धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिजनेस स्कूल, स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट स्टडी की ओर से धौलाधार परिसर-2 में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा वाणिज्य विषय में सहायक प्राध्यापक के रूप में चयनित सुनील कुमार, रिशव चौहान, पूनम शर्मा और अनिकेत शर्मा के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने सहायक प्राध्यापक के रूप में चयनित सभी शोधार्थियों को बधाई प्रेषित की।
वहीं अधिष्ठाता अकादमिक प्रोफेसर प्रदीप कुमार, बिज़नेस स्कूल के अधिष्ठाता प्रोफेसर संजीव गुप्ता, वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मोहिंदर सिंह, प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिपांकर शर्मा सहित सभी संकाय सदस्यों ने भी चयनित शोधार्थियों और उनके शोध मार्गदर्शकों को बधाई दी।
इस अवसर पर प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिपांकर शर्मा ने कहा कि मननीय कुलपति प्रोफेसर सतप्रकाश बंसल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने विभाग के अन्य शोधार्थियों को भी रिसर्च और अकादमिक प्रतिसपर्धयों में भाग लेने और अच्छे प्रकार से प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित भी किया।
सहायक प्राध्यापक के रूप में चयनित सभी शोधार्थियों ने अन्य शोधार्थियों के साथ पूरे चयन प्रक्रिया के अनुभव शेयर किए। इस अवसर पर सभी संकाय सदस्यों सहित स्कूल के सभी शोधार्थी उपस्थित रहे।
शिमला। हिमाचल में सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या के आंकड़े ने सरकार और शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ा दी है। निजी स्कूल, सरकारी स्कूलों को पछाड़ने के करीब पहुंच गए हैं। बुधवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा सौंपी रिपोर्ट के अनुसार सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या का अंतर सिर्फ दो फीसदी रह गया है।
हिमाचल सरकारी स्कूलों में 46 फीसदी और प्राइवेट स्कूलों में 44 फीसदी छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हिमाचल में मॉडल स्कूल विकसित करके इस समस्या से निजात पाने का सुझाव सरकार के पास पहुंचा है। इन स्कूलों में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ और बिल्डिंग सहित हर सुविधा होगी।
दो तीन साल में इनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा। इन स्कूलों में हाई क्वालिफाई और हाईटैक टीचर होंगे और आईटी क्लास रूम आदि होंगे। अब यह कदम कितना कारगर साबित होता है यह तो भविष्य की बात है, लेकिन वर्तमान में छात्रों का सरकारी स्कूलों में भंग होता मोह चिंतनीय है।
बता दें कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जाए इसको लेकर शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट कैबिनेट बैठक में सौंपी। शिक्षा विभाग ने मॉडल स्कूल स्थापित करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में प्राइमरी, मिडल और हाई स्कूलों को मॉडल स्कूलों में विकसित करने का जिक्र है।
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक में छात्रों की कम संख्या के कारण डिनोटिफाइड कुछ स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है। वहीं, सरकारी स्कूलों में छात्रों की गिरती संख्या पर भी शिक्षा विभाग ने प्रस्तुति दी। हिमाचल में मॉडल स्कूल स्थापित करने का सुझाव दिया है।
बता दें कि कैबिनेट बैठक में प्राइमरी स्कूल खलोग, कुलाह जिला चंबा, बलग्राह और कांगड़ा के तीन प्राइमरी और हाई स्कूलों को दोबारा खोलने का निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग ने प्रस्तुति भी दी।
प्रस्तुति के अनुसार वर्तमान में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 46 फीसदी और प्राइवेट स्कूलों में 44 फीसदी है। ये संख्या बराबर होने को आ रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जाए, इसको लेकर शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट सौंपी।
रिपोर्ट में हिमाचल में प्राइमरी, मिडल और हाई स्कूलों को मॉडल स्कूलों में विकसित करने का जिक्र है। इन स्कूलों में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ और बिल्डिंग सहित हर सुविधा होगी। दो तीन साल में इनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा। इन स्कूलों में हाई क्वालिफाई और हाईटैक टीचर होंगे और आईटी क्लास रूम आदि होंगे।
केंद्रीय विवि में वर्ष 2022 से चल रहा डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र
धर्मशाला।हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व डॉ अंबेडकर फाउंडेशन के सहयोग से डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र चलाया जा रहा है। केंद्र में अब अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ- साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बच्चों को भी संघ लोक सेवा आयोग के साथ-साथ राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी जाएगी।
वहीं, अगर कोई विद्यार्थी कोचिंग के दौरान किसी सिविल परीक्षा में पास हो जाता है तो उसे इंटरव्यू में आने-जाने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए जाएंगे।
इसी संबंध में नई दिल्ली में डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन और केंद्रीय विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस मौके पर केंद्र के नोडल अधिकारी और विवि के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार और कुलसचिव प्रो. विशाल सूद विश्वविद्यालय की तरफ से मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर-एक में अक्टूबर 2022 से इस केंद्र को शुरू किया गया है। पहले बैच 2022-23 की अवधि खत्म हो गई है। इसमें 100 अनुसूचित जाति के छात्रों को सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी गई।
समझौता ज्ञापन के अनुसार अब केंद्र में अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को भी सिविल परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग मिलेगी।
इसमें अनुसूचित जाति के 70 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के 30 प्रतिशत बच्चे रहेंगे। इस प्रतिशतता में 30 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए रखीं गई हैं।वहीं, इन छात्रों को केंद्र सरकार की ओर से हर माह 4000 रुपये स्टाइपेंड भी दिया जाएगा, जो उनकी कक्षा में उपस्थिति के आधार पर मिलेगा।
बायोमैट्रिक मशीन के माध्यम से उनकी कक्षा में हाजिरी लगेगी। स्टाइपंड छात्रों के खाते में डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन सीधे स्थानांतरित करेगा। हालांकि पहले इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी।
इस संबंध में केंद्र के नोडल अधिकारी प्रो. प्रदीप के अनुसार इस समझौता ज्ञापन के बाद छात्रों को काफी सहूलियतें मिलेंगी।
पहले के छात्रों के बैच को न तो स्टाइपंड की व्यवस्था थी और न ही अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बच्चों को इसमें शामिल किया गया था। इस समझौता ज्ञापन से इस केंद्र को काफी मनोबल मिलेगा। पूरे भारत में इस तरह के 30 केंद्र खोले गए हैं और हिमाचल के लिए गौरव की बात है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय को भी एक सेंटर मिला है।
वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने केंद्र के नोडल अधिकारी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि यहां पर हिमाचल के छात्रों को अवसर मिल रहा है। पहले केवल केंद्र में एससी वर्ग के ही छात्रों शामिल थे, लेकिन अब ओबीसी (OBC) के बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा।
स्टाइपंड की सुविधा से भी बच्चे लाभान्वित हो पाएंगे। निश्चित रूप से छात्र यहां पर कोचिंग लेकर विवि का नाम रोशन करेंगे।
इसी माह अक्तूबर 2023 में ही होगी परीक्षा
डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का पहला बैच 2022-23 पहली अक्टूबर को खत्म हो गया है। वहीं, अब इसी माह केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से नए बैच की भर्ती के लिए परीक्षा ली जाएगी। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की ओर से ली जाने वाली इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाएंगे।
100 नंबर के इस पेपर के बाद मैरिट के आधार पर छात्रों को इस केंद्र में कोचिंग का अवसर मिलेगा। पहली नवंबर 2023 से नए बैच की कोचिंग शुरू हो जाएगी। हालांकि परीक्षा के लिए अभी तिथि तय नहीं की गई है।
केंद्र के नोडल अधिकारी प्रो. प्रदीप के अनुसार अब “संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)” के साथ “राज्य लोकसेवा आयोग” की परीक्षा की कोचिंग भी बच्चो को दी जाएगी।
समझौता ज्ञापन के बाद एक और विकल्प सरकार द्वारा दिया गया है, जिसमें अगर कोई सामान्य श्रेणी से संबंधित छात्र है, या इस परीक्षा के बाद वे मैरिट में नहीं आ पाता है तो वह सालाना 75 हजार फीस देकर इस बैच में बैठ सकता है, लेकिन उसे सरकार की तरफ से कोई स्टाइपंड नहीं मिलेगा।
धर्मशाला।हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एसओएस (SOS) के तहत 2024 में आयोजित करवाए जाने वाली 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व प्रवेश पत्र की तिथियां निर्धारित कर दी हैं। बिना लेट फीस के साथ 12 नवंबर 2023 तक आवेदन किए जा सकते हैं।
लेट फीस 1000 सहित 13 नवंबर से 7 दिसंबर और 2 हजार लेट फीस के साथ 8 दिसंबर से 30 दिसंबर 2023 तक आवेदन किए जा सकेंगे।
वहीं, ऑनलाइन आवेदन हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संशोधित नियमों के तहत भरे जाएंगे। बता दें कि बोर्ड ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय (SOS) की परीक्षा से संबंधित नियमों में संशोधन किए हैं।
नियमों में इस प्रकार हुआ है संशोधन
8वीं कक्षी की बात करें तो जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा के वर्ष के 1 अप्रैल को न्यूनतम आयु 14 वर्ष प्राप्त कर ली है, वे प्रवेश के लिए पात्र हैं।
ऐसे अभ्यर्थियों को नगर निगम प्राधिकारी या जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार के कार्यालय द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र या स्थानांतरण प्रमाण पत्र जन्मतिथि दर्शाने के लिए स्कूल छोड़ने के प्रमाण की एक प्रति संलग्न करनी होगी।
वे अभ्यर्थी जो पहले बोर्ड/नॉन बोर्ड या समकक्ष परीक्षा की मिडिल मानक परीक्षा में उपस्थित हुए थे और अनुत्तीर्ण हो गए थे। बोर्ड या समकक्ष परीक्षा निकाय द्वारा जारी प्रमाण पत्र जरूरी होगा।
जो अभ्यर्थी सरकारी/मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों द्वारा आयोजित तीसरी, पांचवीं, छठी या सातवीं कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण/असफल रहे हैं, वे एसओएस के मिडिल कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी या राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के समकक्ष अधिकारी से विषयों के साथ काउंटर सिंगनेचर इन सर्टिफिकेट और स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है।
10वीं कक्षा के लिए यह नियम
10वीं की बात करें तो एक उम्मीदवार जो पहले हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBose) या मान्यता प्राप्त राज्य बोर्ड द्वारा आयोजित समकक्ष परीक्षा की मैट्रिक परीक्षा में उपस्थित हो चुका है और असफल रहा है, वह मैट्रिक पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकता है।
जो अभ्यर्थी सरकार/मान्यता प्राप्त निजी संस्थान द्वारा आयोजित 9वीं कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण हुए हैं, वे एसओएस के माध्यमिक पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं।
निजी संस्थान के छात्रों के लिए जिला शिक्षा अधिकारी या इससे समकक्ष अधिकारी द्वारा काउंटर साइन किया प्रमाणपत्र और स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।
कोई भी अन्य उम्मीदवार जिसने एचपीएसओएस/एचपीबीओएसई (HPSOS/HPBose) की मिडिल मानक परीक्षा या किसी मान्यता प्राप्त राज्य बोर्ड/विश्वविद्यालय से समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो, वह एसओएस के माध्यमिक पाठ्यक्रम में उपस्थित हो सकता है।
बशर्ते कि उम्मीदवार जिसने राज्य/अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के किसी भी मान्यता प्राप्त सरकारी/निजी संस्थान से मिडिल मानक की परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
जहां बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा मिडिलडब्ल्यू मानक परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है। ऐसे मामले में निजी तौर पर प्रबंधित संस्थानों के लिए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी/प्रारंभिक शिक्षा के उप निदेशक से प्रतिवाद लेना अनिवार्य है।
माध्यमिक पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने वाले शिक्षार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि माध्यमिक स्तर पर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उद्देश्य से, माध्यमिक परीक्षा (Middle Examination) उत्तीर्ण करने के वर्ष से दो वर्ष का अंतर अनिवार्य है।
12वीं की बात करें तो एक उम्मीदवार जो पहले एचपी बोर्ड की सीनियर सेकेंडरी परीक्षा या किसी मान्यता प्राप्त किसी अन्य राज्य बोर्ड/यूटी की समकक्ष परीक्षा में शामिल हो चुका है और असफल रहा है, वह एसओएस के सीनियर सेकेंडरी पाठ्यक्रम में उपस्थित हो सकता है।
बशर्ते कि जो उम्मीदवार सीनियर सेकेंडरी परीक्षा या किसी मान्यता प्राप्त राज्य बोर्ड/यूटी की समकक्ष परीक्षा में असफल रहा हो, उसे प्रवेश के समय मूल प्रवासन प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
कोई भी अन्य उम्मीदवार जिसने एचपीबीओएसई की मैट्रिक परीक्षा या किसी मान्यता प्राप्त राज्य बोर्ड/विश्वविद्यालय से समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है वह एचपीएसओएस के वरिष्ठ माध्यमिक पाठ्यक्रम के लिए नामांकन कर सकता है, बशर्ते कि उम्मीदवार ने मैट्रिक परीक्षा में अंग्रेजी, गणित मानक और हिंदी विषय के साथ अर्हता प्राप्त की हो।
एक उम्मीदवार जिसने किसी अन्य मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से अंग्रेजी या गणित मानक या हिंदी के बिना मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की है, उसे पहले या साथ ही उस विषय में उत्तीर्ण होना होगा।
ऐसे उम्मीदवार को प्रवेश के लिए कोडल औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अनंतिम रूप से 12वीं कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। यदि उम्मीदवार उक्त विषयों में उत्तीर्ण नहीं होता है तो उसका 12वीं का परिणाम रद्द कर दिया जाएगा।
12वीं विज्ञान स्ट्रीम (नॉन मेडिकल) में प्रवेश के इच्छुक उम्मीदवार को मैट्रिक परीक्षा में गणित मानक विषय में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। जिन उम्मीदवारों ने अन्य मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से मैट्रिक या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें प्रवेश के समय मूल प्रवासन प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
वरिष्ठ माध्यमिक पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने वाले शिक्षार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर प्रमाणपत्र प्राप्त करने के उद्देश्य से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के वर्ष से दो वर्ष का अंतर आवश्यक है।
HPSOS के किसी भी प्रवेश में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को बोर्ड अध्ययन केंद्र का दौरा करना होगा।
एचपीएसओएस के विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश फॉर्म केवल एचपीएसओएस अध्ययन केंद्रों के माध्यम से समय-समय पर एचपीएसओएस द्वारा अनुमोदित निर्धारित फॉर्म/ऑनलाइन मोड पर ही स्वीकार किए जाएंगे।
मार्च 2024 से प्रवेश फॉर्म केवल सहायक दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रति के साथ ऑनलाइन मोड के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे। आवेदन पत्र/सहायक दस्तावेज की हार्डकॉपी एचपीएसओएस अध्ययन केंद्र के पास रखी जाएगी
जिन उम्मीदवारों ने एचपीबोर्ड/एचपीएसओएस/अन्य मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से मैट्रिक और सीनियर सेकेंडरी या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है, वे एचपीएसओएस उम्मीदवार के रूप में अतिरिक्त विषयों की पेशकश कर सकते हैं। बशर्ते वे विषय अध्ययन की एचपीएसओएस योजना में उपलब्ध हों।
बशर्ते कि विज्ञान स्ट्रीम में उत्तीर्ण छात्र 12वीं की परीक्षा देने के 1 साल बाद और 3 साल से पहले अतिरिक्त विषय के रूप में जीव विज्ञान/गणित के लिए आवेदन कर सकता है।
टीओसी सुविधा केवल एचपीबोस के पूर्व छात्रों को दी जाएगी। उम्मीदवार के पास न्यूनतम 33 प्रतिशत उत्तीर्ण अंकों के साथ उत्तीर्ण विषयों में क्रेडिट ट्रांसफर कराने का विकल्प है। अन्य समकक्ष बोर्डों को कोई टीओसी सुविधा नहीं दी जाएगी। 5 वर्ष के भीतर टीओसी सुविधा का लाभ उठाया जा सकेगा।
थ्योरी और प्रैक्टिकल को एक इकाई माना जाता है और प्रैक्टिकल वाले विषय को उत्तीर्ण करने के लिए, उम्मीदवार को 33 प्रतिशत अंकों के साथ थ्योरी और प्रैक्टिकल को अलग-अलग उत्तीर्ण करना होता है।
यदि कोई उम्मीदवार ऐसे मामले में प्रैक्टिकल में असफल हो जाता है, तो उसे थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों परीक्षाओं में फिर से उपस्थित होना होगा।
प्रैक्टिकल वाले विषय में प्रदर्शन में सुधार के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवार के लिए, सिद्धांत और व्यावहारिक दोनों परीक्षाओं में उपस्थित होना अनिवार्य होगा। अधिक जानकारी के लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट में नोटिफिकेशन देख सकते हैं।
धर्मशाला।कांगड़ा जिला के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) शाहपुर में दो नए ट्रेड टेक्नीशियन मेक्ट्रोनिक्स (दो वर्ष) और आईओटी स्मार्ट सिटी (एक वर्ष) का शुरू हो गए हैं। वहीं, अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स बेसिक इलेक्ट्रिकल तथा बेसिक ऑटोमोबाइल की शुरुआत भी हो गई है।
इनका शुभारंभ राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर के वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर हुआ। इस मौके पर शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया मुख्यातिथि रहे।
केवल पठानिया ने कहा कि शीघ्र ही शाहपुर आईटीआई की बिजली की समस्या में सुधार किया जाएगा। उन्होंने शाहपुर आईटीआई और एटीसी परिसर में 4 फ्लड लाइट लगाने की घोषणा की। इस अवसर पर आईटीआई और आईएमसी स्टाफ द्वारा आपदा राहत के लिए एक लाख का चेक भेंट किया गया।
इस दीक्षांत समारोह में विधायक द्वारा एक तथा दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके छात्रों को प्रमाणपत्र भेंट किए। इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट रहे मेधावी छात्रों को भी सम्मानित किया गया।
विधायक केवल पठानिया ने 10 लाख से बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का विधिवत शुभारंभ किया। संस्थान के प्रधानाचार्य चैन सिंह राणा ने मुख्यातिथि तथा अन्य मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने संस्थान की विभिन्न गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी।
संस्थान के प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष एवं ब्लॉक कांग्रेस प्रधान सुरजीत राणा ने संस्थान के बारे में बताया। इस आईटीआई में वर्तमान में 30 ट्रेडों में लगभग 1470 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
धर्मशाला। जवाहर नवोदय विद्यालय पपरोला में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान 9वीं एवं 11वीं कक्षा की खाली सीटों पर लेटरल एंट्री के लिए 10 फरवरी 2024 को प्रवेश परीक्षा होगी। इस परीक्षा के लिए पात्र विद्यार्थी 31 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
जवाहर नवोदय विद्यालय पपरोला की प्रधानाचार्य रेणु शर्मा ने बताया कि 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए एक मई 2009 से 31 जुलाई 2011 तक जन्में तथा शैक्षणिक सत्र 2023-24 के दौरान जिला कांगड़ा के मान्यता प्राप्त स्कूल में08वीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
11वीं कक्षा के लिए एक जून 2007 से 31 जुलाई 2009 तक जन्में तथा शैक्षणिक सत्र 2023-24 के दौरान जिला कांगड़ा के मान्यता प्राप्त स्कूल में दसवीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थी पात्र हैं।
प्रधानाचार्य ने बताया कि आवेदन से संबंधित जानकारी नवोदय विद्यालय समिति की वेबसाइट नवोदया.जीओवी.इन पर उपलब्ध है। इसके अलावा विद्यालय के कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) की पीएचडी स्कॉलर तनू प्रिया को उच्चतर शिक्षा विभाग में सहायक प्रोफेसर (कॉलेज कैडर) वनस्पति विज्ञान (Botany) के रूप में चुना गया है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) द्वारा 4 अक्तूबर, 2023 को ये परीक्षा परिणाम घोषित गया है।
मूलत: नंदपुर भटोली जिला कांगड़ा की रहने वाली तनू प्रिया ने डीएवी कॉलेज कांगड़ा से बीएससी की है। इसके बाद एमएससी और एमफिल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) से की है।
अब तनू प्रिया HPU में ही बॉटनी में पीएचडी कर रही हैं। तनू प्रिया सीएसआईआर नेट जेआरएफ, गेट, सी टेट और एचपी सेट परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुकी हैं।
तनू प्रिया के पिता रविंदर पाल शास्त्री और माता कांता देवी, पति डॉ विनय मोदगिल, ससुर यशवंत मोदगिल और सास पुष्पा शर्मा उनकी इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं।
तनू प्रिया का ससुराल हमीरपुर जिला के भोरंज तहसील के लठवां गांव में है। मायका और ससुराल वाले दोनों ही तनू की उपलब्धि से हर्षित हैं। उन्होंने तनू को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
कॉलेज कैडर की परीक्षा पास करने में हुईं सफल, कुलपति ने दी बधाई
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग (Department of Plant Sciences) की दो पीएचडी स्कॉलर पुष्पा गुलेरिया और शिल्पा (2020 बैच), जो क्रमशः प्रो. प्रदीप कुमार और डॉ. मुनीश शर्मा की देखरेख में शोध कार्य रही हैं, को उच्चतर शिक्षा विभाग में सहायक प्रोफेसर (कॉलेज कैडर) वनस्पति विज्ञान (Botany) के रूप में चुना गया है।
उन्होंने राजकीय डिग्री महाविद्यालय करसोग से अपनी स्नातक की पढ़ाई करने के बाद एमएससी एचपीयू शिमला से की है। उन्होंने नेट-जेआरएफ की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में शोधार्थी हैं। वहीं, शिल्पा गांव टीका बनी डाकघर योल कैंट निवासी ने भी अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता तिलक राज और गुरुजनों को दिया है।
शिल्पा ने राजकीय डिग्री महाविद्यालय धर्मशाला से बीएससी की पढ़ाई की है और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएससी की है। उन्होंने सीएसआईआर यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में शोधार्थी हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने चयनित उम्मीदवारों और उनके पर्यवेक्षकों को बधाई दी। उन्होंने सफल विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार, स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के डीन प्रो. सुनील कुमार और प्लांट साइंसेज विभाग के प्रमुख डॉ. सचिन उपमन्यु ने दोनों चयनित शोधार्थियों को बधाई दी है।
शिमला।हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने निजी शिक्षण संस्थानों के संबद्धता (Affiliation) शुल्क में संशोधन किया है। यह संशोधन बोर्ड अधिनियम की धारा 19(3) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए किया गया है। संबद्धता शुल्क 1 अक्टूबर 2023 से हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड को संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले समस्त निजी संस्थानों पर लागू होगा।
बता दें कि फ्रेश एफिलेशन के लिए पहले प्रति वर्ष 10 हजार रुपए संबद्धता शुल्क था और अब 25 हजार रुपए लगेगा। इसमें 20 हजार एफिलेशन फीस और 5 हजार इंसपेक्शन फीस लगेगी। अपग्रेड एफिलेशन के लिए अब 10 हजार की जगह 25 हजार रुपए लगेगा।
नवीनीकरण के लिए 5 हजार के स्थान पर 10 हजार रुपए अदा करने होंगे। आवधिक संबद्धता (3 year) (periodical affiliation) के लिए 24 हजार (8 हजार प्रति वर्ष) की जगह 30 हजार रुपए (10 हजार प्रति वर्ष) लगेंगे।
आवधिक संबद्धता (5 year) (periodical affiliation) के लिए 40 हजार (8 हजार प्रति वर्ष) की जगह 50 हजार रुपए (10 हजार प्रति वर्ष) लगेंगे। नियमित एफिलेशन के लिए 15 हजार प्रति वर्ष ही अदा करने होंगे। इंस्पेक्शन फीस (प्रति इंस्पेक्शन) 2500 से पांच हजार रुपए लगेगी। यह जानकारी बोर्ड के सचिव डॉ (मेजर) विशाल शर्मा ने दी है।