शिमला। हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल के 1200 पदों पर भर्ती होनी है। इन 1200 पदों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण मिल सकता है। सुक्खू सरकार इसको लेकर विचार कर रही है। अगर 30 फीसदी आरक्षण मिलता है तो महिलाओं से करीब 360 पद भरे जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इस बात का ऐलान किया है।
सचिवालय परिसर में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर महिला पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलकार न चले तो उन्नति में कमी रह जाती है। हिमाचल पुलिस कांस्टेबल के 1200 पदों पर भर्ती होगी। सरकार विचार कर रही है कि इन पदों में महिला पुलिस को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाए।
कर्ज को लेकर विपक्ष के हमलों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 4400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। सरकार 1200 करोड़ रुपए कर्ज ले ही नहीं सकती है, क्योंकि कर्ज की लिमिट ही 6600 करोड़ रुपए है।
हिमाचल में पानी और पर्यटन से आय के साधन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल में हुए घोटाले अब सामने आ रहे हैं। क्रिप्टो करंसी घोटाला, कर्मचारी चयन आयोग भर्ती घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला पूर्व सरकार की देन है।
हमारी सरकार पूर्व सरकार के घोटालों की जांच कर रही है और जनता के जो पैसे फंसे हैं, उन्हें भी लौटाने का प्रयास कर रही है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार वाइल्ड फ्लावर हॉल के मामले पर अपना पक्ष मजबूती के साथ रख रही है, जिसमें हिमाचल के हितों को वरीयता के आधार पर रखा गया है।. पोस्ट कोड 817 में न्यायालय का फैसला आ गया है। अब उन युवाओं को हम रोजगार देने जा रहे हैं।
होटल कारोबारी और डीजीपी मामले में सीएम ने कहा कि कानून की नजर में सब बराबर हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में विचाराधीन होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को लेकर प्रदेश सरकार बनाम ओबरॉय ग्रुप मामले में अगली सुनवाई अब 24 नवंबर को होगी। इससे पहले बीते शनिवार को कोर्ट के ऑर्डर के बाद प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन तब सरकार के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर रोक लगा दी और सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख दी थी।
ओबरॉय ग्रुप के वकील राकेश्वर लाल सूद ने बताया कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मामले पर आज सुनवाई हुई, जिसमें सरकार की ओर से दिल्ली से वकील ने वर्चुअली अदालत में सरकार का पक्ष रखा और अदालत से समय मांगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 24 नवंबर की तारीख दी है, जिसमें सरकार की तरफ से वकील अपना पक्ष रखेंगे।
शिमला। हिमाचल सरकार जल्द बाहरी राज्यों से प्रदेश में पर्यटकों को लेकर आने वाले वाणिज्यिक वाहनों के बढ़ाए हुए टैक्स को कम करने का फैसला लेगी। हिमाचल के पर्यटन व्यवसायियों के साथ कमर्शियल वाहन यूनियन लगातार टैक्स को कम करने की मांग कर रही है, जिसका सीधा असर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ा है। सरकार ने हाल ही में बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर टैक्स बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि बढ़े हुए टैक्स को लेकर सरकार जल्द ही फैसला लेगी। भाजपा द्वारा आपदा राहत पैकेज को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए नरेश चौहान ने बताया कि भाजपा आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सरकार द्वारा घोषित पैकेज से परेशान है।
मुख्यमंत्री ने राजनीति से ऊपर उठकर सभी प्रभावितों के लिए राहत पैकेज घोषित किया है। यदि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को इसमें कोई गड़बड़ दिखती है तो लिखकर मुख्यमंत्री को शिकायत दें।
प्रदेश सरकार पर आरोप लगाने वाले भाजपा के बड़े नेता केंद्र सरकार से आपदा से निपटने के लिए राहत पैकेज नहीं दिला पाए। केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए विपक्ष के नेता इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार के द्वारा घोषित किए विशेष आपदा पैकेज को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार ने केंद्र के द्वारा दी गई सहायता और स्वीकृत योजनाओं के पैसे को राहत पैकेज में समाहित कर लोगों को झांसा देने का प्रयास किया है। विपक्ष इस सच्चाई को जनता के बीच ले जाकर सरकार के झूठ को बेनकाब करेगा।
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद शिमला लौटे जयराम ठाकुर ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि विपक्ष ने आपदा में राजनीति को दरकिनार कर मदद की कोशिश की है, लेकिन सुखविंदर सुक्खू सरकार केंद्र के सहयोग को दरकिनार कर सरकार ने केंद्र के खिलाफ मुहिम चला रखी है।
केंद्र सरकार अभी भी प्रदेश को मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में भी सरकार पक्षपात कर रही है। जहां से कांग्रेस को वोट नहीं मिले, उन क्षेत्रों को अनदेखा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में आपदा के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की। पैकेज में एक हजार करोड़ मनरेगा के पैसे की बात कही गई, जो केंद्र से आता है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6500 घर बना रही है, उसे भी सुक्खू सरकार ने पैकेज का हिस्सा बना दिया।
एनडीआरएफ से जो मदद का पैसा मिला और आपदा राहत कोष में 225 करोड़ जो लोगों ने दिया उसे भी पैकेज में शामिल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में सरकार ने लोगों को गुमराह करने की परंपरा की नई शुरुआत कर दी है। प्रदेश सरकार लोगों को मदद दे पा रही है तो उसमें केंद्र का बहुत बड़ा योगदान है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहत में ब्लॉक स्तर पर अपने लोगों को फायदा देने के लिए सूचियां बनाई जा रही हैं। ये राहत प्रभावितों को मिलनी चाहिए न कि दल विशेष के लोगों को। इससे बड़ा कोई पाप नहीं होगा।
वहीं, प्रदेश में बढ़े सीमेंट के दाम को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि दस महीने में चार बार सीमेंट के दाम बढ़ गए हैं। कांग्रेस विपक्ष में रहते सीमेंट के दाम को लेकर हल्ला करती थी, लेकिन अब दामों में लगातार वृद्धि की जा रही है। सरकार इस पर लगाम लगाने में नाकाम है।
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट में सोमवार को डिप्टी सीएम और 6 सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती के मामले में सुनवाई हुई। डिप्टी सीएम की नियुक्ति के मामले में बहस के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। साथ ही सीपीएस मामले में अगली सुनवाई 4 नवंवर को होगी।
इससे पहले 10 अक्टूबर को हिमाचल हाईकोर्ट ने सीपीएस की नियुक्तियों के मामले में सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया था। सुक्खू सरकार ने सीपीएस नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। सरकार की दलील थी कि सभी याचिकाएं हाईकोर्ट के नियमों के अनुसार दायर नहीं की गई हैं।
कोर्ट ने सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया था। इसका मतलब यह था कि डिप्टी सीएम और 6 सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती के मामले में दायिर याचिका मेंटेनेबल है और आगे बढ़ाने योग्य हैं।
बता दें कि सीपीएस नियुक्ति को लेकर सतपाल सत्ती एवं 11 अन्य विधायकों ने हाईकोर्ट इनकी नियुक्ति को चुनौती दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाया गया है। असम और मणिपुर में भी ऐसे ही मामले को लेकर पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जा चुका है।
फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने सीपीएस को नियुक्ति को अवैध और असंवैधानिक माना था। इसको आधार बनाते हुए विधायक सतपाल सत्ती और अन्य विधायकों के माध्यम से सीपीएस की नियुक्तियों को चैलेंज किया है।
शिमला। हिमाचल में सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या के आंकड़े ने सरकार और शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ा दी है। निजी स्कूल, सरकारी स्कूलों को पछाड़ने के करीब पहुंच गए हैं। बुधवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा सौंपी रिपोर्ट के अनुसार सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या का अंतर सिर्फ दो फीसदी रह गया है।
हिमाचल सरकारी स्कूलों में 46 फीसदी और प्राइवेट स्कूलों में 44 फीसदी छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हिमाचल में मॉडल स्कूल विकसित करके इस समस्या से निजात पाने का सुझाव सरकार के पास पहुंचा है। इन स्कूलों में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ और बिल्डिंग सहित हर सुविधा होगी।
दो तीन साल में इनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा। इन स्कूलों में हाई क्वालिफाई और हाईटैक टीचर होंगे और आईटी क्लास रूम आदि होंगे। अब यह कदम कितना कारगर साबित होता है यह तो भविष्य की बात है, लेकिन वर्तमान में छात्रों का सरकारी स्कूलों में भंग होता मोह चिंतनीय है।
बता दें कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जाए इसको लेकर शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट कैबिनेट बैठक में सौंपी। शिक्षा विभाग ने मॉडल स्कूल स्थापित करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में प्राइमरी, मिडल और हाई स्कूलों को मॉडल स्कूलों में विकसित करने का जिक्र है।
17 दिसंबर के स्टेट लेबल का मनाया जाएगा पेंशनर दिवस
शिमला।हिमाचल प्रदेश पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से पेंशनर्स की देनदारियों को जल्द देने की मांग की है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मुलाकात कर पेंशनर्स के मसलों को हल करने के लिए जेसीसी गठन की मांग की है।
हिमाचल प्रदेश पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आत्मा राम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्द जेसीसी का गठन करने की बात कही है। उन्होंने मांग की है कि छठे वेतन आयोग के लाभ का बकाया 80 फीसदी पेंशनभोगियों को दिया जाए।
महंगाई भत्ते (डीए) की 8 फीसदी किस्त लंबित है। आगे त्योहार आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही पेंशनर और कर्मचारियों को डीए की किस्त देगी। 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए पेंशनर की पेंडिंग मामलों का जल्द निपटारा किया जाए। सात हजार के करीब पेंडिंग केस हैं।
एसोसिएशन की मांग है कि हर जिले में डीसी के साथ जेसीसी की बैठक होने की मांग थी, मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस बारे आदेश दे देंगे। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 11 करोड़ 30 लाख दिया है। आगे भी मदद की जरूरत होगी, दो एसोसिएशन दान देगी।
उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर को पेंशनर दिवस स्टेट लेबल पर मनाया जाएगा। इसमें मुख्यातिथि सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे। कहां आयोजित किया जाएगा, जल्द निर्णय लिया जाएगा।
सत्ता प्राप्ति के लिए बेरोजगार युवकों को दीं झूठी गारंटियां
शिमला। वर्तमान सरकार के कार्यकाल को एक साल होने को आया है, एक लाख तो क्या एक नौकरी भी वर्तमान कांग्रेस सरकार ने नहीं दी है, लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के पुण्य दिवस पर 1850 कर्मियों की नौकरियां छीन ली हैं। यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कही।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कोरोना वॉरियर्स के साथ धोखा किया है। पूर्व भाजपा सरकार में कोरोना से लड़ने के लिए युवक और युवतियों को भर्ती किया गया था, जिन्होंने भयावह वायरस से लड़ते हुए रोगियों की सेवा की। जिन कोविड रोगियों को उनके परिवारजन भी हाथ नहीं लगाते थे, उनकी सेवा करते हुए अपने जीवन को खतरे में डाला।
ऐसे कोरोना वॉरियर्स को नौकरी से निकालने का निंदनीय कार्य कांग्रेस सरकार ने किया है। भारतीय जनता पार्टी 1850 युवकों को नौकरी से निकालने की कड़े शब्दों में निंदा करती है और प्रदेश की सरकार से यह कहना चाहती है कि इन सभी को अविलंब नौकरी पर लें और एक लाख बेरोजगारों को इसी साल के अंतर्गत सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाएं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता प्राप्ति के लिए बेरोजगार युवकों को झूठी गारंटियां दीं। घर-घर में जाकर घोषणा की कि कांग्रेस की सरकार बनते ही एक लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरी देंगे। उसकी व्याख्या की कि हिमाचल प्रदेश में 67 हजार पद खाली हैं और 33 हजार पद हम नए सृजित करेंगे।
इस प्रकार एक लाख बेरोजगारों को पहली कैबिनेट में सरकारी नौकरी देने का वादा किया। यह गारंटी चुनाव के वक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व सभी कांग्रेस के नेताओं ने घर-घर जाकर दीं।
शिमला। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार सेब विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि एक जगह सेब बागवान परेशान हैं और सरकार इनको और ज्यादा परेशान करने का काम कर रही है, जिस सेब बागवान ने अपने खराब सेब अस्थाई नाले में परवाह करने का कार्य किया, इस नकारात्मक सरकार ने उस बागवान को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से एक लाख का जुर्माना लगा दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार स्पष्ट करे, सेब में ऐसे कौन से केमिकल होते हैं, जिसके कारण प्रदूषण फैलने का खतरा होता है। अगर तुलना की जाए तो अनेकों प्रकार के खाद्य पदार्थ हैं, जो खराब होने के बाद जगह-जगह फेंके जाते हैं, तो क्या उनको भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इसी प्रकार के जुर्माना लगाया जाता है। अगर यही मापदंड है तो सरकार के अनेकों उपक्रम भी इस दायरे में आते हैं, जिनको इस प्रकार की भारी पेनल्टी भरनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मौसम की मार से हिमाचल की 6,000 करोड़ की सेब आर्थिकी पर संकट गहरा गया है। बगीचों में पेड़ों से पत्ते झड़ गए हैं, जिसके चलते बागवानों को समय से पहले फसल तोड़नी पड़ रही है। आकार और रंग न सुधरने के कारण बागवानों को मंडियों में फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं।
हिमाचल में करीब साढ़े तीन लाख परिवार सेब आर्थिकी से जुड़े हैं। प्रदेश में 7,000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले बगीचों में सेब की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। 15 सितंबर के बाद जहां फसल टूटनी थी, वहां क्वालिटी न बनने के कारण बागवानों को निर्धारित समय से करीब दो हफ्ते पहले फसल तोड़नी पड़ रही है। इस साल सीजन की शुरूआत से ही सेब की फसल मौसम की मार से प्रभावित है।
सर्दियों में बर्फबारी कम होने के बाद असमय भारी बारिश से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। इस साल प्रदेश में सामान्य के मुकाबले करीब 35 फीसदी ही फसल है। उस पर बीमारियों ने बागवानों की कमर तोड़ दी है।
कश्यप का कहना है कि मौसम की मार से सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश के लाखों लोगों की आर्थिकी संकट में आ गई है। सेब उत्पादन की लागत लगातार बढ़ रही है और पैदावार घट रही है। सरकार को समय रहते गंभीर और प्रभावशाली कदम उठाने होंगे।