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Breaking : हिमाचल में HRTC कंडक्टर भर्ती का फाइनल रिजल्ट आउट March 16, 2024
शिमला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने निजी शिक्षण संस्थानों के संबद्धता (Affiliation) शुल्क में संशोधन किया है। यह संशोधन बोर्ड अधिनियम की धारा 19(3) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए किया गया है। संबद्धता शुल्क 1 अक्टूबर 2023 से हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड को संबद्धता के लिए आवेदन करने वाले समस्त निजी संस्थानों पर लागू होगा।
बता दें कि फ्रेश एफिलेशन के लिए पहले प्रति वर्ष 10 हजार रुपए संबद्धता शुल्क था और अब 25 हजार रुपए लगेगा। इसमें 20 हजार एफिलेशन फीस और 5 हजार इंसपेक्शन फीस लगेगी। अपग्रेड एफिलेशन के लिए अब 10 हजार की जगह 25 हजार रुपए लगेगा।
नवीनीकरण के लिए 5 हजार के स्थान पर 10 हजार रुपए अदा करने होंगे। आवधिक संबद्धता (3 year) (periodical affiliation) के लिए 24 हजार (8 हजार प्रति वर्ष) की जगह 30 हजार रुपए (10 हजार प्रति वर्ष) लगेंगे।
आवधिक संबद्धता (5 year) (periodical affiliation) के लिए 40 हजार (8 हजार प्रति वर्ष) की जगह 50 हजार रुपए (10 हजार प्रति वर्ष) लगेंगे। नियमित एफिलेशन के लिए 15 हजार प्रति वर्ष ही अदा करने होंगे। इंस्पेक्शन फीस (प्रति इंस्पेक्शन) 2500 से पांच हजार रुपए लगेगी। यह जानकारी बोर्ड के सचिव डॉ (मेजर) विशाल शर्मा ने दी है।
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शिक्षा निदेशक की अनभिज्ञता ने उम्मीदों पर फेरा पानी
धर्मशाला। हिमाचल के स्कूलों शिक्षा बोर्ड तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई शुरू करने जा रहा है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड तीसरी से पांचवीं कक्षा तक संस्कृत की पढ़ाई शुरू करने के लिए ‘सुधा’ नाम से पुस्तक प्रिंट करवा कर स्कूलों को भेज दी है।
शिक्षा बोर्ड की योजना के अनुसार तीसरी से पांचवीं कक्षा तक संस्कृत की एक ही पुस्तक होगी। तीसरी और चौथी कक्षा में इसे केवल मात्र पढ़ाया जाएगा, जबकि इस पुस्तक से संबंधित परीक्षा पांचवीं कक्षा में ली जाएगी। लेकिन, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस किताब को शुरू करने से इनकार कर दिया है।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के संस्कृत की पढ़ाई शुरू करने पर जताई अनभिज्ञता ने विषय को शुरू करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
वहीं, दूसरी तरफ प्रारंभिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश के निदेशक घनश्याम चंद इन दिनों जिला कांगड़ा के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने जिले के कई स्कूलों का दौरा कर बीईईओ और सीएचटी के साथ बैठक की है।
मंगलवार को उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कांगड़ा के कार्यालय में तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई शुरू किए जाने के सवाल के जवाब पर कहा था कि तीसरी कक्षा से स्कूलों में संस्कृत की पढ़ाई शुरू हो रही है इस संदर्भ में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
निदेशक ने कहा कि उन्होंने सुना जरूर है कि तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ाई शुरू की जाएगी, लेकिन इस विषय की किताब को शुरू करने की अभी तक प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की कोई योजना नहीं है।