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शिमला। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने बुधवार को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। विपक्ष ने सदन के अंदर भी तल्ख तेवर दिखाते हुए प्रश्नकाल के दौरान बल्क ड्रग पार्क के निर्माण में हो रही देरी को लेकर हमला बोला।
भाजपा विधायक व पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने सदन में बल्क ड्रग पार्क के निर्माण को लेकर प्रश्न पूछा था जिसका संतोषजनक जवाब न मिलने पर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और वॉकआउट कर दिया।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क के निर्माण कार्य को सरकार जानबूझकर लटकाने का काम कर रही है जबकि पूर्व सरकार की कड़ी मेहनत के बाद प्रदेश को बल्क ड्रग पार्क की सौगात मिली है। प्रोजेक्ट के निर्माण से प्रदेश की इकोनॉमिक स्थिति में बदलाव होगा और बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा लेकिन सरकार प्रोजेक्ट के काम को रोकने का प्रयास कर रही है जो सहनीय नहीं है।
हालांकि प्रश्न के जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने कहा प्रोजेक्ट में पारदर्शिता से काम हो रहा है और भारत सरकार की गाइडलाइन से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि प्रोजेक्ट को बंद करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है लेकिन प्रोजेक्ट के काम में समय लगेगा। प्रोजेक्ट को हिमाचल की शर्तों के अनुरूप आगे ले जाया जाएगा। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की सदन से वॉकआउट कर दिया।
वहीं, जयराम ठाकुर ने कहा कि नौकरियों को लेकर सीएम सुक्खू ने बीते कल सदन में झूठ बोला था जिसको लेकर आज सदन में कांग्रेस का मेनिफेस्टो रखा गया जिसमें साफ लिखा गया था कि सरकार बनने पर कांग्रेस पहली ही कैबिनेट मीटिंग में एक लाख सरकारी नौकरी देगी और पांच साल में पांच लाख रोजगार दिए जाएंगे, लेकिन अब मुख्यमंत्री सदन में झूठ बोल रहे हैं कि कांग्रेस ने ऐसा कहीं नहीं बोला है।
मेनिफेस्टो अलग है और दस गारंटी अलग है। कांग्रेस ने झूठी गारंटी देकर सत्ता हासिल की और अब झूठ के सहारे सरकार चला रहे हैं, लेकिन जनता अब गुमराह होने वाली नहीं है। विपक्ष जनता की आवाज को बुलंद कर रहा है।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने एक दिन में दूसरी बार वॉकआउट किया।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते सदन से बाहर आ गए।
इससे पहले अर्की अली खड्ड मुद्दे पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया था। विधायक विपिन परमार ने कहा कि पूरे हिमाचल सहित कांगड़ा जिला के साथ भेदभाव हो रहा है।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायकों ने बड़ी संजीदगी से मुद्दों को उठाया, लेकिन मुख्यमंत्री इस और गंभीर नहीं हैं। हिमाचल की जनता को गुमराह किया जा रहा है।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को भी बिलासपुर और सोलन के अर्की की सीमा पर स्थित अली खड्ड पर बन रही उठाऊ पेयजल योजना को लेकर सदन के अंदर खूब हंगामा हुआ। मंत्री हर्षवर्धन चौहान के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दरअसल, विपक्ष की तरफ से विधायक रणधीर शर्मा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत पेयजल योजना का मुद्दा सदन में उठाया।
उन्होंने कहा कि इस पेयजल योजना का लोग विरोध कर रहे हैं जिनके ऊपर सरकार ने लाठीचार्ज किया और डकैती का मामला दर्ज किया है।
सरकार इस मामले को तुरंत खारिज करे और इस पेयजल योजना को भी बंद कर कोलडैम से पानी उठाए वरना आंदोलन और उग्र होगा।
जवाब में मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि 8 पंचायत के हजारों लोगों के लिए अली खड्ड से उठाऊ पेयजल योजना का कार्य चल रहा है जिसको लेकर कुछ लोग आपत्ति जाहिर कर रहे हैं और विपक्ष इसका फायदा उठाना चाहता है।
विधायक रणधीर शर्मा भी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हुए जिसके चलते एक एफआईआर दर्ज हुई है और मामले को लेकर छानबीन की जा रही है।
पेयजल योजना बनने से अली खड्ड से चल रही बिलासपुर की पेयजल योजनाओं पर कोई असर नहीं होगा। विपक्ष बेवजह इस मामले को तूल दे रहा है। इस बात से खफा विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और नारे लगाते हुए सदन से बाहर आ गए।
शिमला। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सदन में भारी हंगामा हुआ जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
दरअसल, प्रश्नकाल के बाद बिलासपुर की सीमा पर अर्की की अली खड्ड योजना पर विपक्ष ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर सारा काम रोककर चर्चा मांगी।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने चर्चा की अनुमति नहीं दी तो भाजपा विधायक दल ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सदन में प्रश्नकाल के बाद नियम 67 में चर्चा मांगी गई थी, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई है।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस तरह से मामला नहीं उठाने के लिए रोका तो रणधीर शर्मा ने कहा कि उन्हें पुलिस की लाठी से चोट लगी है। यहां पर मामला नहीं उठाएंगे तो कहां उठाएंगे।
अली खड्ड विवाद को लेकर जब वह आंदोलनकारियों से बात करने जा रहे थे तो डीएसपी ने रोका और लाठीचार्ज किया और उन्हें खुद भी चोटें आई हैं।
रणधीर शर्मा ने कहा कि बिलासपुर को हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सीमा बना देना उचित नहीं है। बहुत सी धाराएं लगाई गई हैं।
डकैती तक की धाराएं लगाई गई हैं। किसने डकैती की है? ऐसी धाराएं प्रधानों और चुने हुए प्रतिनिधियों पर लगाया जाना उचित नहीं है। यह विवाद लंबे वक्त से चल रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने काम रोकने के आदेश दे रहे हैं, लेकिन मना करने के बावजूद वहां काम चला हुआ है। हाइड्रोलॉजिस्ट की रिपोर्ट के बगैर ही इतनी बड़ी योजना बनाई जा रही है।
अंबुजा कंपनी ने पैसा दिया है तो लोगों को लगता है कि इसी कंपनी के लिए पानी जा रहा है। गर्मियों में पानी की दिक्कतें आती हैं। योजनाएं बंद हो जाती हैं। यह जिद्द क्यों पकड़ी गई है।
रणधीर शर्मा ने कहा कि पेयजल योजना का काम बंद किया जाए और लोगों पर दर्ज की गई एफआईआर रद्द की जाए।
शिमला। पिछले 6 दिन से शिमला में अनशन पर बैठे JOA IT व अन्य विभिन्न पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों ने आज बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन शिमला के चौड़ा मैदान में धरना प्रदर्शन किया।
विधानसभा की ओर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते JOA IT अभ्यर्थियों को चौड़ा मैदान में ही पुलिस ने बेरीकेट्स लगाकर रोका। अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द रिजल्ट घोषित नहीं किया जाता है तो वह आमरण अनशन की ओर बढ़ेंगे।
JOA IT अभ्यर्थियों का कहना है कि विभिन्न पोस्टकोड के तहत उनकी लंबित पड़ी भर्तियों के रिजल्ट को सरकार जल्द से जल्द निकाले।
युवाओं का कहना है कि इनका रिजल्ट 4 से 5 साल से लंबित पड़ा हुआ है और वह लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं। सरकार आश्वासन के अलावा कमेटियां बना रही है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि रिजल्ट की देरी से युवाओं के कई साल बर्बाद हो रहे हैं और ऐसे कई युवा हैं जिनकी आयु सीमा नौकरियों की भर्ती के लिए पूरी हो रही है।
यह बेरोजगार युवा सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि इस मामले को सरकार प्राथमिकता से निपटाएं और सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी में भी जल्द निर्णय लिए जाएं।
युवाओं का कहना है कि वह कई साल से भर्ती का इंतजार कर रहे हैं और अब वह और उनके परिवार निराश हो चुके हैं ऐसे में वह अपनी मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार रिजल्ट घोषित कर दे या उन्हें जहर देकर मार डाले या फिर जेल में डाल दे। यदि सरकार जल्द रिजल्ट घोषित नहीं करती है तो वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे और आमरण अनशन की ओर बढ़ेंगे।
शिमला। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र का आज समापन हो गया। सत्र में 16 बैठकें आयोजित की गईं। 75 घंटे सदन की कार्यवाही चली। इस दौरान 639 तारांकित सवाल पूछे गए, जबकि 257 आतारांकित प्रश्न पूछे गए। नियम 67 के तहत 2 चर्चाएं की गई। नियम 62 के तहत 5 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए। नियम 63 के तहत भांग की खेती को लीगल करने को लेकर 1 चर्चा प्रस्ताव लाया गया। नियम 130 के तहत 7 चर्चाएं की गई। 8 सरकारी विधेयक पास किए गए। नियम 324 के तहत 8 विषय सदन में लाए गए। 17 मार्च को मुख्यमंत्री ने बजट पेश किया, जिसमें 52 सदस्यों ने बजट चर्चा में भाग लिया।
सत्र खत्म होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सत्र सौहार्दपूर्ण तरीके से खत्म हुआ है। सत्र में विपक्ष को बोलने का पूरा मौका दिया गया। कर्ज को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष बौखलाहट में है, इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री को सदन में गुस्सा आ रहा था। सरकार प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आगे बढ़ रही है। आने वाले चार वर्षों में प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाएंगे और आगामी दस वर्षों में प्रदेश देश का सबसे शक्तिशाली राज्य होगा।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने सत्र की समाप्ति पर कहा कि सदन में उन्होंने जनहित से जुड़े मुद्दे उठाए। साथ ही सरकार द्वारा लिए गए जनविरोधी निर्णयों को भी उठाया गया। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ सरकार ने संस्थान बंद किए, जिसकी वजह से विपक्ष को विरोध में आना पड़ा। विपक्ष सदन के बाहर भी जनता की आवाज उठाएगा। विपक्ष लोकतंत्र प्रभारी योजना को बंद करने सहित संस्थान बंद करने को लेकर सरकार को घेरता रहेगा।