हमीरपुर। हिमाचल के हमीरपुर में दो सरकारी कर्मचारियों को पांच हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ धरा है। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने यह कार्रवाई अमल में लाई है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के जिला नियंत्रक अरविंद शर्मा ने बताया कि बीते दिन रिश्वत के आरोप में स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा हमीरपुर में पकड़े गए कर्मचारी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के नहीं हैं।
जिला नियंत्रक ने स्पष्ट किया है कि ये कर्मचारी हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में प्रकाशित खबरों में ये कर्मचारी खाद्य आपूर्ति विभाग के बताए गए हैं, जोकि सही नहीं है। ये कर्मचारी हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के हैं। जिला नियंत्रक ने बताया कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग सीमेंट के भंडारण और वितरण से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करता है।
बता दें कि दोनों आरोपी सरकारी सीमेंट की सप्लाई जारी करने के बदले में ठेकदार से रिश्वत मांग रहे थे। ठेकदार ने इसकी शिकायत विजिलेंस अधिकारियों से कर दी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस हमीरपुर की टीम ने जाल बिछाया और दोनों कर्मचारियों को पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान स्टोर कीपर नील कमल और हेल्पर देवेश के रूप में हुई है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकारी फरमान जारी हुआ है। फरमान के अनुसार प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे कर्मचारियों को दफ्तर फॉर्मल कपड़ों में पहुंचना होगा। इस दौरान जींस और टी-शर्ट पहनने पर खासतौर से मनाही की बात की गई।
अब इसको लेकर सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने कहा है कि कर्मचारी इसके लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारियों पर भी इस नियम को लागू करने की बात कही है।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के प्रधान संजीव शर्मा ने कहा कि पहले भी ड्रेस कोड को लेकर कुछ ऐसा ही फरमान जारी किया गया था, तब भी कर्मचारियों ने ट्राउजर सिलवाए और जीन्स टीशर्ट पहन कर कार्यालय आना बंद कर दिया था।
मगर उस वक्त कुछ अधिकारियों ने ही जीन्स पहन कर आना शुरू कर दिया, जिसके बाद कर्मचारियों ने भी इसका अनुसरण करना शुरू किया।
उन्होंने कहा की सरकार अगर यह फरमान लागू करना चाहती है, तो उन्हें कम से कम दो महीनों का समय दिया जाए, ताकि कर्मचारी जरूरी इंतजामात कर सकें। उन्होंने कहा कि नियम केवल छोटे कर्मचारियों पर ही लागू न हो अधिकारियों पर भी लागू किया जाए।
संजीव शर्मा ने कहा कि अगर सरकार ड्रेस कोड रखना चाहती है तो इसके लिए भी कर्मचारी तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें भत्ता दिया जाए। प्रदेश में सर्दियां रहती हैं और कम से कम दो वर्दियां आवश्यक हो जाती हैं। ऐसे में वर्दी का खर्चा 25000 तक पहुंच जाएगा, जिसका बोझ कर्मचारियों पर डालना ठीक नहीं है।
रेलवे स्टेशन और भलकू म्यूजियम के बीच रेलिंग से लगाया फंदा
शिमला।हिमाचल के शिमला में सचिवालय में तैनात सुपरिटेंडेंट ने फंदा लगाकर जान दे दी है। व्यक्ति ने रेलवे ट्रेक के नीचे रेलिंग से फंदा लगाकर आत्महत्या की है।
बता दें कि मेहर सिंह (47) सचिवालय में कॉन्फिडेंशियल ब्रांच में सुपरिटेंडेंट तैनात थे। शिमला रेलवे स्टेशन और भलकू म्यूजियम के बीच मेहर सिंह ने रेलवे ट्रेक के नीचे रेलिंग से फंदा लगा लिया। मेहर सिंह शिमला में नाभा सरकारी आवास ब्लॉक एस टाइप 2 सेट नंबर 154 में परिवार सहित रहते थे।
वह मूल रूप से सुंदरनगर जिला मंडी के रहने वाले थे। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
निदेशक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदान की स्वीकृति
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम सीमित के निदेशक मंडल की 213वीं बैठक आयोजित की गई।
बैठक में निगम के कर्मचारियों को 01 जनवरी, 2022 से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गई। निदेशक मंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए निगम के कर्मचारियों को बोनस प्रदान करने का भी निर्णय लिया, जिससे लगभग 253 कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
बैठक में निगम में चार वर्ष का सेवाकाल पूर्ण कर चुके दैनिक भोगी सभी पात्र कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त 01 अप्रैल, 2023 से वन निगम के दैनिक भोगियों और पार्ट टाईम वर्कर्स को बढ़ी हुई दरों पर दिहाड़ी प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन निगम को सुदृढ़ करते हुए इसे एक आत्मनिर्भर एवं लाभदायी संगठन बनाने के लिए प्रदेश सरकार अपना पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि निगम में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए 100 वन मित्र की भर्ती की जाएगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन निगम को निजी भूमि पर चीड़ के पेड़ों से बिरोजा निकालने तथा राज्य से बाहर इसके परिवहन की समस्या को हल करने से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
इससे उत्पादक किसानों को लाभ प्राप्त होगा और प्रदेश के राजस्व में भी वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने बिरोजा सहित अन्य वन उत्पादों के निष्कर्षण एवं प्रसंस्करण में अत्याधुनिक तकनीक के समावेश पर बल दिया।\
उन्होंने निगम की कार्यप्रणाली के डिजिटलीकरण पर बल देते हुए निगम को ईंधन व ईमारती लकड़ी, बिरोजा सहित अन्य वन उत्पादों के बारे में लोगों को त्वरित सूचना उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत एक पोर्टल भी विकसित करने के निर्देश दिए।
बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, सचिव वन अमनदीप गर्ग, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (हॉफ) राजीव कुमार, वन निगम के प्रबन्ध निदेशक पवनेश कुमार शर्मा, कार्यकारी निदेशक संजय सूद सहित निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कुल्लू।हिमाचल की कुल्लू पुलिस के 11 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी डिस्क से सम्मानित किया गया है। कानून-व्यवस्था एवं सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा शिमला में आयोजित समारोह में उक्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी (DGP) डिस्क से सम्मानित किया।
डीजीपी डिस्क से सम्मानित होने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों में एसपी कुल्लू साक्षी वर्मा कार्तिकेयन, एएसपी आशीष शर्मा, डीएसपी राजेश कुमार, इंस्पेक्टर कुलवंत सिंह, एसआई धीरज सेन, एसआई भूप सिंह, एएसआई (ASI) नवनीत कुमार, मुख्य आरक्षी जगदीश कुमार, मुख्य आरक्षी अनुपम कुमार, आरक्षी प्रेम नाथ व आरक्षी सतीश कुमार शामिल हैं।
कुल्लू पुलिस ने डीजीपी डिस्क से सम्मानित होने वाले सभी पुलिस अधिकारियों तथा कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी हैं। बता दें कि शिमला के गेयटी थियेटर में आयोजित समारोह में हिमाचल पुलिस के 304 अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी डिस्क देकर सम्मानित किया है। इनमें 11 कुल्लू जिला से हैं।
शिमला।हिमाचल प्रदेश पुलिस 3 सितंबर 2023 को प्रतिष्ठित डीजीपी डिस्क सम्मान समारोह का आयोजन कर रही है। समारोह मल्टीपर्पज हॉल गेयटी थिएटर रिज शिमला में होगा। सम्मान समारोह में राज्यपाल हिमाचल प्रदेश शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
डीजीपी डिस्क अभिनंदन समारोह का उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखने, जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने में पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान को पहचानना और जश्न मनाना है। कार्यक्रम के दौरान पुलिस विभाग के लगभग सभी रैंकों के कुल 304 (वर्ष 2018 से 2021) पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
शिमला। हिमाचल में पुरानी पेंशन (OPS) को लेकर निर्देश और एसओपी जारी कर दी गई है। कर्मचारियों को काफी समय से इसका इंतजार था।
एसओपी (SOP) के अनुसार अगर कोई कर्मचारी एनपीएस (NPS) के तहत रहना चाहता है तो इन निर्देशों को जारी करने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प का प्रयोग करेगा, जिसे विधिवत रूप से नोटरीकृत किया जाएगा और कार्यालय के प्रमुख के पास जमा करवाया जाएगा।
ऐसे कर्मचारी (कर्मचारियों) को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (जिसे अंशदायी पेंशन योजना भी कहा जाता है) के तहत कवर किया जाना जारी रहेगा।
सरकारी कर्मचारी जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, के तहत शामिल होने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से साठ दिन के भीतर विकल्प देना होगा। ऐसे कर्मचारियों को अंडरटेकिंग भी देनी होगी। विकल्प और अंडरटेकिंग को नोटरीकृत किया जाएगा। इसे कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों द्वारा एक बार केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को चुनने का विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। यदि कोई कर्मचारी निर्धारित अवधि के भीतर किसी विकल्प का प्रयोग करने में विफल रहता है, तो यह माना जाएगा कि वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत जारी रहना चाहता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आने वाले और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972, जिसे पुरानी पेंशन योजना के रूप में भी जाना जाता है, को चुनने वाले कर्मचारियों को भी सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के तहत कवर किया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 के माध्यम से निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) के योगदान को 1 अप्रैल 2023 से रोक दिया जाएगा।
अब उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन 17 अप्रैल 2023 में आंशिक संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प चुनने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों (अर्थात कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) का अंशदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत जमा किया जाना जारी रहेगा।
किसी भी मामले में, यदि किसी कर्मचारी का अप्रैल, 2023 के महीने के लिए अंशदान, जिसने अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) का विकल्प चुना है, को उपरोक्त कार्यालय ज्ञापन के मद्देनजर रोक दिया गया था, तो वह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत उसका योगदान जमा करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे मामलों में सरकारी हिस्सा भी जमा किया जाएगा।
जिन सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुना है, उन्हें इन नियमों के तहत पेंशन लाभ का भुगतान किया जाएगा, बशर्ते कि सरकारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश/वापसी राज्य सरकार को जमा किया जाए। कर्मचारी, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत कवर किए गए थे और 15 मई 2003 से 31 मार्च 2023 की अवधि के बीच पहले ही सेवानिवृत्त/मृत्यु हो चुके हैं और जो केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं, ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी और मृत कर्मचारी के पात्र परिवार के सदस्य, संभावित तिथि से यानी 01 अप्रैल 2023 से पेंशन के हकदार होंगे। अन्य शर्तों के लिए एसओपी पढ़ें।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत आने वाले कर्मचारी और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 यानी पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी/छुट्टी नकदीकरण/जीआईएस से सरकारी योगदान और उस पर अर्जित लाभांश के समायोजन के लिए एक अंडरटेकिंग देनी होगी, यदि वे ऐसी राशि को सरकारी खाते में जमा करने में विफल रहते हैं। अधिक जानकारी के लिए पुरानी पेंशन को लेकर सरकार द्वारा जारी एसओपी पढ़ें।
कुल्लू। जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के कसोल में एक कंपनी के कर्मचारी की करंट लगने से जान चली गई। जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में साडा के तहत स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य चल रहा है और इस कार्य को SS सोलार प्राइवेट कंपनी कर रही है।
इसी दौरान स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए कंपनी के कर्मचारी और मजदूर काम कर रहे थे। अचानक मजदूरों और कर्मचारियों के हाथ से यह पोल फिसलकर साथ से गुजर रही बिजली की तारों पर जा गिरा, जिससे कंपनी के एक कर्मचारी को करंट लग गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक 23 वर्षीय रूप सिंह पुत्र लाभ सिंह निवासी मुराहग जिला मंडी के शव को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया और मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। शव को क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के शव गृह में पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एक अप्रैल से बंद हो जाएगा एनपीएस कर्मियों का अंशदान
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार की चौथी कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है। बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन को लेकर चर्चा के बाद बड़ा निर्णय हुआ है। जो कर्मचारी एनपीएस में ही रहना चाहते हैं वह सरकार को ऑप्शन दे सकते हैं। कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर निर्णय हुआ है।
कर्मचारियों को एनपीएस में रहने की सहमति सरकार को देनी होगी। NPS में जारी कर्मचारियों का अंशदान एक अप्रैल, 2023 से बंद हो जाएगा। बैठक में केंद्र सरकार के पास जमा एनपीएस कर्मचारियों के 8 हजार करोड़ रुपए वापस करने के लिए भी प्रस्ताव पारित किया गया है।
जिन एनपीएस कर्मियों की सेवा निवृत्ति 15-05-2003 के बाद हुई है उनको पुरानी पेंशन दी जाएगी। इनको GPF के अंतर्गत भी लाया जाएगा। पुरानी पेंशन लागू करने के लिए सरकार 2023-24 में एक हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करेगी। वित्त विभाग को नियमों में बदलाव करने व आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है।
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)के तहत 780 आशा वर्करों की नियुक्ति को हरी झंडी मिल गई है। कैबिनेट ने 780 आशा वर्कर नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र होंगे स्थापित
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया। उनके बजट भाषण के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे। अगले तीन वर्ष के भीतर लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी। ऑन-जॉब प्रशिक्षण, उद्योग भागीदारी और उद्योग की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों पर बल दिया। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे
वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान किए गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं। उज्ज्वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए। 102 करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए कोविड रोधी टीकाकरण का आंकड़ा 220 करोड़ से पार। 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए।
पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवरेज दिया गया है। पीएम सम्मान किसान निधि के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण। 5जी सेवाओं पर आधारित एप्लिकेशन विकसित करने के लिए 100 लैब्स स्थापित की जाएंगी, जिनसे नए अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोजगार संबंधी संभावनाओं को तलाशने में सहायता मिलेगी।
वरिष्ठ नागरिक बचत खाता योजना में अधिकतम जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी। कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य उद्योग को ध्यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा। पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना को 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मछली पालकों, मत्स्य विक्रेताओं और सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को अधिक सक्षम बनाना है। इससे मूल्य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जाएगा तथा बाजार तक पहुंच को बढ़ाया जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए सर्वोत्कृष्ट संस्थान के रूप में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान विकसित किए जाएंगे।
भूगोल, भाषा सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल बाल एवं किशोर पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। अवसंरचना में निवेश बढ़ाने और पूरक नीतिगत कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को 50 साल के ब्याज रहित कर्ज को 1 और साल के लिए जारी रखा जाएगा। अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को वृत्तिका सहायता प्रदान करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर शुरू किया जाएगा।
नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा। नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है। नई कर व्यवस्था में उच्च प्रभार दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके फलस्वरूप अधिकतम व्यक्तिगत आय कर दर में 39 प्रतिशत तक की कटौती होगी।
गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नकदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई। नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा। वस्त्रों और कृषि को छोड़कर बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या को 21 से घटाकर 13 किया गया। सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। जीएसटी के अंतर्गत अभियोजन की शुरुआत करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जाएगा।
कम्पाउंडिंग कर राशि की वर्तमान 50 से 150 प्रतिशत वर्तमान सीमा को घटाकर 25 से 100 प्रतिशत किया जाएगा। कुछ अपराधों को अपराधीकरण की सीमा से बाहर किया जाएगा। संबंधित रिटर्न विवरण को भरने की निर्धारित तिथि से न्यूनतम तीन वर्षों की अवधि तक रिटर्न विवरणी को भरने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। ई-वाणिज्य संचालनों (ईसीओ) के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए गैर-पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं को मिश्रित करदाताओं को सक्षम बनाया जाएगा।