मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी
शिमला। हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे दे दिए हैं। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने अभी इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं।
इसको लेकर निर्दलीय विधायक हाईकोर्ट पहुंचे हैं। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
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वहीं, हिमाचल सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीते कल यानी 24 अप्रैल को विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका दी है। याचिका दल बदल कानून के प्रावधानों के तहत दायर की गई है।
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याचिका में कहा है कि निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी। ऐसे में यह मामला दल बदल कानून के दायरे में आता है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष इनकी सदस्यता को रद्द करें।
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वहीं, विधायक हरीश जनार्था ने भी मामले में शामिल कर पक्ष सुनने के लिए एक अलग याचिका हाईकोर्ट में दी है।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा ने षड्यंत्र के तहत प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया था, जिसमें उसे कामयाबी नहीं मिली है।
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देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, हमीरपुर के आशीष शर्मा और नालागढ़ के केएल ठाकुर ने भी दबाव में इस्तीफे दिए हैं। इस्तीफे स्वीकार होने से पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं, जो दल बदल कानून के दायरे में आता है।
इसलिए स्पीकर से इन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है। साथ ही विधायक हरीश जनारथा ने बीते कल मामले को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए सम्मिलित करने के लिए याचिका दायर की है।
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वहीं, जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर तीखा जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि मंडी से भाजपा प्रत्याशी मूर्खो की तरह बयान दे रही है और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी मजबूरी में साथ साथ चल रहे हैं।
कंगना कह रही हैं कि देश 2014 में आजाद हुआ और नेता जी सुभाष चंद्र बोस पहले प्रधानमंत्री थे। क्या भाजपा प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश की जनता को अनपढ़ समझ रही है, जिन्हें कुछ मालूम नहीं है।