शिमला। खस्ता वित्तीय स्थिति से गुजर रही हिमाचल सरकार ने लटके पड़े प्रोजेक्ट्स का ठीकरा पूर्व भाजपा सरकार पर फोड़ते हुए कहा है कि पूर्व भाजपा सरकार में इन्वेस्टर मीट के नाम पर केवल एमओयू ही साइन हुए और करोड़ों रुपए इसके लिए खर्च किया गया।
जमीनी स्तर पर एक भी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया। लगभग 31 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लटके पड़े हैं। इन प्रोजेक्ट को सरकार शुरू करवाने की तरफ बढ़ रही है और इसके लिए आज निवेशकों को बुलाया गया है ताकि प्रोजेक्ट्स शुरू न होने के कारणों का पता करके उसका समाधान किया जा सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में हिमाचल के हितों को बेचा गया और हाइड्रो पावर के प्रोजेक्ट में हिमाचल के हिस्सेदारी को भी कम किया गया। जिंदगी भर के लिए प्रोजेक्ट्स निजी हाथों में दिए गए।
सरकार सभी को रिव्यू कर रही है और कोशिश कर रही है हिमाचल के हित में निवेश लाकर प्रोजेक्ट्स शुरू हो सके ताकि आर्थिक स्थिति भी ठीक हो और लोगों को रोजगार भी मिले। गौरतलब है कि सबसे ज्यादा उद्योग विभाग के 46, पॉवर के 20 और पर्यटन के 14 प्रोजेक्ट्स लटके पड़े हैं जो शुरू नहीं हो पाए हैं।
प्रदेश में 13 स्थानों पर बनेंगे मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई है। कैबिनेट बैठक के दौरान वर्ष 2023-24 के लिए बार की समयावधि दोपहर 12 बजे से प्रातः एक बजे तक निर्धारित करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
कैबिनेट की बैठक में पावर डैवल्पर्ज से राज्य में विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं पर जल उपकर लगाने के बारे में चर्चा के लिए सचिव, ऊर्जा, की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। इस कमेटी में जल शक्ति विभाग, वित्त विभाग और विधि विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
कांगड़ा ज़िला के ज्वालामुखी और फतेहपुर तथा हमीरपुर ज़िला के भोरंज में प्राथमिक स्तर तक राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए निर्माण गतिविधियां आरंभ करने की अनुमति प्रदान की। प्रदेश में 13 स्थानों पर ऐसे स्कूलों का निर्माण शुरू करने के लिए कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है।
हिमाचल कैबिनेट ने किरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिलासपुर जिला के भघेड़, मंडी जिला के नेरचौक और कुल्लू जिला के भुंतर में हाईवे-सह-पर्यटक पुलिस थाने खोलने तथा इन थानों को क्रियाशील करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को सृजित करने तथा भरने की अनुमति प्रदान की।
कैबिनेट ने रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कागज रहित पंजीकरण प्रणाली आरंभ करने को भी मंजूरी प्रदान की। जिला शिमला के राजकीय महाविद्यालय धामी में विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों के सृजन तथा भरने सहित मेडिकल तथा नॉन मेडिकल कक्षाएं आरम्भ करने के लिए स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। बैठक में कारागार विभाग में जेल वार्डरों के 69 पद भरने का निर्णय लिया। कारागार विभाग में सोलन जिले के उप-कारागार नालागढ़ (किशनपुरा) में विभिन्न श्रेणियों के 20 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
हिमाचल कैबिनेट बैठक में अंशकालिक पंचायत चौकीदारों के मासिक मानदेय को 6,200 से बढ़ाकर 6,700 रुपए करने का निर्णय लिया, जो 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। इससे 3226 पंचायत चौकीदार लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त पंचायतीराज संस्थाओं के चयनित प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय भी लिया।
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई है। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। बैठक में कारागार विभाग में जेल वार्डरों के 69 पद भरने का निर्णय लिया। कारागार विभाग में सोलन जिले के उप-कारागार नालागढ़ (किशनपुरा) में विभिन्न श्रेणियों के 20 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
हिमाचल कैबिनेट बैठक में अंशकालिक पंचायत चौकीदारों के मासिक मानदेय को 6200 से बढ़ाकर 6700 रुपए करने का निर्णय लिया, जो 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। इससे 3226 पंचायत चौकीदार लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त पंचायतीराज संस्थाओं के चयनित प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय भी लिया।
कैबिनेट की बैठक में पावर डैवल्पर्ज से राज्य में विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं पर जल उपकर लगाने के बारे में चर्चा के लिए सचिव, ऊर्जा, की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। इस कमेटी में जल शक्ति विभाग, वित्त विभाग और विधि विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
कांगड़ा ज़िला के ज्वालामुखी और फतेहपुर तथा हमीरपुर ज़िला के भोरंज में प्राथमिक स्तर तक राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए निर्माण गतिविधियां आरंभ करने की अनुमति प्रदान की। प्रदेश में 13 स्थानों पर ऐसे स्कूलों का निर्माण शुरू करने के लिए कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने किरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिलासपुर जिला के भघेड़, मण्डी जिला के नेरचौक और कुल्लू जिला के भुंतर में हाईवे-सह-पर्यटक पुलिस थाने खोलने तथा इन थानों को क्रियाशील करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को सृजित करने तथा भरने की अनुमति प्रदान की। बैठक के दौरान वर्ष 2023-24 के लिए बार की समयावधि दोपहर 12 बजे से प्रातः एक बजे तक निर्धारित करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
कैबिनेट ने रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कागज रहित पंजीकरण प्रणाली आरंभ करने को भी मंजूरी प्रदान की। जिला शिमला के राजकीय महाविद्यालय धामी में विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों के सृजन तथा भरने सहित मेडिकल तथा नॉन मेडिकल
भाजपा सांसदों कश्यप और सिकंदर ने घेरी सुक्खू सरकार
शिमला।भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप और राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम एवं मंत्री केंद्र में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करते हैं, उनको गुलदस्ते देते हैं और दंडवत प्रणाम करते हैं। साथ ही हिमाचल से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स की डीपीआर केंद्रीय मंत्रियों को सौंपते हैं, जिनके ऊपर पीएम नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार तुरंत प्रभाव से काम करती है और हिमाचल प्रदेश को उन सभी कामों के लिए पैसा प्रदान करती है।
पर यह कैसी विडंबना है, जब कांग्रेस पार्टी के समस्त नेतागण हिमाचल आते हैं तो केवल मात्र केंद्र सरकार को कोसने का काम करते हैं, यही कांग्रेस नेता केंद्र की सरकार और मंत्रियों के साथ दोषारोपण की राजनीति करते हैं।
आज से 6 दिन पहले जब मुख्यमंत्री केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिले और उनको हिमाचल प्रदेश से जुड़े मुद्दों के बारे में अवगत करवाया। अगर पिछले कुछ दिन की बात करें तो मुख्यमंत्री केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से भी मिले।
हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री जब भी दिल्ली जाते हैं तो अनेकों मंत्रियों से मिलते हैं, इसमें कुछ समय पहले वह केंद्र मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मिले थे और उनको भी योजनाओं से अवगत करवाया था और उनके लिए बजट भी मांगा था। अपने क्षेत्र की एक योजना के लिए 340 करोड़ डिप्टी सीएम द्वारा मांगे गए थे।
ऐसे अनेकों उदाहरण है कि कौन-कौन, कब-कब और किस-किस केंद्र मंत्री से मिला। आज तक जो पैसा केंद्र ने हिमाचल प्रदेश को दिया उसके लिए वर्तमान सरकार ने कभी भी केंद्र सरकार का धन्यवाद नहीं किया, केवल मात्र केंद्र सरकार को लेकर दोषारोपण की राजनीति की।
उन्होंने कहा कि हम वर्तमान कांग्रेस सरकार से यह पूछना चाहते हैं कि जो 10 गारंटियां कांग्रेस सरकार ने दी थीं, वह कहां गई। आज भी हिमाचल प्रदेश का बेरोजगार युवा अपनी नौकरियों का इंतजार कर रहा है। आपने कहा था कि हिमाचल प्रदेश के 5 लाख युवाओं को नौकरी देंगे, सालाना 1 लाख युवाओं को नौकरी देंगे,कहां हैं यह नौकरियां ?
कांग्रेस सरकार ने कहा था कि 22 लाख बहनों को 1,500 प्रति माह देंगे, पर कहां है यह 1500 रुपए ? जिन महिलाओं की यह लोग बात कर रहे हैं कि हम 1500 दे रहे हैं उनको हिमाचल सरकार ने जयराम ठाकुर के शासनकाल में ही 1,350 रुपए देने शुरू कर दिए थे, आपने तो केवल मात्र 150 रुपए बढ़ाने का काम ही किया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है। बैठक सचिवालय शिखर सम्मेलन हॉल में हो रही है। कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज दोपहर बाद 3 बजे के बाद शुरू हुई है। बैठक में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार मौजूद नहीं हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। सरकार बड़े फैसले ले सकती है। विभागों में खाली पद भरने को लेकर भी निर्णय हो सकता है।
बैठक में सीएम की विभिन्न बजट घोषणाओं पर फैसले होंगे। इसमें कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के मानदेय बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है।
बैठक में 31 सरकारी स्कूलों का दर्जा बहाल करने को लेकर चर्चा हो सकती है। बीते दिनों सुक्खू सरकार ने एक अप्रैल 2022 के बाद स्तरोन्नत हुए 70 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का विद्यार्थियों की कम संख्या होने पर दर्जा घटा दिया था।
अभिभावकों के विरोध और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह व पूर्व विधायक आशा कुमारी के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने इस मामले पर दोबारा विचार करने का फैसला लिया था। 31 मार्च और 15 अप्रैल, 2023 के दाखिलों की जगह 29 मई तक स्कूलों में हुए दाखिलों को आधार बनाते हुए स्कूलों के दर्जे को लेकर आगामी निर्णय लेने की बात कही थी।
इसी कड़ी में शिक्षा निदेशालय ने सरकार को दाखिलों की नई रिपोर्ट भेजी है। इसमें 70 स्कूलों में से 31 में विद्यार्थियों के दाखिले बढ़ गए हैं। ऐसे में अब कैबिनेट बैठक में इन 31 स्कूलों का दर्जा बढ़ाने का फैसला हो सकता है। इसके अलावा राज्य सरकार की आमदनी बढ़ाने के कई उपायों पर भी कैबिनेट की बैठक में फैसले होंगे।
शिमला।जल शक्ति विभाग में नौकरी से निकाले कर्मचारियों ने शिमला में धरना दिया। सरकार से मांग की है कि किसी नीति के तहत काम पर रखा जाए। साथ ही सात से आठ हजार मानदेय दिया जाए। बता दें कि हिमाचल में पिछले पांच से 12 साल से जल शक्ति विभाग में 1,571 पार्ट टाइम वर्कर काम (आउटसोर्स) आधार पर लगाए थे, जिनको मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार के कार्यकाल में बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
इसको लेकर पार्ट टाइम वर्कर लगातार सरकार से नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने मंगलवार शिमला में धरना दिया। इनकी मांग है कि जल शक्ति विभाग में इनकी सेवाओं को सरकार बहाल करें। साथ ही इनके लिए कोई नीति बनाए।
जल शक्ति विभाग में लगे पार्ट टाइम वर्कर के अध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि पिछले पांच से 12 साल से प्रदेश में पार्ट टाइम वर्कर आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं, जिनको तीन हजार से लेकर 3,500 रुपये प्रति माह मिलते हैं, लेकिन 30 दिसंबर 2022 को कंपनी का टेंडर खत्म हो गया। बावजूद इसके इनसे विभाग में 3 महीने तक सेवाएं ली गईं। इसके बाद काम पर आने से मना कर दिया।
समस्त कर्मचारियों ने कोरोना जैसी महामारी में भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। अब सरकार से मांग है कि उनको किसी नीति के तहत काम पर रखें और उनको सात से आठ हजार तक मानदेय दिया जाए। ऐसा न हो कि बेरोजगार युवाओं को एक साथी की तरह आत्महत्या को मजबूर होना पड़े।
कांगड़ा। हिमाचल के बेरोजगार युवाओं के लिए मल्टीनेशनल कंपनियों, सेमी गवर्नमेंट, हॉस्पिटल, निजी बैंकों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में नौकरी पाने का बेहतरीन मौका मिलने जा रहा है।
प्रदेश की भर्ती एजेंसी एचपी सर्विस सिलेक्शन ऑर्गेनाइजेशन ने विभिन्न श्रेणियों के 539 पदों को भरने के लिए प्रदेश के इच्छुक महिला व पुरुष उम्मीदवारों से 15 जून 2023 शाम 5 बजे तक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन मांगें हैं। सभी आवेदन पत्र ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
भर्ती एजेंसी के व्हाट्सएप नंबर 98164-37434 पर आवेदन भेजे जा सकते हैं। एजेंसी को साधारण एप्लीकेशन लिखकर पदनाम सहित अपना बायोडाटा फोन नंबर सहित, आधार कार्ड, पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र लेटेस्ट, हिमाचली बोनाफाइड, रोजगार कार्यालय पंजीकरण प्रमाण पत्र एवं शैक्षणिक योग्यता के मूल प्रमाण पत्रों की छाया प्रति स्कैन साधारण एवं पीडीएफ फाइल बनाकर अपना आवेदन पत्र के साथ भेजनी होगी।
उम्मीदवारों को आवेदन करते समय पोस्ट नाम/ पदनाम लिखना अनिवार्य किया गया है। निर्धारित तिथि के बाद मिलने वाले आवेदनों पर कोई गौर नहीं किया जाएगा।
इन पदों के लिए उम्मीदवार की आयु सीमा 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक निर्धारित की गई है, जबकि अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष तक की छूट का प्रावधान है।
इन पदों के लिए उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता 8वीं , 10वीं, 12वीं, स्नातक, स्नातकोत्तर, एमबीए मार्केटिंग /फाइनेंस, एमसीए, बीबीए, (डीसीए) डिप्लोमा कंप्यूटर एप्लीकेशन, बीसीए, पीजीडीसीए, बीएससी बीएड, एमएससी साइंस, बीटेक, एमटेक, पोस्ट ग्रेजुएट एवं संबंधित ट्रेड से डिप्लोमा/ डिग्री हिमाचल सरकार एवं भारत सरकार के किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान /बोर्ड /यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया है।
एजेंसी द्वारा उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा और साक्षात्कार /इंटरव्यू के आधार पर ही चयन किया जाएगा। लिखित परीक्षा भर्ती एजेंसी द्वारा 18 जून 2023 को ऑनलाइन ही ली जाएगी।
यहां स्पष्ट बता दें कि सभी पदों की लिखित परीक्षा के लिए सभी श्रेणियों के वर्गों के लिए जनरल, एससी, एसटी, ओबीसी, एपीएल, बीपीएल, पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता सेनानी, फ्रीडम फाइटर, दिव्यांग, अनुसूचित जाति, के वर्गों के लिए निर्धारित आवेदन शुल्क 2,055 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है, जोकि नॉन रिफंडेबल रहेगा।
सभी पदों की लिखित परीक्षा में हिमाचल सामान्य ज्ञान, एवरीडे साइंस, जनरल हिंदी, जनरल इंग्लिश, गणित, कंप्यूटर न्यूमेरिकल एटीट्यूड , हिमाचल हिस्ट्री (समाजशास्त्र) से संबंधित 150 ऑब्जेक्टिव टाइप एमसीक्यू प्रश्न पूछे जाएंगे।
जबकि लिखित परीक्षा का परिणाम 24 जुलाई 2023 को एजेंसी की ऑफिशियल / अधिकारिक वेबसाइट www.hpussa.in एवं अन्य मीडिया वेबसाइट में इनरोलमेंट नंबर, कैटेगरी, उम्मीदवार के नाम सहित घोषित किया जाएगा।
इंटरव्यू प्रक्रिया 20 क्रमांक की होगी, जिसमें सभी पदों की इंटरव्यू प्रक्रिया में (HP GK LATEST) हिमाचल सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू प्रक्रिया में पारदर्शिता दिखाने के लिए भर्ती प्रक्रिया की ऑडियो / वीडियो रिकॉर्डिंग रिकॉर्ड हेतु मुख्य कार्यालय में सुरक्षित रहेगी, जिसमें उम्मीदवार भविष्य में अपनी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता जानने के लिए (P.I.O) पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर शिमला से आरटीआई “सूचना का अधिकार” लेकर अपनी भर्ती प्रक्रिया की जांच कर सकता है। यह सभी पद हिमाचल प्रदेश के लिए ही अधिसूचित /आरक्षित किए गए हैं।
चयनित उम्मीदवारों को हिमाचल प्रदेश के किसी भी जिले में तैनाती दी जा सकती है। सभी सिलेक्टेड उम्मीदवारों को जुलाई माह के अंत में ज्वाइनिंग दे दी जाएगी। एनजीओ द्वारा चुने गए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र/ ज्वाइनिंग ऑर्डर भारतीय डाक माध्यम द्वारा एवं उम्मीदवारों की जीमेल आईडी पर भेज दिए जाएंगे।
सभी उम्मीदवार आवेदन करते समय पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र लेटेस्ट/ पुलिस स्टेशन/ पुलिस अधीक्षक/ एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट दंडाधिकारी द्वारा जारी किया गया अवश्य भेजें। किसी भी उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड कोर्ट / न्यायालय में विचाराधीन नहीं होना चाहिए।
किसी भी उम्मीदवार की ज्वाइनिंग/ नियुक्ति के बाद आपराधिक रिकॉर्ड पता लगता है, तब भर्ती एजेंसी के पास उम्मीदवार को नौकरी से तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा। भर्ती एजेंसी द्वारा चुने गए उम्मीदवारों का मासिक वेतनमान (कॉस्ट टू कंपनी) सीटीसी ग्रेड पे- 10,760/- रुपए से लेकर 34,940/-रुपए मासिक तौर पर दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रोविडेंट फंड, ईएसआई, मेडिकल इंश्योरेंस, दुर्घटना बीमा, प्रमोशन , इंसेंटिव एवं अन्य वित्तीय लाभ भी दिए जाएंगे। इच्छुक उम्मीदवार अधिकतर जानकारी के लिए एजेंसी के मोबाइल नंबर 6230406027 , 8988114000 पर संपर्क कर सकते हैं।
शिमला।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूर्व भाजपा सरकार द्वारा विरासत में छोड़े गए 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज तथा वर्तमान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों के कारण ठीक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार सक्रिय रूप से संसाधन जुटाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें उन केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की विद्युत परियोजनाओं में बड़ी हिस्सेदारी की मांग करना शामिल है, जिन्होंने अपनी लागत वसूल कर ली है। इसके अलावा, सरकार को शराब की दुकानों की नीलामी से 40 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद विकास की गति को बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार संसाधनों को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि धन की कमी राज्य की प्रगति में बाधा न बने।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए बाहरी सहायता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से सहायता के नए प्रस्तावों पर अधिकतम सीमा निर्धारित की है। यह प्रतिबंध 2023-24 से 2025-26 तक तीन वर्षों के लिए लागू रहेगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 की समाप्ति तक हिमाचल प्रदेश भारत सरकार से मात्र 2,944 करोड़ रुपये के प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए पात्र होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के निर्णय से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए उधार सीमा से 1,779 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। इसके अतिरिक्त, खुले बाजार से उधार लेने की सीमा को गत वर्ष की तुलना में लगभग 5,500 करोड़ रुपये कम कर दिया गया है। दिसंबर 2023 तक प्रदेश सरकार को 4,259 करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति मिली है, साथ ही प्रदेश को लगभग 8,500 करोड़ रुपये के लिए अतिरिक्त अनुमति प्राप्त होने की भी उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार संसाधन जुटाने पर विशेष बल दे रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य उधार पर निर्भरता कम करना और राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं और समाज के सभी वर्गों के सहयोग से प्रदेश सरकार का लक्ष्य अगले दस वर्ष के भीतर हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना है।
शिमला।केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश सरकार की कर्ज की सीमा को 14,500 करोड़ से घटाकर 9,000 करोड़ सालाना कर दिया है। वहीं, विदेशी बैंकों द्वारा फंडेड विभिन्न योजनाओं की लिमिट भी तय कर दी है, जिससे हिमाचल प्रदेश का विकास आने वाले दिनों में प्रभावित होने वाला है। कांग्रेस उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मोदी सरकार ने प्रदेश सरकार की कर्ज सीमा को घटा दिया है, जबकि सीमा बढ़नी चाहिए थी।
वहीं, विदेशी बैंकों द्वारा वित्तपोषित योजनाओं की लिमिट भी तय कर दी है, जिससे हिमाचल प्रदेश की विकास योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार इस चुनौती से लड़ने के लिए भी तैयार है।
नरेश चौहान ने कहा कि संसाधनों को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वाटर सेस भी उनमें से एक निर्णय है, जिससे प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होगी। केंद्र सरकार हिमाचल के विकास को रोकने में लगी है, लेकिन हिमाचल सरकार प्रदेश के विकास को थमने नहीं देगी।
शिमला। दिल्ली-शिमला-रामपुर हरियाणा रोडवेज की बस सेवा फिर से शुरू हो गई है। हरियाणा रोडवेज झज्जर की बस वाया बॉर्डर, पानीपत, करनाल, पिपली, अंबाला, जीरकपुर, धर्मपुर, कुफरी, फागू, बड़ोग, मटियाना और नारकंडा होकर चलती है। बस झज्जर से शाम 6 बजे चलती है।
दिल्ली आईएसबीटी से रात 9 बजकर 40 मिनट, पानीपत से रात 11 बजकर 50 मिनट, करनाल से रात 12 बजकर 30 मिनट, अंबाला से रात 1 बजकर 40 मिनट, चंडीगढ़ 43 सेक्टर से अलसुबह 3 बजकर 20 मिनट और शिमला से सुबह 8 बजे चलती है।
वापसी की बात करें तो रामपुर से दिल्ली के लिए रात 9 बजे निकलती है। शिमला से रात करीब डेढ़ बजे रवाना होती है। आने वाले दिनों में समय सारिणी में आंशिक बदलाव हो सकता है।
बता दें कि दिल्ली, पानीपत, अंबाला आदि से हिल्स क्वीन शिमला आने वाले लोगों के लिए यह बस काफी फायदेमंद रहेगी। चंडीगढ़वासी भी एक दिन में शिमला आकर लौट सकते हैं। यानी एक छुट्टी पर भी शिमला, कुफरी आदि पर्यटक स्थलों का भ्रमण कर लौट सकते हैं।
हरियाणा राज्य परिवहन सोनीपत के दिल्ली-चंडीगढ़ 43-शिमला वाया पानीपत, करनाल, पिपली,अंबाला, धर्मपुर, सोलन रूट की भी जानकारी आपको देते हैं।
यह बस सोनीपत से सुबह 5 बजे, दिल्ली से सुबह 06 बजकर 40 मिनट, मुरथल से सुबह 7 बजकर 50 मिनट, पानीपत से सुबह 08:30 बजे, करनाल से सुबह 9 बजकर 40 मिनट, अंबाला कैंट से सुबह 10 बजकर 50 मिनट, चंडीगढ़ 43 से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर चलकर शाम 5 बजकर 15 मिनट पर शिमला पहुंचती है।
शिमला से सुबह 5 बजे, चंडीगढ़ 17 से सुबह 8 बजकर 40 मिनट, अंबाला कैंट से सुबह 9 बजकर 45 मिनट, करनाल से सुबह 11 बजकर 55 मिनट, पानीपत से दोपहर 12 बजे, दिल्ली से सोनीपत दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर पहुंचती है।