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शिमला। हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर के वेतनमान व डीए के एरियर को लेकर जारी आदेश वापस ले लिए हैं।
सुक्खू सरकार ने 4 मार्च 2024 को वेतनमान और डीए के एरियर को लेकर आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के बाद कर्मचारियों में रोष था। इसके मध्यनजर सरकार ने इन्हें वापस ले लिया है।
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर को संशोधित वेतनमान और डीए एरियर को लेकर सरकार ने 4 मार्च को आदेश जारी कर थे।
आदेशों के अनुसार संशोधित वेतनमान के एरियर की बात करें तो कुल बकाया का 1.5 प्रतिशत माह मार्च 2024 में देय होना था। 3 प्रतिशत वार्षिक भुगतान वित्तीय वर्ष 2024-25 में किया जाना था, जो प्रति माह कुल बकाया का 0.25 प्रतिशत की दर से वितरित किया जाना था।
वेतनमान में संशोधन का बकाया कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/पेंशन के साथ मासिक रूप से वितरित किया जाना था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में नियमित सरकारी कर्मचारियों के वेतन के साथ 1.5 प्रतिशत मासिक की दर से महंगाई भत्ते की बकाया राशि का भुगतान किया जाना था।
यह सुनिश्चित करने को कहा था कि बकाया वेतनमान के बकाया और डीए के बकाया के लिए निर्धारित सीमा से अधिक न होगा। पेंशन/पारिवारिक पेंशन के कुल बकाया का अतिरिक्त 1.5 प्रतिशत मार्च 2024 के महीने में 2016 से पहले के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को वितरित किया जाना था।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 2016 से पहले के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को कुल पेंशन/पारिवारिक पेंशन बकाया का 3 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाना था।
वित्तीय वर्ष 2024 25 में पेंशन बकाया का 3 प्रतिशत मार्च 2024 की मासिक पेंशन से कुल पेंशन बकाया का 0.25 प्रतिशत किस्तों में दिया जाना तय हुआ था। यह अप्रैल 2024 के महीने में देय होना था। यदि बकाया राशि 5000 रुपये से कम है तो ऐसी बकाया राशि का भुगतान अंतिम किस्त के रूप में एकमुश्त किया जाना था।
1 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2024 तक पेंशनर को डीए बकाया की बात करें तो प्रति माह कुल बकाया का 1.5 फीसदी की दर से दिया जाना तय हुआ था। यह भुगतान 1 अप्रैल 2024 से शुरू होना था।
4 मार्च को जारी आदेशों के तहत पेंशनर/फेमिली पेंशनर की मृत्यु होने की स्थिति में पूरी बकाया राशि नामांकित कानूनी उत्तराधिकारी को एकमुश्त अदा की जाना थी। यह राशि इन आदेशों के जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर दी जानी थी।
चंबा। पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अस्पताल चंबा हिमाचल में रोगी कल्याण समिति (RKS) की तीसरी बैठक स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल और हेल्थ सचिव एम सुधा देवी की अध्यक्षता में ऑनलाइन हुई।
इस बैठक में चंबा सदर विधायक नीरज नैय्यर विशेष तौर पर मौजूद रहे। बैठक में रोगी कल्याण समिति 2023-2024 के वार्षिक बजट को लगभग साढ़े आठ करोड़ तक कर दिया। बैठक में आरकेएस के तहत कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं को आगे जारी रखने के लिए विधायक नीरज नैय्यर के द्वारा अपनी बात रखी गई।
बैठक में चंबा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम सेवा को 24 घंटे करने के लिए भी विधायक नीरज नैय्यर के द्वारा सरकार के आगे गुजारिश की गई। बैठक के बाद विधायक नीरज नैय्यर के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री के आगे मेडिकल कॉलेज चंबा के सरोल वाले दूसरे रास्ते को लेकर भी बात की गई।
इस बैठक में पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा प्राचार्य डॉ एसएस डोगरा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ देवेंद्र कुमार, डिप्टी एसीएफ अनिल शुक्ला सहित अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
शिमला। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। शिमला बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर कर्मचारियों ने सैलरी में 52 साल में पहली बार देरी होने और ओपीएस (OPS) की बहाली ना होने पर विरोध प्रदर्शन किया। कहा कि सरकार ने अगर फरवरी से पहले OPS बहाली और बोर्ड में स्थाई एमडी की नियुक्ति नहीं की तो भविष्य में यह विरोध प्रदर्शन बड़े आंदोलन का रूप लेगा।
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी व इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल ने बताया कि 52 साल के इतिहास में पहली बार कर्मचारियों को माह की 3 तारीख होने पर भी तनख्वाह नहीं मिली है, जोकि पहले एक तारीख को मिल जाती थी। वहीं सरकार ने प्रदेश में ओपीएस बहाल कर दी है।
मुफ्त की बिजली देने के सरकार के फैसले और बोर्ड के कुप्रबंधन चलते बिजली बोर्ड की हालत खस्ता है। बोर्ड में एमडी की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। वर्तमान एमडी के पास अतिरिक्त चार्ज है। वह बिजली बोर्ड को समय नहीं दे पा रहे हैं, जिसके चलते कई प्रॉजेक्ट लटके पड़े हैं।
एमडी हरिकेश मीणा को हटाकर स्थाई एमडी लगाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर जल्द मांगें न मानी तो आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा और जरुरत पड़ने पर इसे उग्र किया जाएगा।
शिमला। हिमाचल सचिवालय शिमला के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सचिवालय में दूसरे विभागों के कर्मचारियों को सैकेंडमेंट आधार पर नियुक्ति दिए जाने का कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने मंगलवार को सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर चेताया कि अगर सरकार ने बाहरी लोगों को सचिवालय में नियुक्ति दी तो कर्मचारी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सचिवालय कर्मचारी एसोसिएशन के प्रधान भूपेंद्र बॉबी ने कहा कि शिमला सचिवालय में लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से नियुक्तियां होती हैं, लेकिन सरकार ने सचिवालय सर्विस रूल को संशोधित कर सचिवालय में दूसरे विभागों के लोगों को लाने की योजना बनाई है, जिससे सचिवालय के कर्मचारी के अधिकार भी मारे जाएंगे। सरकार ने अगर राजनीतिक लोगों को सचिवालय में बैक डोर एंट्री दी तो कर्मचारी आंदोलन को तेज करेंगे।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को 1411 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह नुकसान काफी बड़ा है। मुकेश ने कहा कि विभागीय अमला फील्ड में है और जनता को पीने के पानी की कमी नहीं होने दी जाएगी। यह रिकॉर्ड है कि अभी तक 4,623 योजनाएं रिस्टोर कर दी गई हैं, जिनसे लोगों को पानी मिल रहा है। ऐसे जल शक्ति विभाग कर्मचारियों के जज्बे के चलते ही हो पाया है।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कठिन परिस्थितियों में पेयजल व सीवरेज की योजनाओं की बहाली के कार्यों के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों की सराहना की है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में जल प्रलय में योजनाओं को बहाल करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी जान जोखिम में डालकर दिन रात काम कर रहे हैं, उन्हें सम्मान दिया जाएगा। पेयजल की अधिकतर योजनाओं को नुकसान हुआ है, ऐसे में पेयजल योजनाओं को जल्द रिस्टोर करना अपने आप में चुनौती है।
हिमाचल जल शक्ति विभाग की 5203 पेयजल और 1237 सिंचाई योजनाएं प्रभावित हुई हैं । साथ ही 55 सीवरेज की योजनाएं प्रभावित हुई हैं। 101 बाढ़ नियंत्रण के कार्यों को नुकसान हुआ है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जनता को राहत देना और जल्द योजनाओं को ठीक कर चालू करना हमारी प्राथमिकता है। इस भयंकर विनाश में हर संभव काम फील्ड में किया जा रहा है।
शिमला। हिमाचल में कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की मंजूरी के बाद इस बारे मुख्यमंत्री कार्यालय से लिखित में आदेश जारी हो गए हैं। आदेशों के अनुसार विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित सभी मामले आवश्यक होने पर स्वीकृति के लिए केवल महीने के अंतिम चार वर्किंग डे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष रखे जाएंगे।
वहीं, हिमाचल में पोस्टिंग एवं ट्रांसफर के स्वीकृत आदेश भी संबंधित विभाग द्वारा माह के अंतिम 4 कार्य दिवसों में ही जारी किए जाएंगे। जब तक कोई असाधारण परिस्थिति ने हो तब तक ऐसे मामलों को महीने के शेष दिनों में नहीं उठाया जाएगा।
यानी अब माह से अंतिम दिन ही तबादले हों सकेंगे। इसके अलावा अन्य दिनों में बहुत जरूरी मामलों में ही आदेश जारी किए जा सकेंगे।
यह निर्देश हिमाचल सरकार के सभी बोर्ड/निगम में भी लागू होंगे। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। निर्देशों की अवहेलना पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
ऋषि महाजन/नूरपुर। बरसात के सीजन में प्रशासन द्वारा सभी विभागों को बरसात के दौरान विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह ने अधिकारियों को अपने-अपने विभाग में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने सहित इसकी संपूर्ण सूचना प्रशासन को उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा है कि वे बरसात के मौसम के दौरान अपना फोन स्विच ऑफ ना रखें।
उन्होंने बताया कि मानसून सीजन के दृष्टिगत प्रशासन द्वारा किसी भी प्राकृतिक आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटने के लिए एसडीएम ऑफिस के कमरा नंबर-203 में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, जोकि हर दिन 24 घंटे खुला रहेगा। उपमंडल का कोई भी आमजन मानसून सीजन के दौरान आपातकाल की स्थिति में प्रशासन से किसी भी सहयोग के लिए कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 01893-220024 पर सीधा संपर्क कर सकता है।
नूरपुर एसडीएम ने बताया कि कंट्रोल रूम को 24 घंटे खुला रखने के लिए प्रशासन द्वारा स्टाफ की विशेष तैनाती की गई है, जो बारी-बारी से ड्यूटी देंगे। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम में प्राप्त होने वाली हर जरूरी सूचना पर प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी आपदा को टाला नहीं जा सकता है, लेकिन बेहतर प्रबंधन व तालमेल से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय में त्वरित और प्रभावी एक्शन के लिए सभी विभाग बेहतर तालमेल बनाकर रखें।