शिमला। हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल के 1200 पदों पर भर्ती होनी है। इन 1200 पदों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण मिल सकता है। सुक्खू सरकार इसको लेकर विचार कर रही है। अगर 30 फीसदी आरक्षण मिलता है तो महिलाओं से करीब 360 पद भरे जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इस बात का ऐलान किया है।
सचिवालय परिसर में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर महिला पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलकार न चले तो उन्नति में कमी रह जाती है। हिमाचल पुलिस कांस्टेबल के 1200 पदों पर भर्ती होगी। सरकार विचार कर रही है कि इन पदों में महिला पुलिस को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाए।
कर्ज को लेकर विपक्ष के हमलों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 4400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। सरकार 1200 करोड़ रुपए कर्ज ले ही नहीं सकती है, क्योंकि कर्ज की लिमिट ही 6600 करोड़ रुपए है।
हिमाचल में पानी और पर्यटन से आय के साधन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल में हुए घोटाले अब सामने आ रहे हैं। क्रिप्टो करंसी घोटाला, कर्मचारी चयन आयोग भर्ती घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला पूर्व सरकार की देन है।
हमारी सरकार पूर्व सरकार के घोटालों की जांच कर रही है और जनता के जो पैसे फंसे हैं, उन्हें भी लौटाने का प्रयास कर रही है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार वाइल्ड फ्लावर हॉल के मामले पर अपना पक्ष मजबूती के साथ रख रही है, जिसमें हिमाचल के हितों को वरीयता के आधार पर रखा गया है।. पोस्ट कोड 817 में न्यायालय का फैसला आ गया है। अब उन युवाओं को हम रोजगार देने जा रहे हैं।
होटल कारोबारी और डीजीपी मामले में सीएम ने कहा कि कानून की नजर में सब बराबर हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शिमला। हिमाचल क्रिप्टो करंसी स्कैम की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में अब यह खुलासा हुआ है कि मुख्य आरोपियों ने बड़े संयोजित तरीके से लोगों को क्रिप्टो में निवेश करने के लिए राजी किया। इस योजना को असली दिखाने के लिए मुख्य सरगना सुभाष शर्मा और अन्य ने साढ़े तीन करोड़ रुपए लोगों को विदेश ले जाने के लिए खर्च किए।
दो हजार से ज्यादा विदेश यात्राओं की बात सामने आई है। इसमें दुबई, थाईलैंड और बाकू आदि में लोगों को ले गए। आरोपी लोगों को अच्छी-अच्छी जगह ले गए और लोगों पर खूब खर्चा किया। लोगों को विश्वास दिलाया कि आप भी अगर इस योजना में निवेश करेंगे तो आपका भविष्य भी अच्छा होगा।
वहीं, बैंकिंग और टैक्स एजेंसियों की कार्यप्रणाली भी सवाल उठाने वाली है। पिछले करीब तीन साल से यह क्रिप्टो करंसी स्कैम चल रहा था, ऐसे में बैंकिंग और टैक्स एजेंसियां इसे पकड़ क्यों नहीं पाई। इसको लेकर भी हिमाचल डीजीपी संजय कुंडू ने केंद्रीय एजेंसियों को लिखा है।
शिमला में मीडिया से बातचीत में डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि ऐसा कैसा हो गया बैकिंग और टैक्स नेटवर्क में यह स्कैम आया नहीं। हालांकि, 50 हजार से ज्यादा जमा केश ऐसे नहीं जमा करवा सकते हैं।
अगर आपने मुनाफा कमाया है तो आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ जाता है। ऐसे कैसे हो गया कि हिमाचल में पिछले तीन चार से स्कैम चल रहा था और अढ़ाई हजार करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन था, बैंकिंग और टैक्स नेटवर्क इसका पता नहीं लगा पाया।
शिमला। हिमाचल में क्रिप्टो करंसी में बड़े स्कैम का मामला सामने आया है। मामला हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में भी उठा था। सरकार ने मामले में एसआईटी गठित की है। एसआईटी की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे मामले में हो रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने मामले से जुड़ी एक करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज की है। वहीं, जल्द ही मामले में पुलिस 5 करोड़ की एक अन्य संपति फ्रीज करने जा रही है। यह जानकारी हिमाचल के डीजीपी ने संजय कुंडू ने दी है।
डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने अपने स्तर पर क्रिप्टो करंसी स्कैम के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया है। डीआईजी नॉर्दन रेंज अभिषेक दुल्लर के नेतृत्व में SIT लगातार योजनाबद्ध तरीके से तफ्तीश कर रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक इस मामले में दो प्रमुख अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है और दोनों कस्टडी में हैं।
संजय कुंडू ने बताया कि मामले में करीब अढ़ाई लाख आईडी बने होने की बात पता चली है। इसमें हिमाचल और प्रदेश के बाहर के एक लाख लोगों ने ट्रांजैक्शन की है। डीजीपी ने बताया कि इस पूरे मामले में 2300 करोड़ की कुल ट्रांजैक्शन होने का अभी तक अनुमान है, जिसमें 400 करोड़ की देनदारियां बाकी हैं।
इसके अलावा बीती रात हिमाचल पुलिस ने क्रिप्टो करंसी स्कैम ले से जुड़ी एक करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज की है। इसके अलावा जल्द ही एक और 5 करोड़ रुपए की संपत्ति पुलिस प्रशासन फ्रीज करने वाला है।
वहीं, बीते दिनों पुलिस मालखाने से 33 किलो चरस गायब होने का मामला सामने आया है। इसको लेकर हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से जांच के आदेश जारी किए गए थे। इस मामले में डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस प्रशासन ने इस मामले में जांच बिठा रहा है, जल्द ही मामले में सच तक पहुंचा जाएगा।
कांगड़ा। हिमाचल के कांगड़ा जिला के पुलिस थाना कांगड़ा के तहत पुलिस ने एक ब्लाइंड केस सुलझाया है। टांडा के पास बैग में देसी कट्टा, 40 जिंदा रौंद, दो चाकू और 5250 नशे की गोलियां मिलने के मामले में पुलिस ने पंजाब और हिमाचल के दो लोगों को दबोचा है।
देसी कट्टा, 40 जिंदा रौंद, दो चाकू और 5250 नशे की गोलियां कांगड़ा जिला में ही कहीं सप्लाई करनी था या कांगड़ा जिला के जरिए कहीं और पहुंचाई जानी थी, पुलिस इसकी जांच में जुट गई है।
6 सितंबर 2023 को मेडिकल कॉलेज टांडा के पास पुलिस टीम को लावारिस पड़ा एक बैग बरामद हुआ। बैग की जांच करने पर उसमें देसी कट्टा, 40 जिंदा रौंद, दो चाकू और 5250 नशे की गोलियां बरामद हुईं। जिस जगह पर यह बैग मिला, वहां आसपास किसी भी प्रकार का कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था और पुलिस के पास इसको लेकर कोई लीड भी नहीं थी।
यह मामला पूरी तरह से ब्लाइंड था, लेकिन शातिर पुलिस की नजरों से नहीं बच सके। पुलिस थाना कांगड़ा में मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच को डीएसपी अंकित शर्मा की अगुवाई में एक पुलिस टीम का गठन किया गया।
जांच में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को भी शामिल किया गया। यूनिट के साथ मिलकर मामले की जांच को आगे बढ़ाया।
टीम के कुछ सदस्यों को कांगड़ा और आसपास के क्षेत्रों में एक्टिवेट किया गया। इसी बीच पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि पंजाब से संबंधित कोई संदिग्ध व्यक्ति शाहपुर क्षेत्र में एक निजी होटल में रह रहा है।
इनपुट पर पुलिस टीम ने तुरंत होटल का रुख किया। वह व्यक्ति होटल से जा चुका था। होटल में रिकॉर्ड जांचा तो पाया कि एंट्री किसी लोकल व्यक्ति के नाम पर थी।
पुलिस ने होटल में सीसीटीवी फुटेज खंगाली। जांच के दौरान मिली लीड के बाद व्यक्ति की तलाश को पुलिस टीम ने काफी जगह पर दबिश दी। आखिरकार पंजाब के व्यक्ति विनय भंडारी को बड़ोह से गिरफ्तार किया गया।
टीम को पहले से ही किसी लोकल व्यक्ति की संलिप्तता का अंदेशा था। आरोपी विनय भंडारी से पूछताछ पर ज्वालामुखी क्षेत्र के रोहित उर्फ छोटू का नाम सामने आया। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।
कांगड़ा पुलिस को जांच में पता चला कि रोहित उर्फ छोटू एक हत्या के मामले में सजा काट रहा है। ज्वालामुखी में रोहित उर्फ छोटू सहित तीन लोगों पर हत्या का केस दर्ज हुआ था।
मामले में तीनों को उम्र कैद की सजा हुई है। वे धर्मशाला जेल में सजा काट रहे हैं। छोटू परोल पर बाहर आया था। उसने परोल जंप किया।
वह परोल अवधि खत्म होने के बाद जेल नहीं लौटा। बताया जा रहा है कि रोहित खुद भी चिट्टे का बहुत बड़ा आदी है। एक दिन में ही वह चिट्टे की इतनी अधिक मात्रा ग्रहण करता था, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। साथ ही उसके खिलाफ कांगड़ा, ऊना आदि में चिट्टे के साथ पकड़े जाने के मामले दर्ज हैं।
रोहित उर्फ छोटू की ससुराल पंजाब में है। डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा ने बताया कि आरोपी खुद भी चिट्टे का बहुत बड़ा आदी है और इसके खिलाफ कई जगहों पर एनडीपीएस के मामले दर्ज हैं। धर्मशाला जेल में ही उसका गैंगस्टर के साथ लिंक जुड़ा।
गैंगस्टरों से ऐसा जुड़ा लिंक
छोटू का गैंगस्टरों से लिंक जेल के माध्यम से ही जुड़ा। धर्मशाला जेल में ऊना जिला के सजा प्राप्त दोषियों को भी रखा जाता है।
जेल में रहते हुए ही रोहित की इन लोगों से मुलाकात हुई। इनके माध्यम से रोहित अन्य के साथ जुड़ा है, जिन लोगों से वह जुड़ा उनका संबंध बिश्नोई गैंग से है।
पंजाब के अपराधियों को लोकल मदद, चिंता का विषय
पंजाब की तरह देवभूमि हिमाचल में गैंग जैसा प्रचलन नहीं है। पंजाब की तरह हिमाचल में कोई गैंग सक्रिय नहीं हैं, लेकिन पंजाब के गैंगस्टर को हिमाचल के लोकल लोगों से शरण और मदद मिलना चिंता का विषय है, जैसा इस मामले में देखने को मिला है।
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने इसको लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हथियारों और नशीली दवाईयों से भरा बैग बरामद किया, तभी इस मामले का खुलासा हो पाया।
अगर पुलिस हथियार बरामद न करती तो पता नहीं हथियार आदि की समगलिंग कांगड़ा जिला से कहां की जाती इसके बारे बताना मुश्किल है।
इस तरह के और लोग तो नहीं जिला में एक्टिव है, इस पहलू से भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला के लोग एक्टिव रहें, खासकर होटल मालिक। होटल मालिक किसी को भी फेक आईडी पर रुकने के लिए कमर न दें।
कांगड़ा पुलिस बधाई की पात्र
कांगड़ा पुलिस की टीम अगर मुस्तैद न होती तो इतना बड़ा केस क्रेक नहीं हो पाता। इस केस के क्रेक होने से बड़े रैकेट और पंजाब से स्थानीय लोगों के लिंकज का पता चला है।
डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा और उनकी टीम ने बड़ी ही सूझबूझ और मुस्तैदी को मामले को सुलझाया। इसके लिए कांगड़ा पुलिस बधाई की पात्र है।
डरोह। हिमाचल पुलिस को 1093 जवान मिल गए हैं। रविवार को पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज डरोह जिला कांगड़ा में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यातिथि रहे। मुख्यमंत्री ने सभी प्रशिक्षुओं को बधाई दी तथा आशा व्यक्त की कि वे अनुशासन के साथ सेवा प्रदान करेंगे।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 271 महिला प्रशिक्षुओं सहित 1093 प्रशिक्षु पुलिस आरक्षियों की परेड का निरीक्षण किया तथा भव्य मार्चपास्ट की सलामी ली।
प्रशिक्षुओं ने हथियारों को जोड़ने-खोलने, निशस्त्र युद्ध, कमांडों युद्ध, वैपन पीटी तथा मास पीटी की प्रस्तुति दी। प्रशिक्षुओं के प्रदर्शन से मौके पर मौजूद लोग भी दंग रह गए।
पीटीसी डरोह में मुख्यमंत्री सुक्खू ने दिया नियुक्ति पत्र
डरोह। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह जिला कांगड़ा के 22वें दस्ता मूलभूत आरक्षी प्रशिक्षण के दीक्षांत परेड समारोह में शिरकत की। इस दस्ते में कुल 1093 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिवंगत (IPS) एसआर राणा यानी साजू राम राणा के पुत्र साहिल राणा को पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर पद के लिए नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया।
साहिल राणा को करुणामूलक आधार पर ये नौकरी मिली है। जनवरी 2023 में धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की जन आभार रैली के दौरान आईपीएस साजू राम राणा की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसआर राणा धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में हुई इस जन आभार रैली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे थे। उनकी निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। साजू राम राणा मूल रूप से मंडी जिले के धर्मपुर के ध्वाली गांव के रहने वाले थे, उनके दो बच्चे बेटा और बेटी हैं।
जब उनका निधन हुआ तब वह जिला हमीरपुर की जंगलबैरी में चौथी बटालियन में कमांडेंट थे। उन्होंने किन्नौर और बिलासपुर जिला में एसपी के पद सेवाएं दी थीं।
एसआर राणा 1 सितंबर,1990 को पुलिस विभाग में बतौर निरीक्षक भर्ती हुए थे। जनवरी 2020 में वह आईपीएस कैडर में प्रमोशन हुआ था। एसआर राणा ने 31 मई 2024 को रिटायर होना था।
डरोह।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार की जिला कांगड़ा में पुलिस अकादमी स्थापित करने की योजना है। यह बात उन्होंने पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज (PTC) डरोह में पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पुलिस बल के सशक्तिकरण के लिए पुलिस विभाग में आरक्षियों के 1226 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की गई और कमांडो बल स्थापित करने के मामले पर विचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण के लिए कृत संकल्प है, जिसके लिए विभिन्न नई तकनीक शामिल की जाएंगी।
पुलिस बल को आवासीय सुविधाएं प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है, जिसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का आधुनिकीरण सरकार की प्राथमिकता है और सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और अधिक संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
उन्होंने पास आउट प्रशिक्षुओं को सेवाओं में व्यावसायिकता तथा प्रतिबद्धता लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस के सामने नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने सभी प्रशिक्षुओं को बधाई दी तथा आशा व्यक्त की कि वे अनुशासन के साथ सेवा प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राज्य में मानसून के दौरान आई आपदा में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर बचाव तथा राहत कार्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 271 महिला प्रशिक्षुओं सहित 1093 प्रशिक्षु पुलिस आरक्षियों की परेड का निरीक्षण किया तथा भव्य मार्चपास्ट की सलामी ली। प्रशिक्षुओं ने हथियारों को जोड़ने-खोलने, निशस्त्र युद्ध, कमांडों युद्ध, वैपन पीटी तथा मास पीटी की प्रस्तुति दी।
मुख्यमंत्री ने 21 करोड़ रुपये की लागत से डरोह में निर्मित 12 टाइप-3 आवास, 320 प्रशिक्षुओं के बैरेक तथा बाढ़ एवं फ्लड एंड ड्राउनिंग सेंटर का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के मेधावी प्रशिक्षुओं तथा प्रशिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने महाविद्यालय की मासिक पत्रिका के 33वें अंक का विमोचन भी किया।
डीआईजी संजय कुंडू ने स्वागत संबोधन में पुलिस विभाग में विभिन्न पद स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि इस निर्णय से रिक्तियां भरने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बैच के प्रशिक्षण में उच्च मानकों को अपनाया गया है।
यह महाविद्यालय राष्ट्रीय तथा उत्तर क्षेत्र स्तर पर प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है तथा अब उप-पुलिस अधीक्षक तथा उप-निरीक्षक प्रशिक्षण में भी सर्वोच्च रैकिंग प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह के प्रधानाचार्य विमल गुप्ता ने कॉलेज की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष के लिए 11 लाख रुपये का चेक भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत सजूराम राणा (आईपीएस) के पुत्र साहिल राणा को पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर पद के लिए नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया। बता दें कि जनवरी 2023 में धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की जन आभार रैली के दौरान आईपीएस साजू राम राणा की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसआर राणा धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में हुई इस जन आभार रैली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे थे। उनकी निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। साजू राम राणा मूल रूप से मंडी जिले के धर्मपुर के ध्वाली गांव के रहने वाले थे, उनके दो बच्चे हैं।
जब उनका निधन हुआ तब वह जिला हमीरपुर की जंगलबैरी में चौथी बटालियन में कमांडेंट थे। राणा 1 सितंबर,1990 को पुलिस विभाग में बतौर निरीक्षक भर्ती हुए थे। जनवरी 2020 में वह आईपीएस कैडर में प्रमोशन हुआ था। एसआर राणा ने 31 मई 2024 को रिटायर होना था।
डरोह।हिमाचल पुलिस को 1093 जवान मिल गए हैं। इनमें एमफिल, एलएलबी और एमएससी पढ़े जवान भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह जिला कांगड़ा के 22वें दस्ता मूलभूत आरक्षी प्रशिक्षण के दीक्षांत परेड समारोह में शिरकत की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने परेड का निरीक्षण किया। साथ ही आरक्षियों को पुरस्कार भी वितरित किए।
इस दस्ते में कुल 1093 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें 822 पुरुष आरक्षी एवं 271 महिला आरक्षी शामिल हैं। आरक्षी मूलभूत प्रशिक्षण का यह 22वां दस्ता हिमाचल पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह द्वारा प्रशिक्षित अभी तक के सबसे बड़े प्रशिक्षु दस्तों में से एक है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबोधन ने कहा कि पास आउट होने वाले प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएं दीं। कहा कि अपने सेवाकाल के दौरान आपको कई मौकों पर आलोचना और निंदा का सामना करना पड़ सकता है पर आप कर्तव्य और मानवता के पथ से विचलित न होकर कानून के अनुसार सही निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही 1200 जवानों की स्पेशल फोर्स की भर्ती करने जा रही है। रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस थानों का आधुनिकीकरण की दिशा में भी काम किया जा रहा है। सरकार पुलिस व्यवस्था में बदलाव की कोशिश भी जारी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में 7 जुलाई से आपदा आई है। ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी गई है। इस आपदा में हिमाचल पुलिस कर्मियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। वह इसके लिए पुलिस कर्मियों को धन्यवाद देते हैं।
शिमला।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आपदा मोचन बल को और सुदृढ़ एवं सशक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस बल को आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों से सुसज्जित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने राज्य आपदा मोचन बल को आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए लगभग 12 करोड़ 65 लाख 45 हजार रुपये की राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल आपदा संभावित क्षेत्रों में शामिल है और इस तरह के कदम आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी लाने में सहायक होंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में एसडीआरएफ की तीन कम्पनी तैनात हैं। इस बल के जवानों को प्रशिक्षित करने एवं उनके क्षमता निर्माण के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ (SDRF) को अत्याधुनिक बनाने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में आई आपदा से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने गत तीन माह में लगभग 750 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हाल ही में बरसात के दौरान आई आपदा में एसडीआरएफ (SDRF) ने बेहतरीन कार्य करते हुए बहुमूल्य मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की है। राजधानी शिमला के फागली तथा समरहिल में इस बल के सदस्यों ने फंसे हुए लोगों को निकालने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके अतिरिक्त मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के कुकलाह, पंडोह तथा हणोगी इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने में एसडीआरएफ जवानों के प्रयास अनुकरणीय रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ ने सेना और एनडीआरएफ के साथ मिलकर विभिन्न बचाव अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इसके लिए सभी जवान बधाई के पात्र हैं।
प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चन्द शर्मा ने कहा कि प्रदेश में संभवतया आज तक की सबसे बड़ी त्रासदी से निपटने में मुख्यमंत्री ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उनके दिशा-निर्देशन में पुलिस, एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ सहित स्थानीय लोगों ने भी राहत एवं बचाव कार्यों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
इससे पहले पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और एसडीआरएफ को उपकरणों की खरीद के लिए समुचित राशि प्रदान करने पर उनका व प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस बार की आपदा से निपटने में प्रदेश सरकार और यहां के लोगों ने साहस एवं संवेदनशीलता का परिचय दिया है।
हिमाचल ने यह भी दिखाया कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश बचाव अभियानों के साथ त्वरित राहत पहुंचाने में सदैव प्रभावितों के साथ खड़ा है।
राज्य आपदा मोचन बल की पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज़ ने शिमला के समरहिल व फागली सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में एसडीआरएफ द्वारा संचालित अभियानों पर आधारित एक प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्यक्रम के दौरान एसडीआरएफ शिमला से कांस्टेबल विकास मोहन, मंडी से हेड कांस्टेबल देवेन्द्र कुमार, नवीन कुमार व बलविन्द्र सिंह, कांगड़ा से हेड कांस्टेबल पंकज, कांस्टेबल विशाल व रजत ने विभिन्न बचाव अभियानों के दौरान अपने अनुभव साझा किए।
इस अवसर पर विधायक यादविन्द्र गोमा व अजय सोलंकी, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान व उप-महापौर उमा कौशल, सचिव गृह अभिषेक जैन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
केलांग।हिमाचल के लाहौल स्पीति में तैनात चार पुलिस जवानों को डीजीपी डिस्क से नवाजा गया है। वहीं, लाहौल स्पीति से अन्य जिलों में ट्रांसफर हुए चार जवानों को भी सम्मान मिला है। शिमला में आयोजित समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुल्क के हाथों जवानों को सम्मान मिला।
डीजीपी डिस्क सम्मान प्राप्त करने वालों में हेडकांस्टेबल राजेश कुमार, प्रमोद कुमार , कांस्टेबल दीपक और मनोहर लाल शामिल हैं। इन जवानों को प्रदेश पुलिस के प्रति अपनी कर्तव्यनिष्ठा व जज्बे को साबित करते हुए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। एसपी लाहौल स्पीति मयंक चौधरी नेरा समस्त जिला पुलिस की ओर से इन सभी पुलिस कर्मचारियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।