Breaking News

  • कारगिल विजय दिवस : जयराम ठाकुर बोले- सिर्फ रस्मी नहीं होने चाहिए ये कार्यक्रम
  • बद्दी में अवैध खनन रोकने को लेकर बड़ा फैसला, होगी तगड़ी चोट- पढ़ें खबर
  • दिल्ली के जंतर मंतर पर 29 जुलाई को गरजेगी महिला कांग्रेस
  • देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर ने कही बड़ी बात- कार्य योजना होगी तैयार
  • हमीरपुर के 8 जवानों ने कारगिल में लिखी थी शौर्य और बलिदान की गाथा
  • हिमाचल : गुट में बंटे कर्मचारी कैसे मनवाएंगे मांगें- एक मंच पर आना जरूरी
  • यूनिवर्सल कार्टन की गुणवत्ता पर भाजपा ने उठाए सवाल, कांग्रेस सरकार को घेरा
  • ITI मंडी में प्रथम चरण की दाखिला प्रक्रिया समाप्त, काउंसलिंग 31 को
  • कारगिल विजय दिवस : शिमला में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
  • भटोली फकोरियाँ से मिश्का वशिष्ठ को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

बड़े आंदोलन की तैयारी में सेब बागवान, शिमला में बनाई रणनीति

ewn24news choice of himachal 28 Nov,2022 9:08 pm

    हिमाचल, कश्मीर, केरल के पूर्व विधायकों ने लिया भाग

    शिमला। हिमाचल के सेब बागवान सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। हिमाचल सेब उत्पादक संघ अन्य किसान संगठनों को संगठित करके सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुट गया है। इसी कड़ी में आज शिमला में हिमाचल, कश्मीर, केरल के पूर्व विधायकों व विशेषज्ञों ने सेब बागवानी की चुनौतियों पर विचार साझा किए और भविष्य में बागवानी बचाने के लिए आंदोलन की रणनीति तैयार की।
    हिमाचल: खाई में गिरी कार, धू-धू कर जली-फौजी युवक ने ऐसे बचाई जान

    शिमला के रोटरी टाउन हॉल में सेब उत्पादकों ने सेब बागवानी को आगे ले जाने के लिए मंत्रणा की। ठियोग से सीपीआईएम विधायक व बागवान नेता राकेश सिंघा ने कहा कि जम्मू कश्मीर सबसे बड़ा सेब उत्पादक है। हिमाचल में बागवानी को आगे बढ़ाने के लिए जो शोध व कार्य किए जाने चाहिए थे वह नहीं हो पाए हैं।

    सरकार बागवानों को उनकी दशा पर छोड़ देती है। सरकार ने बागवानों के सामने आ रही चुनौतियों का आकलन आज तक नहीं किया। लेखकों और वैज्ञानिकों ने इस पर शोध व लेख लिखे हैं, जिसके माध्यम से सेब की खेती में आ रही चुनौतीयों को समझने की कोशिश की है। भविष्य में किसान संगठनों को साथ लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

    वहीं, कश्मीर से आए पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ बताते हैं कि सेब उत्पादक राज्यों के सामने आज कई बड़ी चुनौतियां हैं। सरकार बागवानों की मांगों को अनदेखा कर रही है। बागवान लागत से भी कम कमा पाता है। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुसार ही बागवानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। किसान कर्ज के बोझ में दबे हैं। एक तरफ सरकारी पैसा ना होने के बात कहती है, दूसरी तरफ पूंजीपतियों के लाखों करोड़ कर्ज माफ किए गए हैं। सेब उत्पादक राज्यों को आज एकजुट होकर हक के लिए आवाज उठाने की जरूरत हैं।
    ... तो क्या डॉक्टर नहीं बन पाएगी सरोत्री की मेधावी निकिता चौधरी? 


    आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें  

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather