संबंधित पटवार वृत्त कार्यालयों में आकर देख पाएंगे विवरण
धर्मशाला। गगल हवाई अड्डा विस्तारीकरण से प्रभावित परिवार 8 व 9 जनवरी को अपने रिकॉर्ड जांच सकते हैं। अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी रोहित राठौड़ ने ये जानकारी दी है।
एडीएम रोहत राठौर ने बताया कि गगल हवाई अड्डा के विस्तारीकरण में भड़ोत, जुगेहड़, क्योड़ियां, बल्ला, सहौड़ा, भेड़ी व ढुगियारी खास महालों के प्रभावित परिवारों का विवरण/ सूचियां पुनर्वासन एवं पुनार्व्यस्थापन योजना के तहत तैयार किया गया है।
भड़ोत, जुगेहड़ व क्योड़ियां का रिकॉर्ड कार्यालय पटवार वृत्त रछयालू, बल्ला का कार्यालय पटवार वृत्त मटौर, सहौड़ा का कार्यालय पटवार वृत्त अब्दुल्लापुर तथा भेड़ी व ढुगियारी खास का विवरण पटवार वृत्त बैदी के कार्यालय में समीक्षा के लिए रखा गया है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में 8 व 9 जनवरी, 2024 को उक्त रिकार्ड, राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में, समीक्षा के लिए रखा गया है। इसमें प्रत्येक प्रभावित परिवार का विवरण अंकित किया गया है।
उन्होंने प्रभावित परिवारों से अनुरोध किया है कि वे संबंधित पटवार वृत्त कार्यालयों में आकर उक्त सूचियों में अपना विवरण देख सकते हैं व अपने विवरणों में पाई जाने वाली त्रुटियों का निवारण करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह भी प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति अपने परिवार के आधार कार्ड की प्रतियां साथ लेकर आएं।
नई दिल्ली। आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 के आज के मैच में भारत ने साउथ अफ्रीका को 243 रन से हराया। विराट कोहली ने आज 121 गेंद पर अपने करियर का 49वां शतक जड़ा। रविवार को विराट कोहली का 35वां जन्मदिन भी है। ऐसे भी जीत की खुशी दोगुनी हो गई।
वहीं, विराट कोहली ने 49वां शतक जड़कर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। इसको लेकर सचिन तेंदुलकर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट डालकर लिखा कि अच्छा खेले विराट। इस वर्ष की शुरुआत में 49 से 50 तक जाने में मुझे 365 दिन लगे।
मुझे उम्मीद है कि आप अगले कुछ दिनों में 49 से 50 तक जाएंगे और मेरा रिकॉर्ड तोड़ देंगे। सचिन ने अपने जन्म के 49 से 50 वर्ष में प्रवेश करने के संदर्भ में यह बात कही।
बता दें कि भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 326 रन बनाए। विराट कोहली ने 101, श्रेयस अय्यर ने 77 और रोहित शर्मा ने 40 रन बनाए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम 27.1 ओवर में 83 रन बनाकर आल आउट हो गई। रविंद्र जडेजा ने पांच विकेट झटकीं। मोहम्मद शम्मी और कुलदीप यादव ने दो-दो और मोहम्मद सराज ने एक विकेट ली।
कुल्लू में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दी जानकारी
कुल्लू। हिमाचल आपदा राहत कोष में अब तक 230 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ की शुरूआत करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले 75 साल में यह ऐतिहासिक दान है।
बच्चों, बुजुर्गों, कर्मचारियों, रिटायर कर्मचारियों और हर वर्ग के सहयोग से आपदा राहत कोष में 230 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जमा हुई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ की शुरूआत आज कुल्लू जिला से की और प्रभावितों को विशेष राहत पैकेज के लाभ प्रदान किए।
कुल्लू के रथ मैदान से मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर जिला कुल्लू में 324 प्रभावित परिवारों को मकान बनाने के लिए तीन-तीन लाख रुपये की पहली किस्त के रूप में 9.72 करोड़ रुपए की राहत राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी की। यह मुआवजा राशि जिला में आपदा के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को उनके पुनर्वास के लिए प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तीसरी टीम प्रदेश में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंच गई है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से विशेष राहत का कोई पैसा नहीं मिला है। जब भी केंद्र से विशेष राहत पैकेज की धनराशि मिलेगी, वह स्वयं केंद्र सरकार का धन्यवाद करने जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार 12000 करोड़ रुपए के दावे भेजे हैं, अब कम से कम वही धनराशि हिमाचल को दी जाए, ताकि राज्य सरकार प्रभावितों की और मदद कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में 15 देशों के सांस्कृतिक दल शामिल होंगे, जो ऐतिहासिक है। इस बार कुल्लू दशहरे का स्वरूप और भव्य होगा, जिसके लिए मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक भुवनेश्वर गौड़ दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
शिमला।हिमाचल सरकार ने बीबीएमबी के बाद अब केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी हिस्से का दावा किया है। यह दावा कितना पुख्ता है, यह कैबिनेट सब कमेटी रिकॉर्ड खंगालकर तय करेगी। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत अंतर राज्यों के बीच हुए समझौतों को खंगालने के लिए सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी गठित कर दी है। कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान और राजस्व मंत्री जगत नेगी को सदस्य बनाया गया है। ऊर्जा सचिव कमेटी के सदस्य सचिव होंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग ने राजपत्र में इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है। कमेटी बीबीएमबी की परियोजनाओं समेत चंडीगढ़ में प्रदेश की हिस्सेदारी के दावों से संबंधित रिकॉर्ड जांचेंगी। मामले पर अध्ययन करने के बाद कैबिनेट को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर सरकार इन मामलों को केंद्र और पंजाब सरकार के साथ उठाएगी।
मुख्यमंत्री का कहना है कि हिमाचल हर क्षेत्र में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के अनुसार अपना वैध 7.19 प्रतिशत हिस्सा मांगेगा, चाहे वह चंडीगढ़ में हो या बीबीएमबी परियोजनाओं से रॉयल्टी हो। इसी कड़ी में अब इन दोनों मामलों को देखने के लिए कमेटी बनाई है।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड और केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ में हिस्सेदारी को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल हर क्षेत्र में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के अनुसार अपना वैध 7.19 प्रतिशत हिस्सा मांगेगा, चाहे वह चंडीगढ़ में हो या बीबीएमबी परियोजनाओं से रॉयल्टी हो। इन दोनों मामलों के लिए कमेटी बनाई है। हिमाचल के लोग BBMB में विस्थापित हुए हैं। इसलिए हिमाचल का हक चंडीगढ़ के साथ BBMB में बनता है।
बता दें कि भारत सरकार ने बीबीएमबी को तब बनाया था जब हिमाचल प्रदेश पंजाब का हिस्सा था। इसके बाद पंजाब से हिमाचल अलग हुआ। पंजाब की चंडीगढ़ और बीबीएमबी में हिस्सेदारी तय की गई। हिमाचल को अभी बीबीएमबी में एक फीसदी रायल्टी भी नहीं मिल रही है। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 में पंजाब, हरियाणा व हिमाचल की जनसंख्या, संसाधन और विकास को आधार मानकर हिमाचल को 7.19 प्रतिशत हिस्सा देने का निर्णय लिया गया था।
प्रदेश में 1 करोड़ 60 लाख के करीब रहता है पर्यटकों का आंकड़ा
शिमला।हिमाचल प्रदेश में इस साल रिकॉर्ड पर्यटक पहुंच रहे हैं। कोविड काल के बाद इस वर्ष भारी तादात में पर्यटक हिमाचल पहुंचे हैं। 31 मई तक प्रदेश में 72 लाख पर्यटक आए हैं, जो अन्य वर्षों की तुलना में काफी ज्यादा हैं।
पर्यटन निगम के निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि कोविड के दौरान वर्ष 2020 में प्रदेश में 32 लाख, 2021 में 57 लाख, 2022 में एक करोड़ 51लाख पर्यटक आए थे। अमूमन पूर्व में प्रदेश में 1 करोड़ 60 लाख के करीब पर्यटक आते हैं, जिसका रिकॉर्ड इस बार टूटता हुआ नजर आ रहा है। मई तक ही प्रदेश में 72 लाख के करीब पर्यटक आ चुके हैं। वीकेंड पर एचपीटीडीसी के होटलों की ऑक्यूपेंसी सौ फीसदी है। होटलों में जून के लिए 80 फीसदी एडवांस बुकिंग हो चुकी है।
बता दें कि हिमाचल में जून माह में भी मौसम सुहावना बना हुआ है। ऊंचे क्षेत्रों पर बर्फबारी हुई है। बारिश का दौर भी जारी है। हालांकि, जून माह में प्रचंड गर्मी होती थी। पर इस बार मौसम ने भी रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं।
प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने रिकॉर्ड समय में तैयार किया है परिणाम
धर्मशाला।हिमाचल में 12वीं कक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) कल यानी शनिवार को सुबह 11 बजे 12वीं कक्षा का रिजल्ट घोषित करेगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने शनिवार को रिजल्ट निकाले जाने की पुष्टि की है। बोर्ड ने रिकॉर्ड समय में रिजल्ट तैयार किया है।
बता दें कि एक लाख से अधिक छात्रों ने 12वीं कक्षा की बोर्ड टर्म 2 परीक्षा दी है। प्रदेश में करीब 2200 से अधिक परीक्षा केंद्रों में परीक्षा आयोजित की थी। 10 मार्च से 31 मार्च तक परीक्षाओं को आयोजन किया था। इसके बाद पेपर चेकिंग का काम शुरू हुआ।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) ने 12वीं टर्म 2 का रिजल्ट तैयार कर लिया है। बोर्ड ने रिकॉर्ड समय में रिजल्ट तैयार किया है। अगर सब ठीक रहा तो रिजल्ट कल यानी शनिवार को घोषित होगा।
शिमला।हिमाचल में लोगों को मौसम के कड़े तेवर से निजात नहीं मिल रही है। इस बार मई माह में पसीने तो नहीं छूटे हैं पर रिकॉर्ड जरूर टूट गए हैं। मई माह में सूरज देव आग उगलते थे, पर इस वर्ष समूचे हिमाचल में वर्षा का दौर जारी है। हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां मई में बर्फ पड़ रही है, वहीं मध्यवर्ती और मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है।
बारिश के लगातार क्रम से तापमान में भी गिरावट आई है। 1987 के बाद इस वर्ष मई माह में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 36 वर्ष बाद मई महीने में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया है। आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि हिमाचल में 12 मई तक मौसम साफ बना रहेगा। हालांकि बीते 24 घंटों में जिला शिमला, किन्नौर और चंबा के कुछ एक स्थानों में हल्की बारिश हुई है। वहीं, 12 मई देर रात से एक पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल प्रदेश में सक्रिय होगा, जिसके चलते मध्य व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और जिला किन्नौर और लाहौल स्पीति के कुछ भागों में बर्फबारी भी होने संभावना है। उन्होंने कहा कि 12 मई तक तापमान में 3 से 5 डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है।
हिमाचल के केलांग और धर्मशाला में न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड टूटा है। केलांग में 9 मई को न्यूनतम तापमान माइनस 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इससे पहले वर्ष 2019 में माइनस 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, धर्मशाला में 1 और 8 मई को 8.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इससे पहले वर्ष 2009 में 8.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
उन्होंने कहा कि मई के पहले सप्ताह में पूरे प्रदेश में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तापमान कम दर्ज किए गए हैं। ऐसी स्थिति प्रदेश में वर्ष 1987 में देखने को मिली थी, जब तापमान सामान्य से कम चल रहे थे। वर्ष 1987 के बाद शिमला, मनाली, कल्पा, धर्मशाला, ऊना और पालमपुर का इस वर्ष सबसे कम अधिकतम और न्यूनतम पारा दर्ज हुआ है। 1988 से 2022 के दौरान मई में तापमान अधिक दर्ज हुआ है, लेकिन इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय होने से मई में भी कई क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड है।
शिमला। हिमाचल में मौसम के मिजाज सबको चौंका रहे हैं। मई माह में दिसंबर जैसी ठंड का एहसास हो रहा है। अभी भी गर्म कपड़ों से पाला नहीं छूटा है। मौसम की बेरूखी ने किसानों और बागवानों के लिए आफत से कम नहीं है, पर बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले पर्यटक मौसम का खूब लुत्फ उठा रहे हैं।
शिमला में तो 17 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। अप्रैल माह में 17 साल बाद शिमला में 53 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। अभी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला 1 और 2 कल के लिए भारी बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
आने वाले 5 मई तक मौसम खराब रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में रिकॉर्ड बारिश हुई है और आने वाले 5 मई तक भी बारिश से राहत मिलने वाली नहीं है।
मौसम विज्ञानी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला संदीप शर्मा का कहना है कि पिछले 24 घंटे में बहुत क्षेत्रों में बारिश और मध्य के जिलों में ओलावृष्टि रिकॉर्ड की गई है। कांगड़ा में 58, शिमला शहर में ही 53, कुफरी में 6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है। आगामी पांच दिन की बात करें तो पूरे प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
1 और 2 मई को पूरे प्रदेश में बारिश होगी। चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मैदानी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के जिलों में ओलावृष्टि की संभावना है। चार मई को बारिश का सिलसिल थोड़ा थम सकता है। पर मैदानी क्षेत्रों में एक दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
वहीं, किसानों और बागवानों के लिए भी यह बारिश आफत से कम नहीं हैं। क्योंकि इस वक्त गेंहू की फसल कटाई का काम चला हुआ है। बागवानों को भी फसलें तबाह होने का डर है। यदि कुछ और दिन तक बारिश का सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो किसानों-बागवानों को मौसम की बेरूखी से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। दूसरी तरफ लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने पर्यटन व्यवसायियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
दूसरी तरफ मैदानी क्षेत्रों में पड़ गर्मी से निजात पाने के लिए पर्यटक शिमला पहुंच रहे हैं। पर्यटक सुहावने मौसम का खूब आनंद ले रहे हैं। शिमला रिज पर बारिश के बीच बाहरी राज्यों से आए पर्यटक सेल्फी लेते दिखे।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में फिर भूकंप रिकॉर्ड किया गया है। भूकंप सुबह 9 बजकर 52 मिनट पर दर्ज किया गया। तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। इस माह आठ दिन में चंबा में तीन बार भूकंप आ चुका है। 14 जनवरी को दो बार भूकंप रिकॉर्ड किया गया था।
बता दें कि 14 जनवरी को भी हिमाचल के कांगड़ा और चंबा जिला में भूकंप (Earthquake) आया था। पहले कांगड़ा जिला में धरती डोली। इसके बाद चंबा में झटके महसूस हुए। कांगड़ा जिला के धर्मशाला से 8 किलोमीटर ईस्ट में भूकंप के झटके महसूस हुए थे। यानी चंबा की तरफ के क्षेत्र में भूकंप आया था।
कांगड़ा जिला में धर्मशाला से 8 किलोमीटर ईस्ट में सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर 2.8 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) रिकॉर्ड किया गया। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। इससे करीब सात मिनट बाद चंबा में सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 आंकी गई था। इसका केंद्र जमीन में 5 किलोमीटर नीचे था। धर्मशाला से 22 किलोमीटर ईस्ट में भूकंप रिकॉर्ड हुआ था। 14 जनवरी को ही दोपहर करीब 12 बजकर 11 मिनट पर चंबा में फिर 2.6 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया।
हिमाचल में पिछले दो माह में 12 बार भूकंप रिकॉर्ड किया जा चुका है। इससे पहले 9 जनवरी को बिलासपुर में 2.3 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप (Earthquake) रात 12 बजकर 42 मिनट दर्ज किया गया। 3 जनवरी को सोलन में सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर धरती कांपी। तीव्रता 2.7 रही। 31 दिसंबर को मंडी में सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर 2.8, 26 दिसंबर को कांगड़ा में सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर 2.8, 21 दिसंबर को लाहौल स्पीति में दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर 2.6 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया। किन्नौर में 16 दिसंबर को रात 10 बजकर 2 मिनट पर 2.8 और चंबा में 9 दिसंबर को रात 11 बजकर 30 मिनट पर 2.8 और चंबा में 3 दिसंबर को रात 12 बजकर 38 मिनट पर 3.4 रिक्टर स्केल का भूकंप आंका गया।
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप (Earthquake) आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप आने पर क्या ना करें
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप (Earthquake) के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
भूकंप की स्थिति के लिए पहले से तैयारी कैसे करें
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।