शिमला सचिवालय में निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर हुई चर्चा
शिमला। हिमाचल में निजी बस ऑपरेटरों की न्यूनतम किराये को 5 रुपए से 15 रुपए तक बढ़ाए जाने की मांग को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले कैबिनेट में मंजूरी के बाद होते हैं। बता दें कि हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ की शुक्रवार को सचिवालय में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के साथ बैठक आयोजित हुई।
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बैठक में निजी बस ऑपरेटरों की लंबे समय से लंबित चली आ रही मांगों पर चर्चा हुई। इसमें पुरानी बसों के परमिट हस्तांतरण, HPO2 बसों के पंजीकरण सहित न्यूनतम किराया वृद्धि की मांग रखी गई। इन मांगों पर विस्तृत रूप से चर्चा के बाद मांगों को डिप्टी सीएम ने मानने का आश्वासन दिया।
साथ ही न्यूनतम किराये वृद्धि की मांग को सिरे से नकारते हुए साफ किया कि इस तरह के फैसले कैबिनेट मंजूरी के बाद होते हैं।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज निजी बस ऑपरेटर के साथ बैठक हुई। ऑपरेटर्स की मांगों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटरों के कुछ मुद्दे थे, जिसमें उन्हें कुछ उलझन थी, जिसे बैठक में क्लेयर कर दिया गया।
निजी बस ऑपरेटरों में यह अवधारणा थी कि आठ वर्ष के बाद बस बिकेगी, परमिट नहीं बिकेगा। उन्होंने इस तरह की खबरों को सिरे से नकारते हुए कहा कि सरकार ने अभी तक इस तरह की पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया है। बस के साथ परमिट भी हस्तांतरित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ऑपरेटरों को HP02 की बसों को प्रदेश में पंजीकरण करने में समस्या आ रही है। साथ ही टैक्स को लेकर भी समस्या आ रही थी। उन्होंने कहा कि टैक्स स्ट्रक्टर में बदलाव किया जाएगा, जिससे यह बसें यहां पंजीकृत हो सकें।
उन्होंने कहा कि उनकी सभी समस्याओं का हल किया गया है। साथ ही जो न्यूनतम किराये बढ़ोतरी की बात है, उसे बढ़ाने कि उनके साथ कोई हामी नहीं भरी गई है। ऐसे फैसले कैबिनेट में जाते हैं और उसके बाद ही इन पर कोई निर्णय होता है।
वहीं, निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि आज बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के साथ बैठ हुई है। डिप्टी सीएम ने उनकी सभी मांगें मानने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि बस के साथ परमिट भी हस्तांतरित कर सकते हैं।
यह पॉलिसी पुरानी ही रहेगी। साथ ही HP02 के बसों के पंजीकरण की समस्या हल करने का आश्वासन और पंजीकरण फीस कम करने को भी कहा है। राजेश पराशर ने कहा किहमने न्यूनतम 5 रुपये को 15 रुपये तक बढ़ाने कि मांग भी रखी है, क्योंकि यह न्यूनतम किराये वर्षों से चला आ रहा है। इसे अब बढ़ाया जाना चाहिए।
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