शिमला। हिमाचल सरकार जल्द बाहरी राज्यों से प्रदेश में पर्यटकों को लेकर आने वाले वाणिज्यिक वाहनों के बढ़ाए हुए टैक्स को कम करने का फैसला लेगी। हिमाचल के पर्यटन व्यवसायियों के साथ कमर्शियल वाहन यूनियन लगातार टैक्स को कम करने की मांग कर रही है, जिसका सीधा असर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ा है। सरकार ने हाल ही में बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर टैक्स बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि बढ़े हुए टैक्स को लेकर सरकार जल्द ही फैसला लेगी। भाजपा द्वारा आपदा राहत पैकेज को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए नरेश चौहान ने बताया कि भाजपा आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सरकार द्वारा घोषित पैकेज से परेशान है।
मुख्यमंत्री ने राजनीति से ऊपर उठकर सभी प्रभावितों के लिए राहत पैकेज घोषित किया है। यदि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को इसमें कोई गड़बड़ दिखती है तो लिखकर मुख्यमंत्री को शिकायत दें।
प्रदेश सरकार पर आरोप लगाने वाले भाजपा के बड़े नेता केंद्र सरकार से आपदा से निपटने के लिए राहत पैकेज नहीं दिला पाए। केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए विपक्ष के नेता इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटक बसों, टैम्पो ट्रेवलर व वाणिज्यिक पर्यटक वाहनों पर लगने वाले विशेष पथ कर (एसआरटी) व अन्य करों को कम करेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार एसआरटी के दृष्टिगत हाल ही में जारी की गई अधिसूचना को संशोधित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह बात वीरवार को ओक ओवर में शिमला होटल्ज़ एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से भेंट के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शीघ्र ही होम-स्टे नीति लाने जा रही है। प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है और सैलानियों की सुविधा के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए शीघ्र ही टूरिस्ट हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी और इसे 1100 हेल्पलाइन से जोड़ने पर भी विचार किया जाएगा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में सड़क संपर्क के साथ-साथ हवाई सेवाएं भी सुदृढ़ की जा रही हैं।
सभी जिलों को हेलीपोर्ट से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश सरकार शिमला में एक और हेलीपोर्ट के निर्माण पर भी विचार कर रही है। पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने से ही राज्य में पर्यटन गतिविधियों का विस्तार होगा और प्रति वर्ष 5 करोड़ पर्यटकों की आमद का लक्ष्य पूर्ण हो पाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश के पर्यटन गंतव्यों में पर्यटकों का अधिक दिन तक ठहराव हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों को वैश्विक स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है। इसी दिशा में अनेक नवोन्मेषी पहल की जा रही हैं। प्रदेशवासियों और पर्यटकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए चरणबद्ध तरीके से यू.वी./अल्ट्रा फिल्टरेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटन व्यवसायियों से आग्रह किया कि वे पर्यटन गतिविधियों में विद्युत चालित वाहनों का उपयोग सुनिश्चित कर प्रदेश को हरित राज्य बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। शिमला होटल्ज एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र सेठ ने मुख्यमंत्री को अपनी विभिन्न मांगों से अवगत करवाया।
शिमला।हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा सितंबर माह से टैक्स लगाया गया है, जिससे बाहरी राज्यों के ऑपरेटर प्रदेश में गाड़ियां नहीं भेज रहे हैं। ऐसे में अब बुकिंग कैंसिल हो रही है, जिससे पर्यटन कारोबार को नुकसान हो रहा है। इससे कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और होटल एसोसिएशन ने सरकार से टैक्स बढ़ाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने बताया कि सरकार के द्वारा 5 हजार प्रतिदिन का टैक्स लगाने से पर्यटकों की संख्या में काफी फर्क पड़ा है। बाहरी राज्यों से ग्रुप में पर्यटक हिमाचल आते हैं, लेकिन टैक्स लगाने से गुजरात व महाराष्ट्र के ट्रैवल एजेंट ने हिमाचल का बायकाट कर दिया है।
आने वाले फेस्टिवल सीजन में भी इसका बहुत ज्यादा फर्क पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे पत्र भी लिखा गया है, उम्मीद है कि सरकार इसे जल्द कम करेगी।
वहीं, शिमला टुअर एंड ट्रैवल एसोसिएशन ने भी प्रदेश सरकार से पर्यटक वाहनों पर लगाया गया टैक्स वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट बसों तथा टेम्पो ट्रैवलर पर लगाए गए नए टैक्स के कारण हिमाचल के पर्यटन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
गुजरात, बंगाल और महाराष्ट्र से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक ग्रुप में बसों तथा टेम्पो ट्रैवलर के द्वारा हिमाचल आते हैं, लेकिन सरकार ने सितंबर से जो नया टैक्स लगाया है, उससे टुअर ऑपरेटरों के लिए हिमाचल में ग्रुप लेकर आना घाटे का सौदा बन गया है।
ऐसे में अब बाहरी राज्यों के ऑपरेटर और टूर एंड ट्रेवल द्वारा हिमाचल में गाड़ियां नहीं भेजी जा रही हैं। हिमाचल सरकार द्वारा टेम्पो ट्रैवलर पर प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स लगाया गया है, जो काफी ज्यादा है।
टूरिस्ट किराए पर बाहरी राज्यों से दो-तीन दिन के लिए गाड़ियां बुक करवा कर आते हैं, ऐसे में यहां पर उन्हें प्रतिदिन 5000 देना पड़ेगा तो कोई भी पर्यटक हिमाचल नहीं आएगा। ऐसे में सरकार को इस फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए और जो टैक्स बढ़ाया गया है, उसे वापस लेना चाहिए।