जवाबी हमले में कांग्रेस के विधायकों ने भी किया प्रदर्शन
धर्मशाला। तपोवन में चल रहे हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन रोजगार के मुद्दे पर सदन में भारी हंगामा हुआ। हंगामे के बीच विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आ गए।
सदन की शुरुआत प्रश्न काल के साथ हुई, लेकिन रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष की ओर से स्थगन प्रस्ताव की मांग करते हुए चर्चा की मांग की गई। मंजूरी न मिलने के बाद विपक्ष के विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले आए।
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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रोजगार का मुद्दा बेहद गंभीर है। इसी को लेकर विपक्ष की ओर से स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की गई थी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा विधायक सतपाल सिंह सती, रणधीर शर्मा और विपिन सिंह परमार ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया ताकि प्रदेश का सबसे बड़े मुद्दे रोजगार को लेकर चर्चा की जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को 1 साल का समय हो गया है, लेकिन अभी तक प्रदेश में किसी युवाओं को रोजगार नहीं मिला है। ऐसे गंभीर विषय पर संसदीय कार्य मंत्री उठ खड़े हुए और विपक्ष की इस मांग को ड्रामा करार दिया जिसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट करने का फैसला किया।
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वहीं, सत्र शुरू होने से पहले भी पक्ष और विपक्ष के बीच काफी तल्खी देखने को मिली। विपक्ष ने जहां हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारों के लिए रोजगार के मुद्दे को लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन किया।
वहीं, जवाबी हमले में कांग्रेस के विधायकों ने 15 लाख रुपए की मांग की। माहौल कुछ समय के लिए काफी तनावपूर्ण भी हुआ। इस दौरान भाजपा विधायकों ने प्रतीकात्मक डिग्रियां भी जलाईं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का दावा किया था, लेकिन पिछले 1 साल से भर्तियां लटकी हुई हैं।
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बेरोजगार युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं और डिग्रियों को जलाने की नौबत आ गई है। खाली पदों को भरने की लगातार मांग की जा रही है, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है।
जबकि, एक लाख युवाओं को एक साल में नौकरी देने की गारंटी दी गई थी। प्रदेश में 10 लाख से अधिक बेरोजगार हैं जो नौकरी की आस लगाए बैठे हैं।
लेकिन, सरकार उनको नौकरी देने के बजाय अपने चहेतों को एडवाइजर, ओएसडी जैसे पदों से नवाज रही है और बेरोजगारों के साथ मजाक किया जा रहा है। विपक्ष इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और एक-एक कर सभी गारंटी को सरकार को याद दिलाया जाएगा।
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वहीं, दूसरी तरफ जवाबी हमले में कांग्रेस के विधायकों ने आज आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित न करने, सिलेंडर के बढ़ते दामों और 15 लाख देने के वादों को लेकर भाजपा पर जवाबी हमला बोला और कहा कि प्रदेश के भाजपा विधायक नौटंकी कर रहे हैं।
केंद्र से हिमाचल को मदद दिलाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है मोदी सरकार ने 2014 में काले धन की वापसी पर 15-15 लाख देने का दावा किया था जो अभी तक किसी को नहीं मिला है।
भाजपा के पास मुद्दे नहीं है जबकि सरकार ने एक साल में बेहतरीन कार्य किए हैं और सभी गारंटी को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है।
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