धर्मशाला। कांगड़ा जिला के सात उपमंडलों में स्कूल सुबह 10 बजे खुलेंगे और साढ़े तीन बजे बंद होंगे। डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने
कांगड़ा जिला के इंदौरा, फतेहपुर, नूरपुर, जवाली, देहरा, ज्वालामुखी व जयसिंहपुर उप मंडल में निजी तथा सरकारी स्कूलों को सुबह 10 बजे खोलने तथा साढ़े तीन बजे छुट्टी करने के निर्देश दिए हैं।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिला के उपरोक्त उपमंडलों में भारी सर्दी और धुंध के कारण समय में परिवर्तन किया गया है। इस बाबत उपनिदेशक शिक्षा तथा संबंधित उपमंडल अधिकारियों व सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य को आदेशों की अनुपम सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
एडीसी को सौंपा जांच का जिम्मा, तीन सप्ताह का दिया समय
धर्मशाला। अरनी विश्वविद्यालय इंदौरा के प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के बीच उठे मामले तथा मीडिया रिपोर्ट्स का जिला प्रशासन द्वारा कड़ा संज्ञान लिया गया है।
इस बाबत डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने अतिरिक्त उपायुक्त को तथ्यों की जांच करने तथा संबंधित लोगों का पक्ष सुनने के उपरांत तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
डीसी द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि अरनी विवि प्रबंधन द्वारा कुछ कर्मचारियों सेवाएं कथित तौर पर समाप्त कर दी गई थीं, जिसके संबंध में एसडीएम इंदौरा मामले पर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया था।
एसडीएम से प्राप्त रिपोर्ट में कहा गया कि जो कर्मचारी 28 दिसंबर, 2023 से शांतिपूर्ण हड़ताल पर बैठे थे, उन्होंने अब 03 जनवरी, 2024 को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।
डीसी द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि नवीनतम मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर, स्थानीय प्रशासन के खिलाफ ऐसे आरोपों की सत्यता स्थापित करना जरूरी है, जैसा कि स्थानीय मीडिया के साथ-साथ अरनी विश्वविद्यालय के प्रबंधन की दलीलों में भी सामने आ रहा है।
इसके अलावा, उन तथ्यों को जांच करना महत्वपूर्ण है जिनके कारण ऐसे आरोप लगे हैं और पूरे प्रकरण में स्थानीय प्रशासन की भूमिका को लेकर भी गहनता से जांच की जाएगी।
इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल को गहन जांच करने तथा सभी संबंधित पक्षों को सुनने के उपरांत तीन सप्ताह के भीतर तथ्यान्वेषी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला में इतने बड़े निवेश से लगने वाला यह पहला उद्योग
कांगड़ा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला कांगड़ा के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कंदरोड़ी में 268 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले वरुण बेवरेजेस लिमिटेड के पेप्सी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला रखी।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में इतने बड़े निवेश से लगने वाला यह पहला उद्योग है। इससे क्षेत्र में विकास को नई रफ्तार और आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस उद्योग के माध्यम से दो हजार से अधिक युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने इंदौरा के औद्योगिक क्षेत्र में बेहतर सड़क सुविधा प्रदान करने के लिए पर्याप्त बजट प्रदान करने का आश्वासन दिया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूरे देश में निवेश के लिए एक उपयुक्त स्थल है। राज्य सरकार निवेशकों को अपने उद्योग स्थापित करने के लिए अनेक सुविधाएं प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और 10 हजार करोड़ रुपये की सरकारी कर्मचारियों की देनदारियां बकाया है। प्रदेश कभी भी कर्ज के सहारे नहीं चल सकता है।
इसीलिए राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार दिन-रात प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के प्रत्येक निवासी पर एक लाख रुपए से अधिक का ऋण है, इसके बावजूद आगामी चार वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पिछले एक वर्ष में 20 प्रतिशत तक सुधार आया है और राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में राज्य की उद्योग नीति में भी बदलाव करने जा रही है, ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कांगड़ा जिला में कई बड़े उद्योग लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की है। इसके तहत राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है तथा उन्हें निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के दूसरे चरण में युवाओं को सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध हों। इसके साथ ही किसानों की आय में बढ़ौतरी के लिए भी अगले बजट में एक योजना का प्रावधान किया जाएगा।
वहीं, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आज का दिन कांगड़ा जिला के लिए महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह प्लांट इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में आशातीत बदलाव लाएगा। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए सभी औपचारिकताएं तीन माह में पूरी की गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है।
वर्तमान राज्य सरकार कांगड़ा जिला के विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है तथा जिला को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। प्रदेश सरकार कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए प्रयास कर रही है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सकें। युवाओं को रोज़गार प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
विधायक मलेंद्र राजन ने इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में पेप्सी के मेगा प्लांट लगाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे तथा कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इंदौरा विधानसभा क्षेत्र आर्थिक रूप से सम्पन्न होगा।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के मलोट में उद्योगों की स्थापना के लिए 102 करोड़ रुपए प्रदान किए गए थे, जिससे यहां औद्योगिक निवेश आरंभ हुआ। उन्होंने कहा कि इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में किन्नू, संतरा आदि का अत्याधिक उत्पादन होता है तथा प्लांट की स्थापना से क्षेत्र के बागवानों को भी लाभ मिलेगा।
वरुण बेवरेजिज लिमिटेड के चेयरमैन रविकान्त जयपुरिया ने कहा कि यह पेप्सी प्लांट लगभग एक वर्ष में बनकर तैयार होगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक उन्नति आएगी।
उन्होंने कहा कि सीएसआर के माध्यम से क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा और स्थानीय युवाओं के कौशल विकास के लिए भी कंपनी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने उद्योग की स्थापना में राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, कैबिनेट मंत्री यादवेंद्र गोमा, विधायक भवानी सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, जिला कांगड़ा कांग्रेस अध्यक्ष कर्ण पठानिया, पूर्व विधायक अजय महाजन, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
ऋषि महाजन/नूरपुर।हिमाचल के पुलिस जिला नूरपुर के तहत इंदौरा में चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। मामले में जिला होशियारपुर पंजाब के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर पंजाब में भी कई मामले दर्ज हैं। साथ ही इंदौरा में 90 हजार के गहने और नगदी मामले के अलावा 10 लाख संपत्ति चोरी में भी आरोपियों की संलिप्तता पाई गई है।
बता दें कि 20 अगस्त 2023 को कांता देवी 60 पत्नी स्वर्गीय प्रीतम सिंह निवासी सुरड़वा तहसील इंदौरा जिला कांगड़ा ने इंदौरा थाना में घर में चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया गया था कि 19 अगस्त को समय करीब 1 बजे वह घघवां में सत्संग सुनने के लिए गई थीं।
शाम के समय करीब पांच बजे घर लौटीं तो देखा कि मुख्य दरवाजा खुला था और लॉक टूटा हुआ था। जब वह घर के अंदर गईं तो ट्रंक से सोने की दो अंगूठियां, सोने की दो बालियां, एक सोने का हार, चांदी की दो जोड़ी पायलें गायब थीं और 10 हजार रुपए की नगदी भी चोरी हुई थी।
कुल कीमत 90 हजार रुपए की चोरी हुई थी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस स्टेशन इंदौरा में मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच के लिए पुलिस थाना इंदौरा एसएचओ इंस्पेक्टर कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। टीम में मुख्य आरक्षी देवेंद्र, मोंटी गुलेरिया, आरक्षी रमन और रजनीश भी शामिल थे।
जांच में नूरपुर पुलिस जिला की पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों कुलविंदर सिंह पुत्र अमरीक सिंह निवासी जलाला मुकेरियां होशियारपुर, विल्सन पुत्र सतपाल गांद अटाल गढ़ तहसील मुकेरियां जिला होशियारपुर और पंकज पुत्र करतार सिंह निवासी फतुबाग मुकेरियां होशियारपुर को गिरफ्तार किया।
आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से आरोपियों को तीन दिन का पुलिस रिमांड मिला है। पुलिस रिमांड में आरोपियों से पूछताछ के सामने आया कि पुलिस थाना इंदौरा के तहत एक अन्य पंजीकृत मामले में, जिसमें 10 लाख की संपत्ति की चोरी हुई थी में ये शामिल रहे हैं।
आरोपियों के पास से चोरी हुए 90 हजार कीमत के सामान में 50 हजार रुपए का सामान बरामद किया गया है। इसमें दो सोने की अंगूठियां, एक जोड़ी कान की बाली, दो जोड़ी चांदी की पायलें बरामद की हैं।
गौरतलब है कि पंकज पर मुकेरियां, पठानकोट और तलवाड़ा में चार, कुलविंदर सिंह पर पुलिस स्टेशन मुकेरियां में तीन और विल्सन पर मुकेरियां में दो मामले दर्ज हैं। यह मामले चोरी, डकैती के इरादे से एकत्रित होने, एनडीपीएस एक्ट आदि के तहत दर्ज किए हैं।
इंदौरा। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बरसात के कारण जलशक्ति विभाग को प्रारंभिक अनुमान के तहत अब तक 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। यह जानकारी उन्होंने आज इंदौरा तथा फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लेने के बाद दी।
उन्होंने बताया कि गत दिनों ब्यास नदी में आई भयंकर बाढ़ से जलस्तर बढ़ने के कारण कांगड़ा जिला के मंड क्षेत्र के तहत इंदौरा तथा फतेहपुर में लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि पौंग जलाशय के बहाव क्षेत्र में बाढ़ के कारण इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 22 पंचायतें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं।
प्रारंभिक अनुमान में इन क्षेत्रों में पीडब्ल्यूडी को 54 करोड़, जल शक्ति विभाग को 31 करोड़, विद्युत विभाग को 4 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण अभी भी अधिकतर क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं, जिस कारण इन क्षेत्रों में नुकसान का सही आंकलन करना अभी संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि जैसे ही इन क्षेत्रों में पानी का स्तर कम होगा तो नुकसान का वास्तविक आंकलन कर प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के साथ उनके स्थाई पुनर्वास को सुनिश्चित बनाया जाएगा। मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से राज्य में घटित इस भयंकर त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मांग की है।
इसके अतिरिक्त राज्य को हुए नुकसान के लिए 2 हज़ार करोड़ रुपए की राहत राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है, लेकिन केंद्र से अभी तक कोई विशेष सहयोग नहीं मिला है।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले 50 वर्ष में यह राज्य की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है, जिससे प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त 350 लोगों की बहुमूल्य जिंदगियां चली गई हैं तथा 50 लोग अभी लापता हैं।
इंदौरा।डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री क्षतिग्रस्त सड़क और अत्यधिक पानी होने के कारण ट्रैक्टर में सवार होकर इंदौरा विधानसभा के तहत काठगढ़ पंचायत के टांडा गांव पहुंचे। डिप्टी सीएम ने गांव में नुकसान का जायजा लिया। बता दें कि डिप्टी सीएम ने शनिवार को कांगड़ा जिला के इंदौरा के तहत मंड और फतेहपुर क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इन क्षेत्रों से लगभग 4 हजार लोगों को प्रशासन तथा लोगों के सहयोग से सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और पुलिस ने बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुकेश अग्निहोत्री ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा
इंदौरा।कांगड़ा जिला के इंदौरा के तहत मंड और फतेहपुर क्षेत्र में बाढ़ आने के मामले में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले नुकसान के पीछे अवैध खनन भी एक मुख्य कारण रहा है, जिस कारण तटों की स्थिति बिगड़ने की वजह से पानी का बहाव गांव तथा खेतों की तरफ मुड़ा है, जिससे इस क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है।
भविष्य मेंं बाढ़ की घटनाओं को रोकने के लिए ब्यास नदी का चरणबद्ध तटीयकरण करने का मामला केंद्र सरकार से उठाया है तथा इस मामले को पुनः केंद्र सरकार से उठाया जाएगा। डिप्टी सीएम ने शनिवार को इंदौरा तथा फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लिया।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इन क्षेत्रों से लगभग 4 हजार लोगों को प्रशासन तथा लोगों के सहयोग से सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और पुलिस ने बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में बरसात के कारण जलशक्ति विभाग को प्रारंभिक अनुमान के तहत अब तक 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि गत दिनों ब्यास नदी में आई भयंकर बाढ़ से जलस्तर बढ़ने के कारण कांगड़ा ज़िला के मंड क्षेत्र के तहत इंदौरा तथा फतेहपुर में लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पौंग जलाशय के बहाव क्षेत्र में बाढ़ के कारण इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 22 पंचायतें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं।
प्रारंभिक अनुमान में इन क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग को 54 करोड़, जल शक्ति विभाग को 31 करोड़ जबकि विद्युत विभाग को 4 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण अभी भी अधिकतर क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं, जिस कारण इन बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का सही आंकलन करना अभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जैसे ही इन क्षेत्रों में पानी का स्तर कम होगा तो नुकसान का वास्तविक आंकलन कर प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के साथ उनके स्थाई पुनर्वास को सुनिश्चित बनाया जाएगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से राज्य में घटित इस भयंकर त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मांग की है। इसके अतिरिक्त राज्य को हुए नुकसान के लिए 2 हज़ार करोड़ रुपए की राहत राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है, लेकिन केंद्र से अभी तक कोई विशेष सहयोग नहीं मिला है। मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले 50 वर्षों में यह राज्य की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है, जिससे प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त 350 लोगों की बहुमूल्य जिंदगियां चली गई हैं तथा 50 लोग अभी लापता हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें, जल आपूर्ति और बिजली को बहाल करने के लिए भी विभागों द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड के अधिकारियों को और अधिक तेज गति से कार्य करने के निर्देश दिए। जिन प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है, उन्होंने उन क्षेत्रों में जनरेटर से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने के साथ राहत व पुनर्वास कार्यों में विधायक मलेंद्र राजन तथा भवानी पठानिया के साथ-साथ प्रशासन व सभी विभागों की तत्परता से कार्य करने के लिए उनकी तारीफ की, जो दिनरात पीड़ित मानवता की सेवा में डटे रहे।
डिप्टी सीएम ने राधा स्वामी सत्संग भवन बडूखर में प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविर में लोगों से बातचीत की तथा उन्हें प्रदेश सरकार की तरफ से हर संभव सहायता पहुंचाने का भरोसा दिया। इसके उपरांत उन्होंने राहत शिविर में लोगों के साथ भोजन किया। इस मौके पर फतेहपुर के विधायक भवानी पठानिया तथा इंदौरा के विधायक मलेंद्र राजन ने अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान का ब्यौरा डिप्टी सीएम के सम्मुख रखा।
मोबाइल फोन न होने की वजह से नहीं हो पा रहा था संपर्क
धर्मशाला।जिला कांगड़ा के इंदौरा में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन पांचवें दिन भी जारी रहा। इंदौरा में रेस्क्यू ऑपरेशन 14 अगस्त शाम से शुरू हो गया था। पांचवें दिन एनडीआरएफ की टीम ने बोट के माध्यम से बेला इंदौरा के जलमग्न क्षेत्रों से 54 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि पांच दिन में रेस्क्यू किए गए लोगों की संख्या 2209 पहुंच गई है।
उन्होंने बताया कि फतेहपुर उपमंडल में फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर और सेना की टीम को कल वापस भेज दिया गया है तथा अब इंदौरा क्षेत्र में एक एनडीआरएफ की टीम को तैनात है।
उन्होंने बताया कि इंदौरा और फतेहपुर में अब तक 994 लोगों को एयरलिफ्ट और 1005 लोगों को बोट के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। वहीं 210 लोगों को ट्रैक्टर और ट्रॉली के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान कांगड़ा जिला के इंदौरा से कुल 1787 और फतेहपुर से 422 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला के फतेहपुर में रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन देर शाम प्रशासन ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जलभराव होने के बाद रियाली गांव के प्रकाश चंद तीन दिन से लापता थे। उन्होंने बताया कि उनके पास मोबाइल फोन न होने की वजह से उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा था।
कांगड़ा डीसी ने कहा कि प्रशासन ने स्थानीय राजस्व कर्मियों को उनको खोज निकालने के लिए लगाया। उन्होंने बताया कि इसके बाद डूहग के पटवारी शुभम कालिया और रियाली के पटवारी हरदेव सिंह ने विभिन्न टापू बने क्षेत्रों में प्रकाश चंद का नाम से जोर-जोर से पुकारते हुए उन्हें ढूंढना प्रारंभ किया।
डीसी ने बताया कि अपने नाम की पुकार सुनकर कल शाम रियाली गांव के एक टापू से प्रकाश चंद ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम को तुरंत मौके के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया तथा उनकी मेडिकल जांच करवाई गई। डीसी ने कहा कि आपदा में फंसा हर व्यक्ति सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है।
डीसी ने बताया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पूरे पांच दिनों तक सेना और बचाव दलों के अलावा एसपी नूरपुर अशोक रतन, एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती, एसडीएम इंदौरा डॉ. सुरिंद्र ठाकुर, एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह, तहसीलदार इंदौरा शिखा, तहसीलदार फतेहपुर पवन सहित पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी हर समय मौके पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि इन सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने सेवाधर्मिता का परिचय देते हुए प्रत्येक आपदा ग्रस्त व्यक्ति को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए।
डमटाल। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों इंदौरा और फतेहपुर के दौरे पर हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कांगड़ा जिले में भारी बारिश के बाद बने हालात का हवाई निरीक्षण किया।
पठानकोट एयरफोर्स हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वह कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरे पर निकले। मुख्यमंत्री ने डमटाल हेलीपैड पर रेस्क्यू किए लोगों से बातचीत की।
इसके बाद डमटाल रिलीफ कैंप पहुंचे। उन्होंने लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। रिलीफ कैंप में मुख्यमंत्री ने लोगों के साथ खाना भी खाया।
बता दें कि बारिश के चलते पौंग झील का जलस्तर बढ़ने के बाद डैम से पानी छोड़ने से कांगड़ा जिला के इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चला हुआ है।
इसमें आर्मी, एयरफोर्स, पुलिस, एनडीआरएफ जवान डटे हुए हैं। अब तक करीब एक हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। लोगों को रिलीफ कैंप में ठहराया गया है।
फतेहपुर। कांगड़ा जिला में ब्यास नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। इसके चलते नदी के नजदीक पड़ते क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और उनके घरों को खतरा पैदा हो गया है। मंगलवार को 55 लोगों को रेस्क्यू करने के बाद फंसे सात और लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को कल शाम अंजाम दिया गया है।
सब डिवीजन फतेहपुर के मंड बहादपुर ग्राम पंचायत रियाली में 7 लोग फंस गए थे जिनको एसडीएम फतेहपुर, एनडीआरएफए और पुलिस टीमों द्वारा सुरक्षित निकाल लिया गया है। इससे पहले इंदौरा उपमंडल के घंडारा तथा म्यानी क्षेत्र में फंसे करीब 55 लोगों को रात को रेस्क्यू किया गया था।
डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां, नालें और खड्डें उफान पर हैं। डीसी ने बताया कि पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पौंग जलाशय के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की है कि वे दरिया के नजदीक न जाएं। किसी भी आपदा स्थिति में लोग स्थानीय पंचायत प्रधान, सचिव, पटवारी को तुरंत सूचित करें या जिला आपदा प्रबंधन उपायुक्त कांगड़ा के नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क करें।
डीसी निपुण जिंदल ने कहा राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं भारी बारिश से किसी भी स्तर पर जान-माल का नुकसान होने पर फौरी राहत प्रभावित व्यक्तियों को तुरंत प्रभाव से मुहैया करवाएं तथा तथा पुनर्वास के लिए भी कारगर कदम उठाएं ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो।