बीते विस चुनाव में थे विजय अग्निहोत्री के कवरिंग कैंडिडेट
नादौन। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने नादौन भाजपा में बड़ी सेंधमारी की है। बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विजय अग्निहोत्री के कवरिंग कैंडिडेट रहे प्रभात चौधरी सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पटका फूलमाला पहनाकर कांग्रेस में शामिल करवाया।
उनके अलावा भाजपा के बटाहली बूथ के पूर्व अध्यक्ष हंसराज और होशियार सिंह, रमेश चंद भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। पंडित ज्योति कुमार व देशराज ने पुतड़ियाल में कांग्रेस ज्वाइन की। प्रभात चौधरी ने अपने पैतृक गांव बड़ा में मुख्यमंत्री की जनसभा में कांग्रेस का दामन थामा।
वह दो बार नादौन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार उन्होंने 2003 में निर्दलीय और 2007 में बसपा टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। दोनों बार उन्होंने 10 हजार वोट लिए थे। इसके बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा और भाजपा में शामिल हो गए।
पूर्व शिक्षा मंत्री नारायण चंद पराशर के समय प्रभात कांग्रेस में ही हुआ करते थे। उसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ लिया। अब मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने उनकी घर वापसी करवाई है।
प्रभात के भाजपा छोड़ने से कांग्रेस को नादौन में और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि वह पूरी निष्ठा के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यों और नीतियों में आस्था जताते हुए कांग्रेस का दामन थामा है।
पूर्व बूथ अध्यक्ष हंसराज ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू जबसे मुख्यमंत्री बने हैं तबसे उन्होंने आम आदमी को मद्देनजर रखकर काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में आए सभी भाजपाइयों को पूरा मान सम्मान मिलेगा।
बद्दी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को सोलन जिला के झाड़माजरी (बद्दी) स्थित परफ्यूम फैक्ट्री में आग लगने से हुई जानमाल की क्षति का जायजा लिया।
उन्होंने आग लगने के कारणों और बचाव कार्यों की समीक्षा की साथ ही जिला प्रशासन को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री हादसे के पांच दिन बाद झाड़माजरी (बद्दी) पहुंचे हैं। इससे पहले भी उनका कार्यक्रम बना था लेकिन खराब मौसम के चलते सुक्खू बद्दी नहीं पहुंच पाए थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बद्दी परफ्यूम फैक्ट्री में आग लगने की घटना में घायल हुए कर्मचारियों का अस्पताल पहुंचकर कुशलक्षेम भी जाना। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की।
सुक्खू ने लापता व्यक्तियों के परिजनों से भी मिले और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा ‘‘आप चिंता न करें, राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में आपके साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी’’।
पत्रकारों से बातचीत में ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आग लगने की घटना पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा घटना की जांच की जा रही है और सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए फैक्टरी प्रबंधकों के साथ बात कर कानून में आवश्यक बदलाव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में स्मार्ट मीटरिंग तथा बिजली की तारों को अंडरग्राउंड करने पर भी विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि घायलों को पांच-पांच हजार रुपए की त्वरित राहत राशि दी गई है तथा उन्हें कुल 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके अतिरिक्त मृतकों के परिजनों को भी कुल साढ़े 6 लाख रुपए प्रति परिवार की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 5 लोगों की मौत हुई है। एक शव की पहचान की जा रही है, जबकि पांच व्यक्ति अभी भी लापता हैं।
उन्होंने कहा कि इस घटना में 37 व्यक्ति घायल हुए थे, जिनमें से 13 घायलों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। अब तक प्रभावित परिवारों को 3.05 लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अस्पताल में उपचाराधीन घायलों का कुशलक्षेम पूछा और उनसे हादसे के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार, विधायक केएल ठाकुर, उपायुक्त मनमोहन शर्मा सहित अन्य गणमान्य तथा अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इटेंलिजेंस (कृत्रिम मेधा) का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। यह बात उन्होंने यहां स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। (हमीरपुर)
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार हमीरपुर में राष्ट्रीय कैंसर केंद्र स्थापित करने जा रही है। इसके लिए सभी प्रक्रियाएं चरणबद्ध तरीके से पूर्ण की जा रही हैं।
इस केंद्र में मुख्य तौर पर अस्पताल, पालीऐटिव केयर, सेंटर फॉर प्रिवेन्टिव ऑन्कोलोजी और सेंटर फॉर मोलीक्यूलर ऑन्कोलोजी विभाग होंगे।
उन्होंने कहा कि इस केंद्र में हाई-एंड प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा और विश्व स्तरीय डायग्नोस्टिक लैब स्थापित की जाएगी।
इस केंद्र में मोलीक्यूलर ऑन्कोलोजी सहित अनेक नवीन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर मरीजों को श्रेष्ठतम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में राज्य में कार्यशील कैंसर केयर यूनिट को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
बैठक में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश पेढ़ारकर, डॉ. जी.के. रथ, डॉ. सी.एम. त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी गोपाल शर्मा, स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, मिशन निदेशक एनएचएम प्रियंका वर्मा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं गोपाल बेरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम ने देवता गुडारू जी महाराज के मंदिर में की पूजा-अर्चना
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू आज जिला शिमला के रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र के गवास में 36 वर्ष के बाद आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय शांत महायज्ञ में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान देवता गुडारू जी महाराज के मंदिर में पूजा-अर्चना की साथ ही प्रदेश की सुख और समृद्धि की कामना की।
क्षेत्र में पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 36 वर्ष बाद यह महायज्ञ धूमधाम के साथ आयोजित किया जा रहा है, जिसमें क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।
क्षेत्रवासियों को शांत महायज्ञ की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों की देव संस्कृति में गहरी आस्था है, इसलिए हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है। यह महायज्ञ हिमाचल प्रदेश की प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी निवासियों की देवी-देवताओं में गहरी आस्था तथा सभी को अपनी पुरातन संस्कृति पर गर्व है। मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी से इस प्राचीन संस्कृति को सहेज कर रखने की अपील की।
शांत महायज्ञ में क्षेत्र के हजारों लोग पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। साथ ही रोहड़ू और जुब्बल क्षेत्र के सात देवता और 13 खूंद शामिल हो रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह तथा मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा ने भी क्षेत्रवासियों को महायज्ञ की बधाई दी और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का रोहड़ू पहुंचने पर स्वागत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी कर्नल कुलदीप सिंह बांशटू तथा रितेश कपरेट, उपायुक्त आदित्य नेगी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिए निर्देश
शिमला। हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने तथा ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी सरकारी विभागों को एक जनवरी, 2024 से डीजल या पेट्रोल वाहन न खरीदने के निर्देश दिए हैं।
अति-आवश्यक होने पर केवल प्रदेश मंत्रिमण्डल की स्वीकृति के बाद ही विभाग पेट्रोल या डीजल वाहनों की खरीद कर सकेंगे।
अपने पहले बजट में ही ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए विद्युत चालित वाहन (ई-वाहन) पर राज्य सरकार का विज़न स्पष्ट किया और आगे बढ़कर स्वयं भी इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर मिसाल पेश की।
राज्य सरकार के प्रयासों के कारण ही आज सरकारी ई-वाहनों की संख्या 185 हो गई है, जबकि प्रदेश में पंजीकृत निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 2733 तक पहुंच गई है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल में ई-व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। परिवहन विभाग पहला ऐसा विभाग है, जिसमें ई-वाहन का उपयोग शुरू किया गया तथा चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी महकमों में भी इन वाहनों का संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
ई-वाहन केवलमात्र एक नई शुरूआत नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें पर्यावरण को सुरक्षित बनाना होगा तथा इसकी शुरूआत आज से ही करनी होगी।’’
सरकारी विभागों में गाड़ियों की आवश्यकता पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने ई-टैक्सी अनुबंध पर लेने की अनुमति प्रदान की है।
680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को ई-टैक्सी के परमिट प्रदान किए जा रहे हैं। ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है।
इन गाड़ियों को घर पर भी चार्ज किया जा सकता है तथा राज्य सरकार भी चार्जिंग के लिए आधारभूत ढांचा तैयार कर रही है। ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 6 राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए परिवहन विभाग ने 54 स्थानों को अंतिम रूप दिया है, जिनमें से कुछ लगभग बनकर तैयार हैं।
इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की सभी डीजल गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जा रहा है। हाल ही में ई-बसें बनाने वाली कंपनियों के साथ बैठक में हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप गाड़ियां तैयार करने का अनुरोध किया गया है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार लंबे रूटों पर भी ई-बसें चलाने जा रही है। एचआरटीसी के बेड़े में टाइप-1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है, ताकि 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। ’’
मुख्यमंत्री सुक्खू की उपस्थिति में प्रदान किया गया कार्य पत्र
धर्मशाला। ऊना जिला में माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर तक यात्री रोप-वे के विकास के लिए रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड हिमाचल प्रदेश के निदेशक अजय शर्मा ने आज जिला कांगड़ा के धर्मशाला में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में मैसर्स स्काई हिमालय रोपवेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अमिताभ शर्मा को लेटर ऑफ अवार्ड (कार्य पत्र) प्रदान किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 1.1 किलोमीटर लंबे इस हवाई रोप-वे का निर्माण 76.50 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। इस अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली से दोनों ओर प्रति घंटा 700 यात्रियों की आवाजाही सुनिश्चित होगी।
साथ ही, यहां आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को एक नया यात्रा अनुभव भी होगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य के युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करेगी और धार्मिक पर्यटन को भी नई गति मिलेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व है। हिमाचल प्रदेश स्थित शक्तिपीठों में इसका प्रमुख स्थान है। माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में रोप-वे सुविधा से न केवल भीड़भाड़ से राहत मिलेगी बल्कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षित और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा।
सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार तीर्थयात्रियों के लिए यादगार अनुभव और सुविधा प्रदान करने के लिए धार्मिक स्थानों में बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए विशेष अधिमान दे रही है।
उन्होंने मैसर्स स्काई हिमालय रोपवेज प्राइवेट लिमिटेड को इस परियोजना को समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को अतिशीघ्र बेहतर सुविधा मिल सके।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, कैबिनेट मंत्री यादविन्द्र गोमा, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल और संजय अवस्थी, विधायक केवल सिंह पठानिया, संजय रतन, सुदर्शन बबलू, विनोद सुल्तानपुरी, आईडी लखनपाल, चैतन्य शर्मा, मलेंद्र राजन, रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, मुख्य महा प्रबंधक आरटीडीसी रोहित ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
जिला में इतने बड़े निवेश से लगने वाला यह पहला उद्योग
कांगड़ा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला कांगड़ा के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कंदरोड़ी में 268 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले वरुण बेवरेजेस लिमिटेड के पेप्सी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला रखी।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में इतने बड़े निवेश से लगने वाला यह पहला उद्योग है। इससे क्षेत्र में विकास को नई रफ्तार और आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस उद्योग के माध्यम से दो हजार से अधिक युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने इंदौरा के औद्योगिक क्षेत्र में बेहतर सड़क सुविधा प्रदान करने के लिए पर्याप्त बजट प्रदान करने का आश्वासन दिया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूरे देश में निवेश के लिए एक उपयुक्त स्थल है। राज्य सरकार निवेशकों को अपने उद्योग स्थापित करने के लिए अनेक सुविधाएं प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और 10 हजार करोड़ रुपये की सरकारी कर्मचारियों की देनदारियां बकाया है। प्रदेश कभी भी कर्ज के सहारे नहीं चल सकता है।
इसीलिए राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार दिन-रात प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के प्रत्येक निवासी पर एक लाख रुपए से अधिक का ऋण है, इसके बावजूद आगामी चार वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पिछले एक वर्ष में 20 प्रतिशत तक सुधार आया है और राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में राज्य की उद्योग नीति में भी बदलाव करने जा रही है, ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कांगड़ा जिला में कई बड़े उद्योग लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की है। इसके तहत राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है तथा उन्हें निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के दूसरे चरण में युवाओं को सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध हों। इसके साथ ही किसानों की आय में बढ़ौतरी के लिए भी अगले बजट में एक योजना का प्रावधान किया जाएगा।
वहीं, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आज का दिन कांगड़ा जिला के लिए महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह प्लांट इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में आशातीत बदलाव लाएगा। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए सभी औपचारिकताएं तीन माह में पूरी की गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है।
वर्तमान राज्य सरकार कांगड़ा जिला के विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है तथा जिला को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। प्रदेश सरकार कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए प्रयास कर रही है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सकें। युवाओं को रोज़गार प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
विधायक मलेंद्र राजन ने इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में पेप्सी के मेगा प्लांट लगाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे तथा कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इंदौरा विधानसभा क्षेत्र आर्थिक रूप से सम्पन्न होगा।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के मलोट में उद्योगों की स्थापना के लिए 102 करोड़ रुपए प्रदान किए गए थे, जिससे यहां औद्योगिक निवेश आरंभ हुआ। उन्होंने कहा कि इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में किन्नू, संतरा आदि का अत्याधिक उत्पादन होता है तथा प्लांट की स्थापना से क्षेत्र के बागवानों को भी लाभ मिलेगा।
वरुण बेवरेजिज लिमिटेड के चेयरमैन रविकान्त जयपुरिया ने कहा कि यह पेप्सी प्लांट लगभग एक वर्ष में बनकर तैयार होगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक उन्नति आएगी।
उन्होंने कहा कि सीएसआर के माध्यम से क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा और स्थानीय युवाओं के कौशल विकास के लिए भी कंपनी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने उद्योग की स्थापना में राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, कैबिनेट मंत्री यादवेंद्र गोमा, विधायक भवानी सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, जिला कांगड़ा कांग्रेस अध्यक्ष कर्ण पठानिया, पूर्व विधायक अजय महाजन, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कुल्लू में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दी जानकारी
कुल्लू। हिमाचल आपदा राहत कोष में अब तक 230 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ की शुरूआत करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले 75 साल में यह ऐतिहासिक दान है।
बच्चों, बुजुर्गों, कर्मचारियों, रिटायर कर्मचारियों और हर वर्ग के सहयोग से आपदा राहत कोष में 230 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जमा हुई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ की शुरूआत आज कुल्लू जिला से की और प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज के लाभ प्रदान किए।
कुल्लू के रथ मैदान से मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर जिला कुल्लू में 324 प्रभावित परिवारों को मकान बनाने के लिए तीन-तीन लाख रुपये की पहली किस्त के रूप में 9.72 करोड़ रुपए की राहत राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी की। यह मुआवजा राशि जिला में आपदा के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को उनके पुनर्वास के लिए प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तीसरी टीम प्रदेश में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंच गई है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से विशेष राहत का कोई पैसा नहीं मिला है। जब भी केंद्र से विशेष राहत पैकेज की धनराशि मिलेगी, वह स्वयं केंद्र सरकार का धन्यवाद करने जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार 12000 करोड़ रुपए के दावे भेजे हैं, अब कम से कम वही धनराशि हिमाचल को दी जाए, ताकि राज्य सरकार प्रभावितों की और मदद कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में 15 देशों के सांस्कृतिक दल शामिल होंगे, जो ऐतिहासिक है। इस बार कुल्लू दशहरे का स्वरूप और भव्य होगा, जिसके लिए मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक भुवनेश्वर गौड़ दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
शिमला। बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी बनने वाली है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज बिलासपुर के रौड़ा सेक्टर में बनने वाली प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी का शिलान्यास किया।
इस डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण कार्य पर लगभग 3 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिलासपुर जिला को 8 करोड़ रुपए की विकासात्मक परियोजनाओं की सौगातें दीं।
मुख्यमंत्री ने धौलरा क्षेत्र में 5.18 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले कृषि भवन की भी आधारशिला रखी। उन्होंने इन भवनों का निर्माण कार्य दो वर्षों के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी में पुस्तकों का संग्रह डिजिटल दस्तावेज के रूप में पाठकों को प्राप्त होगा, जिसे इंटरनेट के माध्यम से हासिल किया जाएगा।
इसी परियोजना के तहत जिला बिलासपुर के विभिन्न क्षेत्रों की 10 पंचायतों में भी ऐसी और डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी ताकि ग्रामीण क्षेत्र के पाठकों को इसका लाभ मिल सके।
इस कार्य के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के साथ अनुबंध किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस डिजिटल लाइब्रेरी को इस वर्ष के अंत तक शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर में 5.18 करोड़ रुपए की लागत से कृषि भवन भी निर्मित किया जाएगा, जिसमें पार्किंग, उप-निदेशक कार्यालय, किसानों की बैठकें आयोजित करने के लिए हॉल, वीडियो कान्फ्रेंसिंग हॉल तथा अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए पर्याप्त कमरों की सुविधा होगी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में आपदा से बहुत अधिक नुकसान हुआ है। आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज जारी किया है और प्रभावितों को मदद प्रदान करने के कार्य का अनुश्रवण वे स्वयं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों की भरपूर मदद का प्रयास कर रही है। बिलासपुर जिला में आपदा प्रभावितों को 25 अक्तूबर को सहायता वितरित की जाएगी तथा वह स्वयं बिलासपुर जिला का दौरा करेंगे।
सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की उम्मीद दिन-प्रतिदिन धुंधली होती जा रही है, क्योंकि और राज्य से आपदा से संबंधित 12 हजार करोड़ रुपए के दावे केंद्र सरकार को भेजे गए हैं लेकिन कोई विशेष राहत जारी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि भेजे गए दावों पर नियमानुसार केंद्र सरकार को जल्द से जल्द धनराशि जारी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा आपदा में भी राजनीतिक रोटियां सेकती रही और प्रभावित परिवारों के साथ उनका रवैया उदासीन ही रहा। प्रदेश में आई इस भीषण आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष राहत पैकेज प्रदान करने के लिए विधानसभा में लाए गए संकल्प का भाजपा ने समर्थन नहीं किया। उन्होंने आपदा राहत कोष में रिकॉर्ड दान के लिए दानी सज्जनों का आभार व्यक्त किया।
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषद कैडर कर्मचारियों को अपनी हड़ताल छोड़कर काम पर लौटना चाहिए। राज्य सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी आपदा प्रभावितों को मदद पहुंचाने का काम चल रहा है तथा उन्हें अपनी हड़ताल समाप्त कर देनी चाहिए।
इस अवसर पर उनके साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक राजेश धर्माणी, पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर, पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, बाबू राम गौतम, बीरू राम, सोहन लाल ठाकुर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अंजना धीमान, कांग्रेस नेता विवेक कुमार, उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
धर्मशाला। आपदा के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कांगड़ा जिले के फतेहपुर उपमंडल के एसडीएम (SDM) विश्रुत भारती और इंदौरा उपमंडल के एसडीएम डॉ सुरिंद्र ठाकुर को सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा समर्थ – 2023 आपदा प्रबंधन जन जागरूकता अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में आपदा के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कांगड़ा जिले के फतेहपुर तथा इंदौरा उपमंडल प्रशासन को शाबाशी देते हुए एसडीएम विश्रुत भारती तथा डॉ सुरिंद्र ठाकुर को सम्मानित किया।
बता दें कि कांगड़ा जिले के उपमंडल इंदौरा तथा फतेहपुर के मंड क्षेत्र में बरसात के दौरान पौंग बांध से एकाएक अत्यधिक पानी छोड़ने से इन क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे, जिस कारण इन क्षेत्रों के कई गांव पानी में डूब गए थे।
ऐसे में इंदौरा व फतेहपुर प्रशासन ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन की मदद से तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू किया। बचाव कार्य में भारतीय सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बड़ी संख्या में लोगों की जान को बचाया।
इस दौरान 2200 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर उन्हें राहत शिविरों में पहुंचाया था। चार दिन तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में इंदौरा उपमंडल के 1778 जबकि फतेहपुर से 422 लोगों को प्रदेश सरकार ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर निकाल कर लोगों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दिया था।
इस दौरान प्रभावित परिवारों के लिए प्रशासन द्वारा जन सहयोग से राहत शिविरों में भोजन तथा स्वास्थ्य जांच व्यवस्था उपलब्ध करवाने के समुचित प्रबंध किए गए थे।
इसके अतिरिक्त सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा स्थानीय जनता के बेहतर तालमेल तथा सहयोग से प्रशासन जनजीवन को सामान्य बनाने में सफल हुआ था।
एसडीएम डॉ सुरेंद्र ठाकुर तथा विश्रुत भारती ने कहा कि इस सम्मान का श्रेय स्थानीय लोगों, उपमंडल प्रशासन तथा आपदा कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को जाता है, जिन्होंने एक टीम के रूप में बेहतर तालमेल से कठिन समय में दिन-रात कार्य किया।
इन अधिकारियों ने सम्मान प्रदान करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सहित प्रदेश मंत्रिमंडल तथा राज्य सरकार के उच्च अधिकारिओं का आभार व्यक्त किया है।