-
Himachal Latest
-
Trending News
मंडी। विशेष न्यायाधीश (पोक्सो), जिला मंडी हिमाचल प्रदेश की अदालत ने नाबालिग स्कूली छात्र साथ दुर्व्यवहार करने, मारने और लैंगिक उत्पीड़न करने के दोषी को पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
दोषी रूपा को भारतीय दंड सहिंता धारा 377 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 20,000 रुपए जुर्माने की सजा, धारा 506 (2) के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास, धारा 323 के तहत 1 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 341 के तहत एक महीने के कारावास की सजा के साथ 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को प्रत्येक धारा में 2 वर्ष से 6 माह तक के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई। उक्त मामले में दूसरे आरोपी का दोष सिद्ध न होने पर उसे अदालत द्वारा बरी कर दिया गया।
मंडी जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने बताया कि 25 अक्टूबर 2019 को पीड़ित के माता पिता ने पुलिस को शिकायत पत्र दिया। शिकायत में लिखा था कि उसके बच्चे की उम्र 11 वर्ष है । वह सातवीं कक्षा में पढ़ता है । उनके बच्चे (पीड़ित) ने उसको बताया कि दो लड़के पीड़ित के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, मारते हैं और लैंगिक उत्पीड़न भी करते हैं।
जब शिकायकर्ता ने पीड़ित से पूछा कि यह सब तेरे साथ कब से हो रहा है तो उसने शिकायकर्ता को बताया कि करीब एक महीने से वे ऐसा कर रहे हैं। पीड़ित ने यह भी बताया कि 13-14 बार उन्होंने पीड़ित का उत्पीड़न किया।
जब शिकायतकर्ता ने अपने बच्चे से पूछा कि तूने हमें यह सब पहले क्यों नहीं बताया तो पीड़ित ने कहा कि उन दोनों ने पीड़ित को धमकी दी थी कि अगर किसी को भी बताया तो वे पीड़ित को जान से मार देंगे, जिस कारण से पीड़ित ने यह बात अपने घर वालों को नहीं बताई।
पीड़ित 25 अक्टूबर 2019 की सुबह जब अपने पिता के साथ जा रहा था तो उसने एक लड़के को देखकर उसका नाम पूछा, जो लड़का पीड़ित का उत्पीड़न करता था। पीड़ित के पिता ने उसका नाम राकेश उर्फ भोलू बताया।
पीड़ित ने यह भी बताया कि 18 अक्टूबर 19 को समय करीब 5 बजे भी उन्होंने उत्पीड़न किया था। शिकायतकर्ता ने यह भी शिकायत की कि दोनों लड़कों के परिवार वाले लोगों ने उनका रास्ता रोककर पत्थरों और डंडों से मारा, जिससे शिकायतकर्ता के सिर और बाजू में चोट आई और कहने लगे कि थाना जाने की कोई जरूरत नहीं है, हम घर पर ही इस मसले को सुलझा लेंगे। उक्त बयान के आधार पर दोषियों के खिलाफ मंडी जिला के थाना बल्ह थाना में मुकदमा दर्ज किया गया।
मामले की छानबीन छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी थाना बल्ह, जिला मंडी द्वारा चालान को अदालत में दायर किया था। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 16 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए थे।
उक्त मामले में न्यायालय में समक्ष मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक नवीना राही, चानन सिंह और नितिन शर्मा द्वारा की गई।
सोलन। सोलन पुलिस की स्पेशल टीम द्वारा जिला में बाहरी क्षेत्रों से आने वाली हेरोइन तस्करी के मुख्य नेटवर्क्स पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसमें एक नेटवर्क में भारत-पाकिस्तान सीमा से हेरोइन चिट्टा की तस्करी करने वाले आरोपियों में से एक आरोपी को अटारी वाघा बॉर्डर के पास से गिरफ्तार किया गया है।
25 सितंबर, 2023 को सोलन पुलिस की स्पेशल टीम द्वारा चिट्टा तस्करों पर रखी जा रही निगरानी के दौरान पाया गया कि शूलिनी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला एक छात्र दक्ष ठाकुर चिट्टा/हेरोइन की खरीद फरोख्त में संलिप्त है, जो यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स और अन्य युवक युवतियों को चिट्टा/हेरोइन सप्लाई करने का काम कर रहा है। ये छात्र Shoolini University से M Pharma का कोर्स कर रहा है।
रेडिंग पार्टी तैयार करके दक्ष ठाकुर के कमरे की तलाशी ली गई तो दक्ष ठाकुर पुत्र अविंदर सिंह तहसील घनारी जिला ऊना उम्र 23 वर्ष से क़रीब 12 ग्राम चिट्टा/हेरोइन बरामद हुई। जिस पर मुकदमा दर्ज थाना सदर करके आरोपी को गिरफ्तार कर 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया।
बैकवर्ड लिंकेज इन्वेस्टिगेशन के दौरान आरोपी से इस खेप के सप्लायर बारे पूछताछ की गई जिसमें पता चला कि यह पिछले कुछ साल से अटारी बॉर्डर के एक नशा तस्कर मंगल सिंह पुत्र संतोख सिंह, सब तह अटारी जिला अमृतसर पंजाब उम्र 33 वर्ष के संपर्क में है और उससे लगातार हेरोइन की तस्करी हिमाचल प्रदेश में जिला ऊना, मंडी और सोलन में कर रहा था।
नशा तस्कर मंगल सिंह की निगरानी की गई और पता चला यह कि यह नशा तस्कर पंजाब के अमृतसर जिले में भारत पाकिस्तान की सीमा से 6 किमी दूर एक गांव में रहता है और पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से आने वाली हेरोइन की तस्करी में कई सालों से संलिप्त है।
इस आरोपी को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने दिनांक 27 सितंबर को अटारी बॉर्डर के पास भारत-पाकिस्तान की सीमा के पास से आरोपी मंगल सिंह को गिरफ्तार करके थाना सोलन लाया। आरोपी को न्यायालय में पेश करके 13 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
इस आरोपी के नेटवर्क में संलिप्त हिमाचल के अन्य तस्करों को शामिल जांच किया गया है। मुक़दमे में जांच जारी है। बता दें कि सोलन पुलिस द्वारा पिछले 3 महीनों में अभी तक बाहरी राज्यों के 32 सप्लायरों (जो दिल्ली, पंजाब, हरियाणा,चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से हैं) को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इनमें 4 अफ्रीकी मूल के नाइजीरियन नागरिक भी शामिल हैं। इन बाहरी राज्यों के तस्करों द्वारा हिमाचल प्रदेश में चलाए जा रहे चिट्टा तस्करी के 6 बड़े नेटवर्कों को ध्वस्त कर दिया गया है जिससे सैकड़ों युवाओं को चिट्टा की आपूर्ति बंद हुई है।
शिमला। भाजपा हिमाचल प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार हिमाचल प्रदेश की शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसको लेकर हमने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक पत्र में लिखा है। उन्होंने कहा कि शिमला जिले के गवर्नमेंट कुपवी कॉलेज में 70 में से केवल सात छात्रों ने बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
10 प्रतिशत का खराब परिणाम आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि पिछले साल कॉलेज एक भी शिक्षक के बिना संचालित हुआ था, जिससे सभी 70 छात्रों को अपनी किस्मत पर निर्भर रहना पड़ा। कॉलेज में केवल सात छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि नौ अन्य को कंपार्टमेंट मिला है। 50 से अधिक छात्र असफल हुए हैं।
दुर्भाग्यवश अभिभावक-शिक्षक संघ द्वारा संक्षिप्त अवधि के लिए दो निजी शिक्षकों को छोड़कर, पूरे सत्र में शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए। खराब रिजल्ट के लिए छात्रों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इतने सारे छात्रों का एक कीमती साल बर्बाद हो गया, क्योंकि अधिकारी पूरे साल एक भी नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं कर सके। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, दुख देने वाला है।
उन्होंने कहा कि इस छात्रों का एक साल बर्बाद होने के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा, सरकार को यह बताना चाहिए। पिछले साल कड़वे अनुभव के कारण कई छात्रों ने कॉलेज छोड़ दिया है। कॉलेज की नामांकन संख्या इस दावे का समर्थन करती है।
जबकि पिछले साल कॉलेज के पहले बैच में 70 छात्र थे, बीए प्रथम वर्ष और बीए द्वितीय वर्ष की संयुक्त संख्या इस वर्ष घटकर केवल 63 रह गई है। बीए द्वितीय वर्ष में छात्रों की संख्या और कम हो सकती है। अब और गिरावट आ सकती है।
प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय नेरवा हरबंस लाल शर्मा के पास राजकीय महाविद्यालय कुपवी के प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार है। इससे भी कॉलेज के ऊपर पूरा ध्यान नहीं दिया जा सकता है। हालांकि इस प्रकरण के बाद तीन नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हुई पर कुल 8 शिक्षक नियुक्त होने हैं।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के पाठ्यक्रम में प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को भी सम्मिलित किया जाए। विदेशी आक्रांताओं और शासकों से पूर्व के प्रदेश के इतिहास को बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ियां अपने समृद्ध इतिहास से रूबरू हो सकें।
इसके लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाकर इन विषयों पर तथ्यपरक शोध कर इसे पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की दिशा में काम करे। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में आज शुक्रवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह बात कही। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव शिक्षा आशीष बुटेल और बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल भी उपस्थित रहे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे देश के साथ-साथ प्रदेश का इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि प्रदेश के कईं हिस्सों विशेषकर जिला कांगड़ा का जिक्र महाभारत तक में आता है। उन्होंने कहा कि वीर राम सिंह पठानिया, जनरल जोरावल सिंह, पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम, प्रजा मंडल, डॉ. यशवंत सिंह परमार सरीखे विभुतियों और ऐतिहासित घटनाक्रमों से हमारे बच्चे परिचित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली इतिहास की जानकारी केवल इतिहास विषय पढ़ने वाले बच्चों तक सीमित न होकर सभी बच्चों तक पहुंचे, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
रोहित ठाकुर ने कहा कि हमारे गर्वीले इतिहास में हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपराएं, कला और साहित्य भी आता है। इन सब विषयों को भी पाठ्यक्रम में शमिल करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों को दिए। कांगड़ा पेंटिंग से लेकर, हस्तशिल्प, लिपि, साहित्य और हमारे जनजातीय क्षेत्रों और वहां निवास करने वाले लोगों की परंपराएं-संस्कुति की जानकारी भी बच्चों तक स्कूली शिक्षा के माध्यम से पहुंचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
बैठक में शिक्षा मंत्री द्वारा बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई। उन्होंने शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से उनके कार्यों का ब्योरा लेते हुए, शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के सुझाव दिए। उन्होंने कर्मचारियों की समस्याओं और सुझावों को सुनते हुए उनपर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का हित प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के कर्मचारियों के सभी विषयों पर गंभीरता से विचार कर, उनका समाधान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि एक साल में कम से कम एक बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि सरकार के स्तर पर होने वाले कार्यों की समीक्षा की जा सके और उन पर कोई फैसला लिया जा सके।
बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष और डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों की सुविधा के लिए आने वाले समय में सारे प्रमाण पत्रों को डिजिलॉकर से जोड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इससे जहां छात्रों को अपने सर्टिफिकेट्स सुरक्षित रखने में सहायता होगी, वहीं भविषय में उच्च शिक्षा या नौकरी के समय में डिजिलॉकर से प्राप्त किए प्रमाण पत्रों के सत्यापन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त भी तकनीक की सहायता से कार्यप्रणाली को सुगम बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
शिमला। हाल ही में आए विभिन्न सर्वे दर्शाते हैं कि कोविड के दौरान छात्रों की सीखने, पढ़ने और लिखने की क्षमता में गिरावट आई है। सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वचनबद्ध है और इस स्थिति को सुधारने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल विधानसभा में बजट भाषण के दौरान दी।
सीएम ने बजट भाषण में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते समय Quantitive के साथ साथ Quantitive Improvement पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि छात्रों के Learning outcome में बढ़ोतरी हो सके। शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों के खाली पद भरने में तेजी लाई जाएगी।
प्रदेश के युवाओं को विभिन्न Cometitive exam की तैयारी के लिए सुविधा देने के लिए प्रदेश के ऐसे ब्लॉक जहां पुस्तकालय/वाचनालय उपलब्ध नहीं है में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की access आवश्यक पुस्तकों सहित पुस्तकालय का निर्माण करने की घोषणा की है।