सुक्खू बोले – राहुल गांधी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही
शिमला। राहुल गांधी को मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद कांग्रेस देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। शिमला में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने इसके खिलाफ विधानसभा परिसर में बाजू में काली पट्टियां बांधकर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में सीएम व कांग्रेस के सभी विधायक व मंत्री शामिल हुए।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राहुल गांधी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ये दर्शाने की कोशिश की जा रही है की उन्होंने गलत कहा है। राहुल गांधी ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा निकाली है। उनके परिवार ने लोकतंत्र की एकता अखंडता के लिए योगदान दिया है। उनके खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
शिमला। सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाने के बाद जमानत दी है जिसको लेकर विपक्षी दल भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गया है। गुरुवार को विधानसभा बजट सत्र में भी इसे लेकर भाजपा ने सदन में जमकर हंगामा किया।
भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले को सदन में उठाया जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में काफी देर तक बहस बाजी हुई। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने इसे कार्यवाही से हटा दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि राहुल गांधी सदन के सदस्य नहीं है ऐसे में उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं को हर जगह राहुल गांधी नजर आता है। जिस ढंग से राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक पदयात्रा की है उससे राहुल गांधी जमीन से जुड़े हुए नेता के रूप में उभरे हैं।
इस बात से भाजपा के नेता परेशान हैं और कोई भी मौका उन पर टिप्पणी करने का नहीं छोड़ रहे हैं और हर चीज में फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। मामला कोर्ट का है और सदन में इसको लेकर चर्चा करना ठीक नहीं है।
शिमला। उत्तर भारत सहित हिमाचल में मंगलवार को आए भूकंप के झटकों के बाद नगर निगम शिमला भी अलर्ट हो गया है। नगर निगम ने शहर की कई बिल्डिंग को खाली करने के नोटिस जारी किए हैं जो डेंजर जोन में हैं। क्योंकि भूकंप के लिहाज से शिमला शहर बहुत संवेदनशील है और अधिकतर इमारतें भूकंप रोधी नहीं हैं। अगर कोई बड़ा भूकंप आता है तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती है।
नगर निगम के आर्किटेक्ट प्लानर मेहबूब शेख का कहना है कि शिमला में कई बिल्डिंग खाली करने के नोटिस दिए गए हैं। बावजूद इसके अभी तक ये खाली नहीं की गई हैं। निगम प्रशासन अब इन मकान मालिकों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले शहर में भूकंप के झटकों ने यह साबित कर दिया है कि यह स्थिति दोबारा से बनेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला के दो सिंकिंग जोन में रिज, ग्रैंड होटल, लक्कड़ बाजार, सेंट्रल स्कूल, ऑकलैंड नर्सरी स्कूल, धोबी घाट, कृष्णानगर और होटल क्लार्क्स के आसपास के इलाके शामिल हैं। जहां पर कोई नई बिल्डिंग बनाना खुद विनाश को न्योता देना है।
बता दें कि 25,000 की आबादी के लिए स्थापित शिमला शहर में अब 2.3 लाख लोगों के रहने का अनुमान है। इमारतों को बनाने के लिए 70 डिग्री तक की ढलानों पर अनुमति दी गई है। शिमला भूकंपीय क्षेत्र IV में है। भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में होने के बाद भी यहां लापरवाही जारी है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2017 में शिमला के मुख्य और हरित क्षेत्रों में बिल्डिंग बनाने समेत सभी निर्माण पर प्रतिबंध लगाया था।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में नशे की समस्या से निपटने के लिए पुलिस, गृह और विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के तस्करों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून में आवश्यक संशोधन कर दोषियों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के दृष्टिगत नशे की आपूर्ति शृंखला को तोड़ने और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए विशेष कार्य बल (स्पेशल टास्क फोर्स) का भी गठन किया जाएगा।
सुक्खू ने कहा कि नशे की बुराई पर रोक तथा नशीले पदार्थों के कारोबार पर निगरानी के लिए प्रिवेंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टान्सिज एक्ट के अंतर्गत एक सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के आदी लोगों की मदद करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए राज्य में एक आधुनिक नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा। इन केंद्रों के माध्यम से उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र कुशल सहायक कर्मचारियों के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे।
उन्होंने कहा कि नशे की बुराई समाज के समक्ष एक बड़ी चुनौती है और दोषियों को शीघ्र पकड़ कर उनके विरुद्ध कानून के तहत त्वरित आधार पर मामला दर्ज करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने तथा खुफिया सूचनाओं को साझा करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से एक प्रभावी तंत्र विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे और केंद्रीय कानून में आवश्यक संशोधन का भी आग्रह किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने नशीले पदार्थों के सेवन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इनके दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में इस समस्या से निपटने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को इस बुराई पर अंकुश लगाने और युवा पीढ़ी को ड्रग माफिया से बचाने के लिए उचित उपाय करने के भी निर्देश दिए।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, विधि सचिव शरद कुमार लगवाल और पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
वाटर सेस को व्यवहारिक रूप से लागू करने को बताया कठिन
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने गारंटियों को लेकर कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है। 300 यूनिट बिजली देने की बात कांग्रेस ने की थी, लेकिन अब इन गारंटियों को पांच साल में पूरा करने को कह रहे हैं यह तब होगा जब इनकी सरकार चलेगी क्योंकि कांग्रेस सरकार ने ऐसी परिस्थितियां निर्मित कर दी हैं जिससे इनके खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है जिसके लिए भाजपा जिम्मेदार नहीं है।
वहीं, वाटर सेस बिल का समर्थन करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि वाटर सेस हरियाणा और पंजाब के पानी पर नहीं है। इसे समझने में कोई गलती हुई है, लेकिन सरकार ने जो यह निर्णय लिया है इसे लागू करना व्यवहारिक नहीं है क्योंकि जिन राज्यों ने इसे लागू किया है वहां भी लंबे समय से यह पेचीदगियों में फंसे रहे हैं। ऐसे में हिमाचल में इसे कैसे लागू होगा इन प्रश्नों का सरकार को जवाब देना होगा। इसके लागू होने से छोटे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ेगा।
इसके अलावा राहुल गांधी को सज़ा के मामले पर जयराम ठाकुर ने कहा कि कोर्ट ने राहुल गांधी को सज़ा और जमानत दी है। इससे पहले भी राहुल गांधी और उनका परिवार अनेक मामलों में जमानत पर चल रहा है। आज जब सज़ा का फ़ैसला हुआ है तो सदन में इसका जिक्र होने से कांग्रेस सरकार को क्या आपत्ति है यह तो कोर्ट का निर्णय है। कांग्रेस बेवजह भाजपा को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहरा रही है।
शिमला। पंजाब और हरियाणा के हिमाचल सरकार द्वारा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर वाटर सेस लगाने के विरोध पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में वक्तव्य दिया और कहा कि पंजाब-हरियाणा के मुख्यमंत्री से वाटर सेस मामले में बात करेंगे।
पंजाब-हरियाणा सरकार के सामने गलत तरीक़े से पेश किया गया है। पानी राज्य का विशेषाधिकार है और उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर हिमाचल सरकार ने भी वाटर सेस लगाया है जिससे किसी भी तरह से पंजाब और हरियाणा के पानी के अधिकारों व अन्य कानूनों पर कोई असर नहीं होगा।
वहीं विपक्ष के 300 यूनिट बिजली और अन्य कांग्रेस की मेनिफेस्टो गारंटी को लागू न करने पर के आरोपों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 5 साल के लिए गारंटी दी है जिसे चरणबद्ध तरीके से 4 वर्ष के भीतर ही पूरा किया जाएगा और सभी गारंटी कांग्रेस सरकार पूरा करेगी।
उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा होने के मामले को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजनीतिक चाल बताया है। गांधी वह परिवार है जिसने देश की एकता अखंडता के लिए दादी और पिता को खोया है।
भाजपा को राहुल गांधी में वह अक्स के रूप में नजर आते हैं इसलिए राहुल गांधी पर झूठे आरोप को सत्य बनाने की कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी इन हथकंडों से घबराने वाले नहीं हैं। राहुल गांधी सुलझे हुए नेता हैं। हिमाचल कांग्रेस विधायक दल उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
ऊना। जिला ऊना की बंगाणा तहसील में एक पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। पटवार सर्कल थानाकलां के पटवारी विनोद कुमार पुत्र रोशन लाला निवासी हथलौण डा. हटली तहसील बंगाणा जिला ऊना को 6,000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ विजिलेंस टीम ऊना ने पकड़ा है।
शिकायतकर्ता स्वर्ण सिंह ने शिकायत की थी कि आरोपी विनोद कुमार जमीन की तकसीम के बदले रिश्वत की मांग कर रहा है। इस शिकायत पर विजिलेंस टीम ऊना द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई। टीम ने पटवारी को रंगे हाथ रिश्वत लेते धरा है।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 07 के अंतर्गत अभियोग दर्ज किया गया है व आगामी अन्वेषण जारी है। विजिलेंस टीम का नेतृत्व एडिशनल एसपी धर्म चंद वर्मा द्वारा किया गया। टीम में इंदू देवी, जसवीर चंद, सुमन बाला आदि शामिल रहे।
धर्मशाला। कांगड़ा जिले में अप्रैल माह में बीपीएल सूचियों की समीक्षा की जाएगी। इस दौरान ग्राम सभा की बैठक में सूचियों में नाम जोड़ने-हटाने का कार्य किया जाएगा। डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने इसे लेकर सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को प्रत्येक ग्राम पंचायत की बीपीएल सूची की समीक्षा अप्रैल माह में होने वाली ग्राम सभा की बैठक में करवाना सुनिश्चित करने को कहा है।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि सभी बीडीओ को अप्रैल में होने वाली ग्राम सभा की बैठक से पहले तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर घर-घर जाकर प्री-सर्वे कराने को कहा गया है। इससे बीपीएल सूची की समीक्षा में पारदर्शिता तय होगी। इस कमेटी में पंचायत सचिव, पटवारी तथा बीडीओ की ओर से नामित एक स्थानीय व्यक्ति शामिल रहेंगे।
डीसी ने लोगों से प्री सर्वे के लिए बनी कमेटी को सही जानकारी देने तथा बीपीएल सूचियों को त्रुटिहीन बनाने में सक्रिय सहयोग का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कई बार बीपीएल सूची को लेकर लोगों की शिकायत रहती है। इसके निदान के लिए आवश्यक है कि लोग ग्राम सभा की बैठक में अवश्य भाग लें तथा समीक्षा प्रक्रिया के भागीदार बनें।
उन्होंने कहा कि ग्राम सभा की बैठक के आयोजन से पूर्व की अवधि में लोग बीपीएल सूचियों में नाम जोड़ने-हटाने को लेकर पंचायत अथवा ब्लॉक में एप्लीकेशन भी दे सकते हैं।
27 मार्च को लिए जाएंगे पात्र युवाओं के साक्षात्कार
देहरा। कांगड़ा जिला में नौकरी के तलाश में जुटे युवाओं के लिए बढ़िया खबर है। सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड, आरटीए झबोला, जिला बिलासपुर द्वारा पुरुष उम्मीदवारों के सिक्योरिटी सुपरवाइजर और सिक्योरिटी गार्ड के 150 पद भर जाने हैं। इन पदों के लिए उप रोजगार कार्यालय देहरा में 27 मार्च को पात्र युवाओं के साक्षात्कार लिए जाएंगे।
क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी, धर्मशाला शम्मी शर्मा ने बताया कि साक्षात्कार प्रातः 10.30 बजे से आरंभ होंगे। उन्होंने बताया कि इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास, कद 168 सेंटीमीटर से अधिक, भार 55 किलोग्राम से 95 किलोग्राम तथा आयु 21 वर्ष से 37 वर्ष रखी गई है।
क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी ने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों को कंपनी द्वारा प्रतिमाह 15,500 से 18,000 वेतनमान दिया जाएगा व उनका कार्यस्थल सोलन, शिमला, ऊना, बद्दी, स्पिति, परमाणु तथा चंडीगढ़ रहेगा।
इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित तिथियों को अपने मूल प्रमाण पत्रों एवं अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ उप रोजगार कार्यालय देहरा में साक्षात्कार में भाग ले सकते हैं। उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार का यात्रा भत्ता देय नहीं होगा। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 7807222237 पर संपर्क किया जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में नाहन से करीब 23 किलोमीटर दूर शिवालिक पहाड़ियों के बीच महामाया बालासुंदरी का भव्य एवं दिव्य मंदिर त्रिलोकपुर नामक स्थल पर स्थित है। करीब 450 साल पुराने इस ऐतिहासिक शक्तिधाम से हिमाचल सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित उत्तर भारत के लाखों लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं।
महामाया बालासुंदरी के मंदिर के इतिहास की बात करें तो जनश्रुति के अनुसार त्रिलोकपुर महामाया बालासुंदरी मंदिर की स्थापना सन् 1573 (तिहतर) यानि सोलवीं सदी में तत्कालीन सिरमौर रियासत के राजा प्रदीप प्रकाश ने की थी। कहा जाता है कि सन् 1573 ईसवी के आसपास सरमौर जिले में नमक की कमी हो गई थी। ज्यादातर नमक देवबंद नामक स्थान से लाना पड़ता था। देवबंद वर्तमान में उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर का ऐतिहासिक कस्बा है।
कहा जाता है कि लाला राम दास सदियों पहले त्रिलोकपुर में नमक का व्यापार करते थे, उनकी नमक की बोरी में माता देवबंद से यहां आई थी। भगत राम दास की दुकान त्रिलोकपुर में पीपल के वृक्ष के नीचे हुआ करती थी। कहते हैं कि भगत राम दास देवबंद से लाया नमक विक्रय करते गए किन्तु काफी समय के बाद भी नमक समाप्त होने में नहीं आया। भगत जी को नमक के विक्रय से काफी धन प्राप्त हुआ, किन्तु नमक समाप्त नहीं हो रहा था। इससे भगत राम दास जी अचंभित हो गए।
भगत जी उस पीपल के वृक्ष के नीचे सुबह-शाम दिया जलाते थे और पूजा-अर्चना करते थे। इसी बीच माता बालासुंदरी ने प्रसन्न होकर एक रात्रि भगत जी को सपने में दर्शन दिए और कहा कि भक्त मैं तुम्हारी भक्ति भाव से अति प्रसन्न हूं, मैं यहां पीपल वृक्ष के नीचे पिंडी रूप में विराजमान हूं, तुम मेरा यहां पर भवन बनवाओ। मां बालासुसंदरी के दिव्य दर्शन के उपरांत भगत जी को भवन निर्माण की चिंता सताने लगी।
स्वपन में भगत जी ने माता का आह्वान किया और विनती की कि इतने बड़े भवन निर्माण के लिए मेरे पास सुविधाओं व धन का अभाव है। उन्होंने माता से आग्रह किया कि आप सिरमौर के महाराज को भवन निर्माण का आदेश दें। माता ने तत्कालीन सिरमौर नरेश राजा दीप प्रकाश को सोते समय स्वपन में दर्शन देकर भवन निर्माण का आदेश दिया। सिरमौर नरेश प्रदीप प्रकाश ने तुरंत जयपुर से कारीगरों को बुलाकर भवन निर्माण का कार्य पूरा किया।
हालांकि मां बाला सुंदरी के नमक की बोरी में देवबंद से त्रिलोकपुर आने की किवदंती अधिक प्रचारित है, लेकिन मंदिर परिसर में सूचना बोर्ड में उद्वृत इतिहास, एक दूसरी किवदंती की जानकारी को भी उल्लेखित करता है।
दूसरी किवदंती के अनुसार भगत लाला राम दास के घर के सामने पीपल का पेड़ था। वो वहां पर हर रोज जल चढ़ाया करते थे। एक दिन भयंकर तूफान आया और पीपल का पेड़ उखड़ गया। उस पेड़ के नीचे के स्थान से एक पिंडी प्रकट हुई। रामदास पिंडी को उठाकर घर लाए और पूजा अर्चना करने लगे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें स्वपन में दिव्य दर्शन दिए और मंदिर बनवाने के लिए कहा। भगत लाला राम दास जी ने स्वपन की चर्चा सिरमौर नरेश से की जिन्होंने श्रद्धापूर्वक त्रिलोकपुर मंदिर बनवाया।
मंदिर का दो बार सन् 1823 में राजा फतेह प्रकाश तथा सन् 1851 (इकावन) में राजा रघुवीर प्रकाश के शासन में जीर्णोद्धार किया गया था। इस प्रकार सदियों से माता बालासुंदरी धाम त्रिलोकपुर में चैत्र और अश्विनी मास के नवरात्रों में मेले का आयोजन किया जाता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु हिमाचल के अलावा साथ लगते हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से टोलियो में मां भगवती के दर्शन करने आते हैं।
वर्तमान में यह स्थल धार्मिक पर्यटन के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर उभर चुका है। मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लंगरों का आयोजन किया जाता है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के ठहराव के लिए यात्रि निवास और सराय आदि उपलब्ध हैं। इसके अलावा सुरक्षा, स्वास्थ्य व अन्य जरूरी व्यवस्थायें भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। भक्तों का मां बालासुंदरी पर अटूट विश्वास और श्रद्धा है। त्रिलोकपुर स्थित शक्ति धाम में माता त्रिपुरी बालासुंदरी साक्षात रूप में विराजमान है। यहां पर की गई मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं भगतों सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
त्रिलोकपुर स्थित माता बालासुंदरी मंदिर में हर वर्ष दो बार चैत्र और अश्वनी मास के नवरात्र के अवसर पर नवरात्र मेलों का आयोजन किया जाता है। चैत्र नवरात्र के अवसर पर होने वाले मेले को यहां बड़ा मेला और अश्वनी मास के नवरात्र पर होने वाले मेले को छोटा मेला कहा जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र का मेला 22 मार्च से 6 अप्रैल, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।