सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने सरकार को दी चेतावनी
शिमला। आईजीएमसी शिमला (IGMC Shimla) के सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकालने व कोविड कर्मियों के मुद्दे पर सीटू से संबंधित आईजीएमसी कांट्रेक्ट वर्कर्ज यूनियन ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
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यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर नौकरी से निकाले गए सुरक्षा कर्मियों व कोविड कर्मियों को न्याय न मिला तो आंदोलन तेज होगा। इसका जिम्मेदार आईजीएमसी प्रशासन होगा।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि आईजीएमसी में राजनीति के चलते पिछले कई वर्ष से काम कर रहे सुरक्षा कर्मियों को निकाला गया है। नियमों को दरकिनार कर कंपनी को नए टेंडर दिए गए हैं। आईजीएमसी प्रबंधन की मिलीभगत से यह टेंडर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन निर्णायक मोड़ लेगा। IGMC से निकाले गए कर्मियों को शीघ्र वापस नहीं लिया गया तो गिरफ्तारियां भी दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मामले की जांच कर आरोपी अधिकारियों को सलाखों के पीछे डालने की मांग की है।
वहीं, आईजीएमसी (IGMC) सुरक्षा कर्मी यूनियन के पूर्व में प्रधान रहे बबलू ने कहा कि वह राजनीति का शिकार हुए हैं। कहा जा रहा है कि वे पूर्व एमएस जनक राज के आदमी हैं। उन्हें नौकरी से निकाले जाने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
महिलाओं को छोटे बच्चों के साथ मजबूरन यहां धरने पर बैठना पड़ रहा है, लेकिन आईजीएमसी (IGMC) प्रशासन सुध नहीं ले रहा है।
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