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शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय शिमला में बेरोजगार पीटीआई (एससीवीटी) संघ का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। संघ लंबे समय से उन्हें आरएमपी रूल में छूट देने की मांग कर रहा है।
इसी मांग को लेकर शुक्रवार को (एससीवीटी) पीटीआई संघ के प्रतिनिधि प्रदेश सचिवालय पहुंचे और शिक्षा मंत्री से मुलाकात की।
इस दौरान संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह लगातार पिछले कई साल से अपनी मांगों को लेकर मिल रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन मिल रहा है। ऐसे में उन्होंने अब चेतावनी देते हुए सरकार को 2 महीने का समय दिया है, अन्यथा कोई ठोस कदम अपनाने की भी बात कही है
बेरोजगार (एससीवीटी) पीटीआई संघ के अध्यक्ष पप्पू भाटिया ने कहा कि पिछले 7 वर्ष से उनका संघ लगातार सरकार से मिल रहा है, मगर उन्हें केवल आश्वासन दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में आरएमपी रूल्स लाए किए गए थे, जबकि पीटीआई की ट्रेनिंग उससे पहले की है। एससीवीटी में और भी बहुत से ट्रेड हैं, जो सभी एलिजिबल हैं, लेकिन पीटीआई ही एलिजिबल नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी संख्या 4 से 5 हज़ार के आसपास है। वहीं, लगातार आश्वासन के बाद उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि पिछले 7 वर्षों से सरकारों से मिल रहे हैं लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। ऐसे में नई सरकार अभी गठित हुई है।
वह सरकार को 2 महीने का समय दे रहे हैं। अन्यथा उन्हें कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा। इस दौरान पप्पू भाटिया ने अपने प्रशिक्षण का डिप्लोमा तक रखने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता तो सरकार उनका डिप्लोमा भी रख लें।
शिमला। टेंपो ट्रैवलर पर टैक्स लगाने के फैसले के विरोध में उतरी पंजाब की टैक्सी यूनियन अब 15 अक्तूबर को हिमाचल की सीमाएं सील नहीं करेगी। शुक्रवार को सचिवालय में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने आजाद टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई।
बैठक में यूनियन ने टेंपो ट्रैवलर पर टैक्स लगाने के फैसले को वापिस लेने की मांग की। यूनियन ने तर्क दिया कि वे केंद्र सरकार को हर साल टैक्स देते हैं और किसी भी राज्य में अलग से टैक्स नहीं लिया जाता है।
आजाद टैक्सी यूनियन पंजाब के अध्यक्ष शरनजीत कलसी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के टैक्सी यूनियन ने टैक्स के विरोध में 15 अक्तूबर को हिमाचल की सीमाओं को सील करने का ऐलान किया था लेकिन सरकार की ओर से वार्ता के लिए बुलाया गया। आज डिप्टी सीएम के साथ बैठक हुई है।
हिमाचल सरकार द्वारा टैक्स बिल में संशोधन किया गया है, जिसमें टेंपो ट्रैवलर पर अलग से टैक्स लगाया गया है, जोकि सही नहीं है। ऑल इंडिया परमिट गाड़ियों के लिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट को 80000 रुपए साल का टैक्स अदा करते हैं।
उसके बाद पंजाब सरकार को टैक्स अदा कर रहे हैं। अब हिमाचल भी उनपर टैक्स थोप रहा है। सेंटर मोटर व्हीकल एक्ट के अंदर डबल टैक्स नहीं लगाया जाता, लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा यहां पर अलग से टैक्स लगाया गया है।
बैठक में अधिकारी भी मौजूद रहे और डिप्टी सीएम ने इस फैसले को वापिस लेने का आश्वासन दिया है और आगामी कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा करने का आश्वासन दिया है जिसको देखते हुए फिलहाल 15 अक्तूबर को हिमाचल की सीमाओं को सील नहीं किया जाएगा।
वहीं, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई है और यूनियन ने अपनी मांगें उनके समक्ष रखी हैं और टैक्स हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से काफी ज्यादा बसें हिमाचल आती हैं और बिना टैक्स दिए सवारियां ले कर जाती हैं।
इसको देखते हुए उन पर टैक्स लगाया गया है साथ ही टेंपो ट्रैवलर पर भी टैक्स लगाया है और इसका बाहरी राज्यों की टैक्सी यूनियन विरोध कर रही है। इसको लेकर आज उनसे बात हुई है। टैक्स कम करने बारे जल्द फैसला लिया जाएगा।
हमीरपुर। हमीरपुर जिला के सुजानपुर के निकट पलाही में मैहलड़ू खड्ड पर बने पुल के आस-पास भारी मात्रा में जमा हुए लगभग 3.83 लाख मीट्रिक टन पत्थरों, रेत और बजरी को खुली बोली के माध्यम से नीलाम किया जाएगा।
एडीसी जितेंद्र सांजटा ने बताया कि इसके लिए सरकार से अनुमति मिलने के बाद डीसी हमीरपुर के निर्देशानुसार 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे एसडीएम कार्यालय सुजानपुर में खुली नीलामी रखी गई है। नीलामी की प्रक्रिया एडीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा पूर्ण की जाएगी।
एडीसी ने बताया कि यह नीलामी केवल पुल से 250 मीटर नीचे तक और पुल से 350 मीटर ऊपर तक के क्षेत्र में जमा पत्थरों, रेत और बजरी की होगी। इसके अलावा दोनों तरफ 10-10 मीटर का क्षेत्र भी छोड़ दिया जाएगा। एडीसी ने कहा कि इच्छुक व्यक्ति 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे एसडीएम कार्यालय सुजानपुर में नीलामी में भाग ले सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए खनन अधिकारी कार्यालय हमीरपुर में संपर्क किया जा सकता है। डीसी जिला हमीरपुर की वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है। चयनित उच्चतम बोलीदाता से नीलामी राशि 3 बराबर किश्तों में वसूल की जाएगी।
पहली किश्त नीलामी के समय और अन्य दो किश्तें दो-दो माह के अंतराल में जमा करवानी होगी। नीलामी की अन्य शर्तें मौके पर ही पढ़कर सुनाई जाएंगी। बोलीदाता को बोली से पूर्व 15 हजार रुपये की धरोहर राशि जमा करवानी होगी, जोकि नीलामी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद वापस कर दी जाएगी। बोलीदाता के पास अपना पैन कार्ड और आधार कार्ड होना चाहिए।
धर्मशाला। कांगड़ा के धर्मशाला में राजस्व अधिनियम में संशोधन के विरोध में पटवारी-कानूनगो खूब गरजे। कहा कि पटवारी -कानूनगो पर अनावश्यक रूप से इतने काम थोप दिए हैं, जिनका मैन्युअल में तय कामों से दूर दूर तक वास्ता नहीं है। हर रोज विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट तैयार करने में आधा दिन बीत जाता है, जो किसी अधिकारी की गिनती में नहीं आता है।
एक कानूनगो ज्यादा से ज्यादा पांच-सात निशानदेही के मामले एक माह में निपटा सकता है, जबकि उसके पास निशानदेही के प्रतिमाह 30 से 40 मामले आते हैं , ऐसी सूरत में सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा में काम कैसे होगा, इस पर विचार किया जाए। नहीं तो पटवारी-कानूनगो एक दिन में कौन-कौन से काम कितनी मात्रा में करेगा, इस बारे में भी एक बिल लाया जाए।
संयुक्त पटवार एवं कानूनगो महासंघ जिला कांगड़ा ने मांग की है कि संशोधित बिल को लागू करने से पहले एक बार राज्य कार्यकारिणी के साथ बैठक की जाए। यदि कार्यकारिणी के साथ चर्चा किए बिना इसको थोपने की कोशिश की गई तो महासंघ किसी भी प्रकार का आंदोलन करने पर विवश होगा।
बता दें कि संयुक्त पटवार एवं कानूनगो महासंघ जिला कांगड़ा ने वीरवार को प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी की अगुवाई में डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल के माध्यम से राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर जिला भर से चयनित जिला व तहसील स्तरीय पदाधिकारियों ने भाग लिया।
इससे पहले 27, 28 व 29 सितंबर को प्रदेश भर में एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए हैं। इसी कड़ी के दूसरे चरण में चार अक्टूबर को प्रदेश के छह जिलों में डीसी के माध्यम से ज्ञापन भेजे गए। शेष जिलों ने गुरुवार को ज्ञापन भेजे।
ज्ञापन में महासंघ की ओर से आग्रह किया गया है कि राजस्व अधिनियम में संशोधन के माध्यम से लोगों को समय पर सुविधा मिले, इसका महासंघ स्वागत करता है, मगर यह केवल कानून बनाने से नहीं होगा, अपितु धरातल पर आवश्यक सुधार करने से होगा। वर्तमान समय में पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार व तहसीलदार स्तर तक के लगभग 25 से 70 फीसदी पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा पटवारी, कानूनगो को अपने राजस्व कार्य करने का तो समय ही नहीं मिल पाता है।
हर रोज विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट तैयार करने में आधा दिन बीत जाता है, जो किसी अधिकारी की गिनती में नहीं आता। एक दिन में 50 से लेकर 100 तक प्रमाण पत्र एक पटवारी के पास बनते हैं।
साथ ही फोन द्वारा विभिन्न -विभिन्न सूचनाओं को तैयार करके भेजना, पीएम किसान सम्मान से जुड़े काम, स्वामित्व योजना, 1100 सीएम संकल्प शिकायत विवरणी के निपटारे, राहत कार्य, फसल गिरदावरी, निर्वाचन कार्य के अलावा बीएलओ व सुपरवाइजर के काम, लोक निर्माण, वन, खनन, उद्योग आदि अनेकों परियोजनाओं के मौका कार्य एवं संयुक्त निरीक्षण शामिल हैं।
साथ ही इंतकाल दर्ज करना, उच्च अधिकारियों तथा माननीयों के भ्रमण में हाजिर होना, विभिन्न न्यायालयों में पेशियों व रिकॉर्ड पेश करने बारे हाजिर होना, राजस्व अभिलेख को अपडेट करना, कार्य कृषि गणना, लघु सिंचाई गणना, धारा 163 के तहत मिसल कब्जा नाजायज तैयार करना, जमाबंदी की नकलें सत्यापित करना शामिल हैं।
जो रिकॉर्ड वर्ष 2000 से पहले का कम्प्यूटरीकृत नहीं हुआ है, उसकी लिखित रूप में नकलें तैयार करना, मौका पर ततीमा तैयार करना, टीआरएस गिरदावरी करना, आरएमएस पोर्टल अपडेट करना, भूमि विक्रय हेतु दूरी प्रमाण पत्र, बीपीएल सर्वेक्षण कार्य, कार्य फोरलेन, एयरपोर्ट काम, आरटीआई से संबंधित सूचना तैयार करना, 2/3 बिस्वा अलॉटमेंट, धारा 118 की रिपोर्ट तैयार करना शामिल है।
इसके अतिरिक्त बैंकों के लोन संबंधित रपटें दर्ज करना, भूमि की कुर्की संबंधित रपटें दर्ज करना, प्रतिदिन एनजीडीआरएस, मेघ , मेघ चार्ज क्रिएशन, मन्दिर व मेला ड्यूटी , क्राप कटिंग एक्सपेरिमेंट, लैंड एक्युजेशन वर्क, पेंशन फार्म, मंदिर में चढ़ावा गणना, जनगणना कार्य, जल निकाय गणना, भू-हस्तांतरण संबंधित कार्य, वांरट वेदखली, रिकवरी, अटैकमैंट, व प्रतिदिन Whatsappके माध्यम से मांगी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को तैयार करने में ही समय व्यतीत हो जाता है और माह के अंत में प्रोग्रेस निशानदेही व तकसीम की मांगी जाती है।
हिमाचल में पटवारी, कानूनगो को सप्ताह में तीन दिन कार्यालय में जरूरी तौर पर बैठने के अतिरिक्त फसल, घास व वर्षा के समय के बाद साल में 3-4 महीने ही फील्ड संबंधी कार्य करने को मिलते हैं। एक कानूनगो ज्यादा से ज्यादा पांच-सात निशानदेही के मामले एक माह में निपटा सकता है, जबकि उसके पास निशानदेही के प्रतिमाह 30 से 40 मामले आते हैं , ऐसी सूरत में सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा में काम कैसे होगा, इस पर विचार किया जाए।
जिला कांगड़ा में बंदोबस्त हुए 50 साल से लंबा अरसा बीत चुका है और बंदोबस्त न होने के चलते भी जमीनी विवाद बढ़ते चले जा रहे हैं। कई जगह तो लट्ठे खस्ताहाल हो चुके हैं। हालांकि नियमों के मुताबिक बंदोबस्त 40 साल के बाद होना जरूरी है। मनोचिकित्सकों की मानें तो आज के दौर में मोबाइल फोन व लैपटॉप पर अत्यधिक कार्य से मानसिक तनाव व दबाव बढ़ गया है, जिससे सेहत पर विपरीत असर देखने को मिल रहा है। हालांकि इस तरह के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। कर्मचारी वर्ग भी इससे अछूता नहीं रहा है।
इस अवसर पर पटवार -कानूनगो महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी के अलावा कांगड़ा जिला से वचित्र सिंह, विवेक शर्मा, संजीव कुमार, निशांत, कुलदीप, प्रदीप, मनोज, अनिल, अमन, सागर, रणजीत, बलवंत, विकास, भूपिंदर, योगराज, अश्विनी, राजकुमार, सन्नी, हाकिम, पल्लवी, रुचिका, किरण, अनुराधा, शालिनी, सपना, सुनीता और पूनम सहित सैंकड़ों पदाधिकारी मौजूद रहे।
डरोह। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार की जिला कांगड़ा में पुलिस अकादमी स्थापित करने की योजना है। यह बात उन्होंने पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज (PTC) डरोह में पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पुलिस बल के सशक्तिकरण के लिए पुलिस विभाग में आरक्षियों के 1226 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की गई और कमांडो बल स्थापित करने के मामले पर विचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण के लिए कृत संकल्प है, जिसके लिए विभिन्न नई तकनीक शामिल की जाएंगी।
पुलिस बल को आवासीय सुविधाएं प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है, जिसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का आधुनिकीरण सरकार की प्राथमिकता है और सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और अधिक संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
उन्होंने पास आउट प्रशिक्षुओं को सेवाओं में व्यावसायिकता तथा प्रतिबद्धता लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस के सामने नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने सभी प्रशिक्षुओं को बधाई दी तथा आशा व्यक्त की कि वे अनुशासन के साथ सेवा प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राज्य में मानसून के दौरान आई आपदा में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर बचाव तथा राहत कार्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 271 महिला प्रशिक्षुओं सहित 1093 प्रशिक्षु पुलिस आरक्षियों की परेड का निरीक्षण किया तथा भव्य मार्चपास्ट की सलामी ली। प्रशिक्षुओं ने हथियारों को जोड़ने-खोलने, निशस्त्र युद्ध, कमांडों युद्ध, वैपन पीटी तथा मास पीटी की प्रस्तुति दी।
मुख्यमंत्री ने 21 करोड़ रुपये की लागत से डरोह में निर्मित 12 टाइप-3 आवास, 320 प्रशिक्षुओं के बैरेक तथा बाढ़ एवं फ्लड एंड ड्राउनिंग सेंटर का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के मेधावी प्रशिक्षुओं तथा प्रशिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने महाविद्यालय की मासिक पत्रिका के 33वें अंक का विमोचन भी किया।
डीआईजी संजय कुंडू ने स्वागत संबोधन में पुलिस विभाग में विभिन्न पद स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि इस निर्णय से रिक्तियां भरने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बैच के प्रशिक्षण में उच्च मानकों को अपनाया गया है।
यह महाविद्यालय राष्ट्रीय तथा उत्तर क्षेत्र स्तर पर प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है तथा अब उप-पुलिस अधीक्षक तथा उप-निरीक्षक प्रशिक्षण में भी सर्वोच्च रैकिंग प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह के प्रधानाचार्य विमल गुप्ता ने कॉलेज की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष के लिए 11 लाख रुपये का चेक भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत सजूराम राणा (आईपीएस) के पुत्र साहिल राणा को पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर पद के लिए नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया। बता दें कि जनवरी 2023 में धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की जन आभार रैली के दौरान आईपीएस साजू राम राणा की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसआर राणा धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में हुई इस जन आभार रैली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे थे। उनकी निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। साजू राम राणा मूल रूप से मंडी जिले के धर्मपुर के ध्वाली गांव के रहने वाले थे, उनके दो बच्चे हैं।
जब उनका निधन हुआ तब वह जिला हमीरपुर की जंगलबैरी में चौथी बटालियन में कमांडेंट थे। राणा 1 सितंबर,1990 को पुलिस विभाग में बतौर निरीक्षक भर्ती हुए थे। जनवरी 2020 में वह आईपीएस कैडर में प्रमोशन हुआ था। एसआर राणा ने 31 मई 2024 को रिटायर होना था।
शिमला। हिमाचल में मेल/फीमेल हेल्थ वर्कर की भर्ती बैच वाइज करने का सरकार को कोई विचार नहीं है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धनी राम शांडिल ने दी है।
जानकारी में बताया कि वर्तमान में स्टाफ नर्सिज, फार्मासिस्ट और लैब तकनीशियनों की भांति मेल/फीमेल हेल्थ वर्कर के भर्ती और पदोन्नति नियमों में बैचवाइज के प्रावधान से संबंधित संशोधन करने के लिए कोई भी प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।
हिमाचल के कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक भवानी पठानिया के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जानकारी दी है कि फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों में 238 पद रिक्त चल रहे हैं। इसमें प्रिंसिपल का 1, लेक्चरर स्कूल न्यू के 35, डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन के 5, सुपरिटेंडेंट ग्रेड दो को 5, सीनियर असिस्टेंट के 12, क्लर्क/जेओए आईटी के 17, लेबोरेटरी अटेंडेंट के 16, क्लास फोर के 9, टीजीटी का 1, क्लासिकल और वर्नाकुलर टीचर के 81, हेड टीचर के पांच, जेबीटी के 51 पद खाली हैं। जानकारी में बताया कि रिक्तियों को भरना और नए पद सृजित करना एक सतत प्रक्रिया है। राज्य सरकार आरएंडपी नियमों के प्रावधानों के अनुसार रिक्त पदों को भरने का पूरा प्रयास कर रही है।
सरकाघाट के विधायक दलीप ठाकुर से सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी है कि एचआरटीसी सरकाघाट डिपो में कुल 75 बसें हैं। इसमें 11 बसें लंबे रूटों और 109 बसें लोकल रूट पर चलती हैं। भद्रोता से एम्स बिलासपुर और पीजीआई चंडीगढ़ के लिए बस सेवाओं का संचालन संसाधनों की उपलब्धता होने पर संभव है।
सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी दी है कि एक जनवरी 2023 से 31 अगस्त 2023 तक साइबर क्राइम के 49 मामले दर्ज हुए हैं। सरकार ने रेंज स्तर पर तीन साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मंडी, धर्मशाला और शिमला में खोले हैं। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम तथा सोशल मीडिया पेज पर एडवाइजरी जारी करके, नए स्कैम और फ्रॉड के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके अतिरिक्त साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 भी खोला गया है।
वहीं, ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी दी है कि 1 जनवरी 2023 से 31 अगस्त 2023 तक 4 नए शराब के ठेके खोले गए और 176 उप ठेके खोले गए हैं। यह ठेके सरकारी राजस्व के हित और संबंधित क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री को रोकने के लिए खोले गए हैं। इस वित्तीय वर्ष शराब के ठेकों की नीलामी हो चुकी है।
अब इस वित्त वर्ष 2023-24 में नए ठेके खोलने का कोई विचार नहीं है। इसके अतिरिक्त आबकारी नीति वर्ष 2023-24 की शर्त 2.51 के अनुसार उप ठेके को खोलने का प्रावधान है। लाइसेंसी इसके लिए आवेदन कर सकता है और यदि आवेदन नियमानुसार हो तो विभाग उप ठेके को खोलने की अनुमति प्रदान कर सकता है।