धर्मशाला। कांगड़ा जिला के सात उपमंडलों में स्कूल सुबह 10 बजे खुलेंगे और साढ़े तीन बजे बंद होंगे। डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने
कांगड़ा जिला के इंदौरा, फतेहपुर, नूरपुर, जवाली, देहरा, ज्वालामुखी व जयसिंहपुर उप मंडल में निजी तथा सरकारी स्कूलों को सुबह 10 बजे खोलने तथा साढ़े तीन बजे छुट्टी करने के निर्देश दिए हैं।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिला के उपरोक्त उपमंडलों में भारी सर्दी और धुंध के कारण समय में परिवर्तन किया गया है। इस बाबत उपनिदेशक शिक्षा तथा संबंधित उपमंडल अधिकारियों व सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य को आदेशों की अनुपम सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
एडीसी को सौंपा जांच का जिम्मा, तीन सप्ताह का दिया समय
धर्मशाला। अरनी विश्वविद्यालय इंदौरा के प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के बीच उठे मामले तथा मीडिया रिपोर्ट्स का जिला प्रशासन द्वारा कड़ा संज्ञान लिया गया है।
इस बाबत डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने अतिरिक्त उपायुक्त को तथ्यों की जांच करने तथा संबंधित लोगों का पक्ष सुनने के उपरांत तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
डीसी द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि अरनी विवि प्रबंधन द्वारा कुछ कर्मचारियों सेवाएं कथित तौर पर समाप्त कर दी गई थीं, जिसके संबंध में एसडीएम इंदौरा मामले पर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया था।
एसडीएम से प्राप्त रिपोर्ट में कहा गया कि जो कर्मचारी 28 दिसंबर, 2023 से शांतिपूर्ण हड़ताल पर बैठे थे, उन्होंने अब 03 जनवरी, 2024 को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।
डीसी द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि नवीनतम मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर, स्थानीय प्रशासन के खिलाफ ऐसे आरोपों की सत्यता स्थापित करना जरूरी है, जैसा कि स्थानीय मीडिया के साथ-साथ अरनी विश्वविद्यालय के प्रबंधन की दलीलों में भी सामने आ रहा है।
इसके अलावा, उन तथ्यों को जांच करना महत्वपूर्ण है जिनके कारण ऐसे आरोप लगे हैं और पूरे प्रकरण में स्थानीय प्रशासन की भूमिका को लेकर भी गहनता से जांच की जाएगी।
इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल को गहन जांच करने तथा सभी संबंधित पक्षों को सुनने के उपरांत तीन सप्ताह के भीतर तथ्यान्वेषी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला में इतने बड़े निवेश से लगने वाला यह पहला उद्योग
कांगड़ा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला कांगड़ा के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कंदरोड़ी में 268 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले वरुण बेवरेजेस लिमिटेड के पेप्सी बॉटलिंग प्लांट की आधारशिला रखी।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में इतने बड़े निवेश से लगने वाला यह पहला उद्योग है। इससे क्षेत्र में विकास को नई रफ्तार और आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस उद्योग के माध्यम से दो हजार से अधिक युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने इंदौरा के औद्योगिक क्षेत्र में बेहतर सड़क सुविधा प्रदान करने के लिए पर्याप्त बजट प्रदान करने का आश्वासन दिया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूरे देश में निवेश के लिए एक उपयुक्त स्थल है। राज्य सरकार निवेशकों को अपने उद्योग स्थापित करने के लिए अनेक सुविधाएं प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और 10 हजार करोड़ रुपये की सरकारी कर्मचारियों की देनदारियां बकाया है। प्रदेश कभी भी कर्ज के सहारे नहीं चल सकता है।
इसीलिए राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार दिन-रात प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के प्रत्येक निवासी पर एक लाख रुपए से अधिक का ऋण है, इसके बावजूद आगामी चार वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पिछले एक वर्ष में 20 प्रतिशत तक सुधार आया है और राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में राज्य की उद्योग नीति में भी बदलाव करने जा रही है, ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कांगड़ा जिला में कई बड़े उद्योग लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की है। इसके तहत राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है तथा उन्हें निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के दूसरे चरण में युवाओं को सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध हों। इसके साथ ही किसानों की आय में बढ़ौतरी के लिए भी अगले बजट में एक योजना का प्रावधान किया जाएगा।
वहीं, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आज का दिन कांगड़ा जिला के लिए महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह प्लांट इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में आशातीत बदलाव लाएगा। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए सभी औपचारिकताएं तीन माह में पूरी की गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है।
वर्तमान राज्य सरकार कांगड़ा जिला के विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है तथा जिला को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। प्रदेश सरकार कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए प्रयास कर रही है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सकें। युवाओं को रोज़गार प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
विधायक मलेंद्र राजन ने इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में पेप्सी के मेगा प्लांट लगाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे तथा कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इंदौरा विधानसभा क्षेत्र आर्थिक रूप से सम्पन्न होगा।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के मलोट में उद्योगों की स्थापना के लिए 102 करोड़ रुपए प्रदान किए गए थे, जिससे यहां औद्योगिक निवेश आरंभ हुआ। उन्होंने कहा कि इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में किन्नू, संतरा आदि का अत्याधिक उत्पादन होता है तथा प्लांट की स्थापना से क्षेत्र के बागवानों को भी लाभ मिलेगा।
वरुण बेवरेजिज लिमिटेड के चेयरमैन रविकान्त जयपुरिया ने कहा कि यह पेप्सी प्लांट लगभग एक वर्ष में बनकर तैयार होगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक उन्नति आएगी।
उन्होंने कहा कि सीएसआर के माध्यम से क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा और स्थानीय युवाओं के कौशल विकास के लिए भी कंपनी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने उद्योग की स्थापना में राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, कैबिनेट मंत्री यादवेंद्र गोमा, विधायक भवानी सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, जिला कांगड़ा कांग्रेस अध्यक्ष कर्ण पठानिया, पूर्व विधायक अजय महाजन, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इंदपुर के चेतन ठाकुर पॉलीहाउस लगा कर उगा रहे सब्जियां
ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल के अधिकतर किसान-बागवान आज भी परंपरागत खेती कर रहे हैं, जोकि सारा साल मौसम पर निर्भर रहते हैं, लेकिन मौसम की बदलती परिस्थितियों के बाद अब किसानों का रुझान आधुनिक तकनीक से खेती बाड़ी करने की ओर बढ़ा है। ऑफ सीजन सब्जियों की बाजार में बढ़ती मांग और अच्छे दाम मिलने पर अब ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस जैसी तकनीक को अपनाकर किसान-बागवान बेमौसमी फल व सब्जियां उगाकर अच्छा उत्पादन व मुनाफा कमा रहे हैं।
हिमाचल सरकार द्वारा संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन चलाया जा रहा है, जिसके तहत किसानों-बागवानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 85 फीसदी अनुदान प्रदान किया जा रहा है ।
जिला कांगड़ा के इंदौरा ब्लॉक के इंदपुर से संबंध रखने वाले चेतन ठाकुर एक ऐसे ही बागवान हैं, जिन्होंने इस योजना से लाभ लेकर पॉलीहाउस लगाया, जिससे वह बेमौसमी सब्जियों का अच्छा उत्पादन कर आज लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
चेतन ठाकुर ने होटल मैनेजमेंट की डिग्री लेने के बाद बड़े-बड़े होटलों में चार साल तक काम किया, लेकिन वह अपने प्रदेश में ही अपना कारोबार शुरू करने के साथ अन्य लोगों के लिए भी रोजगार उपलब्ध करवाना चाहते थे। उनके पिता कृषि विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसके कारण शुरू से ही चेतन शर्मा की खेती बाड़ी में गहरी दिलचस्पी थी। अपने पिता से प्रेरणा लेकर उन्होंने खेती बाड़ी में में ही अपना रोजगार शुरू करने का मन बनाया।
कृषि तथा बागवानी विभाग से मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद चेतन ठाकुर ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन से लाभ लेकर एक एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस लगा कर सब्जियां उगाना शुरू कीं। उन्होंने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी इस संरक्षित खेती बाड़ी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया, जिसके चलते आज चेतन ठाकुर पांच अन्य किसान साथियों के साथ क्लस्टर बना कर चार एकड़ एरिया में पॉलीहाउस में संरक्षित खेती कर रहे हैं।
चेतन ठाकुर का कहना है कि बाकी किसान साथियों के साथ क्लस्टर बना कर काम करने से उन्हें सब्जियों को मंडियों तक पहुंचाने, बीज, खाद, उपकरण आदि सामान लाने तथा ले जाने में पैसों की बचत के अलावा खेती में अपना-अपना अनुभव साझा करने में भी मदद मिलती है।
विभाग से मिली सब्सिडी
चेतन ठाकुर को पॉलीहाउस लगाने में बागवानी विभाग द्वारा 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गई है। इसके अलावा सोलह हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में स्वचलित सिंचाई सुविधा लगाने पर 80 प्रतिशत, पॉवर टिलर पर 50 प्रतिशत, ग्रेडिंग मशीन पर 2 लाख 50 हजार, वाटर स्टोरेज टैंक पर 50 प्रतिशत तथा अन्य कृषि उपकरणों पर अनुदान प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी तथा प्रशिक्षण के बिना संरक्षित खेती बाड़ी करना अत्यंत मुश्किल काम है। इसके साथ ही हर पांच साल बाद पॉलीहाउस की शीट बदलने में भी सरकार द्वारा 80 प्रतिशत अनुदान दिया गया।
चेतन ठाकुर पॉलीहाउस में फरवरी से सितंबर माह तक खीरा तथा अगस्त से जून के सीजन में लाल-पीली शिमला मिर्च का उत्पादन करते हैं। वह सीजन में दो एकड़ जमीन से सोलह सौ क्विंटल खीरा तथा 2 एकड़ जमीन से 500-500 क्विंटल लाल व पीली शिमला मिर्च का उत्पादन करते हैं। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में पॉलीहाउस के बीच की खाली जगह पर ब्रोकली तथा लैट्यूस (सलाद पत्ती) का उत्पादन करते हैं।
आज चेतन ठाकुर तथा उनका प्रत्येक किसान साथी पॉलीहाउस में सब्जियां उगा कर सालाना कम से कम सात-सात लाख रुपये से अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं, जो पारंपरिक खेती की तुलना में कई गुना ज्यादा है। वह स्वावलंबी बनने के साथ बारह और स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं। चेतन ठाकुर अपने व्यवसाय के क्षेत्र को निकट भविष्य में व्यापक स्तर पर बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।आज चेतन ठाकुर क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
पॉलीहाउस के अंदर का मौसम जैसे तापमान, नमी और यहां तक कीटों की उपस्थिति आदि किसान के नियंत्रण में रहती है, जिससे कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग कम होने के साथ इसकी देखभाल करना भी आसान हो जाता है। पॉलीहाउस में उगाए गए फल, सब्जियां और पौधे ताजा रहते हैं, जिससे मार्केट में अच्छे दाम मिलते हैं।
बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ कमलशील नेगी का कहना है कि इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके अलावा सिंचाई सुविधा लगाने, पॉवर टिलर खरीदने, ग्रेडिंग मशीन की खरीद, वाटर स्टोरेज टैंक तथा अन्य कृषि उपकरणों पर 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने बागवानी तथा कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में नई-नई योजनाओं की शुरुआत की है । मुख्यमंत्री की इन योजनाओं और दूरगामी सोच से किसानों-बागवानों विशेषकर युवाओं को स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होने के साथ अच्छी आय भी प्राप्त होगी।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला के भरमौर क्षेत्र में कांगड़ा जिला के एक युवक ही हत्या का मामला सामने आया है। हत्या का आरोप 15 लोगों पर लगा है। इनमें से चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि अभिमन्यु भनोट (25) पुत्र सुरेंद्र कुमार निवासी गांव गगवाल डाकघर भदरोआ तहसील इंदौरा जिला कांगड़ा लूणा में एक कैफे में काम करता था। 16 नवंबर को युवक अचानक से लापता हो गया।
कैफे संचालक ने पहले अपने स्तर पर युवक का पता लगाने की कोशिश की। जब सफलता हाथ न लगी तो पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत की। शिकायत मिलने के बाद पुलिस भी जांच में जुट गई।
सोमवार को रावी नदी से एक शव बरामद हुआ। शव लापता अभिमन्यु का था। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया। परिजनों को सूचना दी गई।
सूचना मिलने के बाद युवक का भाई भीष्म अन्य लोगों के साथ मंगलवार दोपहर बाद चंबा पहुंचा। मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल चंबा में उनके बयान दर्ज किए। पुलिस को दिए बयान में भीष्म ने कैफे संचालक समेत 15 अन्य लोगों पर उसके भाई की हत्या का आरोप लगाया।
अभिमन्यु के भाई भीष्म के अनुसार अभिमन्यु ने फोन पर जान को खतरा बताया था। 16 नवंबर को अभिमन्यु ने फोन करके 14 लोगों द्वारा ने कैफे में हमला करने की बात बताई थी।
उसने बताया था कि वह वहां से जान बचाकर मुख्य मार्ग पर आ गया। इसके बाद अचानक उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।
इसके बाद कैफे संचालक परविंद्र ने फोन करके अभिमन्यु के लापता होने की सूचना दी। भीष्म ने शक जाहिर किया है कि कैफे संचालक व 14 लोगों ने मिलकर उसके भाई की हत्या की है।
भाई की शिकायत के बाद भरमौर पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले में चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
एसपी अभिषेक यादव ने अभिमन्यु के परिजनों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। मेडिकल कॉलेज चंबा में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया।
ऋषि महाजन/नूरपुर।हिमाचल के पुलिस जिला नूरपुर के तहत इंदौरा में चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। मामले में जिला होशियारपुर पंजाब के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर पंजाब में भी कई मामले दर्ज हैं। साथ ही इंदौरा में 90 हजार के गहने और नगदी मामले के अलावा 10 लाख संपत्ति चोरी में भी आरोपियों की संलिप्तता पाई गई है।
बता दें कि 20 अगस्त 2023 को कांता देवी 60 पत्नी स्वर्गीय प्रीतम सिंह निवासी सुरड़वा तहसील इंदौरा जिला कांगड़ा ने इंदौरा थाना में घर में चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया गया था कि 19 अगस्त को समय करीब 1 बजे वह घघवां में सत्संग सुनने के लिए गई थीं।
शाम के समय करीब पांच बजे घर लौटीं तो देखा कि मुख्य दरवाजा खुला था और लॉक टूटा हुआ था। जब वह घर के अंदर गईं तो ट्रंक से सोने की दो अंगूठियां, सोने की दो बालियां, एक सोने का हार, चांदी की दो जोड़ी पायलें गायब थीं और 10 हजार रुपए की नगदी भी चोरी हुई थी।
कुल कीमत 90 हजार रुपए की चोरी हुई थी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस स्टेशन इंदौरा में मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच के लिए पुलिस थाना इंदौरा एसएचओ इंस्पेक्टर कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। टीम में मुख्य आरक्षी देवेंद्र, मोंटी गुलेरिया, आरक्षी रमन और रजनीश भी शामिल थे।
जांच में नूरपुर पुलिस जिला की पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों कुलविंदर सिंह पुत्र अमरीक सिंह निवासी जलाला मुकेरियां होशियारपुर, विल्सन पुत्र सतपाल गांद अटाल गढ़ तहसील मुकेरियां जिला होशियारपुर और पंकज पुत्र करतार सिंह निवासी फतुबाग मुकेरियां होशियारपुर को गिरफ्तार किया।
आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से आरोपियों को तीन दिन का पुलिस रिमांड मिला है। पुलिस रिमांड में आरोपियों से पूछताछ के सामने आया कि पुलिस थाना इंदौरा के तहत एक अन्य पंजीकृत मामले में, जिसमें 10 लाख की संपत्ति की चोरी हुई थी में ये शामिल रहे हैं।
आरोपियों के पास से चोरी हुए 90 हजार कीमत के सामान में 50 हजार रुपए का सामान बरामद किया गया है। इसमें दो सोने की अंगूठियां, एक जोड़ी कान की बाली, दो जोड़ी चांदी की पायलें बरामद की हैं।
गौरतलब है कि पंकज पर मुकेरियां, पठानकोट और तलवाड़ा में चार, कुलविंदर सिंह पर पुलिस स्टेशन मुकेरियां में तीन और विल्सन पर मुकेरियां में दो मामले दर्ज हैं। यह मामले चोरी, डकैती के इरादे से एकत्रित होने, एनडीपीएस एक्ट आदि के तहत दर्ज किए हैं।
इंदौरा।डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री क्षतिग्रस्त सड़क और अत्यधिक पानी होने के कारण ट्रैक्टर में सवार होकर इंदौरा विधानसभा के तहत काठगढ़ पंचायत के टांडा गांव पहुंचे। डिप्टी सीएम ने गांव में नुकसान का जायजा लिया। बता दें कि डिप्टी सीएम ने शनिवार को कांगड़ा जिला के इंदौरा के तहत मंड और फतेहपुर क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इन क्षेत्रों से लगभग 4 हजार लोगों को प्रशासन तथा लोगों के सहयोग से सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और पुलिस ने बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुकेश अग्निहोत्री ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा
इंदौरा।कांगड़ा जिला के इंदौरा के तहत मंड और फतेहपुर क्षेत्र में बाढ़ आने के मामले में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले नुकसान के पीछे अवैध खनन भी एक मुख्य कारण रहा है, जिस कारण तटों की स्थिति बिगड़ने की वजह से पानी का बहाव गांव तथा खेतों की तरफ मुड़ा है, जिससे इस क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है।
भविष्य मेंं बाढ़ की घटनाओं को रोकने के लिए ब्यास नदी का चरणबद्ध तटीयकरण करने का मामला केंद्र सरकार से उठाया है तथा इस मामले को पुनः केंद्र सरकार से उठाया जाएगा। डिप्टी सीएम ने शनिवार को इंदौरा तथा फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लिया।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इन क्षेत्रों से लगभग 4 हजार लोगों को प्रशासन तथा लोगों के सहयोग से सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और पुलिस ने बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में बरसात के कारण जलशक्ति विभाग को प्रारंभिक अनुमान के तहत अब तक 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि गत दिनों ब्यास नदी में आई भयंकर बाढ़ से जलस्तर बढ़ने के कारण कांगड़ा ज़िला के मंड क्षेत्र के तहत इंदौरा तथा फतेहपुर में लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पौंग जलाशय के बहाव क्षेत्र में बाढ़ के कारण इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 22 पंचायतें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं।
प्रारंभिक अनुमान में इन क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग को 54 करोड़, जल शक्ति विभाग को 31 करोड़ जबकि विद्युत विभाग को 4 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण अभी भी अधिकतर क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं, जिस कारण इन बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का सही आंकलन करना अभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जैसे ही इन क्षेत्रों में पानी का स्तर कम होगा तो नुकसान का वास्तविक आंकलन कर प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के साथ उनके स्थाई पुनर्वास को सुनिश्चित बनाया जाएगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से राज्य में घटित इस भयंकर त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मांग की है। इसके अतिरिक्त राज्य को हुए नुकसान के लिए 2 हज़ार करोड़ रुपए की राहत राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है, लेकिन केंद्र से अभी तक कोई विशेष सहयोग नहीं मिला है। मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले 50 वर्षों में यह राज्य की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है, जिससे प्रदेश को 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त 350 लोगों की बहुमूल्य जिंदगियां चली गई हैं तथा 50 लोग अभी लापता हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें, जल आपूर्ति और बिजली को बहाल करने के लिए भी विभागों द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड के अधिकारियों को और अधिक तेज गति से कार्य करने के निर्देश दिए। जिन प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है, उन्होंने उन क्षेत्रों में जनरेटर से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने के साथ राहत व पुनर्वास कार्यों में विधायक मलेंद्र राजन तथा भवानी पठानिया के साथ-साथ प्रशासन व सभी विभागों की तत्परता से कार्य करने के लिए उनकी तारीफ की, जो दिनरात पीड़ित मानवता की सेवा में डटे रहे।
डिप्टी सीएम ने राधा स्वामी सत्संग भवन बडूखर में प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविर में लोगों से बातचीत की तथा उन्हें प्रदेश सरकार की तरफ से हर संभव सहायता पहुंचाने का भरोसा दिया। इसके उपरांत उन्होंने राहत शिविर में लोगों के साथ भोजन किया। इस मौके पर फतेहपुर के विधायक भवानी पठानिया तथा इंदौरा के विधायक मलेंद्र राजन ने अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान का ब्यौरा डिप्टी सीएम के सम्मुख रखा।
कांगड़ा। जिला कांगड़ा सहित हिमाचल में इस बार बरसात ने काफी तबाही मचाई है। कांगड़ा जिला के इंदौरा और फतेहपुर सब डिवीजन के पौंग झील के साथ लगते क्षेत्रों के लोगों को बेघर होना पड़ा। लोगों को बचाने के लिए 24 घंटे से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में पौंग के बहाव क्षेत्र के साथ लगते गांवों से करीब 1731 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मंगलवार दोपहर से जारी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बुधवार शाम तक करीब 1731 लोगों की जान बचाई है।
हेलीकॉप्टर के मदद से कुल 739 (उनतालिस), बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में एयरफोर्स के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर के साथ सेना के 60 और एनडीआरएफ के 182 (बयासी) जवान डटे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में इंदौरा उपमंडल से करीब 1344 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
यहां 564 लोगों को भारतीय वायुसेना के चॉपर से एयरलिफ्ट किया गया तथा बोट के माध्यम से 780 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। फतेहपुर उपमंडल में करीब 387 (सतासी) लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 175 लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किया गया, वहीं 212 लोगों को ट्रैक्टर/ट्रॉली से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
करीब 237 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इंदौरा में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किए गए 71 लोगों में से पिछले 10 महीने से ब्रेन हेमरेज से बीमार मंड घंडरा की 68 (अडसठ) वर्षीय श्रोती देवी को रेस्क्यू किया गया, 1 माह की बच्ची मनुश्री को उसकी मां आशा रानी के साथ निकाला गया। जबकि पराल की ज्योति देवी को उनके 8 दिन के बेटे लवयांश तथा 8 माह की गर्भवती गीता को एयरलिफ्ट किया गया।
हिमाचल में भारी बारिश के चलते व पंडोह डैम से पानी छोड़ने के चलते पौंग डैम झील का जल स्तर काफी बढ़ गया। यह खतरे के निशान तक पहुंच गया। सोमवार को इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए। इसके चलते पौंग डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ने पड़ा। पानी छोड़ने से इंदौरा और फतेहपुर सब डिवीजन के पौंग झील के साथ लगते क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
1344 लोगों को इंदौरा और 387 लोगों को फतेहपुर से किया रेस्क्यू
इंदौरा। हिमाचल के जिला कांगड़ा के इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में मंगलवार दोपहर से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में वायुसेना के हेलीकॉप्टर, सेना और एनडीआरएफ की मदद से लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से सुरक्षित निकालने का अभियान जारी है। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि मंगलवार दोपहर से चले इस अभियान में बुधवार शाम 5 बजे तक कुल 1,731 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
इनमें 1,344 लोगों को इंदौरा और 387 लोगों को फतेहपुर से रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक हेलीकॉप्टर के मदद से कुल 739, बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदौरा और फतेहपुर से निकाले जा रहे लोगों को प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बुधवार शाम 5 बजे तक कुल 237 लोगों ने राहत शिविरों में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाकि के लोगों ने अपने रिश्तेदारों के पास आश्रय लिया है।
डीसी ने बताया कि प्रशासन द्वारा स्थापित पांच राहत शिविरों में से फतेहपुर उपमंडल के बडूखर में 186 और फतेहपुर में 38 लोग रह रहे हैं। वहीं, इंदौरा के शेखपुरा में अभी 13 लोगों ने आश्रय लिया है। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदरोड़ी और डमटाल के राम गोपाल मंदिर में स्थापित राहत शिविरों में फिलहाल कोई नहीं है। यहां ठहरे लोग अब अपने सगे संबंधियों के घरों में चले गए हैं।