धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन (OPS) का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हैदराबाद रवाना होने से पहले धर्मशाला में यह घोषणा की है। इससे हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के करीब 6 हजार से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
बता दें कि वीरवार को शिमला में प्रदेशभर के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अन्य विभागों की तर्ज पर पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की।
शिमला । HRTC कर्मचारियों को OPS लागू करने को लेकर निगम प्रबंधन ने सभी डीडीएम और आरएम को आदेश जारी किए हैं। जारी आदेशों में कहा गया है कि सरकार ने OPS को लागू करने और NPS का अंशदान बंद करने को लेकर आदेश जारी किए हैं।
इन आदेशों को निगम ने भी लागू करने का फैसला लिया है। ये फैसला HRTC की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मंजूरी के बाद लिया गया है। HRTC एमडी संदीप कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार कर्मचारियों को इन निर्देशों के जारी होने के 60 दिन के अंदर पुरानी पेंशन या न्यू पेंशन स्कीम का ऑप्शन चुनना होगा। ये नोटरी से अटेस्टेड करवाकर पूरे दस्तावेजों के साथ एमडी एचआरटीसी कार्यालय में जमा करवाना होगा।
बता दें कि सुक्खू सरकार ने हिमाचल में OPS लागू कर कर्मचारियों को राहत प्रदान की है। 4 मई को सरकार ने पुरानी पेंशन को लेकर SOP और निर्देश जारी किए हैं।
एसओपी (SOP) के अनुसार अगर कोई कर्मचारी एनपीएस (NPS) के तहत रहना चाहता है तो इन निर्देशों को जारी करने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प का प्रयोग करेगा, जिसे विधिवत रूप से नोटरीकृत किया जाएगा और कार्यालय के प्रमुख के पास जमा करवाया जाएगा। ऐसे कर्मचारी (कर्मचारियों) को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (जिसे अंशदायी पेंशन योजना भी कहा जाता है) के तहत कवर किया जाना जारी रहेगा।
सरकारी कर्मचारी जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, के तहत शामिल होने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प देना होगा। ऐसे कर्मचारियों को अंडरटेकिंग भी देनी होगी। विकल्प और अंडरटेकिंग को नोटरीकृत किया जाएगा। इसे कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों द्वारा एक बार केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को चुनने का विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। यदि कोई कर्मचारी निर्धारित अवधि के भीतर किसी विकल्प का प्रयोग करने में विफल रहता है, तो यह माना जाएगा कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत जारी रहना चाहता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, को चुनने वाले कर्मचारियों को भी सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के तहत कवर किया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 के माध्यम से निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) के योगदान को 1 अप्रैल 2023 से रोक दिया जाएगा।
अब उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 में आंशिक संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प चुनने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) का अंशदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत जमा किया जाना जारी रहेगा।
किसी भी मामले में, यदि किसी कर्मचारी का अप्रैल, 2023 के महीने के लिए अंशदान, जिसने अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) का विकल्प चुना है, को उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन के मद्देनजर रोक दिया गया था, तो वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत उसका योगदान जमा करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे मामलों में सरकारी हिस्सा भी जमा किया जाएगा।
जिन सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुना है, उन्हें इन नियमों के तहत पेंशन लाभ का भुगतान किया जाएगा, बशर्ते कि सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश/वापसी राज्य सरकार को जमा किया जाए।
कर्मचारी, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कवर किए गए थे और 15 मई 2003 से 31 मार्च 2023 की अवधि के बीच पहले ही सेवानिवृत्त/मृत्यु हो चुके हैं और जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी और मृत कर्मचारी के पात्र परिवार के सदस्य, संभावित तिथि से यानी 01 अप्रैल 2023 से पेंशन के हकदार होंगे। अन्य शर्तों के लिए एसओपी पढ़ें।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले कर्मचारी और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 यानी पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी/छुट्टी नकदीकरण/जीआईएस से सरकारी योगदान और उस पर अर्जित लाभांश के समायोजन के लिए एक अंडरटेकिंग देनी होगी, यदि वे ऐसी राशि को सरकारी खाते में जमा करने में विफल रहते हैं।
शिमला। हिमाचल में पुरानी पेंशन (OPS) को लेकर निर्देश और एसओपी जारी कर दी गई है। कर्मचारियों को काफी समय से इसका इंतजार था।
एसओपी (SOP) के अनुसार अगर कोई कर्मचारी एनपीएस (NPS) के तहत रहना चाहता है तो इन निर्देशों को जारी करने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प का प्रयोग करेगा, जिसे विधिवत रूप से नोटरीकृत किया जाएगा और कार्यालय के प्रमुख के पास जमा करवाया जाएगा।
ऐसे कर्मचारी (कर्मचारियों) को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (जिसे अंशदायी पेंशन योजना भी कहा जाता है) के तहत कवर किया जाना जारी रहेगा।
सरकारी कर्मचारी जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, के तहत शामिल होने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प देना होगा। ऐसे कर्मचारियों को अंडरटेकिंग भी देनी होगी। विकल्प और अंडरटेकिंग को नोटरीकृत किया जाएगा। इसे कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों द्वारा एक बार केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को चुनने का विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। यदि कोई कर्मचारी निर्धारित अवधि के भीतर किसी विकल्प का प्रयोग करने में विफल रहता है, तो यह माना जाएगा कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत जारी रहना चाहता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, को चुनने वाले कर्मचारियों को भी सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के तहत कवर किया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 के माध्यम से निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) के योगदान को 1 अप्रैल 2023 से रोक दिया जाएगा।
अब उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 में आंशिक संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प चुनने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) का अंशदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत जमा किया जाना जारी रहेगा।
किसी भी मामले में, यदि किसी कर्मचारी का अप्रैल, 2023 के महीने के लिए अंशदान, जिसने अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) का विकल्प चुना है, को उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन के मद्देनजर रोक दिया गया था, तो वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत उसका योगदान जमा करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे मामलों में सरकारी हिस्सा भी जमा किया जाएगा।
जिन सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुना है, उन्हें इन नियमों के तहत पेंशन लाभ का भुगतान किया जाएगा, बशर्ते कि सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश/वापसी राज्य सरकार को जमा किया जाए। कर्मचारी, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कवर किए गए थे और 15 मई 2003 से 31 मार्च 2023 की अवधि के बीच पहले ही सेवानिवृत्त/मृत्यु हो चुके हैं और जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी और मृत कर्मचारी के पात्र परिवार के सदस्य, संभावित तिथि से यानी 01 अप्रैल 2023 से पेंशन के हकदार होंगे। अन्य शर्तों के लिए एसओपी पढ़ें।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले कर्मचारी और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 यानी पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी/छुट्टी नकदीकरण/जीआईएस से सरकारी योगदान और उस पर अर्जित लाभांश के समायोजन के लिए एक अंडरटेकिंग देनी होगी, यदि वे ऐसी राशि को सरकारी खाते में जमा करने में विफल रहते हैं। अधिक जानकारी के लिए पुरानी पेंशन को लेकर सरकार द्वारा जारी एसओपी पढ़ें।
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में पुरानी पेंशन को विधिवत रूप से लागू करने का फैसला लिया गया है। अगले माह से कर्मचारियों का न्यू पेंशन के तहत लिया जाने वाला शेयर बंद कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में लेक्चरर के 530 पदों को भरने की मंजूरी प्रदान की गई है। ये पद लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाएंगे।
कैबिनेट ने आम जनता की सुविधा के लिए एटिक फ्लोर को रहने योग्य बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियम, 2014 में संशोधन को भी स्वीकृति प्रदान की।
कैबिनेट ने निर्धारित वेतन (एमोल्यूमेन्टस) पर भर्ती के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमावली के नियम-4 एवं नियम 15-ए के अन्तर्गत उपयुक्त संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। सरकार द्वारा अनुबंध सेवा की अवधि एवं वेतन (एमोल्यूमेन्टस) को समय-समय पर अधिसूचित किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (एचपीएएस) के माध्यम से सीधी भर्ती के आधार पर पुलिस उप अधीक्षक के दो पदों को नियमित आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश नशीली दवाएं एवं मादक पदार्थ नियम, 1989 के नियम 50 में संशोधन करने का निर्णय लिया। राजस्व बढ़ाने की दिशा में उठाए गए इस कदम से अब वार्षिक लाइसेंस शुल्क डेढ़ लाख रुपये होगा।
मंत्रिमंडल के समक्ष राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर प्रस्तुति भी दी गई।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का कार्यभार संभाला
शिमला।पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का कार्यभार संभाला लिया है। जयराम ठाकुर ने पदभार संभालते ही सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष मुद्दों को लेकर सदन के बाहर व अंदर जोरदार तरीके से अपनी बात रखेगा। सरकार के एक महीने के कार्यकाल में प्रदेश में अव्यवस्था का आलम हो गया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार के निर्णय रद्द करने की जो शुरुआत की वो अच्छी शुरुआत नहीं है। आने वाले समय में पांच साल के फैसले भी रिव्यू किए जा सकते हैं। इस सरकार ने कुछ योजनाओं के नाम बदलने की शुरुआत की है। शिक्षा के क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बोर्डिंग स्कूल की जो योजना शुरू की थी, उसका नाम बदलकर सरकार अब राजीव गांधी के नाम पर कर रही है, जो स्वस्थ परंपरा नहीं है। नाम बदलकर योजनाएं चलाने का चलन अच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा कि ओपीएस (OPS) देना अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए संस्थानों को बंद करना सही नहीं है। डीजल की कीमतों में वृद्धि कर गरीबों पर महंगाई का बोझ डाला गया है। कोविड के बावजूद बीजेपी की सरकार ने पूर्व की कांग्रेस सरकार से कम कर्ज लिया। एक तरफ सरकार सरकारी खजाना खाली होने की बात कह रही है, दूसरी ओर 6 सीपीएस बनाए गए हैं और अन्य लोगों को भी कैबिनेट रैंक दिए जा रहे हैं।
सीमेंट फैक्ट्री विवाद को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि मामले को गंभीरता से ले और रास्ता निकाले, पहले की सरकारों ने भी मामले सुलझाए हैं। जब से यह सरकार सत्ता में आई है चारों ओर अव्यवस्था का आलम है। क्या ऐसी ही व्यवस्था परिवर्तन करने की बात मुख्यमंत्री कर रहे हैं, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। संस्थानों में तालों के बाद सीमेंट फैक्ट्री में ताले लग गए, यह सरकार तालों की सरकार बन कर रह गई है।
शिमला। हिमाचल में पुरानी पेंशन का लागू कर दिया गया है। 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन हुई कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने पर मुहर लगी है। कैबिनेट के फैसले को लागू करने के लिए कदमताल शुरू कर दी है।
पुरानी पेंशन को लेकर कैबिनेट के निर्णय के अनुसार आज मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए हैं। वित्त विभाग को निर्णय को लागू करने के लिए निर्देश/मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) अधिसूचित करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद लोहड़ी पर सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों को यह तोहफा दिया। 13 जनवरी को पहली कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का निर्णय लिया।
इससे कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई। पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा से कर्मचारियों की यह लोहड़ी यादगार बन गई। कैबिनेट बैठक वाले दिन सचिवालय के बाहर कर्मचारियों ने नाच और गाकर खुशी का इजहार किया था।
शिमला। हिमाचल में एनपीएस कर्मचारियों का लंबा इंतजार खत्म हो गया है। सुक्खू सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया है। सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन बहाली पर मुहर लगी है। बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने का वादा किया था। सुक्खू सरकार ने पहली कैबिनेट की बैठक में इस वादे को पूरा कर दिया है।
इससे राज्य के 1.30 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। ओपीएस (OPS) बहाल करने वाला हिमाचल चौथा राज्य हो गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय के बाहर एनपीएस (NPS) कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि OPS कर्मचारियों का हक है। कांग्रेस ने अपने वादे के मुताबिक ओपीएस बहाल कर दी है। उन्होंने कहा कि आज ही ओपीएस बहाली की अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
हिमाचल से पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब भी ओपीएस बहाल हो चुकी है। हालांकि इन राज्यों को केंद्र सरकार 2002 से जमा पेंशन फंड की राशि वापस लौटाने से इंकार कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस आज से लागू हो जाएगी। मगर एरियर के भुगतान के लिए उन्होंने तीन से चार साल का समय मांगा है।
वहीं, पुरानी पेंशन बहाल होने से कर्मचारियों की लोहड़ी यादगार बन गई है। कर्मचारियों में जश्न सा माहौल है। कर्मचारियों ने सचिवालय के बाहर नाच और गाकर खुशी का इजहार किया। अभी ओपीएस बहाली की घोषणा का औपचारिक ऐलान हुआ नहीं था कि कर्मचारियों का जश्न सचिवालय के बाहर शुरू हो गया। इस जश्न में पूर्व की जयराम सरकार में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन में‘जोइया मामा मानदा नहीं, कर्मचारी को शुणदा नेई नारा लगाने वाले शिक्षक ओमप्रकाश भी इस मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने नाटी डालकर और गाकर खुशी का इजहार किया।
ढोल-नगाड़े लेकर पहुंचे, नाच-गाकर कर रहे खुशी का इजहार
शिमला। हिमाचल सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक जारी है। बैठक में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा मिलने वाला है। कैबिनेट में ओपीएस के ऐलान से पहले ही शिमला सचिवालय के बाहर जश्न का माहौल है। ढोल-नगाड़े लेकर सचिवालय के बाहर पहुंचे कर्मचारी नाच और गाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं।
सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक सचिवालय में जारी है। कैबिनेट बैठक में विक्रमादित्य सिंह के अलावा सभी मंत्री मौजूद हैं। लोहड़ी पर हिमाचल के एनपीएस कर्मचारियों को तोहफा मिलेगा। सरकार पुरानी पेंशन बहाली का फैसला ले सकती है। बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों से पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था।
वहीं, कैबिनेट में महिलाओं को 1,500 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने को लेकर भी फैसला हो सकता है। सरकार युवाओं के लिए रोजगार के भी द्वार खोल सकती है। कांग्रेस ने पहली कैबिनेट में नौकरियां देने का भी वादा किया है। इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पहली कैबिनेट में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन का तोहफा दिया जाएगा। वहीं, उन्होंने ओपीएस (OPS) के बहाने भाजपा पर निशाना साधा है। शिमला सचिवालय में कर्मचारियों के साथ मिलन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था। हम भाजपा की तरह झूठ नहीं बोलते हैं। ओपीएस के लिए खाका तैयार कर लिया है और बजट का प्रावधान कर लिया है। कल सरकारी कर्मचारियों की मांग को पूरी होने जा रही है।
पिछली सरकार ने जनता को ठगा है। पूर्व की भाजपा सरकार को ठग सरकार की उपाधि दी जाए तो गलत नहीं होगा। भाजपा सरकार ने केवल लोगों को ठगने के लिए राजनीतिक लाभ के मकसद से 900 संस्थान खोल दी लेकिन पैसे का प्रावधान नहीं किया।
भाजपा ने प्रदेश का पूरा खजाना खाली किया है, जिसके चलते मजबूरी में कर्ज की सीमा को भी बढ़ाना पड़ा है, लेकिन बावजूद इसके सरकार कर्मचारियों को OPS देगी और प्रदेश हित में और भी बड़े निर्णय लेने से सरकार पीछे नहीं हटेगी। इसके लिए संसाधनों का भी दोहन किया जाएग।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन और अनावश्यक खर्चों के कारण आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का भारी बोझ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिकी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राज्य सरकार को डीजल पर वैट में 3.01 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी पांच वर्षों में ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने पर अपना विशेष ध्यान केन्द्रित करेगी, क्योंकि प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिकी को दृढ़ता प्रदान करने के दृष्टिगत दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 10 लीटर दूध की खरीद करेगी, जिसमें गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से क्रय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा, अपितु किसान सामुदायिक स्तर पर जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।
शिमला। हिमाचल सरकार अपने एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस (OPS)के लाभ प्रदान करेगी, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ ही प्रदेश की सेवा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान भी प्राप्त होगा। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाली का वादा किया था। कल पहली कैबिनेट में कर्मचारियों को तोहफा देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को उनके सभी देय लाभ समय पर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन और अनावश्यक खर्चों के कारण आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का भारी बोझ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिकी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राज्य सरकार को डीजल पर वैट में 3.01 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में मात्र चुनावी लाभ के लिए प्रदेश में लगभग 900 संस्थान खोल दिए। यह सभी संस्थान एवं कार्यालय बिना किसी बजट प्रावधान के ही खोले गए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को कार्यशील करने के लिए प्रदेश सरकार को और 5 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी पांच वर्षों में ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने पर अपना विशेष ध्यान केन्द्रित करेगी, क्योंकि प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिकी को दृढ़ता प्रदान करने के दृष्टिगत दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 10 लीटर दूध की खरीद करेगी, जिसमें गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से क्रय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा, अपितु किसान सामुदायिक स्तर पर जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के उपरान्त उन्होंने सर्वप्रथम टूटीकंडी स्थित बालिका आश्रम का दौरा किया और आश्रमवासियों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे आश्रमों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और राज्य सरकार ने इसके लिए 101 करोड़ रुपये के मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष के गठन का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस कोष के लिए उन्होंने अपना एक माह का वेतन दान किया है और सभी विधायकों से भी इसमें उदारतापूर्वक दान का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस निधि से अनाथ एवं निराश्रित लोगों को उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए धन की चिंता नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ होते हैं। उन्हीं के कठिन परिश्रम और सहयोग से राज्य सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को सही दिशा में क्रियान्वित कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाएगी तथा कर्मचारियों की सभी मांगों और सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने तथा उन्हें सुशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य के कर्मचारियों के सक्रिय एवं रचनात्मक सहयोग की अत्यन्त आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बॉबी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें कर्मचारियों की विभिन्न मांगों एवं मुद्दों से अवगत करवाया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कर्मचारियों की ओर से पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, भोरंज के विधायक सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के विभिन्न पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।