वहीं, वीरवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में योजना को पूरे हिमाचल में लागू करने को लेकर मंजूरी के साथ बजट का भी प्रावधान सरकार करने जा रही है। इसके बाद नोटिफिकेशन भी जारी कर दी जाएगी।
बता दें कि प्रदेश सरकार 18 साल से अधिक आयु की सभी पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि देगी।
इसके प्रथम चरण की शुरुआत लाहौल स्पीति जिला से कर दी गई है। 18 से 60 साल तक महिलाओं को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके लिए उक्त फॉर्म भरा जाएगा।
वहीं, 60 साल से ऊपर पहले से किसी पेंशन योजना में शामिल महिलाओं की सम्मान राशि बढ़ाकर 1500 रुपए की जाएगी। इस योजना से पांच लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा। सालाना 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
बनखंडी/नगरोटा बगवां। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि का फार्म जारी किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 18 साल से अधिक आयु की सभी पात्र बच्चियों व महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि देगी। इसके लिए यह फार्म भरा जाएगा। वीरवार को कैबिनेट की बैठक में इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिले के अपने दौरे में देहरा और नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में 784 करोड़ रुपये की 33 विकास परियोजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल बनाने के लिए मजबूती से आगे बढ़ रही है। इसके लिए नीतियों-कानूनों में जरूरी बदलाव किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार युवा हितैषी सरकार है। प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 20 हजार भर्तियां की जा रही हैं। जलशक्ति विभाग में करीब 10 हजार युवाओं को नौकरी देने के साथ ही शिक्षा विभाग में 6500, पुलिस में 1231, वन विभाग में 2061 तथा खनन विभाग में करीब 100 भर्तियां की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार में मदद की जा रही है। युवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट आधारित बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के निशान पर जीते 6 विधायकों ने पार्टी से दगाबाजी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विधायकों को उनसे व्यक्तिगत विरोध हो सकता था, लेकिन पार्टी से विरोध नहीं होना चाहिए था।
ये विधायक बजट सेशन से हैलीकॉप्टर से उड़े और तब से पंचकूला में आराम फरमा रहे हैं।
उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि यह सोच से परे है कि पार्टी के खिलाफ जाने वालों में एक विधायक ऐसे भी थे, जिन्हे पार्टी ने पूर्व में मंत्री तक बनाया था, उनके पिता पूर्व में मंत्री और पार्टी के अध्यक्ष रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी को मंत्री परिषद में जगह देना संभव नहीं होता। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे खुद दो दशक से विधायक हैं और जनता के आशीर्वाद से अब मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का मौका मिला है।
मुख्यमंत्री ने नगरोटा बगवां में स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर खोलने, बहुउद्देशीय मॉडल खेल परिसर बनाने, एकीकृत नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र खोलने की घोषणा की। उन्होंने नगरोटा बगवां तथा आसपास के क्षेत्र के लिए मल निकासी योजना की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने 80 मीटर स्पैन के बड़ोह बाथू पुल के निर्माण को स्वीकृति दी। उन्होंने नगरोटा बगवां के चंगर क्षेत्र में 68 करोड़ रुपये की सिंचाई योजना की घोषणा की। उन्होंने चामुंडा से वृंदावन के लिए एचआरटीसी की एसी बस चलाने की घोषणा भी की।
ये हुए उद्घाटन शिलान्यास
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविदंर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कांगड़ा जिले के अपने दौरे में देहरा और नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में 784 करोड़ रुपये की 33 विकास परियोजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास किए। मुख्यमंत्री ने देहरा विधानसभा क्षेत्र में 356.02 करोड़ रुपये की 3 परियोजनाओं की आधारशिलाएं रखी।
उन्होंने देहरा के बनखंडी में 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले जियोलॉजिकल पार्क की आधारशिला रखी। इसके बाद माता बगलामुखी मंदिर बनखंडी की पार्किंग में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने देहरा विस में 6.02 करोड़ रुपये की दो सड़कों नैहरन पुखर से बाड़ा वाया भ्रूण तथा चिंतपुर्णी से बरवाड़ा के कार्य का शिलान्यास किया।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने नगरोटा बगवां के गांधी मैदान में नगरोटा बगवां तथा पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 427 करोड़ रुपये की 30 विकास परियोजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास किए।
हमीरपुर। हिमाचल के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए भत्ता देने की गारंटी दी थी। इसके पहले चरण की शुरुआत लाहौल स्पीति से हो गई है।
वहीं, 4 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में प्रेसवार्ता कर हिमाचल में 18 साल से ऊपर की सभी महिलाओं को अगले वित्त वर्ष से 1500 रुपए भत्ता देने का ऐलान किया था।
हमीरपुर में विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि 7 मार्च, 2024 को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस योजना को शुरू करने की मंजूरी प्रदान करने के साथ बजट का भी प्रावधान करेंगे। साथ ही अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
एक अप्रैल 2024 से 18 साल से अधिक आयु की बेटियों, माताओं और बहनों को 1500 रुपए भत्ता देंगे।
इस योजना से करीब पांच लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा। प्रदेश सरकार की ओर से सभी पात्र महिलाओं के फार्म भरवाए जाएंगे। इस योजना से प्रत्येक परिवार सीधे-सीधे जुड़ेंगे।
योजना पर 800 करोड़ रुपए प्रति वर्ष खर्च होगा। 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को पहले से पेंशन दी जा रही है, जिसे इस योजना के तहत 1150 से बढ़कर 1500 रुपए किया जाएगा।
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार का दूसरा बजट सत्र 14 फरवरी, 2024 से शुरू हो रहा है। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में 13 बैठकें रखी गई हैं। बजट सत्र 29 फरवरी तक चलेगा। सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। लोकसभा चुनाव की आहट से पहले बजट सत्र को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष आमने-सामने हैं, जिसके चलते सत्र हंगामेदार रह सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 17 फरवरी को सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगे। उसके बाद चार दिन तक बजट पर चर्चा होगी। 22 और 26 फरवरी को गैर सरकारी कार्य दिवस निर्धारित किया गया है। 26, 27 और 29 को अनुदान मांगों पर चर्चा की जाएगी।
इसी के साथ 29 फरवरी को बजट पारित कर दिया जाएगा। कुलदीप पठानिया ने बताया कि इस बार विधानसभा सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 793 प्रश्नों की सूचनाएं भेजी गई हैं, जिनमें 582 तारांकित और 209 आतारांकित प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। नियम 130 के अंतर्गत 8 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
शिमला। हिमाचल के हमीरपुर जिला के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा ने अपनी सरकार को हर साल एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा याद दिलाया है। सुजानपुर को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा की घोषणाओं को पूरा करने की भी मांग की है।
करुणामूलक आधार पर नौकरी के मामले में फैसला लेने की बात कही है। राजेंद्र राणा ने इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखा है। पत्र उक्त तीन बिंदुओं पर केंद्रित है।
पत्र में राजेंद्र राणा ने लिखा है कि आपको (सुखविंदर सिंह सुक्खू) प्रदेश का नेतृत्व करने का सौभाग्य हासिल हुआ है और प्रदेश की जनता को आपसे बहुत सारी उम्मीदें हैं। आपने सुखाश्रय जैसी एकदम नई योजनाएं शुरू की हैं, जो एक अच्छा कदम है।
आपने व्यवस्था परिवर्तन का भी जय घोष किया है। आपकी इसी संवेदनशीलता के मध्य नजर रखते हुए आपका ध्यान कुछ विषयों की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं और इस बारे में कई बार आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर भी आग्रह कर चुका हूं।
हिमाचल प्रदेश का बेरोजगार तबका प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के 14 महीने बाद भी बड़ी उम्मीद, बड़ी अधीरता और बेचैनी से अपना सपना और कांग्रेस पार्टी का वादा पूरा होने का इंतजार कर रहा है। हम विपक्ष में रहते हुए भी लगातार युवाओं की आवाज सदन में बुलंद करते रहे हैं।
राजेंद्र राणा ने कहा कि हमें सत्ता में लाने में हर तबके का विशेष रूप से योगदान है, लेकिन युवाओं ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में अपना बढ़ चढ़कर योगदान दिया है। हमने हर साल एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। प्रदेश का युवा वर्ग उस वादे के पूरा होने की बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
पिछले लंबे समय से जो भर्तियों के परिणाम रुके हुए हैं, जिन युवाओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की है, वे अब बेचैन हैं और बड़ी अधीरता से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसमें से बहुत से युवा ओवर एज हो रहे हैं और वे इस बात से चिंतित हैं कि आयु की सीमा लांघने के कारण कहीं वे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र न हो जाएं।
जनप्रतिनिधि और प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते सैकड़ों ऐसे युवा उनसे और पार्टी के अन्य चुने हुए जनप्रतिनिधियों से भी मिलकर भर्तियों का रिजल्ट तुरंत निकालने की मांग करते हैं। आपसे आग्रह है कि हमीरपुर स्थित अधीनस्थ चयन बोर्ड को तुरंत बहाल करके युवाओं के लिए नौकरियों के दरवाजे खोले जाएं।
पिछली सरकार के समय से ही हजारों युवा करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। विपक्ष में रहते हमने इनके हक की आवाज उठाई है। उनके पक्ष में फैसला लिया जाना समय की मांग है। विभिन्न विभागों में अलग-अलग कैटगरी के कई पद खाली पड़े हैं।
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले साल 5 मार्च को होली महोत्सव पर मंच से कुछ घोषणाएं की थीं। सुजानपुर क्षेत्र के टौणी देवी में डिग्री कॉलेज खोलने और सुजानपुर अस्पताल की बेड क्षमता 50 से बढ़ाकर 100 करने का ऐलान किया था और कैबिनेट में मंजूरी भी मिल गई है। सिविल अस्पताल सुजानपुर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती भी बहुत जरूरी है।
प्रदेश के कई जगह पर विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए जा चुके हैं। सुजानपुर में भी तैनाती की जाए। सुजानपुर में जल शक्ति विभाग, विद्युत विभाग की डिवीजन खोलने, सुजानपुर में बस अड्डे के निर्माण, सुजानपुर डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी और अर्थशास्त्र में एमए की कक्षाएं शुरू करने की भी घोषणा की थी। सुजानपुर की जनता सारी घोषणाओं के पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार के एक साल का कार्यकाल 11 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है। सरकार एक साल के जश्न की तैयारियों में जुटी है। जश्न से पहले ही हिमाचल कांग्रेस सरकार और संगठन में सियासी घमासान शुरू हो गया है। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के सियासी हमले के बाद कांग्रेस का अंतर युद्ध खुलकर सामने आ गया है। सीएलपी बैठक में न बुलाए जाने और एक साल के जश्न को लेकर चर्चा न करने को लेकर प्रतिभा सिंह सरकार से खफा दिखीं।
कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सरकार से नाराजगी जताते हुए संगठन को नजर अंदाज करने के आरोप लगाए हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि एक साल के समोराह के बारे में उनको ज्यादा जानकारी नहीं है और न ही उनको भरोसे में लिया गया है। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि आखिर सरकारें भी संगठन से बनती हैं। संगठन के काम करने से ही कांग्रेस सरकार प्रदेश में बन पाई है।
अपनी सरकार में संगठन को नजरअंदाज करना सही बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वंय संगठन से निकले हैं और वह हर बार कहते हैं कि वह एनएसयूआई और युवा कांग्रेस में रहे हैं और आज मुख्यमंत्री हैं। वह चाहती थी कि मुख्यमंत्री संगठन को मजबूती दें, इससे संगठन के कार्यकर्ताओं का भी मनोबल बढ़ना था। 2024 के चुनाव में संगठन काम आएगा।
सभी में तालमेल बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन में अगर इस तालमेल को हम बनाए रखेंगे तो इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह आएगा और चुनाव का सामना मजबूती से कर पाएंगे।
बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के पीटरहॉफ में विधायक दल की मीटिंग बुलाई। इसमें सभी विधायकों को बुलाया गया। मगर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को इसकी जानकारी नहीं दी गई और अब एक साल के जश्न की जानकारी न देने को लेकर प्रतिभा नाराज हैं।
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट में डिप्टी सीएम समेत सीपीएस मामले पर 7 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। कोर्ट में आज हुई सुनवाई के बाद अगली तारीख 7 दिसंबर तय की गई है । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त 6 मुख्य संसदीय सचिवों को लेकर तीन याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
इस मामले में सरकार की तरफ से वकील ने पक्ष रखते हुए मामले की सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का तर्क दिया और कहा कि देश के कई अन्य राज्यों के मामले भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं, इसलिए हिमाचल के इस मामले की सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट में होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में इस मामले की ट्रांसफर की सुनवाई अगले सप्ताह तक टल गई है। इसी के चलते प्रदेश हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को रखी गई है।
याचिकाकर्ता सतपाल सत्ती और अन्य के वकील संजय कुमार ने बताया कि 7 दिसंबर को अगली सुनवाई रखी गई है, जिसमें कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सरकारी पक्ष और याचिकाकर्ता तैयार रहे, क्योंकि इस दिन मामले को पूरी तरह से सुना जाएगा।
शिमला।हिमाचल हाईकोर्ट ने सीपीएस की नियुक्तियों के मामले में सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया है। सुक्खू सरकार ने सीपीएस नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। सरकार की दलील थी कि सभी याचिकाएं हाईकोर्ट के नियमों के अनुसार दायर नहीं की गई हैं।
याचिका विधायक सतपाल सत्ती और अन्य 11 विधायकों के द्वारा दायर की है। याचिका में सभी 12 याचिकाकर्ता का एफिडेविट होने चाहिए। दूसरे पक्ष ने कानून के तहत अपना पक्ष कोर्ट में रखा। कोर्ट ने फैसले में सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया। अब सतपाल सिंह सत्ती सहित 12 विधायकों द्वारा याचिका पर 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक सतपाल सत्ती ने अतिरिक्त महाधिवक्ता पंजाब हरियाणा सतपाल जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुश दास, अधिवक्ता वीर बहादुर वर्मा, अंकित धीमान, मुकुल शर्मा और राकेश शर्मा के माध्यम से हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाया गया है।
फैसले के बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए अधिवक्ता वीर बहादुर वर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सरकार द्वारा मेंटेनेबिलिटी को लेकर किए आवेदन पर जजमेंट के लिए सुनवाई हुई। इसमें हमारे पक्ष में फैसला आया है और सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया गया है।
जैसे कि हमें अवगत है कि सीपीएस नियुक्ति को लेकर सतपाल सत्ती एवं 11 अन्य विधायकों ने हाईकोर्ट इनकी नियुक्ति को चुनौती दी थी। पिछली बार 3 अक्टूबर को मुद्दा कोर्ट के समक्ष लगा था, जिसमें लंबी बहस हुई थी, जिसका आज फैसला आया है। इस फैसले में साफ है की याचिका मेंटेनेबल है, मतलब आगे बढ़ाने योग्य है।
उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट में फिर याचिका सुनवाई होगी। हमने कोर्ट के समक्ष प्रार्थना की है कि अंतरिम निवेदन पर सुनवाई की जाए। सवाल यह उठता है कि अंतरिम निवेदन में क्या होगा, अगर हाईकोर्ट मानता है कि सीपीएस की नियुक्ति पर रोक लगनी चाहिए, तो यह एक बड़ा फैसला माना जाएगा। हमने पहले भी स्पष्ट किया है कि यह सरकारी खजाने का मामला है और इसको लेकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला पूर्व में भी सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय का कानून लागू होता है। इससे बड़ा कोई कोर्ट नहीं है।
असम और मणिपुर में भी ऐसे ही मामले को लेकर पूर्व में फैसला सुनाया जा चुका है। फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने सीपीएस को नियुक्ति को अवैध और असंवैधानिक माना है। इसको आधार बनाते हुए हमने विधायक सतपाल सत्ती और अन्य विधायकों के माध्यम से सीपीएस की नियुक्तियों को चैलेंज किया है। हमने आज पहली बाधा पार कर ली है। उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर को कोर्ट याचिका पर फैसला भी सुना सकता और इसे रिजर्व भी रख सकता है।
भाजपा प्रवक्ता बोले-बागवानों का पैसा मत करो बर्बाद
शिमला।हिमाचल राज्य बागवानी मिशन प्रोजेक्ट के तहत एक्सपोजर टुअर को लेकर भाजपा ने सुक्खू सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। हिमाचल भाजपा ने साफतौर पर कहा कि किसानों और बागवानों का पैसा सैर सपाटे में बर्बाद न किया जाए। हिमाचल भाजपा प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि जब भी कोई वर्ल्ड बैंक आदि का बड़ा प्रोजेक्ट आता है तो उसमें एक एक्सपोजर टुअर का बजट होता है।
इसमें कृषक, उद्यमी, अफसर, विभाग के प्रमुख प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले टुअर पर जाते हैं। इसके माध्यम से उनको पूरे विश्व से उस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए अच्छी जानकारी प्राप्त होती है। लेकिन, हिमाचल राज्य बागवानी मिशन प्रोजेक्ट की समाप्ति पर है और सरकार द्वारा एक्सटेंशन दी गई है, जिसके अंतर्गत 60 लाख रुपए बचे हैं। प्रोजेक्ट की समाप्ति पर विदेश टुअर (फॉरेन टुअर) बना दिया गया। लेकिन, ऐसा प्रोजेक्ट के शुरू में होना चाहिए था।
इससे भी बड़ी हैरानी वाली बात यह है कि इस टुअर पर कोई किसान, सेब बहुल क्षेत्र का विधायक नहीं जा रहा है। बल्कि ऐसे विधायक जा रहे हैं, जिनके क्षेत्र में सेब उगता ही नहीं है।
भाजपा प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि हमीरपुर जिला के बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, अर्की के विधायक संजय अवस्थी और एक विधायक जिनकी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने अपने हाथों से फाइल क्लियर करके बोर्ड को भेजी नाहन के विधायक अजय सोलंकी जा रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस दौरे को लेकर फिर से विचार करने की आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि ये किसानों और बागवानों का पैसा है। इसको सैर सपाटे के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह सीधा-सीधा इस पैसे का दुरुपयोग है।
संदीपनी भारद्वाज ने कहा हम पहले भी कहते आए है, वर्तमान कांग्रेस सरकार मित्रों की सरकार है और वर्तमान में जिन लोगों को यह सरकार मंत्री, सीपीएस या अन्य लाभ नहीं दे पाई उनको छोटे-छोटे प्रलोभन देकर लॉलीपॉप देने का प्रयास किया जा रहा है।
शिमला। भाजपा हिमाचल प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार हिमाचल प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसको लेकर हमने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र में लिखा है। उन्होंने कहा कि शिमला जिले के गवर्नमेंट कुपवी कॉलेज में 70 में से केवल सात छात्रों ने बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
10 प्रतिशत का खराब परिणाम आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि पिछले साल कॉलेज एक भी शिक्षक के बिना संचालित हुआ था, जिससे सभी 70 छात्रों को अपनी किस्मत पर निर्भर रहना पड़ा। कॉलेज में केवल सात छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि नौ अन्य को कंपार्टमेंट मिला है। 50 से अधिक छात्र असफल हुए हैं।
दुर्भाग्यवश अभिभावक-शिक्षक संघ द्वारा संक्षिप्त अवधि के लिए दो निजी शिक्षकों को छोड़कर, पूरे सत्र में शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए। खराब रिजल्ट के लिए छात्रों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इतने सारे छात्रों का एक कीमती साल बर्बाद हो गया, क्योंकि अधिकारी पूरे साल एक भी नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं कर सके। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, दुख देने वाला है।
उन्होंने कहा कि इस छात्रों का एक साल बर्बाद होने के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा, सरकार को यह बताना चाहिए। पिछले साल कड़वे अनुभव के कारण कई छात्रों ने कॉलेज छोड़ दिया है। कॉलेज की नामांकन संख्या इस दावे का समर्थन करती है।
जबकि पिछले साल कॉलेज के पहले बैच में 70 छात्र थे, बीए प्रथम वर्ष और बीए द्वितीय वर्ष की संयुक्त संख्या इस वर्ष घटकर केवल 63 रह गई है। बीए द्वितीय वर्ष में छात्रों की संख्या और कम हो सकती है। अब और गिरावट आ सकती है।
प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय नेरवा हरबंस लाल शर्मा के पास राजकीय महाविद्यालय कुपवी के प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार है। इससे भी कॉलेज के ऊपर पूरा ध्यान नहीं दिया जा सकता है। हालांकि इस प्रकरण के बाद तीन नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हुई पर कुल 8 शिक्षक नियुक्त होने हैं।