शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट में डिप्टी सीएम समेत सीपीएस मामले पर 7 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। कोर्ट में आज हुई सुनवाई के बाद अगली तारीख 7 दिसंबर तय की गई है । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त 6 मुख्य संसदीय सचिवों को लेकर तीन याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
इस मामले में सरकार की तरफ से वकील ने पक्ष रखते हुए मामले की सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का तर्क दिया और कहा कि देश के कई अन्य राज्यों के मामले भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं, इसलिए हिमाचल के इस मामले की सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट में होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में इस मामले की ट्रांसफर की सुनवाई अगले सप्ताह तक टल गई है। इसी के चलते प्रदेश हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को रखी गई है।
याचिकाकर्ता सतपाल सत्ती और अन्य के वकील संजय कुमार ने बताया कि 7 दिसंबर को अगली सुनवाई रखी गई है, जिसमें कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सरकारी पक्ष और याचिकाकर्ता तैयार रहे, क्योंकि इस दिन मामले को पूरी तरह से सुना जाएगा।
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट में सोमवार को डिप्टी सीएम और 6 सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती के मामले में सुनवाई हुई। डिप्टी सीएम की नियुक्ति के मामले में बहस के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। साथ ही सीपीएस मामले में अगली सुनवाई 4 नवंवर को होगी।
इससे पहले 10 अक्टूबर को हिमाचल हाईकोर्ट ने सीपीएस की नियुक्तियों के मामले में सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया था। सुक्खू सरकार ने सीपीएस नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। सरकार की दलील थी कि सभी याचिकाएं हाईकोर्ट के नियमों के अनुसार दायर नहीं की गई हैं।
कोर्ट ने सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया था। इसका मतलब यह था कि डिप्टी सीएम और 6 सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती के मामले में दायिर याचिका मेंटेनेबल है और आगे बढ़ाने योग्य हैं।
बता दें कि सीपीएस नियुक्ति को लेकर सतपाल सत्ती एवं 11 अन्य विधायकों ने हाईकोर्ट इनकी नियुक्ति को चुनौती दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाया गया है। असम और मणिपुर में भी ऐसे ही मामले को लेकर पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया जा चुका है।
फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने सीपीएस को नियुक्ति को अवैध और असंवैधानिक माना था। इसको आधार बनाते हुए विधायक सतपाल सत्ती और अन्य विधायकों के माध्यम से सीपीएस की नियुक्तियों को चैलेंज किया है।
शिमला। दिवाली से पहले हिमाचल पंचायती राज विभाग में कार्यरत तकनीकी सहायकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने प्रदेश के सभी तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश दिए हैं।
यही नहीं उन्हें राज्य सरकार की नीति के तहत नियमितिकरण के लिए भी हकदार ठहराया है। अदालत ने विभाग की ओर से जारी 17 दिसंबर 2021 के आदेशों को निरस्त कर दिया है।
बता दें कि विभाग ने जिला परिषदों को आदेश को तकनीकी सहायकों को सिर्फ कमीशन के आधार पर पारिश्रमिक देने के आदेश दिए थे। हिमाचल हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर विभाग के वेतन न देने के निर्णय को चुनौती दी गई।
याचिकाओं में बताया गया कि पहले तकनीकी सहायकों को 8910 रुपये का मासिक वेतन दिया जा रहा था, लेकिन विभाग ने उसे बिना सोचे-समझे वापस ले लिया।
हिमाचल सरकार ने 7 अप्रैल 2008 को ग्राम पंचायत स्तर पर तकनीकी सहायकों को नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। नियुक्ति का मुख्य उद्देश्य मनरेगा कार्यों की गुणवत्ता और लागत प्रभावशीलता का निरीक्षण करना था। सरकार ने वेतन निर्धारण के लिए नियम भी बनाए थे।
नियमित तकनीकी सहायक को 10300-34800 और 3000 रुपये का ग्रेड पे एवं अनुबंध सहायकों को 5910 और सिर्फ 3000 रुपये के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था।
इसके बाद सरकार ने 23 जुलाई 2019 को तकनीकी सहायक के 1081 पद स्वीकृत करने का फैसला लिया। वर्ष 2020 में 115 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी।
याचिकाकर्ताओं को अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया था। उनके नियुक्ति पत्र में भी उन्हें 8910 रुपये मासिक दिए जाने का निर्णय लिया गया था। विभाग ने बाद में इसे वापस लेते हुए सिर्फ कमीशन ही देने का निर्णय लिया था। फैसले में कोर्ट ने इस निर्णय को असांविधानिक करार दिया और रद्द कर दिया। साथ ही उक्त फैसला सुनाया।
जजमेंट राइटर/ पर्सनल असिस्टेंट की भरी जाएंगी पोस्ट
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट में जजमेंट राइटर/ पर्सनल असिस्टेंट क्लास टू (Mode e) के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। ये 15 पद नियमित आधार पर भरे जाने हैं। इसमें 10 पद अनारक्षित हैं।
दो पद एससी, पीएच, एसटी और ईडब्ल्यूएस के लिए एक-एक पद आरक्षित है। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 20 सितंबर 2023 से शुरू हो चुकी है। आवेदन की आखिरी तिथि 20 अक्टूबर है।
परीक्षा शुल्क की बात करें को जनरल (अनारक्षित) के लिए 340 रुपए (प्लस जीएसटी जैसा लागू हो) फीस लगेगी। वहीं, अन्य आरक्षित वर्गों के लिए 190 रुपए (प्लस जीएसटी जैसा लागू हो) फीस अदा करनी होगी।
अभ्यर्थी की आयु 18 साल से कम और 45 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
एससी, एसटी, ओबीसी और पीडब्ल्यूडी वर्ग को अप्पर आयु सीमा में नियमों के तहत पांच साल की छूट होगी।
शिमला।हिमाचल हाईकोर्ट में सीपीएस मामले में अगली तारीख पड़ी है। मामले की अगली सुनवाई अब 18 सितंबर को होगी। बता दें कि इस मामले में ऊना के विधायक सतपाल सत्ती और अन्य 11 भाजपा के विधायकों द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यपाल जैन के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत के तौर पर सभी सीपीएस को काम करने से रोकने की मांग को फिलहाल लंबित रखने का फैसला सुनाया।
संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने असंवैधानिक तरीके से नौ मंत्री व छ संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति की है।संविधान के अनुच्छेद 191 व 164 के तहत सर्वोच्च न्यायालय ने असम में फैसला सुनाया था कि किसी भी राज्य को मुख्य संसदीय सचिव बनाने व उनके संबंध में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है।
सांबा मणिपुर में सर्वोच्च न्यायालय ने सीपीएस की नियुक्तियों को रद्द किया था। संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री व मंत्री बनाए जा सकते हैं। उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति भी असंवैधानिक है।
सरकार की ओर से महाधिवक्ता अनूप रत्तन ने मामले की पैरवी करते हुए कहा कि सभी याचिकाएं हाईकोर्ट के नियमों के अनुसार दायर नहीं की गई है। इसलिए इन याचिकाओं को इसी आधार पर खारिज किए जाने का आवेदन सरकार की ओर से दायर किया गया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को तीन नए जज मिल गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी और जिला और सत्र न्यायाधीश राकेश कैंथला ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जज के रूप में शपथ ली है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने इनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी।
राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने तीनों नए न्यायाधीशों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ अब हिमाचल उच्च न्यायालय में चीफ जस्टिस को मिलाकर जजों की संख्या 12 हो गई है। हिमाचल प्रदेश में 17 जजों के पद हैं।
शपथ समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर और कई व गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश हाई कोर्ट को तीन नए जज मिलने से लंबित मामलों के निपटारे में मदद मिलेगी।
इनमें तीन पद सीधी भर्ती से भरे जाने हैं। साथ ही एक पद सीमित प्रतियोगी परीक्षा (Limited Competitive Exam) के माध्यम से भरे जाना है। परीक्षा 12 मार्च 2023 को आयोजित की थी। सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने पदों के लिए दस अभ्यर्थी सफल घोषित किए हैं।
साथ ही सीमित प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से भरे जाने वाले पदों में चार को सफल घोषित किया गया है। रोल नंबर और केटगरी और पेपर वाइज रिजल्ट हिमाचल हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह जानकारी हाईकोर्ट के पीआरओ एचआर सागर ने दी है।
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने क्लर्क कम प्रूफ रीडर के लिखित व टाइपिंग टेस्ट का परिणाम घोषित कर दिया है। ये परीक्षा 31 जुलाई 2022 में ली गई थी। परीक्षा परिणाम हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। अभ्यर्थी नीचे दी गई पीडीएफ में भी रिजल्ट देख सकते हैं।
पर्सनल इंटरव्यू 22, 23, 24 और 27 मार्च, 2023 को आयोजित किए जाएंगे। साक्षात्कार की अनुसूची और उसके निर्देश उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर भी अपलोड किए गए हैं। उम्मीदवारों को अपने वैध फोटो पहचान प्रमाण और मूल प्रशंसापत्र, राजपत्रित अधिकारी द्वारा विधिवत रूप से निर्धारित तिथि और समय पर लाना आवश्यक है।
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शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने मनाली, मणिकर्ण और बिलासपुर में पर्यटकों द्वारा किए गए हंगामे के मामले में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, कुल्लू और बिलासपुर के डीसी और कुल्लू और बिलासपुर के एसपी को नोटिस जारी किया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, सबीना और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की एक खंडपीठ ने 6 और 7 मार्च को कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित एक समाचार के आधार पर जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया हैं। यह जानकारी हाईकोर्ट के जनसंपर्क अधिकारी एचआर सागर ने दी है।
बता दें कि 6 मार्च को प्रकाशित समाचार के अनुसार बताया गया है कि पंजाब के पर्यटकों ने रविवार दोपहर मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर पर हंगामा किया। ग्रीन टैक्स नहीं देने पर सैलानी उलझ गए और देखते ही देखते करीब 100 मोटरसाइकिल सवार सड़क पर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे और माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। पर्यटक ग्रीन टैक्स के भुगतान को लेकर हो-हल्ला कर रहे थे। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई।
यह भी बताया गया है कि मोटरसाइकिल पर खालिस्तान का झंडा भी फहराया गया था और पुलिस को कार्रवाई करते देख सवार ने झंडा गिरा दिया। एसडीएम मनाली ने मौके पर पहुंचकर पुलिस कर्मियों की मदद से स्थिति पर काबू पाया।
7 मार्च को अखबार में एक और खबर छपी जिसमें बताया गया कि पंजाब के पर्यटकों ने मणिकर्ण में हंगामा किया। 06 मार्च की रात को मणिकर्ण में एक दंगे जैसी स्थिति देखी गई, क्योंकि पंजाब के 100 से अधिक बदमाशों ने हंगामा किया और अपने हाथों में झंडे लेकर शहर में हंगामा किया। कुछ बदमाशों ने शराब पी थी, बीयर की बोतलें श्री नैना माता मंदिर की ओर और सड़क पर फेंक दी थीं। स्थानीय निवासियों के हस्तक्षेप के बाद, उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की और मंदिरों, घरों और 20 वाहनों में लोहे की छड़ों और लाठियों से तोड़फोड़ की। पर्यटकों ने रास्ते में जो भी देखा उसकी पिटाई कर दी और दहशत का माहौल बना दिया। स्थानीय लड़के के विरोध करने पर उन्होंने बीयर की बोतल से उसके सिर पर वार किया और रॉड से भी मारपीट की। वे जबरन एक भोजनालय में घुस गए और वहां मौजूद लोगों से बदसलूकी की। इस घटना में पांच लोगों के घायल होने से स्थानीय निवासियों में भय और आक्रोश का माहौल व्याप्त हो गया।
स्थानीय निवासियों ने बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उनकी पहचान कर उन्हें पकड़ने की मांग की है। यह भी बताया गया कि पुलिस द्वारा बदमाशों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
7 मार्च को प्रकाशित एक अन्य समाचार में बताया गया कि मणिकर्ण में घटना के बाद, पंजाब के श्रद्धालु सैकड़ों की संख्या में सोमवार दोपहर को एकत्र हुए और बिलासपुर जिले के गरमोड़ा में हंगामा किया। मणिकर्ण जाने और वापस आने वाले बाइक सवार चंडीगढ़ मनाली एनएच पर हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार बिलासपुर के गरमोड़ा में जमा हो गए और करीब डेढ़ घंटे तक हाईवे बंद रखा। इससे हाईवे के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। श्रद्धालुओं ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग की कि मणिकर्ण की धार्मिक यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश पुलिस उन्हें अनावश्यक रूप से न रोके।
अदालत ने इन घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट 13 मार्च तक दाखिल करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर 16 को बिहार के लिए होंगे रवाना
शिमला। हिमाचल प्रदेश के नए गवर्नर शिव प्रताप शुक्ला 18 फरवरी को शपथ लेंगे। उनका शपथ ग्रहण समारोह दोपहर बाद 2 बजे राजभवन में होगा। गवर्नर हाउस में हिमाचल हाईकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस सबीना नए राज्यपाल को शपथ दिलाएंगी।
सरकार ने नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्यपाल की शपथ से 2 दिन पहले मौजूदा गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर कल शिमला पहुंचेंगे। परसों वह बिहार के लिए रवाना होंगे। वह 17 फरवरी को बिहार के राज्यपाल के तौर पर शपथ लेंगे।
बता दें कि शिव प्रताप शुक्ला मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद हैं। मूल रूप से वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। हिमाचल प्रदेश के 22वें राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किए गए शिव प्रताप शुक्ला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया है।