शिमला। हिमाचल में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे को लेकर हाईकोर्ट में बहस पूरी हो गई है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बता दें कि तीन निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और केएल ठाकुर (नालागढ़) के इस्तीफे से संबंधित मामले को लेकर दोपहर बाद हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
मुख्य न्यायाधीश एमएस राम चंद्र राव और ज्योत्सना रेवाल दुआ की बैंच में सुनवाई हुई। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की पैरवी की।
बता दें कि इससे पहले 25 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। इसमें दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलील दी गई थी। लगभग तीन घंटे तक बहस चली थी, जिसमें स्पीकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी की थी। कोर्ट ने 30 अप्रैल 4 बजकर 15 मिनट पर सुनने का निर्णय लिया था।
शिमला। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायक होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और केएल ठाकुर (नालागढ़) के इस्तीफे स्वीकार न होने के मामले में हाईकोर्ट दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। इसमें दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलील दी गई।
लगभग तीन घंटे तक बहस चली, जिसमें स्पीकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी की।
कोर्ट ने तीन निर्दलीय विधायक मामले को अब 30 अप्रैल 4 बजकर 15 मिनट पर सुनने का निर्णय लिया है, जिसमें स्पीकर की तरफ से बहस पूरी की जाएगी। यह जानकारी हिमाचल के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने दी।
एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि तीन निर्दलीय विधायकों के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पूरी कीं। अब हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आर्गुमेंट जारी हैं।
कोर्ट मंगलवार सवा चार बजे मामले की सुनवाई दोबारा शुरू करेगा। इसमें स्पीकर की तरफ से वकील आर्गुमेंट रखेंगे।
उन्होंने बताया कि हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और उनके सहयोगी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी कर रहे थे। उम्मीद है कि मंगलवार को भी वह वीडियो कांफ्रेंसिंग से पैरवी करेंगे।
शिमला। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे दे दिए हैं। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने अभी इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं।
इसको लेकर निर्दलीय विधायक हाईकोर्ट पहुंचे हैं। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
वहीं, हिमाचल सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते कल यानी 24 अप्रैल को विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका दी है। याचिका दल बदल कानून के प्रावधानों के तहत दायर की गई है।
याचिका में कहा है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी। ऐसे में यह मामला दल बदल कानून के दायरे में आता है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें।
वहीं, विधायक हरीश जनार्था ने भी मामले में शामिल कर पक्ष सुनने के लिए एक अलग याचिका हाईकोर्ट में दी है।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था, जिसमें उसे कामयाबी नहीं मिली है।
देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, हमीरपुर के आशीष शर्मा और नालागढ़ के केएल ठाकुर ने भी दबाव में इस्तीफे दिए हैं। इस्तीफे स्वीकार होने से पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं, जो दल बदल कानून के दायरे में आता है।
इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है। साथ ही विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए सम्मिलित करने के लिए याचिका दायर की है।
वहीं, जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर तीखा जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि मंडी से भाजपा प्रत्याशी मूर्खो की तरह बयान दे रही है और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी मजबूरी में साथ साथ चल रहे हैं।
कंगना कह रही हैं कि देश 2014 में आजाद हुआ और नेता जी सुभाष चंद्र बोस पहले प्रधानमंत्री थे। क्या भाजपा प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश की जनता को अनपढ़ समझ रही है, जिन्हें कुछ मालूम नहीं है।
शिमला। हिमाचल में तीन निर्दलीय विधायकों से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट में अब कल यानी 25 अप्रैल को सुनवाई होगी।
बता दें कि कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा ने 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दे दिया था, लेकिन स्पीकर ने अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
इस याचिका पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था।
तीन निर्दलीय विधायक विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सामने पेश हुए और तीनों निर्दलियों ने एक-एक कर अपना पक्ष विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लिखित में रखा।
इसके बाद तीनों विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने हिमाचल विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने इस्तीफा देने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था। तीन निर्दलीय विधायक आज विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सामने पेश हुए।
इन तीनों निर्दलीय विधायकों में देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा ने विधानसभा की सदस्यता से 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष तथा सचिव को अपने इस्तीफे सौंपे थे। हालांकि, अभी इस्तीफे मंजूर करने पर फैसला नहीं हो पाया है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को सचिव विधानसभा के पास अपना इस्तीफा दिया और इसके बाद मुझे भी इसकी प्रति दी। इसके दूसरे दिन कांग्रेस विधायकों की ओर से निर्दलियों के इस्तीफे के खिलाफ एक याचिका विधानसभा सचिवालय को दी गई।
पठानिया ने कहा कि जब भी कोई विधायक इस्तीफा देता है तो उस संबंध में नियम है कि यदि अध्यक्ष को यह लगे कि जिन परिस्थितियों में विधायक ने इस्तीफा दिया है, उन परिस्थितियों की जांच करना जरूरी है।
इस स्थिति में संविधान के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष जांच के लिए अधिकृत है। इसी के तहत तीनों विधायकों को नोटिस जारी किया और राज्यपाल को भी इस संबध में सूचित किया था।
नोटिस में विधायकों को 10 अप्रैल को विधानसभा सचिवालय में उपस्थित रहने को कहा था। साथ ही एक दिन पहले नोटिस का जवाब विधानसभा सचिवालय को देने के लिए कहा था। पठानिया ने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायक आज उपस्थित हुए। उन्होंने जवाब के लिए समय मांगा। अब मामला गंभीर हो गया है।
विधायकों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के विरोध में रिट पिटीशन की गई है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष के सांवैधानिक अधिकारों को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। कुलदीप पठानिया ने कहा कि निर्दलीय भी जब कोई राजनीति दल ज्वाइन करता है तो दलबदल विरोधी कानून को अट्रैक्ट करता है। यानि यह दलबदल प्रावधानों का उल्लंघन है।
हिमाचल के निर्दलीय विधायकों ने कहा है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो अदालत से मामला वापिस ले लेंगे। ढाई बजे तीनों निर्लदलियों ने एक-एक कर अपना पक्ष विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लिखित में रखा।
विधायक केएल ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपना विस्तृत लिखित जवाब विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा दिया है। उन्होंने कहा हम पहले से इस बात को कह रहे हैं कि हमने अपना बिना किसी दबाव और प्रलोभन के स्वेच्छा से सौंपा है।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री के द्वारा की प्रताड़ना और विधानसभा क्षेत्र में काम न होने की वजह से इस्तीफा दिया है।
वहीं, विधायक होशियार सिंह ने कहा कि 22 मार्च को उन्होंने निर्दलीय विधायक के तौर पर इस्तीफा दिया था और किसी पार्टी से नहीं थे। इस संबंध में जल्द फैसला लिया जाना चाहिए।
मिजोरम में भी इस तरह के मामले में कोर्ट ने विधानसभा को एक दिन में फैसला देने के आदेश दिए थे। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय को पहले भी जवाब दिया गया है। बार-बार जवाब देने की जरूरत नहीं है।
शिमला। हिमाचल के 3 निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। तीनों विधायक आज इस्तीफा देने हिमाचल विधानसभा पहुंचे। उन्होंने हिमाचल विधानसभा सचिव को इस्तीफा सौंपा।
इसमें हिमाचल के जिला कांगड़ा के देहरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर, हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और अन्य भाजपा नेता उनके साथ थे। भाजपा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज प्रेसवार्ता में बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
बता दें कि होशियार सिंह देहरा विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीते हैं। साथ ही हमीरपुर से आशीष शर्मा पहली बार जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। केएल ठाकुर इस बार नालागढ़ से आजाद जीत कर आए थे। अब तीनों नेता भाजपा का दामन थामेंगे।
ऐसे में अब हिमाचल में 6 नहीं बल्कि 9 सीटों पर विधानसभा चुनाव संभव है। कांग्रेस के 6 बागी नेताओं के विधानसभा क्षेत्र में पहले ही उपचुनाव का शेड्यूल जारी है। चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ अंतिम चरण में होंगे।
अब तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा देने के बाद तीन और सीटें खाली हो गई हैं। अब धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, हमीरपुर, लाहौल स्पीति, गगरेट, कुटलैहड़, नालागढ़ और देहरा में उपचुनाव संभव हैं।