम मिलता है। वहीं, गले में आ रही सूजन भी कम हो जाएगी। मूली का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसका कारण यह है कि इसमें कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है।

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अगर आप अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं तो ठंड में मूली का सेवन जरूर करें।अगर आपको भूख नहीं लगती है तो मूली का सेवन करें। इससे भूख बढ़ती है। मूली का नियमित सेवन करने से किडनी और लिवर भी स्वस्थ रहते हैं। अपच की समस्या भी दूर होती है। दांत अधिक पीले हो रहे हैं तो मूली के छोटे-छोटे टुकड़े कर उन पर नींबू का रस डाले और दांतों पर घिसे। इससे पीलापन खत्म हो जाएगा।

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