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शिमला। दिवाली से पहले हिमाचल पंचायती राज विभाग में कार्यरत तकनीकी सहायकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने प्रदेश के सभी तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश दिए हैं।
यही नहीं उन्हें राज्य सरकार की नीति के तहत नियमितिकरण के लिए भी हकदार ठहराया है। अदालत ने विभाग की ओर से जारी 17 दिसंबर 2021 के आदेशों को निरस्त कर दिया है।
बता दें कि विभाग ने जिला परिषदों को आदेश को तकनीकी सहायकों को सिर्फ कमीशन के आधार पर पारिश्रमिक देने के आदेश दिए थे। हिमाचल हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर विभाग के वेतन न देने के निर्णय को चुनौती दी गई।
याचिकाओं में बताया गया कि पहले तकनीकी सहायकों को 8910 रुपये का मासिक वेतन दिया जा रहा था, लेकिन विभाग ने उसे बिना सोचे-समझे वापस ले लिया।
हिमाचल सरकार ने 7 अप्रैल 2008 को ग्राम पंचायत स्तर पर तकनीकी सहायकों को नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। नियुक्ति का मुख्य उद्देश्य मनरेगा कार्यों की गुणवत्ता और लागत प्रभावशीलता का निरीक्षण करना था। सरकार ने वेतन निर्धारण के लिए नियम भी बनाए थे।
नियमित तकनीकी सहायक को 10300-34800 और 3000 रुपये का ग्रेड पे एवं अनुबंध सहायकों को 5910 और सिर्फ 3000 रुपये के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था।
इसके बाद सरकार ने 23 जुलाई 2019 को तकनीकी सहायक के 1081 पद स्वीकृत करने का फैसला लिया। वर्ष 2020 में 115 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की थी।
याचिकाकर्ताओं को अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया था। उनके नियुक्ति पत्र में भी उन्हें 8910 रुपये मासिक दिए जाने का निर्णय लिया गया था। विभाग ने बाद में इसे वापस लेते हुए सिर्फ कमीशन ही देने का निर्णय लिया था। फैसले में कोर्ट ने इस निर्णय को असांविधानिक करार दिया और रद्द कर दिया। साथ ही उक्त फैसला सुनाया।
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट में जजमेंट राइटर/ पर्सनल असिस्टेंट क्लास टू (Mode e) के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। ये 15 पद नियमित आधार पर भरे जाने हैं। इसमें 10 पद अनारक्षित हैं।
दो पद एससी, पीएच, एसटी और ईडब्ल्यूएस के लिए एक-एक पद आरक्षित है। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 20 सितंबर 2023 से शुरू हो चुकी है। आवेदन की आखिरी तिथि 20 अक्टूबर है।
परीक्षा शुल्क की बात करें को जनरल (अनारक्षित) के लिए 340 रुपए (प्लस जीएसटी जैसा लागू हो) फीस लगेगी। वहीं, अन्य आरक्षित वर्गों के लिए 190 रुपए (प्लस जीएसटी जैसा लागू हो) फीस अदा करनी होगी।
अभ्यर्थी की आयु 18 साल से कम और 45 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
एससी, एसटी, ओबीसी और पीडब्ल्यूडी वर्ग को अप्पर आयु सीमा में नियमों के तहत पांच साल की छूट होगी।
आवेदन वेबसाइट https://www.hphcrecruitment.in और http://hphighcourt.nic.in पर ऑनलाइन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए हिमाचल हाईकोर्ट का Advertisement Notice देखें।
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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को तीन नए जज मिल गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी और जिला और सत्र न्यायाधीश राकेश कैंथला ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जज के रूप में शपथ ली है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने इनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी।
राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने तीनों नए न्यायाधीशों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ अब हिमाचल उच्च न्यायालय में चीफ जस्टिस को मिलाकर जजों की संख्या 12 हो गई है। हिमाचल प्रदेश में 17 जजों के पद हैं।
शपथ समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर और कई व गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश हाई कोर्ट को तीन नए जज मिलने से लंबित मामलों के निपटारे में मदद मिलेगी।
पालमपुर। न्यायपालिका से जुड़े लोगों को जनसेवा और जनसुविधा की भावना से अपना कार्य करना चाहिए। पालमपुर में आज शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय पालमपुर का उद्घाटन करने के उपरांत हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना ने यह बात कही। अपने दो दिवसीय जिला कांगड़ा दौरे के दौरान प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना ने आज पालमपुर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय का उद्घाटन कर इसे आमजन की सुविधा के लिए क्षेत्र के लोगों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि पालमपुर में स्थापित इस न्यायालय से पालमपुर, बड़ा भंगाल, बैजनाथ, जयसिंहपुर और आस पास के क्षेत्र के लाखो लोगों को न्यायिक सुविधा प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा कि अभी तक पालमपुर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थाई व्यवस्था न होने से क्षेत्र के लोगों को संबंधित मामलों में न्यायिक सहायता के लिए धर्मशाला तक का सफर तय करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि इस कोर्ट के खुलने से ऐसे सभी लोगों को सहुलियत होगी।
न्यायमूर्ति सबीना ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय का प्रयास है कि लोगों के लिए न्याय सुलभ हो, सबकी पहुंच में हो और समयबद्ध हो। उन्होंने कहा कि सुलभ न्यायिक व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने के लिए प्रदेश उच्च न्यायालय समर्पित प्रयास कर रहा है। उन्होंने नए कोर्ट के लिए बधाई देते हुए सभी संबंधित न्यायिक अधिकारियों और बार एसोसिएशन से इसे लेकर अपनी जिम्मेदारी समझने और गुणात्मक काम करने को कहा।
इस अवसर पर प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने न्यायपालिका से जुड़े सभी लोगों को ‘यतो धर्मस्ततो जयः’ के ध्येय वाक्य को ध्यान में रखते हुए अपने कार्य को करने की बात कही। उन्होंने कहा कि महाभारत से लिया गया यह वाक्य भारतीय उच्चतम न्यायालय का ध्येय वाक्य है, जिसका अर्थ है कि विजय यदा धर्म अर्थात सत्य के पक्ष में ही रहती है।
उन्होंने कहा कि धर्म का अर्थ सत्यता और कर्तव्यनिष्ठाा का पालन करना है। उन्होंने कहा कि न्याय पालिका से जुड़े सभी लोगों को धर्म अनुरूप ही कार्य करना चाहिए। उन्होंने न्यायिक प्रकिया को अधिक जनमुखी बनाने के लिए बार एसोसिएशन और न्यायाधीशों के मिलकर काम करने की जरूरत को रेखांकित किया।
इस मौके पर पालमपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह ठाकुर ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विवेक सिंह ठाकुर प्रशासनिक जज हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट, अजय मेहता सेशन जज कांगड़ा स्थित धर्मशाला, अरविंद मल्होत्रा रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय, चिराग सिंह भानु ओएसडी उच्च न्यायालय, एडीसी कांगड़ा सौरभ जस्सल, एसडीएम पालमपुर डॉ. अमित गुलेरिया सहित न्यायपालिका से जुड़े अधिकारी, अधिवक्ता एवं न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना ने कार्यक्रम के बाद पालमपुर स्थित सौरभ वन विहार का दौरा कर वहां भ्रमण किया। इस अवसर पर बलिदानी वीर सौरभ कालिया के पिता एनके कालिया और डीएफओ नितिन पाटि भी उपस्थित रहे।