शिमला। हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत के साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। इससे सुक्खू सरकार पर संकट मंडरा गया था।
तमाम गतिरोध के चलते कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और भूपेश बघेल को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा था।
Breaking : हिमाचल लोक सेवा आयोग ने इन पदों पर शुरू की भर्ती, 27 तक करें आवेदन
होटल सिसिल में ऑब्जर्वर ने हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, विक्रमादित्य सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की। सबसे मुलाकात के बाद तय हुआ कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे को लेकर दबाव नहीं डालेंगे।
HPBose : 10वीं, 12वीं और SOS बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ी अपडेट-जानें
मीडिया से बातचीत में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑब्जर्वर ने पहले पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह से बातचीत की और बाद में विक्रमादित्य सिंह के साथ बात की और इनकी राय जानी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा कि वह विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। अब तय हुआ है कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे यानी प्रेस नहीं करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बोले- आज नहीं तो कल यह सरकार जानी है
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जो ऑब्जर्वर आए हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों से राय ली है। मेरा मानना है कि व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण संगठन होता है और संगठन को बनाए रखना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है।
मैंने जो सुबह इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने नकारा था। पार्टी हित में मैं उसे प्रेस नहीं करना चाहूंगा। संकट को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि किसी प्रकार का संकट नहीं था, मात्र एक क्रिएशन थी। हर तरीके का हल होता है, बस सकारात्मक सोच होनी चाहिए।