पहले ही मिल चुके थे संकेत
शिमला। बहुमत की सुक्खू सरकार की राज्यसभा चुनाव में फजीहत हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए हैं। वहीं, कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए हर्ष महाजन चुनाव जीत गए हैं।
हिमाचल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की फजीहत के कारणों की बात करें तो बागी नेताओं की अनदेखी के बाद कांग्रेस हाईकमान द्वारा बाहरी प्रत्याशी थोपना आग में घी का काम कर गया।
हिमाचल राज्यसभा चुनाव : कांग्रेस को बड़ा झटका, भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत
राज्यसभा चुनाव की आहट के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर भी अटकलें तेज हो गईं। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी के हिमाचल से राज्यसभा जाने की अटकलें लगती रहीं। जब राज्यसभा चुनाव का बिगुल बजा तो नामांकन के आखिरी दिन से एक दिन पहले कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
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कहीं न कहीं इस फैसले से कांग्रेस के अंदर भी चर्चाएं हुईं। पर हाईकमान के निर्णय के आगे कोई कुछ कह न पाया। कुछ नेताओं को ऐसा भी लगा कि हिमाचल में कोई सक्षम नेता नहीं था, जिसे प्रदेश हित में राज्यसभा भेजा जाता।
वहीं, हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेता हाशिए पर आ गए। इसमें सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा प्रमुख हैं। कांग्रेस में अंतर्कलह किसी से छिपी नहीं थी।
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राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर पत्ते न खोलने वाली भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन भरने से पहले अपने प्रत्याशी हर्ष महाजन का नामांकन भरवा दिया। इससे पहले ऐसी किसी भी प्रकार की चर्चाएं राजनीति के गलियारों में नहीं थीं। भाजपा के इस फैसले ने सबको चौंका दिया।
एक विधायकों की नाराजगी से राज्यसभा सीट जीतना और दूसरा सरकार को अस्थिर करना। हुआ भी ऐसा। कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। वहीं, निर्दलीय भी भाजपा के साथ चले। बहुमत की सरकार के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।