शिमला। हिमाचल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपए बढ़ोतरी के साथ 10000 रुपए का ऐलान किया गया है। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं मानदेय 400 रुपए बढ़ाकर 7000 कर दिया गया है।
आंगनबाड़ी सहायिका को 300 रुपए बढ़ाकर 5500 रुपए, आशा वर्कर को 300 रुपए बढ़ाकर 5500, सिलाई अध्यापिका को 500 रुपए बढ़ोतरी, मिड डे मील वर्कर को 500 की बढ़ोतरी 4500, वाटर कैरियर शिक्षा विभाग 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, जल रक्षक को 300 बढ़ोतरी के साथ 5300 मानदेय मिलेगा।
जल शक्ति विभाग MTW को 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, पैरा फिटर पंप ऑपरेटर को 300 बढ़ोतरी के साथ 6300, पंचायत चौकीदार को 1000 बढ़ोतरी के साथ 8000, राजस्व चौकीदार को 300 बढ़ोतरी के साथ 5800, नंबरदार को 500 बढ़ोतरी के साथ 4200 रुपए मानदेय मिलेगा।
वहीं, SMC शिक्षकों और आईटी टीचर के मानदेय में 1900 रुपए प्रति माह बढ़ोतरी की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात स्पेशल पुलिस अफसर (SPO) के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
शिमला। नियमितीकरण की मांग को लेकर एसएमसी (SMC) शिक्षकों का क्रमिक अनशन 10वें दिन भी जारी है। हिमाचल की राजधानी शिमला में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद भी क्रमिक अनशन पर बैठे SMC शिक्षकों के हौसले बुलंद हैं। शिक्षकों का साफतौर पर कहना है कि जब तक नियमतिकरण की मांग पूरी नहीं हो जाती, वे अनशन पर बैठे रहेंगे। 8 फरवरी से पेन डाउन स्ट्राइक शुरू होगी और कक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा।
एसएमसी (SMC) शिक्षक संघ चंबा के कोषाध्यक्ष रामलोक ने बताया कि काफी लंबे समय से उनकी नियमतिकरण की मांग है, जिसको लेकर उन्हें क्रमिक अनशन पर बैठना पड़ा। कुछ शिक्षक उम्र की उस दहलीज पर हैं, जहां उनकी निगाहें सरकार को निहार रही हैं।
उनकी उम्र 47 वर्ष से अधिक हो गई है और 20 फीसदी अध्यापक ऐसे हैं जो 50 वर्ष से अधिक के हैं। बच्चों के भविष्य संवारने का जिम्मा उनके ऊपर है, लेकिन उनका खुद का भविष्य ही अंधेरे में है। सरकार को चेताते हुए शिक्षकों ने कहा कि उन्हें या तो नियमित किया जाए अन्यथा उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाए।
एसएमसी टीचर्स एसोसिएशन से मिले सुक्खू, उचित समाधान का दिया आश्वासन
शिमला। नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश सचिवालय के बाहर दो दिनों से धरने पर डटे SMC शिक्षकों की हड़ताल आज खत्म हुई। बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिक्षकों से मिले।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश एसएमसी टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है। उनके हितों के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का गठन भी किया है। यह कमेटी शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह सहित PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह इस कमेटी में रहेंगे। यह कमेटी SMC द्वारा दी जाने वाली सिफारिशों अध्ययन करेगी और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों का उचित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद SMC शिक्षकों ने हड़ताल खत्म कर दी है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि SMC शिक्षक काफी लंबे समय से दूर दराज क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें वेतन भी काफी कम मिलता है। वर्तमान सरकार ने आते ही उनके वेतन में दो हजार रुपए का इजाफा किया है जबकि पूर्व की भाजपा सरकार ने पांच वर्ष में मात्र 1500 बढ़ाए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि SMC शिक्षकों की समस्याओं को सुनने के लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई है और किस आधार पर इनकी समस्याओं का निपटारा किया जाएगा वह तलाशने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह देखना पड़ेगा कि किस प्रकार इनका नियमतिकरण किया जाए या कुछ और नीति अपनानी है। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षक 6 वर्ष में रेगुलर हो गए हैं कुछ 12 वर्ष से एसडीएम के माध्यम से पढ़ा रहे हैं इसलिए जो भी इनके लिए उचित होगा वह किया जाएगा।
इस दौरान एसोसिएशन ने आपदा राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री को एक लाख 51 हजार 111 रुपये का चेक भेंट किया। इस अवसर पर विधायक इन्द्र दत्त लखनपाल, विनय कुमार, केवल सिंह पठानिया, मलेन्द्र राजन, एचपी एसएमसी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
वहीं, धर्मशाला में खालिस्तान के नारे लिखने व पन्नू की धमकी पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ध्यान अपनी और अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसा करते है। यह मामला वैसे भारत सरकार का है बावजूद इसके हमारी सरकार अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को पूरी सुरक्षा देने में सक्षम है। इससे पहले भी इस प्रकार की धमकियां आई थीं।
शिमला। हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में सेवारत एसएमसी (SMC) टीचर रातभर सचिवालय के बाहर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का इंतजार करते रहे। मगर मुख्यमंत्री उनसे मिलने नहीं आए।
इनमें बड़ी संख्या में महिला टीचर भी शामिल हैं। पूरी रात इन्होंने सचिवालय के बाहर सड़क पर बिताई। हालांकि देर शाम उनसे मिलने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर पहुंचे, लेकिन वे सीएम से मिलने की मांग पर अड़े रहे।
एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि हम अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे हैं और पिछले 12 साल का संघर्ष उनके समक्ष रखना चाहते थे।
हम कोई तोड़फोड़ करने नहीं आए हैं, शांतिपूर्वक हक मांगने आए हैं। हमारी महिला साथी सड़कों पर हैं। महिलाओं को राष्ट्र निर्माता के नाम से भी जाना जाता है, पर आज यही राष्ट्रीय निर्माता सड़कों पर हैं। यह शर्म की बात है।
मुख्यमंत्री को ओक ओवर में मिलने का विकल्प भी दिया था, पर उन्होंने वह भी स्वीकार नहीं किया। कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इसे प्रमुखता से रखा था पर वह भी एक बहुत बड़ा झूठा निकला।
वहीं, चौपाल से SMC टीचर इंद्रा चौहान ने कहा कि हिमाचल सरकार को शर्म आनी चाहिए। रात भर बहू बेटियां सड़कों पर बैठी हुई हैं, कहां हैं हमारे राजा। सीएम साहब अपना चेहरा तक नहीं दिखा पा रहे हैं। क्या अपराध है हमारा। हमारे लिए नीति बनाए या हमारे लिए जहर लाकर दें।
कृपया हमारी सहनशीलता को चंडी काली का रूप धारण करने पर मजबूर ना करें। मुख्यमंत्री मिलने तो आ सकते हैं, हमारा हाल चाल पूछ सकते हैं कि हम क्यों आए हैं।
शिमला। हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई है। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। बैठक में कारागार विभाग में जेल वार्डरों के 69 पद भरने का निर्णय लिया। कारागार विभाग में सोलन जिले के उप-कारागार नालागढ़ (किशनपुरा) में विभिन्न श्रेणियों के 20 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
हिमाचल कैबिनेट बैठक में अंशकालिक पंचायत चौकीदारों के मासिक मानदेय को 6200 से बढ़ाकर 6700 रुपए करने का निर्णय लिया, जो 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। इससे 3226 पंचायत चौकीदार लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त पंचायतीराज संस्थाओं के चयनित प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय भी लिया।
कैबिनेट की बैठक में पावर डैवल्पर्ज से राज्य में विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं पर जल उपकर लगाने के बारे में चर्चा के लिए सचिव, ऊर्जा, की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। इस कमेटी में जल शक्ति विभाग, वित्त विभाग और विधि विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
कांगड़ा ज़िला के ज्वालामुखी और फतेहपुर तथा हमीरपुर ज़िला के भोरंज में प्राथमिक स्तर तक राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए निर्माण गतिविधियां आरंभ करने की अनुमति प्रदान की। प्रदेश में 13 स्थानों पर ऐसे स्कूलों का निर्माण शुरू करने के लिए कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने किरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिलासपुर जिला के भघेड़, मण्डी जिला के नेरचौक और कुल्लू जिला के भुंतर में हाईवे-सह-पर्यटक पुलिस थाने खोलने तथा इन थानों को क्रियाशील करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को सृजित करने तथा भरने की अनुमति प्रदान की। बैठक के दौरान वर्ष 2023-24 के लिए बार की समयावधि दोपहर 12 बजे से प्रातः एक बजे तक निर्धारित करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
कैबिनेट ने रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में कागज रहित पंजीकरण प्रणाली आरंभ करने को भी मंजूरी प्रदान की। जिला शिमला के राजकीय महाविद्यालय धामी में विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों के सृजन तथा भरने सहित मेडिकल तथा नॉन मेडिकल