शिमला। एचआरटीसी (HRTC) चालक, परिचालक और कर्मचारियों ने शिमला में संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) का गठन कर सरकार के खिलाफ विभिन्न मांगों को लेकर मोर्चा खोलने की रणनीति बना ली है।
एचआरटीसी (HRTC) की जेसीसी ने प्रबंधन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देकर विभिन्न मांगों को लेकर वार्ता के लिए बुलाने का समय दिया है और महीने की एक तारीख को सैलरी न मिलने पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।
एचआरटीसी जेसीसी के नवनियुक्त अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि एचआरटीसी (HRTC) कर्मियों को महीने की 18 तारीख को सैलरी दी जा रही है। 42 महीने का ओवर टाइम नाइट भत्ता चालकों व परिचालकों का पेंडिंग है।
इसके अलावा एचआरटीसी के दो बर्खास्त परिचालकों को बिना शर्त बहाल करने, पांगी बस हादसे में दो मृत तकनीकी कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक मदद और नौकरी देने की कर्मचारियों की मुख्य मांगे हैं, जिन पर सरकार एक सप्ताह के भीतर जेसीसी को वार्ता के लिए बुलाए।
17 दिसंबर के स्टेट लेबल का मनाया जाएगा पेंशनर दिवस
शिमला।हिमाचल प्रदेश पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से पेंशनर्स की देनदारियों को जल्द देने की मांग की है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मुलाकात कर पेंशनर्स के मसलों को हल करने के लिए जेसीसी गठन की मांग की है।
हिमाचल प्रदेश पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आत्मा राम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्द जेसीसी का गठन करने की बात कही है। उन्होंने मांग की है कि छठे वेतन आयोग के लाभ का बकाया 80 फीसदी पेंशनभोगियों को दिया जाए।
महंगाई भत्ते (डीए) की 8 फीसदी किस्त लंबित है। आगे त्योहार आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही पेंशनर और कर्मचारियों को डीए की किस्त देगी। 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए पेंशनर की पेंडिंग मामलों का जल्द निपटारा किया जाए। सात हजार के करीब पेंडिंग केस हैं।
एसोसिएशन की मांग है कि हर जिले में डीसी के साथ जेसीसी की बैठक होने की मांग थी, मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस बारे आदेश दे देंगे। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 11 करोड़ 30 लाख दिया है। आगे भी मदद की जरूरत होगी, दो एसोसिएशन दान देगी।
उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर को पेंशनर दिवस स्टेट लेबल पर मनाया जाएगा। इसमें मुख्यातिथि सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे। कहां आयोजित किया जाएगा, जल्द निर्णय लिया जाएगा।