ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला नूरपुर स्थित जसूर भाजपा कार्यालय में देर रात एक युवक द्वारा शीशे तोड़ने का मामला सामने आया है। कार्यालय में चौकीदार और कार्यालय में लगे सीसीटीवी की सहायता से बड़ी सूझबूझ के साथ युवक को मौके पर ही पकड़ लिया गया।
बता दें कि देर रात एक युवक अक्षय कुमार पुत्र रविंद्र कुमार निवासी काथल ने गेट के ऊपर से निकल कर कार्यालय के मेन दरवाजे को साथ में पड़े गमलों से तोड़ना शुरू कर दिया।
आवाज सुन कर अंदर सो रहा चौकीदार जाग गया। जब उसने बाहर आ कर देखा तो एक युवक शीशे तोड़ रहा था।
साथ ही अंदर आने की कोशिश कर रहा था। उसी समय उसने भाजपा जिला महामंत्री राजेश काका को फोन कर दिया। जितने समय में युवक और कुछ नुकसान करता या भागता राजेश काका ने उसे मौके पर पहुंच कर पकड़ लिया और पुलिस को बुला कर उनके हवाले कर दिया ।
डीएसपी विशाल वर्मा ने मामले की पुष्टि कर बताया कि अक्षय कुमार पुत्र रविंद्र कुमार निवासी काथल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा और आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शिमला। भाजपा ने महिलाओं को हर महीने दिए जाने वाले 15 सौ रुपए की गारंटी को पूरा करने के लिए भरवाए जा रहे फॉर्म को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। इसको लेकर बीजेपी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर शिकायत दर्ज करवाई गई है। विपक्ष ने श्री राम मंदिर के होर्डिंग हटाने के पर भी निशाना साधा है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को ठगने का काम कांग्रेस ने किया। वही काम अब दोबारा लोकसभा चुनाव से पहले किया जा रहा है। डेढ़ साल में 1500 रुपए नहीं दिए गए और न ही बजट में इसका कोई प्रावधान किया गया है।
अब फिर से यह फॉर्म भरवाए जा रहे हैं। चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लग जाती है। इन फॉर्म पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के फोटो लगे हैं, जो आचार संहिता का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर डीसी श्री राम मंदिर के होर्डिंग्स हटाने के आदेश दे रहे हैं, जोकि सरासर गलत है। यह होर्डिंग्स न तो भाजपा ने लगाए हैं और न ही होर्डिंग्स पर किसी नेता की फोटो है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की फोटो वाले होर्डिंग्स लगे हैं, जोकि आचार संहिता का उल्लंघन है। इसको लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि महिलाओं को 1500 रुपए के फॉर्म और होर्डिंग्स को लेकर शिकायत आई है। इसको जांचा जाएगा। वहीं, 24 घंटों में 38000 पोस्टर्स व बैनर्स को हटाया गया है। ये पूरा प्रोसेस 72 घंटों का होता है, जिसमें सभी पोस्टर्स बैनर्स, फ्लैग्स को हटा लिया जाएगा।
शिमला। हिमाचल में महिलाओं को दिए जाने वाले 1500 रुपए को लेकर भरे जाने वाले फॉर्म पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के फोटो को भाजपा ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि इसको लेकर चुनाव आयोग को शिकायत की गई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं को ठगने का काम कर रही है। पंद्रह महीने के बाद भी यह योजना शुरू नहीं हुई है।
वहीं, जयराम ठाकुर ने सचिव गृह और सचिव जीएडी (GAD) को चुनाव आयोग द्वारा बदलने को लेकर कहा कि यह सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है। सरकार को आचार संहिता लगने से पहले इस तरह के कदम उठाने चाहिए थे।
बिलासपुर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिलासपुर जिला के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के कलोल में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस बागियों सहित भाजपा पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा लोगों के वोट से सत्ता प्राप्त नहीं कर सकी। नोट के दम पर सत्ता प्राप्त करना चाहती है और लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल को मुख्यमंत्री की कुर्सी की भूख है। दोनों में भी लड़ाई है। अब उन्हें लग रहा है कि करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। 9 विधायकों को जेल की तरह रखा हुआ है। राज्यसभा वोटिंग के समय अनाडेल में एक हेलीकॉप्टर, दूसरा हेलीकॉप्टर आया।
अब तो बागियों के घरों में सिक्योरिटी लगा दी है। उनके परिवार वाले हमारे परिवार वालों की तरह हैं। अगर आपने ईमान बेचा है, आपके परिवार का सम्मान करते हैं। जो बिक जाते हैं वे कभी जनता के सच्चे सेवक नहीं होते हैं।
जनता का सेवक बनने के लिए त्याग करना पड़ता है, लेकिन आपने अपना सब कुछ बेच दिया। अब भाग रहे हैं। कभी फेसबुक द्वारा बात करते हैं। आपने अपने विधानसभा क्षेत्र के उन 30 हजार लोगों का अपमान किया, जिनके दम पर चुनकर विधायक बने। आपका अपना कोई अस्तित्व नहीं था। अस्तित्व पार्टियों का होता है।
में 40 साल के संघर्ष के बाद मुख्यमंत्री कुर्सी की कुर्सी पर पहुंचा। कई बार पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने मंत्री परिषद ऑफर दिया, मैंने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। हम आम परिवार के लोग हैं, हमें सत्ता नहीं चाहिए।
सत्ता के भूखे नोट के दम पर सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं। नोट के दम से सत्ता प्राप्त करने के बाद वे जनता से लूट घसोट करते हैं। अपनी ताकत पैसे के दम पर बनाने की कोशिश करते हैं। लोकसभा चुनाव में जनता ऐसे लोगों को जरूर सबक सिखाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बागी कभी पंचकूला, कभी हरिद्वार तो कभी गुड़गांव भाग रहे हैं। पिछले 20 दिन से हिमाचल नहीं आए हैं। उन्हें किस बात का डर है, हम तो कुछ नहीं कह रहे हैं। जो चोरी करने वाला और ईमान बेचने वाला डरता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बिलासपुर जिला के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के लिए विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण किए।
बिंदल ने नाहन से की शिमला संसदीय क्षेत्र के वाहन की शुरूआत
नाहन। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि रविवार यानी आज से हिमाचल प्रदेश के सभी स्थानों पर संकल्प पत्र सुझाव यात्रा का शुभारंभ किया गया।
चारों संसदीय क्षेत्रों में दो-दो अर्थात आठ वाहनों के माध्यम से प्रदेश के सभी वर्गों के सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर से सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं, ताकि देश के प्रत्येक वर्ग, समुदाय, जाति, धर्म, संप्रदाय की भागीदारी एनडीए का संकल्प पत्र में सुनिश्चित हो सके।
शिमला संसदीय क्षेत्र में चलने वाली गाड़ी की शुरुआत नाहन से करते हुए डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि इस गाड़ी में सुझाव पेटी लगी है, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव दे सकता है।
10 मार्च से 20 मार्च, 2024 तक यह आठ गाड़ियां पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर सुझाव आमंत्रित करेंगी। इसके अतिरिक्त हर शहर में 4-5 स्थानों पर सुझाव पेटी लगाई जा रही है, जिसमें जनता अपने सुझाव डाल सकती है। नमो ऐप व मिस्ड कॉल के माध्यम से भी जनता अपने सुझाव दे सकती है।
डॉ. बिंदल ने कहा कि आर्थिक मजबूती के कारण सड़कों और सुरंगों का निर्माण, रेलवे का विकास, हवाई मार्गों का विस्तार, पेयजल का विस्तार, नए-नए एम्स व आईआईएम का निर्माण स्वास्थ्य व शिक्षा में क्रांतिकारी सुधार संभव हो पाए। हिमाचल इसका बड़ा उदाहरण है, जहां पर फोरलेन नेशनल हाईवे का जाल बिछाया जा रहा है।
टनल के निर्माण से सड़कों की दूरी को कम किया जा रहा है। लगभग एक लाख करोड़ रुपए की सड़कों का निर्माण मोदी सरकार द्वारा हिमाचल में किया जा रहा है, जिससे आने वाले पांच साल में हिमाचल की दूरियां आधी रह जाएंगी।
मंडी। हिमाचल में मंडी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी पहुंचकर शिवरात्रि महोत्सव का आगाज किया। उन्होंने पड्डल मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा और बागियों पर जमकर वार किया। साथ ही जनक्रांति को लिए भी हुंकार भरी।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की सरकार पांच चलेगी। यह सरकार आम आदमी की सरकार है। गरीब, किसान और कर्मचारी के बेटे की सरकार है। यह आपकी (जनता) सरकार है।
मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी और की नहीं आपकी है। इस कुर्सी पर आपका अधिकार है। अगर कोई इस कुर्सी को चुराने की कोशिश करेगा तो जनता जन आंदोलन के रूप में उनके सामाने एक क्रांति की तरह खड़ी होंगी। उन्होंने पड्डल मैदान में पंडाल में बैठे लोगों से पूछा कि क्या आप इस क्रांति के लिए तैयार हैं।
उन्होंने लोगों से कहा कि आपकी आवाज विरोधियों के कानों तक पहुंचनी चाहिए। यह बता देना कि हिमाचल की जनता भ्रष्ट और बिकाऊ एमएलए (MLA) को स्वीकर नहीं करेगी। एक बार फिर मुख्यमंत्री ने लोगों से पूछा कि क्या आप जनक्रांति के लिए तैयार हैं या नहीं।
जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम सुक्खू ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा नेताओं से भी कहा कि 9 विधायक, जिसमें 6 कांग्रेस के हैं को उनके परिवार से तो मिलने दो। उन्हें अपने परिवार के पास तो जाने दो। अब उन्हें उत्तराखंड के ऋषिकेश ले जाया गया।
यह जनता का डर है। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है, नेता कोई बड़ा नहीं होता है। ताकत जनता के हाथ है। आपके हाथ में वोट की ताकत है। इन्हें मजा चखाने के लिए जनता के पास लोकसभा चुनाव में समय आएगा।
उन्होंने कहा कि हमने खनन माफिया पर शिकंजा कसा। उन्हें पता था कि खनन माफिया गिरोह भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर हमारे खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। 27 फरवरी को राज्यसभा का चुनाव था। कांग्रेस विधायक के सभी विधायकों से कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी को वोट डालेंगे। पर 6 कांग्रेस विधायकों ने खिलाफ वोट डाला।
ऐसा क्यों इसको लेकर मैंने जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की तो पता चला कि यहां अंतर आत्मा की आवाज नहीं थी, यहां धन आत्मा की आवाज से उन लोगों ने वोट डाला है, जिससे कांग्रेस प्रत्याशी की चुनाव में हार हुई। राज्यसभा चुनाव के अगले दिन बजट पास होना था। अगर बजट पास न होता तो सरकार गिर जाती। उस बजट में आम लोगों, किसान और महिलाओं के लिए योजनाएं थीं।
सीएम सुक्खू ने कहा कि मैं आम परिवार से निकलकर राजनीति की इस कुर्सी पर पहु्ंचा हूं। मैं कभी मंत्री नहीं रहा। संघर्ष से इस कुर्सी पर पहुंचा। जिस प्रकार इस कुर्सी को चुराने की कोशिश भाजपा के नेता कर रहे हैं, वे कभी सफल नहीं होंगे। क्योंकि यह आम जनता की कुर्सी है, किसान के बेटे, कर्मचारी के बेटे कुर्सी है।
इसको छीनने की कोशिश करेंगे तो आम जनता हमारे साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलेगी और उसका मुंहतोड़ जवाब देगी। जो लोग चुराकर लोकतंत्र की गद्दी पर बैठना चाहते हैं, जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि बागी 9 दिन पंचकूला के होटल में ठहरे। ऐसा क्या डर है कि पंचकूला से प्राइवेट प्लेन द्वारा देहरादून ले जाया गया। वहां से ऋषिकेश ताज होटल ले जाया गया। जो धन आत्मा के बल पर गए हैं, भगवान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। यह अंतरआत्मा नहीं थी, यह धन आत्मा थी।
शिमला। हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत के साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। इससे सुक्खू सरकार पर संकट मंडरा गया था।
तमाम गतिरोध के चलते कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और भूपेश बघेल को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा था।
होटल सिसिल में ऑब्जर्वर ने हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, विक्रमादित्य सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की। सबसे मुलाकात के बाद तय हुआ कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे को लेकर दबाव नहीं डालेंगे।
मीडिया से बातचीत में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑब्जर्वर ने पहले पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह से बातचीत की और बाद में विक्रमादित्य सिंह के साथ बात की और इनकी राय जानी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा कि वह विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। अब तय हुआ है कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे यानी प्रेस नहीं करेंगे।
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जो ऑब्जर्वर आए हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों से राय ली है। मेरा मानना है कि व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण संगठन होता है और संगठन को बनाए रखना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है।
मैंने जो सुबह इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने नकारा था। पार्टी हित में मैं उसे प्रेस नहीं करना चाहूंगा। संकट को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि किसी प्रकार का संकट नहीं था, मात्र एक क्रिएशन थी। हर तरीके का हल होता है, बस सकारात्मक सोच होनी चाहिए।
शिमला। हिमाचल की राजनीति में खलबली मच गई है। राज्यसभा चुनावों में बड़ी हार के बाद कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। विक्रमादित्य ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र के खिलाफ है।
इस तरह का घटनाक्रम हिमाचल में चिंतजनक है। क्या कारण रहे यह जानना जरूरी है। 2022 में विधानसभा चुनाव हुए उस समय सभी ने मिलकर चुनाव लड़े। वीरभद्र का नाम चुनावों में इस्तेमाल किया गया, सबके योगदान से सरकार बनी। एक साल की सरकार की कार्यप्रणाली पर बेबाक तरीके से कहना जरूरी है।
एक साल की सरकार की व्यवस्था में सरकार में विधायकों को दबाने की कोशिश हुई जिसका ये परिणाम है। हाई कमान के सामने मामला उठाया लेकिन जिस तरह से होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ।
प्रदेश के युवा नौजवान साथियों ने सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्या सरकार उनके लिए कुछ कर पाई हैं? केवल ये कहना कि हमने किया है? ये सब घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
दुख के साथ कहना पड़ रहा है मुझे कई मौके पर अपमानित करने की कोशिश की गई है। मैं किसी भी प्रैशर में आने वाला नहीं हूं। वीरभद्र सिंह के जो प्रिंसिपल हैं हम उसी राह पर चलेंगे, लेकिन कोई हमारी आवाज और अस्तित्व को दबाने और मिटाने की कोशिश करेगा वह सहन नहीं होगा।
कांग्रेस हाई कमान को इसके बारे में अवगत कराया गया है। अब गेंद हाई कमान के पाले में हैं। जिसके नाम पर सरकार बनी उसके लिए दो गज जमीन माल रोड़ पर नहीं मिली। विक्रमादित्य सिंह ने रोते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने के लिए मालरोड पर दो गज जमीन तक उपलब्ध नहीं करवाई गई।
विक्रमादित्य ने रोते हुए कहा कि हम इमोशनल लोग हैं भावनात्मक रूप से, मैं बहुत आहात हूं। किस वजह से ये हुआ हाई कमान को ये देखना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमने पार्टी का हर मोके पर साथ दिया है। आने वाले समय में कोई ऐसा कदम नहीं उठाऊंगा जिससे किसी को ठेस लगे। मैं इस सरकार से इस्तीफा देता हूं।
शिमला। बहुमत की सुक्खू सरकार की राज्यसभा चुनाव में फजीहत हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए हैं। वहीं, कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए हर्ष महाजन चुनाव जीत गए हैं।
हिमाचल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की फजीहत के कारणों की बात करें तो बागी नेताओं की अनदेखी के बाद कांग्रेस हाईकमान द्वारा बाहरी प्रत्याशी थोपना आग में घी का काम कर गया।
बता दें कि राज्यसभा सांसद के रूप में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। इसके चलते हिमाचल में एक सीट पर राज्यसभा चुनाव हुआ है।
राज्यसभा चुनाव की आहट के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर भी अटकलें तेज हो गईं। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी के हिमाचल से राज्यसभा जाने की अटकलें लगती रहीं। जब राज्यसभा चुनाव का बिगुल बजा तो नामांकन के आखिरी दिन से एक दिन पहले कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
कहीं न कहीं इस फैसले से कांग्रेस के अंदर भी चर्चाएं हुईं। पर हाईकमान के निर्णय के आगे कोई कुछ कह न पाया। कुछ नेताओं को ऐसा भी लगा कि हिमाचल में कोई सक्षम नेता नहीं था, जिसे प्रदेश हित में राज्यसभा भेजा जाता।
वहीं, हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेता हाशिए पर आ गए। इसमें सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा प्रमुख हैं। कांग्रेस में अंतर्कलह किसी से छिपी नहीं थी।
जब कांग्रेस ने बाहरी को प्रत्याशी बनाया तो भाजपा भी एक्टिव मोड़ में आ गई।
राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर पत्ते न खोलने वाली भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन भरने से पहले अपने प्रत्याशी हर्ष महाजन का नामांकन भरवा दिया। इससे पहले ऐसी किसी भी प्रकार की चर्चाएं राजनीति के गलियारों में नहीं थीं। भाजपा के इस फैसले ने सबको चौंका दिया।
भाजपा, कांग्रेस की अंतर्कलह के साथ बाहरी प्रत्याशी को लेकर कुछ कांग्रेस विधायकों की नाराजगी को भुनाने में जुट गई। भाजपा एक तीर से दो निशाने की फिराक में थी।
एक विधायकों की नाराजगी से राज्यसभा सीट जीतना और दूसरा सरकार को अस्थिर करना। हुआ भी ऐसा। कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। वहीं, निर्दलीय भी भाजपा के साथ चले। बहुमत की सरकार के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
शिमला। हिमाचल राज्यसभा चुनाव ने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी है। भाजपा हिमाचल की सुक्खू सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा है कि सरकार अभी अल्पमत में नहीं है।
दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव के नतीजे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बीजेपी विधायक दल के साथ विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से उनके कार्यालय में मुलाकात की।
मांग की है कि बजट पारित करने के लिए डिवीजन ऑफ वोट की मांग की। कट मोशन डिवीजन ऑफ वोट से होना चाहिए। जब भी फाइनेंशियल बिल पारित हो तो फ्लोर टेस्ट हो।