शिमला। हिमाचल भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा ज्वाइन करने आए नेताओं को भाजपा ने टिकट दी है। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेन्द्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविन्द्र कुमार भुट्टो को टिकट दी है।
बता दें कि उक्त 6 नेता 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर आए थे। इसमें सुधीर शर्मा पूर्व की कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
फरवरी माह में राज्यसभा चुनाव में इन 6 नेताओं ने क्रॉस वोटिंग करते हुए भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को मत डाला था। इसके बाद से ही हिमाचल में सियासी हलचल शुरू हो गई थी।
कांग्रेस सरकार ने बजट पारित होने को लेकर व्हीप जारी किया था, लेकिन उक्त 6 नेताओं पर व्हीप उल्लंघन का आरोप लगा। हिमाचल विधानसभा स्पीकर ने इन 6 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। सदस्यता रद्द होने के चलते धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, लाहौल-स्पीति, गगरेट और कुटलैहड़ में उपचुनाव होने हैं।
लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को इन सीटों पर भी वोट डालेंगे और 4 जून को रिजल्ट निकलेगा।
शिमला। हिमाचल के 3 निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। तीनों विधायक आज इस्तीफा देने हिमाचल विधानसभा पहुंचे। उन्होंने हिमाचल विधानसभा सचिव को इस्तीफा सौंपा।
इसमें हिमाचल के जिला कांगड़ा के देहरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर, हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और अन्य भाजपा नेता उनके साथ थे। भाजपा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज प्रेसवार्ता में बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
बता दें कि होशियार सिंह देहरा विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीते हैं। साथ ही हमीरपुर से आशीष शर्मा पहली बार जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। केएल ठाकुर इस बार नालागढ़ से आजाद जीत कर आए थे। अब तीनों नेता भाजपा का दामन थामेंगे।
ऐसे में अब हिमाचल में 6 नहीं बल्कि 9 सीटों पर विधानसभा चुनाव संभव है। कांग्रेस के 6 बागी नेताओं के विधानसभा क्षेत्र में पहले ही उपचुनाव का शेड्यूल जारी है। चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ अंतिम चरण में होंगे।
अब तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा देने के बाद तीन और सीटें खाली हो गई हैं। अब धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, हमीरपुर, लाहौल स्पीति, गगरेट, कुटलैहड़, नालागढ़ और देहरा में उपचुनाव संभव हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान मुहैया करवाई जानकारी
शिमला। हिमाचल में कर्मचारियों और पेंशनर के वेतन और पेंशन आदि का 9651 करोड़ रुपए एरियर अभी अदा होना बाकी है। कुल बकाया वेतन और पेंशन आदि का एरियर 10,957 करोड़ रुपए था। इसमें से वेतन, पेंशन एवं ग्रेच्युटी एरियर के प्रथम किस्त के तौर पर लगभग 1306 करोड़ रुपये अदा किए गए हैं।
यह जानकारी हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जंवाल के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुहैया करवाई है।
जवाब में बताया गया कि कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन व पेंशन आदि रिविजन के आदेश 3 जनवरी, 2022 व 25 फरवरी, 2022 को जारी किए गए थे। कर्मचारियों व पेंशनरों को वेतन, पेंशन रिविजन का लाभ प्रथम जनवरी, 2016 से दिया गया है। वेतन व पेंशन आदि का कुल एरियर रुपये 16599 करोड़ था, जिसमें से लगभग 5643 करोड़ रुपए अंतरिम राहत के तौर पर समायोजित हुआ था।
कुल बकाया वेतन एवं पेंशन आदि का एरियर 10957 करोड़ रुपए था। इसमें से वेतन, पेंशन एवं ग्रेच्युटी एरियर के प्रथम किस्त के तौर पर लगभग 1306 करोड़ रुपये (जो वेतन एवं पेंशन एरियर का 20 फीसदी या अधिकतम 50,000 तथा ग्रेच्युटी एरियर का 20 फीसदी था) को सितंबर 2022 में जारी किया गया ।
अब कर्मचारियों और पेंशनरों का लगभग 9651 करोड़ एरियर बकाया है। बकाया एरियर के भुगतान को लेकर 17 फरवरी, 2024 को प्रस्तुत किए गए बजट में घोषणा की गई है। घोषणा के अनुसार सभी कर्मचारियों और पेंशनर्ज के वेतन और पेंशन से संबंधित एरियर का भुगतान चरणबद्ध ढंग से 1 मार्च, 2024 से शुरू कर दिया जाएगा।
1 जनवरी, 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों के लीव इनकैशमेंट (Leave Encashment) और ग्रेज्युटी (Gratuity) एरियर्ज का भुगतान भी चरणबद्ध ढंग से 1 मार्च, 2024 से शुरू कर दिया जाएगा।
शिमला। हिमाचल के सिरमौर जिला के हाब्बन से चूड़धार तक रज्जू मार्ग (रोप-वे) का निर्माण प्रस्तावित है। इसका निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला स्कीम के तहत किया जाना है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पच्छाद की विधायक रीना कश्यप के सवाल से जवाब में नगर एवं ग्राम योजना (Town and Country Planning) मंत्री मंत्री राजेश धर्माणी ने मुहैया करवाई है।
बजट सत्र के दौरान जवाब में बताया गया कि हाब्बन से चूड़धार तक रज्जू मार्ग का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। हाब्बन से चूड़धार तक रज्जू मार्ग परियोजना को केंद्र सरकार की पर्वतमाला स्कीम के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लिए संयुक्त सचिव, राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को विभाग ने 25 फरवरी 2022 के द्वारा पत्राचार किया किया है, जोकि केंद्र सरकार के पास लंबित है।
वहीं, बजट सत्र के दौरान रीना कश्यप के एक अन्य सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जानकारी दी है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मानगढ़ का नाम बदल कर शहीद राजेश ठाकुर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रखने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को प्राप्त हुआ था, जिसे वर्ष 2022 में विचार करने के उपरान्त अस्वीकृत कर दिया गया था।
शिक्षण संस्थानों के नाम को बदलने के लिए दिशा निर्देश/मापदंड निर्धारित करने के लिए शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में पांच सदसीय कमेटी का गठन दिनांक 21 सितंबर 2023 को किया गया है। समिति सभी प्राप्त प्रस्तावों पर नियमानुसार विचार करेगी।
शिमला। शायद आपको भी यह बात जानकर हैरानी होगी कि हिमाचल के कुछ ऐसे भी स्थाई निवासी हैं, जिन्हें प्रदेश में जमीन खरीदने की अनुमति ही नहीं है। ये लोग पुश्तों से हिमाचल के निवासी हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मुहैया करवाई है।
जानकारी दी गई कि हिमाचल में कुछ ऐसे निवासी हैं, जो पुश्तों से प्रदेश के निवासी हैं, लेकिन उनके मकान मात्र एक या दो मरले में बने हुए हैं, उनके पास खेतीबाड़ी करने के लिए भूमि भी नहीं है।
इस कारण उनको प्रदेश का स्थाई निवासी होने के बावजूद भूमि क्रय की अनुमति नहीं है। ऐसे लोग हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू-सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118 के तहत प्रदेश सरकार की अनुमति प्राप्त करके भूमि क्रय कर सकते हैं।
विधानसभा में सवाल के जवाब में मुहैया करवाई जानकारी
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान अब तक 3,159 लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान करसोग के विधायक दीप राज के सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुहैया करवाई है।
जवाब में बताया गया कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार प्रदेश की बेरोजगारी की दर 4.0 प्रतिशत है। प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में 7,42,845 आवेदक पंजीकृत हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ये सभी पंजीकृत आवेदक बेरोजगार हों।
वर्तमान में प्रदेश सरकार ने अपने अब तक के कार्याकाल में सरकारी क्षेत्र में 3,159 लोगों को रोजगार प्रदान किया है। गैर सरकारी क्षेत्रों में श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा रोजगार कार्यालयों के माध्यम से 9,317 युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है।
इसके अतिरिक्त यह भी सूचित किया जाता है कि गैर सरकारी क्षेत्र अथवा निजी क्षेत्र के उद्योगों एवं नियोक्ताओं द्वारा रोजगार उनके स्तर पर भी प्रदान किया जाता है।
किस विभाग, बोर्ड और निगम में मिली सरकारी नौकरी
रजिस्ट्रार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 55, सरकार के उप सचिव (एसए) हिमाचल प्रदेश, कार्मिक सचिवालय विभाग (प्रशासन सेवा-I) शिमला में 7, आयुक्त, हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग, शिमला में 2, रजिस्ट्रार, हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग,शिमला में 2, निदेशक कृषि हिमाचल में 14 और पशुपालन विभाग में 16 पद भरे गए हैं।
निदेशक, अटल बिहारी वाजपेई संस्थान पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल विभाग मनाली, जिला कुल्लू में दो, सहकारी समितियों में चार, प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 605, राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क हिमाचल प्रदेश में 5, फायर सर्विंसेस में 29, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ), वन खेती एवं संरक्षण विभाग में 9 को रोजगार प्रदान किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में 160, उच्च शिक्षा विभाग में 483, एडीजी-सह-कमांडेंट जनरल, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं हिमाचल प्रदेश, शिमला में एक, बागवानी में 4, उद्योग विभाग में 6, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 1, जल शक्ति विभाग में 67, कमला नेहरू अस्पताल शिमला में 14 और श्रम-सह-निदेशक रोजगार, हिमाचल प्रदेश, शिमला में 2 को सरकारी नौकरी मिली है।
पंचायती राज विभाग में 5, पुलिस विभाग में 156, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग में 2, कारागार एवं सुधार सेवाएं, हिमाचल प्रदेश, शिमला में 10, पीडब्ल्यूडी में 125, तकनीकी शिक्षा में 13, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग हिमाचल प्रदेश, शिमला में 2, कोष, लेखा एवं लॉटरी विभाग हिमाचल प्रदेश, शिमला में 1, शहरी विकास विभाग में 3 और महिला एवं बाल विकास विभाग में 11 को रोजगार दिया गया है।
युवा सेवाएं एवं खेल विभाग में 16, अभियोजन विभाग में 2, ऑडिट विभाग में 11, आयुष विभाग में 68, फोरेंसिक सर्विस में 2, हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड खलीनी शिमला में 2, हिमाचल प्रदेश बिल्डिंग एवं अन्य कॉन्स्ट कार्य कल्याण बोर्ड में 13 पद भरे गए हैं।
हिमाचल एक्ससर्विसमेन कॉरपोरेशन में 1, हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 40, हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन में 5, एचआरटीसी में 95, बिजली बोर्ड में 442, वन निगम में 10, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 2, एमसी शिमला में एक, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में 3 को सरकारी क्षेत्र में रोजगार मिला है।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी, ऊन खरीद विपणन फेडरेशन में 7, राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद शिमला में 1, हिमऊर्जा में 1, हिमाचल प्रदेश जोगिन्द्रा सहकारी बैंक, राजगढ़ रोड, सोलन में 8, डॉ वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी शिमला में 3, एचपीयू में 4, डीसी ऑफिस बिलासपुर में 1, चंबा में 11, कुल्लू में 3, शिमला में 6 और ऊना में भी 6 को नौकरी मिली है।
शिमला। हिमाचल में शराब से जुटाए पैसे से दूध की गंगा बहेगी। जी हां शराब पर मिल्क सेस से एकत्रित पैसे को दूध गंगा योजना के तहत यूज किया जाएगा। मिल्क सेस से जनवरी तक 90 करोड़ रुपए से ज्यादा इकट्ठे हो गए हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी।
इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक शराब की बोतल पर मिल्क सेस से 90 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। यह जानकारी सोमवार को हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान दी गई है। प्रश्नकाल में शराब की बोतल पर मिल्क सेस के मुद्दा गूंजा। श्री नैना देवी जी के विधायक रणधीर शर्मा और शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इस बारे प्रश्न पूछा था।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शराब पर मिल्क सेस 10 रुपये प्रति बोतल लगाया है। 31 जनवरी तक करीब 90 करोड़ 77 लाख 99 हजार 232 रुपये एकत्र कर लिए गए हैं। उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये को टच कर जाएगा।
इस पैसे को मिल्क के विकास के लिए किसानों को दिया जाएगा यानी इसको गंगा योजना के तहत यूज किया जाएगा। इससे जो राजस्व प्राप्त होगा उससे चिलिंग प्लांट्स और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में लगाया जाएगा।
किस जिला में कितना हुआ इकट्ठा
बद्दी में 7 करोड़ 28 लाख 12 हजार 043, बिलासपुर में 5 करोड़ 25 लाख 91 हजार 960 रुपए और चंबा में 5 करोड़ 33 लाख 82 हजार 839 रुपए इकट्ठे हुए हैं। हमीरपुर में 4 करोड़ 62 लाख 54 हजार 983, कांगड़ा में 16 करोड़ 52 लाख 65 हजार 533 और किन्नौर में 1 करोड़ 28 लाख 27 हजार 977 रुपए एकत्रित हुए हैं।
कुल्लू और लाहौल स्पीति में 7 करोड़ 28 लाख 15 हजार 491, मंडी में 9 करोड़ 31 लाख 33 हजार 941, नूरपुर में 3 करोड़ 76 लाख 72 हजार 112, शिमला में 13 करोड़ 79 लाख 27 हजार 822 और सिरमौर में 4 करोड़ 49 लाख 36 हजार 927 रुपए मिल्क सेस एकत्रित हुआ है। सोलन में 6 करोड़ 09 लाख 88 हजार 570 और ऊना में 5 करोड़ 71 लाख 89 हजार 034 रुपए मिल्क सेस के रूप में इकट्ठे हुए हैं।
शिमला। हिमाचल में निजी क्षेत्र में रोजगार की जानकारी, पंजीकरण और आवेदन आदि के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग ने eemis पोर्टल शुरू किया है। श्रम विभाग के eemis पोर्टल पर अभी तक 448 नियोक्ताओं (Employers) को जोड़ा जा चुका है।
इसमें निजी क्षेत्र के और employers को जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से 2024-25 में 180 कैंपस इंटरव्यू (Campus Interviews) आयोजित किए जाएंगे। यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में किया है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया है।
बजट भाषण के अनुसार असंगठित क्षेत्र के कामगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए 2024 के अंत तक इस क्षेत्र के 20 लाख 87 हजार कामगारों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त हिमाचल श्रम एवं रोजगार विभाग की रोजगार पंजीकरण पोर्टल कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centres) यानी लोक मित्र केंद्र के साथ भी लिंक (Link) किया जाएगा, ताकि प्रदेश के युवा इन केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण करवा सकें।
बता दें कि eemis पोर्टल पर निजी क्षेत्र की रिक्तियों की जानकारी मिलती है। साथ ही युवा पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर आवेदन भी कर सकते हैं। आवेदन के बाद इंटरव्यू में भी भाग ले सकते हैं।
अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान योजना होगी शुरू
शिमला। हिमाचल में मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तर के अधिकारी एक-एक शिक्षण संस्थान गोद लेंगे। ऐसी योजना सरकार लेकर आ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘‘अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान’’ योजना प्रारंभ करने का ऐलान किया है।
इस योजना के तहत एक ओर मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तरीय अधिकारी तक सभी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे, वहीं दूसरी ओर समुदाय को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसमें पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम को सभी प्राइमरी स्कूल की महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से रिव्यू मीटिंग करना भी जरूरी होगा। इस बैठक में उस स्कूल में न केवल विद्यार्थियों बल्कि अध्यापकों की परफोर्मेंस का भी रिव्यू किया जाएगा।
अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
पूरे हिमाचल में शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से पूर्व निर्धारित मापदंडों के अनुसार इंस्टीच्यूट ऑफ एक्सीलेंस (Institution of Excellence) के रूप में विकसित किए जाने की बात भी बजट भाषण में कही गई है।
वर्ष 2024-25 में 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीच्यूट ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 500 प्राइमरी, 100 हाई, 200 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 50 डिग्री कॉलेज शामिल हैं।
इन संस्थानों में अध्यापकों के सभी स्वीकृत पदों को भरने के साथ-साथ स्मार्ट क्लासरूम और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। निर्धारित मापदंडों के आधार पर इन संस्थानों का Periodic मूल्यांकन करवाया जाएगा।
प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपल/हेडमास्टर शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक नेतृत्व प्रदान कर सकें, इसके लिए स्कूल/कॉलेज लीडरशिप प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।
नगर निगम क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए होगा अनिवार्य
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट विधानसभा में पेश किया है। बजट में हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ राज्य बनाने और प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणाएं की गई गई हैं।
पेखुबेला स्थित 32 मैगावॉट क्षमता वाले हिमाचल के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास 2 दिसंबर, 2023 में किया गया था। इसे मार्च 2024 तक के अंत तक Commission करने की घोषणा की है। ऊना में अघलोर स्थित 10 मैगावॉट क्षमता वाला ‘सोलर पावर प्लांट’ जून, 2024 तक बनाकर तैयार कर दिया जाएगा।
ऊना के भंजाल में 5 मैगावॉट क्षमता वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट का सितंबर, 2024 तक लोकार्पण कर दिया जाएगा। राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के अंतर्गत निजि भूमि पर 45 प्रतिशत उपदान पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने के कार्य में गति लाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में कुल 100 मैगावॉट सोलर क्षमता का दोहन सुनिश्चित किया जाएगा।
निजी भूमि पर स्थापित होने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं का पंजीकरण पूरे वर्ष के लिए खुला रखा जाएगा, जिससे 100 मेगावॉट सौर क्षमता का दोहन शीघ्र संपन्न हो पाएगा।
प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों, वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलो (Rajiv Gandhi Model Day Boarding Schools) में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट (Roof Top Solar Plant) और वाटर हीटिंग सिस्टम (Water Heating System) स्थापित किए जाएंगे।
बजट घोषणा के अनुसार सभी सरकारी भवनों के connected load के कम से कम 20 प्रतिशत की आपूर्ति ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से करना अनिवार्य किया जाएगा।
सोलन, पालमपुर और धर्मशाला नगर निगमों (MC) में सभी बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को एनओसी (NOC) प्राप्त करने के लिए नए भवनों में सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम (Solar Water Heating System) लगाना अनिवार्य किया जाएगा। इन निगमों में स्थित सरकारी भवनों की छत पर चरणबद्ध तरीके से सोलर प्लांट (Solar Plant) लगाने होंगे।
ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में 501 मेगावॉट की क्षमता वाले 5 सौर पार्क और 212 मेगावॉट की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का कार्य शुरू किया जाएगा।