आयोग ने शुरू की है भर्ती प्रक्रिया
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शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम अपने पुर्नगठन के 50वें साल में प्रवेश कर गया है। पुर्नगठन के बाद से प्रदेश और प्रदेश के बाहर विभिन्न बस सेवाएं चलाई जा रही हैं। एचआरटीसी प्रबंधन ने वर्ष 2023-24 को उत्सव के रूप में मनाने का फैसला लिया है।
इस कड़ी में लोगों को निगम के बारे जागरूक भी किया जाएगा। एचआरटीसी प्रबंधन ने परिवहन निगम बसों और बस स्टैंड की फोटो और वीडियो से संबंधित प्रतियोगिता शुरू करने का निर्णय लिया है।
सर्वश्रेष्ठ फोटो और वीडियो को एचआरटीसी निर्णायक मंडल द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। एचआरटीसी के प्रबंधक निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि प्रतियोगिता के लिए एचआरटीसी बसों और बस स्टैंड के फोटो और वीडियो ऑनलाइन फार्म लिंक पर भेज सकते हैं।
लिंक 16 नवंबर से 30 नवंबर 2023 तक वेबसाइट www.hrtchp.com पर उपलब्ध होगा।
रोहन चंद ठाकुर ने लोगों से प्रतियोगिता में ज्यादा से ज्यादा भाग लेने का आग्रह किया है। फोटो और वीडियो एचआरटीसी बसों और बस स्टैंड से संबंधित होने चाहिए। अधिक जानकारी निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध होने वाले उक्त लिंक से प्राप्त की जा सकती है
शिमला। व्यवस्था परिवर्तन की भावना से कार्य कर रही हिमाचल सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने 31 अक्टूबर 2023 तक विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के दौरान शॉल, टोपी और पुष्पगुच्छ इत्यादि के माध्यम से गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित करने की रस्म पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। इस निर्देशानुसार 31 अक्टूबर, 2023 तक सरकारी कार्यक्रमों में कोई औपचारिक सम्मान समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा।
इससे पहले हिमाचल सरकार द्वारा 15 सितंबर, 2023 तक क्षेत्र के दौरे के दौरान अति विशिष्ट व्यक्तियों को पारंपरिक रूप से दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर को भी निलंबित किया गया है। यह निर्णय व्यवस्था में सार्थक एवं सकारात्मक परिवर्तन लाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय प्राकृतिक आपदा के प्रबन्धन के लिए संसाधनों के समुचित उपयोग तथा प्रशासन में औपचारिकता के बजाय संवेदनशील व प्रभावी कार्य संस्कृति के समावेश को भी रेखांकित करता है।
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में आपदा पर चर्चा के अलावा कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। एक बड़ा फैसला बागवानों को लेकर किया है।
कैबिनेट की बैठक में निचले क्षेत्रों में होने वाले आम का समर्थन मूल्य सेब के समर्थन मूल्य के बराबर कर दिया है। अब हर प्रकार के आम का समर्थन मूल्य 12 रुपए प्रति किलो होगा। सेब का समर्थन मूल्य भी हाल ही में साढ़े 10 रुपए से 12 रुपए प्रति किलो किया था।
किन्नू, माल्टा, संतरा का समर्थन मूल्य भी 12 रुपए प्रति किलो करने का निर्णय लिया है। गलगल का 6 रुपए से 10 रुपए करने का फैसला लिया है। नींबू और गलगल 10 रुपए होगा।
कैबिनेट की बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को भी मंजूरी मिल गई है। इसके तहत युवाओं को 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। यह भी फैसला लिया है कि सरकार 500 गाड़ियां हायर करेगी, जिनका गाड़ी साइज के अनुसार 40,45, 55 हजार रुपए किराया वहन करेगी।
इसके अलावा मनरेगा को लेकर भी फैसला लिया है। अब मकानों आदि के डंगे लगाने के लिए प्रधान नियमों के तहत एक लाख की मंजूरी दे सकेंगे। साथ ही मनरेगा दिहाड़ी 224 से 240 करने का फैसला लिया है। जनजातीय क्षेत्रों में 280 से 294 रुपए होगी।
शिमला। हिमाचल में कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की मंजूरी के बाद इस बारे मुख्यमंत्री कार्यालय से लिखित में आदेश जारी हो गए हैं। आदेशों के अनुसार विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित सभी मामले आवश्यक होने पर स्वीकृति के लिए केवल महीने के अंतिम चार वर्किंग डे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष रखे जाएंगे।
वहीं, हिमाचल में पोस्टिंग एवं ट्रांसफर के स्वीकृत आदेश भी संबंधित विभाग द्वारा माह के अंतिम 4 कार्य दिवसों में ही जारी किए जाएंगे। जब तक कोई असाधारण परिस्थिति ने हो तब तक ऐसे मामलों को महीने के शेष दिनों में नहीं उठाया जाएगा।
यानी अब माह से अंतिम दिन ही तबादले हों सकेंगे। इसके अलावा अन्य दिनों में बहुत जरूरी मामलों में ही आदेश जारी किए जा सकेंगे।
यह निर्देश हिमाचल सरकार के सभी बोर्ड/निगम में भी लागू होंगे। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। निर्देशों की अवहेलना पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल सरकार ने उन वाहन मालिकों के लिए एक सुअवसर प्रदान किया है, जिन्होंने अभी तक अपने वाहनों का पंजीकरण नहीं करवाया है। इस पहल के अंतर्गत दोपहिया, ट्रैक्टर, पोकलेन, जेसीबी व अन्य चार पहिया वाहन मालिक बिना किसी जुर्माने के मौजूदा बाजार दर पर अपने वाहनों का पंजीकरण करवा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से हिमाचल में हजारों लोगों को गैर पंजीकृत वाहनों को चलाने से जुड़े जोखिमों को कम करने में सहायता मिलेगी। वाहन मालिकों को किसी भी जुर्माने के बिना वाहनों को पंजीकृत करने का अवसर प्रदान कर सरकार ने पंजीकरण आवश्यकताओं की अनुपालना और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की है।
उन्होंने कहा कि वाहन पंजीकरण के अलावा हिमाचल सरकार ने बकाएदारों (डिफाल्टरों) के लिए पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स (पीजीटी) पर जुर्माना माफ करने का निर्णय लिया है। पीजीटी डिफाल्टर 30 जून, 2023 तक इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वे मूल राशि के साथ एक मुश्त निपटान शुल्क भुगतान करके राज्य कर एवं आबकारी विभाग से अनापत्ति और कर भुगतान पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, वाहन की पासिंग और संचालन के लिए परिवहन विभाग से क्लीयरेंस अनिवार्य है।
यह एक मुश्त राहत बकाया कर देनदारियों और पीजीटी के प्रतिस्थापन के रूप में विशेष सड़क कर के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के कुल 1,60,291 माल वाहक मालिक विशेष रूप से छोटे और बड़े वाहनों के साथ-साथ ट्रैक्टर मालिक भी लाभान्वित होंगे। कोविड-19 महामारी के दौरान इन मालिकों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप पीजीटी देनदारियों में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के मददेनजर राज्य सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण को अपनाते हुए सभी कर देनदारी के मामलों को एक मुश्त निपटाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पीजीटी डिफाल्टरों को राज्य सरकार को मूल राशि पर 18 प्रतिशत ब्याज के भुगतान के साथ प्रति तिमाही 100 से 5000 रुपये तक जुर्माना अदा करना पड़ता था। इस छूट से माल वाहक वाहन मालिकों को राहत मिलेगी, वे अपनी कर देनदारियों को नियमित कर दंड और ब्याज को अदा कर पुनः परिसंचालन शुरू कर सकते हैं।
कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने परिवहन क्षेत्र को सहयोग प्रदान करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित करने और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में यह कदम सहायक सिद्ध होगा।
नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने श्रवणबाधित अभ्यर्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है। अभ्यर्थियों को परीक्षा स्थलों पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने तक कान की मशीन (श्रवण यंत्र) के उपयोग की अनुमति होगी। इस बारे SSC ने नोटिस जारी किया है।
बता दें कि आयोग के मौजूदा निर्देश के अनुसार परीक्षा हॉल में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की अनुमति नहीं है। आयोग ने परीक्षा स्थलों पर बधिर अभ्यर्थियों को होने वाली असुविधाओं का संज्ञान लेते हुए तथा स्थल पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच के लिए सुविधा और समय की कमी को ध्यान में रखते हुए श्रवण-बाधित उम्मीदवारों को परीक्षा स्थलों पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने तक श्रवण यंत्र का उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
यह सुविधा केवल उन्हीं उम्मीदवारों को दी जाएगी, जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र या परीक्षा के उनके प्रवेश प्रमाण पत्र में दर्शाए गए अनुसार बधिर श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, ऐसे उम्मीदवार को अपना श्रवण यंत्र हटाना/बंद करना होगा, क्योंकि मौजूदा मानदंडों के अनुसार, परीक्षा शुरू होने से पहले उम्मीदवार को परीक्षा से संबंधित निर्देश कंप्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध करा दिए जाते हैं।
उम्मीदवारों को श्रवण यंत्र का उपयोग करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी, जब परीक्षा हॉल में कोई घोषणा की जाती है या उनके पास पूछने के लिए कोई स्पष्टीकरण है। परीक्षा के दौरान डिवाइस को हर समय बंद रखने की जिम्मेदारी उम्मीदवार की होगी और यदि कोई दुरुपयोग होता है, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी और उसे प्रतिबंधित किया जाएगा।
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शिमला। हिमाचल सरकार ने राज्य में आने वाले सैनानियों की सुविधा के दृष्टिगत रेस्तरां, ढाबे, चाय तथा खान-पान की अन्य दुकानें आदि 2 जनवरी, 2023 तक दिन-रात खुले रखने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा यह निर्णय शिमला से विधायक हरीश जनारथा, मनाली से विधायक भुवनेश्वर गौड़ और कसौली से विधायक विनोद सुल्तानपुरी के सुझाव एवं आग्रह पर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा यह निर्णय इस पर्यटन सीजन में प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन प्रबन्धों को आगे भी जारी रखने पर विचार कर सकती है, हालांकि इसमें संबंधितत संस्थानों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करना होगा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पड़ोसी देशों में कोविड-19 की बिगड़ती स्थिति को ध्यान में रखते हुए यहां आने वाले सैलानियों से कोविड-19 से संबंधित सभी सावधानियों के अनुपालन का भी आग्रह किया। विधायक हरीश जनारथा, भुवनेश्वर गौड़ एवं विनोद सुल्तानपुरी ने उनके आग्रह को स्वीकार करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।