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हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्लांट पैथोलॉजी कोर्स होंगे शुरू, होगा ये फायदा

ताइवान दौरे पर गए विवि के कुलपति ने दी जानकारी
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh Central University) के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के प्रतिनिधि मंडल के साथ ताइवान के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को अच्छी क्यूएस रैंकिंग वाले दो अन्य विश्वविद्यालयों का दौरा किया।
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इस दौरान हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने प्रो फू जेहन जान, अध्यक्ष नेशनल चुंग हसिंग यूनिवर्सिटी ताइवान और प्लांट पैथोलॉजी के प्रोफेसर से मुलाकात की और विभाग की गतिविधियों के बारे में बातचीत की ।
उन्होंने कहा कि हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी प्लांट पैथोलॉजी में कोर्स चलाए जाएंगे। पौधों की बीमारियों का पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। ये न केवल पौधों पर गुणात्मक रूप से प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं बल्कि उपज के संबंध में भी भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
यह अनुमान लगाया गया है कि कुल नुकसान का लगभग 14 फीसदी केवल पौधों की बीमारियों के कारण होता है, जिसमें से दुनिया भर में पौधों की बीमारियों से कुल वार्षिक फसल हानि लगभग 220 बिलियन डॉलर है।
ऐसे में पादप रोग विज्ञान के विकास के साथ पौधों को इन रोगों से बचाने में जबरदस्त सफलता मिली है। हमारा राज्य, हिमाचल प्रदेश कृषि फसलों, औषधीय पौधों, वन वृक्षों और अन्य प्रजातियों सहित अपनी समृद्ध पौधों की जैव विविधता के लिए जाना जाता है।
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इन बीमारियों के कारण खतरे में रहते हैं, जो न केवल इन प्रजातियों को नष्ट कर देते हैं, बल्कि नए तरीकों को पेश करने के लिए पादप रोग विज्ञान के उनके नियंत्रण को चुनौती देते हैं। ऐसे में अगर यह कोर्स सीयू में शुरू होता है तो निश्चित रूप से किसानों को भी लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि ताइवान के दौरे पर भारत से पहुंचे प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई प्रो. जीडी शर्मा, भारतीय विश्वाविद्यालय संघ के अध्यक्ष कर रहे हैं। इसमें प्रो. एम पंत, कुलपति, असम विश्वविद्यालय, सिल्चर, प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति, एचएस गौर विश्वविद्यालय, सागर, प्रो. विनय पाठक, कुलपति, सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर प्रो. कुलदीप कुमार रैना, एमएस रमैया विश्‍वविद्यालय और प्रो. पंकज मित्तल, सचिव एआईयू शामिल हैं।
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लिखेंगे।

 

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हिमाचल : OBC के छात्र भी ले सकेंगे UPSC व HPPSC परीक्षाओं की कोचिंग

केंद्रीय विवि में वर्ष 2022 से चल रहा डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व डॉ अंबेडकर फाउंडेशन के सहयोग से  डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र चलाया जा रहा है। केंद्र में अब  अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ- साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बच्चों को भी संघ लोक सेवा आयोग के साथ-साथ राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी जाएगी।
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वहीं, अगर कोई विद्यार्थी कोचिंग के दौरान किसी सिविल परीक्षा में पास हो जाता है तो उसे इंटरव्यू में आने-जाने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए जाएंगे।
इसी संबंध में नई दिल्ली में डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन और केंद्रीय विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस मौके पर केंद्र के नोडल अधिकारी और विवि के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार और कुलसचिव प्रो. विशाल सूद विश्वविद्यालय की तरफ से मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर-एक में अक्टूबर 2022 से इस केंद्र को शुरू किया गया है। पहले बैच 2022-23 की अवधि खत्म हो गई है। इसमें 100 अनुसूचित जाति के छात्रों को सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी गई।
समझौता ज्ञापन के अनुसार अब केंद्र में अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को भी सिविल परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग मिलेगी।
इसमें अनुसूचित जाति के 70 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के 30 प्रतिशत बच्चे रहेंगे। इस प्रतिशतता में 30 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए रखीं गई हैं।वहीं, इन छात्रों को केंद्र सरकार की ओर से हर माह 4000 रुपये स्टाइपेंड भी दिया जाएगा, जो उनकी कक्षा में उपस्थिति के आधार पर मिलेगा।
बायोमैट्रिक मशीन के माध्यम से उनकी कक्षा में हाजिरी लगेगी। स्टाइपंड छात्रों के खाते में डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन सीधे स्थानांतरित करेगा। हालांकि पहले इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी।
इस संबंध में केंद्र के नोडल अधिकारी प्रो. प्रदीप के अनुसार इस समझौता ज्ञापन के बाद छात्रों को काफी सहूलियतें मिलेंगी।
पहले के छात्रों के बैच को न तो स्टाइपंड की व्यवस्था थी और न ही अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बच्चों को इसमें शामिल किया गया था। इस समझौता ज्ञापन से इस केंद्र को काफी मनोबल मिलेगा। पूरे भारत में इस तरह के 30 केंद्र खोले गए हैं और हिमाचल के लिए गौरव की बात है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय को भी एक सेंटर मिला है।
वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने केंद्र के नोडल अधिकारी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
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उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि यहां पर हिमाचल के छात्रों को अवसर मिल रहा है। पहले केवल केंद्र में एससी वर्ग के ही छात्रों शामिल थे, लेकिन अब ओबीसी (OBC)  के बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा।
स्टाइपंड की सुविधा से भी बच्चे लाभान्वित हो पाएंगे। निश्चित रूप से छात्र यहां पर कोचिंग लेकर विवि का नाम रोशन करेंगे।
इसी माह अक्तूबर 2023 में ही होगी परीक्षा
डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र का पहला बैच 2022-23 पहली अक्टूबर को खत्म हो गया है। वहीं, अब इसी माह केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से नए बैच की भर्ती के लिए परीक्षा ली जाएगी। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की ओर से ली जाने वाली इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाएंगे।
100 नंबर के इस पेपर के बाद मैरिट के आधार पर छात्रों को इस केंद्र में कोचिंग का अवसर मिलेगा। पहली नवंबर 2023 से नए बैच की कोचिंग शुरू हो जाएगी। हालांकि परीक्षा के लिए अभी तिथि तय नहीं की गई है।

इस बार एक और विकल्प का बच्चे ले पाएंगे लाभ
केंद्र के नोडल अधिकारी प्रो. प्रदीप के अनुसार अब “संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)” के साथ “राज्य लोकसेवा आयोग” की परीक्षा की कोचिंग भी बच्चो को दी जाएगी।
समझौता ज्ञापन के बाद एक और विकल्प सरकार द्वारा दिया गया है, जिसमें अगर कोई सामान्य श्रेणी से संबंधित छात्र है, या इस परीक्षा के बाद वे मैरिट में नहीं आ पाता है तो वह सालाना 75 हजार फीस देकर इस बैच में बैठ सकता है, लेकिन उसे सरकार की तरफ से कोई स्टाइपंड नहीं मिलेगा।

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बड़ी खबर : अब होटल मैनेजमेंट में भी लिया जाएगा नेट, हुआ फैसला

नेट में एक नए विषय के रूप में आतिथ्य

धर्मशाला। अब होटल मैनेजमेंट में भी नेट (National Eligibility Test) लिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल की अध्यक्षता में आयोजित ऑनलाइन बैठक में यह फैसला लिया गया। यूजीसी नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) में एक नए विषय के रूप में हॉस्पिटैलिटी एवं होटल मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम पर चर्चा करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए ऑनलाइन माध्यम से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक आतिथ्य उद्योग के बढ़ते महत्व को पहचानने और परीक्षा में इसके व्यापक समावेश को सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।

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इस मौके पर कुलपति ने कहा कि यूजीसी नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित एक प्रतिष्ठित परीक्षा है। यह परीक्षा भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुसंधान के लिए तथा शिक्षण पदों हेतु योग्यता मानदंड के रूप में आयोजित की जाती है। आतिथ्य और होटल प्रबंधन को एक नए विषय के रूप में शामिल करने के साथ, यूजीसी नेट का उद्देश्य देश में आतिथ्य उद्योग के बढ़ते महत्व को पहचानना और समायोजित करना है।

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इस दौरान बैठक में प्रो. प्रशांत गौतम, पंजाब विश्वविद्यालय, BITS Mesra से डॉ. निशिकांत, प्रो. सुनील काबिया, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, प्रो मनीष शर्मा, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन माध्यिम से भाग लिया। बैठक में आतिथ्य और होटल प्रबंधन के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने पर चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य इसे उद्योग की उभरती जरूरतों के अनुरूप तैयार करना और इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक मानकीकृत ढांचा प्रदान करना रहा। प्रो. सत प्रकाश बंसल जी ने बैठक के दौरान पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने वाले आवश्यक विषयों पर विचार-विमर्श किया।

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बैठक में फील्डम की समग्र समझ प्रदान करने के लिए आतिथ्य संचालन, पर्यटन प्रबंधन, होटल प्रशासन, इवेंट प्लानिंग, खाद्य और पेय प्रबंधन, और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करने के महत्व को मान्यता दी गई। पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किए जाने का निर्णय लिया गया कि यह नवीनतम उद्योग प्रवृत्तियों को दर्शाता हो, उभरती चुनौतियों का समाधान करे और वैश्विक मानकों के अनुरूप हो। सदस्यों ने सर्वसम्मति से उम्मीदवारों के व्यावहारिक कौशल को बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम के भीतर व्यावहारिक प्रशिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षण घटकों को एकीकृत करने के महत्व पर सहमति व्यक्त की।

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इस बैठक के निर्णय आगे की समीक्षा और यूजीसी नेट ढांचे में शामिल करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रो. बंसल ने बैठक के दौरान सभी प्रतिभागियों के बहुमूल्य योगदान और अटूट समर्थन के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतिम रूप दिया गया पाठ्यक्रम आतिथ्य शिक्षा में नए मानदंड स्थापित करेगा और इस गतिशील उद्योग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ उम्मीदवारों को सशक्त करेगा।

 

 

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Himachal CU: रंगोली में शाइनी, श्रुति, आर्यन, कनिका, नेहा की टीम प्रथम

विवि के गणित विभाग राष्ट्रीय गणित दिवस समारोह का आयोजन

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (Himachal CU) के श्रीनिवास रामानुजन गणित विभाग और वैदिक गणितीय अनुसंधान केंद्र ने संयुक्त रूप से महान भारतीय गणितज्ञ-श्रीनिवास रामानुजन की 135वी जयंती पर राष्ट्रीय गणित दिवस समारोह का आयोजन किया। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (Himachal CU) कुलपति आचार्य सत प्रकाश बंसल जी के दिशा निर्देश में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार ने की।

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उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विश्व प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास  रामानुजन का जीवन एक विस्मयकारी यात्रा थी, जिसमें रामानुजन ने न केवल कई गणितीय सिद्धांतों को सुलझाया. बल्कि उन्हें उस समय के महानतम गणितज्ञों के समक्ष भी रखा। उन्होंने रामानुजन के मैजिक नंबर 1729 का भी जिक्र किया और कहा कि गणित के क्षेत्र में श्रीनिवास रामानुजन का योगदान अतुल्नीय है, जिसको कि भुलाया नहीं जा सकता है।

उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपना सुभाशीष प्रदान किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। समारोह के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता देश राज शर्मा, उत्तर क्षेत्र महासचिव, विद्या भारती ने श्रीनिवास रामानुजन के गणित में योगदान से प्रतिभागियों तथा संकाय सदस्यों को अवगत कराया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि यदि हम वास्तव में किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें संसाधनों के न्यूनतम उपयोग के साथ लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें श्रीनिवास  रामानुजन के जीवन से यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि संसाधनों के आभाव में भी कैसे अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

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उन्होंने आगे इस बात पर बल दिया कि हमें कई डिग्रियां जमा करने के बजाय वास्तविक शिक्षा प्राप्त करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि हम समाज के लिए वास्तविक योगदानकर्ता बन सकें। वहीं विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार ने इस उपलक्ष्य में कहा कि किसी भी परिघटना को समझने के लिए गणित एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और गणित को केवल गणना और एल्गोरिदम का क्षेत्र नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने छात्रों को गणित की किसी भी समस्या को उसके बहुविषयक परिणामों को ध्यान में रखते हुए हल करने के लिए प्रेरित किया ताकि कारण और प्रभाव के मूल स्तर तक पहुँचा जा सकें।

राष्ट्रीय गणित दिवस के इस  समारोह में भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित विभिन्न छात्र उन्मुख गतिविधियों जैसे कि गणितीय डंब सराज, गणितीय मॉडल, पोस्टर प्रस्तुति, गणितीय रंगोली, पाई अंक प्रतियोगिता, गणितीय प्रश्नोत्तरी और गणितीय वार्ता का आयोजन किया गया, जिनका मुख्य उद्देश्य छात्र एवं छात्राओं को प्रोत्साहित करना तथा उनके अंदर छुपी हुई गणितीय प्रतिभा को उजागर करना था। विभाग के सभी छात्र-छात्राओं ने विभिन्न गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभाओं का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया । समारोह में आयोजित सभी गतिविधियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार पाने वाले  प्रतिभागियों  को मुख्य अतिथि श्री देश राज शर्मा  एवं विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक प्रो. राकेश कुमार द्वारा सम्मानित किया गया। आयोजन के अंत में सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया । इस समारोह को सफल बनाने में गणित विभाग के सभी प्राध्यापकों, शोध छात्रों तथा विद्यार्थियों  का सराहनीय योगदान रहा।

समूह आधारित प्रतियोगिता गणितीय रंगोली में समूह ए के प्रतिभागियों शाइनी, श्रुति, आर्यन, कनिका और नेहा ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। द्वितीय पुरस्कार समूह एफ से मंजू, गरिमा, पल्लवी, शिल्पा और दीपिका  के नाम रहा जबकि तृतीय पुरस्कार समूह बी. से विवेक, निखिल, रवि, पंकज और यशपाल ने प्राप्त किया । पाई अंक प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार क्रमशः सिद्धार्थ, गरिमा और विवेक को मिला । गणितीय प्रश्नोत्तरी में प्रथम पुरस्कार विवेक को मिला। द्वितीय पुरस्कार साहिल ने प्राप्त किया जबकि तृतीय पुरस्कार डिंपल चौहान के नाम रहा ।

गणितीय वार्ता में साहिल ने प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, शौर्य कंवर ने गणित का दर्शनशास्त्र विषय पर द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया जबकि भारतीय गणित का योगदान विषय पर तृतीय पुरस्कार पीयूष शर्मा को मिला। गणितीय डंब सराज में प्रथम पुरस्कार टीम-1 से कशिश, शिवली और दीक्षा को मिला जबकि द्वितीय पुरस्कार टीम-7 से श्रुति, शाइनी और कनिका के नाम रहा ।

तृतीय पुरस्कार टीम-5 से यशपाल, स्मृति और शिया के नाम रहा। गणितीय मॉडल में समूह बी से ज्योति प्रकाश, मंजू ठाकुर और पल्लवी ठाकुर को प्रथम पुरस्कार, समूह डी से श्वेता, अंकिता और उर्मिका को द्वितीय पुरस्कार तथा समूह ए से दीपिका, गरिमा और कुलदीप को तृतीय पुरस्कार मिला। पोस्टर प्रस्तुति में ऋतिका ठाकुर को प्रथम पुरस्कार, शिया धीमान को द्वितीय पुरस्कार और स्मृति ठाकुर को तृतीय पुरस्कार मिला।

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