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शिमला। हिमाचल में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में पहली कक्षा में दाखिले के लिए आयु में 6 माह की छूट प्रदान की है।
कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद इसको लेकर 16 फरवरी .यानी आज लिखित आदेश भी जारी कर दिए हैं। साढ़े पांच साल के बच्चे को पहली में दाखिले की अनुमति होगी।
आदेशों के अनुसार पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु में 6 महीने की एक बार छूट दी जाएगी।
इसी कड़ी में 30 सितंबर 2024 तक 6 वर्ष की आयु पूरा करने वाले बच्चे को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पहली कक्षा में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
प्री स्कूल प्रवेश को 5+3+3+4 की एनईपी संरचना के अनुसार विनियमित किया जाएगा।
नर्सरी/बालवाटिका-1 में 3 साल से ऊपर, एलकेजी/बालवाटिका-2 के लिए 4 साल से अधिक और यूकेजी/बालवाटिका-3 के लिए 5 साल से अधिक आयु चाहिए।
सोलन/सिरमौर। डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने सोलन जिला में पेट्रोल तथा डीजल की आपूर्ति के संबंध में आवश्यक आदेश जारी किए हैं।
यह आदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत जारी हिमाचल प्रदेश जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी रोकथाम आदेश, 1977 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।
इन आदेशों के अनुसार जिला सोलन में कार्यरत सभी पेट्रोल पंप ऑपरेटरों को आपात परिस्थिति के दृष्टिगत पेट्रोल और डीजल का न्यूनतम रिजर्व सुनिश्चित रखना होगा।
25 हजार लीटर से अधिक भंडारण क्षमता वाले पेट्रोल पंप पर 03 हजार लीटर डीजल तथा 02 हजार लीटर पेट्रोल का न्यूनतम रिजर्व रखना आवश्यक है। 25 हजार लीटर से कम भंडारण क्षमता वाले पेट्रोल पंप पर 02 हजार लीटर डीजल तथा एक हजार लीटर पेट्रोल का न्यूनतम रिजर्व रखना आवश्यक है।
आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी पेट्रोल, डीजल डीलर एक समय में एक वाहन को 10 लीटर से अधिक ईंधन नहीं देगा।
इससे अधिक ईंधन प्रदान करने के लिए संबंधित उपमंडलाधिकारी अथवा जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। किसी भी व्यक्ति को वाहन ईंधन टैंक के अतिरिक्त अन्य किसी भंडारण पात्र में ईंधन नहीं दिया जाएगा।
जिला दंडाधिकारी सिरमौर सुमित खिमटा ने ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के कारण गत दो दिनों से पेट्रोलयम पदार्थों की आपूर्ति में आ रही बाधा के कारण वांछित मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थों की उपलब्धता न होने के दृष्टिगत जिला सिरमौर में सभी पेट्रोल पंपों में पेट्रोलियम पदार्थों की सीमित मात्रा में विक्रय करने व वांछित मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ आरक्षित (रिजर्व) रखने के आदेश जारी किए हैं।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार 25 हजार से अधिक की स्टोरेज टैंक क्षमता वाले पेट्रोल पंप में कम से कम 3 हजार लीटर डीजल तथा दो हजार लीटर पेट्रोल रिजर्व रखने के आदेश दिए गए हैं।
इसी प्रकार 25 हजार से कम की क्षमता के स्टोरेज टैंक में कम से कम दो हजार लीटर डीजल तथा एक हजार लीटर पेट्रोल रिजर्व रखने के निर्देश दिए गए हैं।
जारी आदेशों के अनुरूप किसी भी डीलर को किसी भी वाहन में एक समय में दस लीटर से अधिक पेट्रोल न भरने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति केवल अपने वाहन के फ्यूल टैंक में पेट्रोल/डीजल डलवाने के लिए अधिकृत होगा और किसी भी प्रकार के कंटेनर में पेट्रोलियम पदार्थ ले जाने की स्वीकृति नहीं होगी।
आपातकालीन वाहन जैसे एंबुलेंस, फायर, जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहन व पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों को पेट्रोलियम पदार्थों के आवंटन में प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
यदि कोई भी डीलर पेट्रोलियम पदार्थों की जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ विधि के अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शिमला। हिमाचल सरकार ने तबादलों पर रोक लगा दी है। 21 नवंबर, 2023 से सामान्य तबादलों पर अगले आदेश तक पूरी तरह बैन लग जाएगा। इसे लेकर सोमवार को नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है।
ऐसे में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के ऐसे प्रस्तावों पर कार्रवाई और कार्यान्वयन किया जा सकेगा, जो 10 जुलाई 2013 को प्रसारित व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांत-2013 के पैरा 8 के तहत विशेष रूप से प्रदान की गई परिस्थितियों के अनुरूप होंगे और मुख्यमंत्री की मंजूरी के साथ होंगे।
धर्मशाला। कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी उपमंडल के अंतर्गत गुम्मर से रजोल लिंक रोड मरम्मत कार्य के चलते 4 अक्टूबर, 2023 तक हर प्रकार के यातायात के लिए पूर्ण रूप से बंद रहेगा।
इस दौरान गाड़ियों की आवाजाही के लिए सपड़ी से समलेतर रोड और शिवजी कटियालु मार्ग का उपयोग किया जाएगा। कांगड़ा डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। लोगों से सहयोग की अपील की है।
शिमला। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी विंटर क्लोजिंग स्कूलों ( किन्नौर व चंबा जिला के पांगी व भरमौर सहित ) में छुट्टियां 17 जुलाई 2023 तक बढ़ा दी हैं। सभी विंटर क्लोजिंग हाई/मिडल/प्राइमरी/निजी स्कूल 17 जुलाई तक बंद रहेंगे। ऐसा आपदा के चलते उत्पन्न स्थितियों को चलते किया गया है। इस बारे निदेशक हायर एजुकेशन डॉ. अमरजीत के शर्मा ने आदेश जारी कर दिए हैं।
आदेशों के मुताबिक 17 जुलाई के बाद उपमंडल स्तर पर एसडीएम/स्थानीय प्रशासन मौसम की स्थिति और कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए संबंधित जिला के उपनिदेशक हायर एजुकेशन से प्राप्त सूचना/परामर्श के साथ स्कूल बंद करने के संबंध में निर्णय ले सकते हैं।
बता दें कि हिमाचल सरकार ने 11 जुलाई को मानसून ब्रेक में बदलाव किया था। कुल्लू जिला में अब 10 जुलाई से पहली अगस्त तक 23 दिन की मानसून ब्रेक होगी। पहले ये 23 जुलाई से 14 अगस्त तक निर्धारित थी। लाहौल स्पीति जिला में 17 जुलाई से 27 अगस्त की जगह अब 10 जुलाई से 20 अगस्त तक 42 दिन की समर ब्रेक होगी।
किन्नौर, पांगी, भरमौर में 10 जुलाई से 15 जुलाई तक 6 दिन की मानसून ब्रेक निर्धारित की थी। पहले ये 22 जुलाई से 27 जुलाई तक निर्धारित थी। वहीं अन्य विटर क्लोजिंग स्कूलों में भी 10 जुलाई से 15 जुलाई तक 6 दिन की मानसून ब्रेक थी। ये भी पहले 22 जुलाई से 27 जुलाई तक निर्धारित थी। अब इस 17 जुलाई तक बढ़ा दिया है।
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इसके अलावा राज्य में कार्यरत और सीबीएसई/आईसीएसई/किसी अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूल इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं। विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा एवं संरक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब रात 9 बजे नहीं बल्कि रात 11 बजे तक दुकानें व व्यापारिक संस्थान खुले रहेंगे। इसे लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह आदेश 31 जुलाई, 2023 तक प्रभावी रहेंगे।
शिमला । HRTC कर्मचारियों को OPS लागू करने को लेकर निगम प्रबंधन ने सभी डीडीएम और आरएम को आदेश जारी किए हैं। जारी आदेशों में कहा गया है कि सरकार ने OPS को लागू करने और NPS का अंशदान बंद करने को लेकर आदेश जारी किए हैं।
इन आदेशों को निगम ने भी लागू करने का फैसला लिया है। ये फैसला HRTC की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मंजूरी के बाद लिया गया है। HRTC एमडी संदीप कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार कर्मचारियों को इन निर्देशों के जारी होने के 60 दिन के अंदर पुरानी पेंशन या न्यू पेंशन स्कीम का ऑप्शन चुनना होगा। ये नोटरी से अटेस्टेड करवाकर पूरे दस्तावेजों के साथ एमडी एचआरटीसी कार्यालय में जमा करवाना होगा।
बता दें कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल में OPS लागू कर कर्मचारियों को राहत प्रदान की है। 4 मई को सरकार ने पुरानी पेंशन को लेकर SOP और निर्देश जारी किए हैं।
एसओपी (SOP) के अनुसार अगर कोई कर्मचारी एनपीएस (NPS) के तहत रहना चाहता है तो इन निर्देशों को जारी करने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प का प्रयोग करेगा, जिसे विधिवत रूप से नोटरीकृत किया जाएगा और कार्यालय के प्रमुख के पास जमा करवाया जाएगा। ऐसे कर्मचारी (कर्मचारियों) को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (जिसे अंशदायी पेंशन योजना भी कहा जाता है) के तहत कवर किया जाना जारी रहेगा।
सरकारी कर्मचारी जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, के तहत शामिल होने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प देना होगा। ऐसे कर्मचारियों को अंडरटेकिंग भी देनी होगी। विकल्प और अंडरटेकिंग को नोटरीकृत किया जाएगा। इसे कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों द्वारा एक बार केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को चुनने का विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। यदि कोई कर्मचारी निर्धारित अवधि के भीतर किसी विकल्प का प्रयोग करने में विफल रहता है, तो यह माना जाएगा कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत जारी रहना चाहता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, को चुनने वाले कर्मचारियों को भी सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के तहत कवर किया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 के माध्यम से निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) के योगदान को 1 अप्रैल 2023 से रोक दिया जाएगा।
अब उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 में आंशिक संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प चुनने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) का अंशदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत जमा किया जाना जारी रहेगा।
किसी भी मामले में, यदि किसी कर्मचारी का अप्रैल, 2023 के महीने के लिए अंशदान, जिसने अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) का विकल्प चुना है, को उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन के मद्देनजर रोक दिया गया था, तो वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत उसका योगदान जमा करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे मामलों में सरकारी हिस्सा भी जमा किया जाएगा।
जिन सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुना है, उन्हें इन नियमों के तहत पेंशन लाभ का भुगतान किया जाएगा, बशर्ते कि सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश/वापसी राज्य सरकार को जमा किया जाए।
कर्मचारी, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कवर किए गए थे और 15 मई 2003 से 31 मार्च 2023 की अवधि के बीच पहले ही सेवानिवृत्त/मृत्यु हो चुके हैं और जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी और मृत कर्मचारी के पात्र परिवार के सदस्य, संभावित तिथि से यानी 01 अप्रैल 2023 से पेंशन के हकदार होंगे। अन्य शर्तों के लिए एसओपी पढ़ें।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले कर्मचारी और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 यानी पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी/छुट्टी नकदीकरण/जीआईएस से सरकारी योगदान और उस पर अर्जित लाभांश के समायोजन के लिए एक अंडरटेकिंग देनी होगी, यदि वे ऐसी राशि को सरकारी खाते में जमा करने में विफल रहते हैं।