22 अक्टूबर को शाहपुर में विभिन्न कार्यक्रम में करेंगे शिरकत
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांगड़ा और मंडी जिला के दौरे पर जा रहे हैं। जारी टुअर प्रोग्राम के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 22 अक्टूबर 2023 को शिमला से सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर कांगड़ा एयरपोर्ट (गगल) के लिए निकलेंगै। करीब 11 बजे कांगड़ा एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से मॉडर्न पुलिस स्टेशन शाहपुर के लिए रवाना होंगे।
यहां करीब 11 बजकर 10 मिनट पर पहुंचेंगे। इसके बाद शाहपुर ग्राउंड जाएंगे। यहां पर विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण करने के साथ नींव पत्थर रखेंगे। दशहरा मेला का दौरा करने के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे।
शाहपुर ग्राउंड से करीब 1 बजकर 20 मिनट पर सड़क मार्ग से धर्मशाला के लिए रवाना होंगे। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे और रात्रि ठहराव सर्किट हाउस धर्मशाला में होगा। 23 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुबह करीब 9 बजकर 15 मिनट पर इंद्रूनाग का रुख करेंगे।
यहां पर सड़क का नींव पत्थर रखेंगे। करीब साढ़े 11 बजे धर्मशाला पुलिस ग्राउंड से हेलीकॉप्टर से कंगनीधार हेलीपैड मंडी के लिए रवाना होंगे। कंगनीधार हेलीपैड से करीब 12 बजकर 05 मिनट पर मंगवाईं मंडी के लिए रवाना होंगे। यहां पर पुलिस स्टेशन (विजिलेंस) का नींव पत्थर रखेंगे। इसके बाद पड्डल ग्राउंड मंडी के लिए रवाना होंगे।
यहां पर करीब 12 बजकर 40 मिनट पर पुनर्वास प्रोग्राम की अध्यक्षता करेंगे। मुख्यमंत्री 3 बजकर 45 मिनट पर कंगनीधार हेलीपैड मंडी से हेलीकॉप्टल के माध्यम से शिमला के लिए रवाना होंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 24 अक्टूबर को सुबह करीब साढ़े 11 बजे सुन्नी के लिए निकलेंगे। सुन्नी स्कूल से मेला ग्राउंड सुन्नी के लिए रवाना होंगे। करीब 12 बजकर 20 मिनट पर विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण और नींव पत्थर रखेंगे और जनसभा करेंगे।
करीब 3 बजकर 05 मिनट पर शिमला के लिए रवाना होंगे। शिमला पहुंचने के बाद करीब साढ़े 6 बजे जाखू मंदिर पहुंचेंगे। यहां पर दशहरा प्रोग्राम में शिरकत करेंगे।
शिमला। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को सशक्त राजनीतिक नेतृत्व तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ कर जनहित और जन कल्याण के लिए यह सम्मान मिला है।
मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी के साथ वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारियों सुमित सिंगला और जसवीर सिंह ने मुख्यमंत्री को यह सम्मान प्रदान किया। इस उपलक्ष्य में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की केंद्रीय कार्य समिति और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की है।
राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के द्वारा की गई है आयोजित
शिमला।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को ऐतिहासिक रिज से रेड रन मैराथन को हरी झंडी दिखाई। यह मैराथन राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के द्वारा एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित की गई है। इस दौरान उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल, सीपीएस संजय अवस्थी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एड्स कंट्रोल के लिए एड्स कंट्रोल सोसाइटी बेहतरीन काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश के करीब 75 लाख जनसंख्या में अनुमानित 7100 एड्स के मामले हैं। इनमें 5300 मामले कंफर्म हैं।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में एड्स को लेकर जागरूकता बढ़ी है। लोग पहले एड्स की बीमारी के बारे में जिक्र करने में डर महसूस करते थे, लेकिन अब जागरूकता बढ़ाने के बाद लोग इस बीमारी की बात करने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि समय पर यदि इस बीमारी का पता चल जाए, तो मरीज का इलाज करने में आसानी होती है। इससे मरीज की उम्र को दवा के द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के लिए प्रदेश सरकार की ओर से विशेष राहत पैकेज जारी करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावितों तक राहत पहुंचने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस विशेष पैकेज में कहां किस तरह कट लगाया जाना है, इस पर भी उनका पूरा ध्यान है।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में पूर्व की जयराम सरकार के समय खोले ऑफिस और करुणामूलक आधार पर नौकरी को लेकर प्रश्न लगा था करुणामूलक आधार पर नौकरी को लेकर नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर ने सवाल पूछा था।
जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि करुणामूलक आधार पर नौकरी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए नियम एवं शर्तों में बदलाव की जरूरत होगी, तो वह भी करेंगे। जिस घर से कमाने वाला चला जाता है, उस पर कैसी विपदा आती है, यह वह जानते हैं।
जानकारी दी गई कि 31 जनवरी 2023 तक 1343 मामले लंबित थे और पिछले तीन वर्ष के दौरान अनुकंपा के आधार पर रोजगार के लिए विभाग में आवेदन देर से जमा करने के कारण 59 मामले खारिज कर दिए गए थे।
कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने पूर्व सरकार में खोले गए कार्यालयों को लेकर सवाल पूछा था। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जवाब दिया कि बिना स्टाफ की नियुक्ति के कार्यालय खोले गए थे।
नाहन में खोले गए कार्यालयों में एक भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं थी। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को कहा कि कार्यालय बंद करने पर विस्तृत चर्चा लाएं, एक-एक सवाल का जवाब देंगे।
डमटाल। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों इंदौरा और फतेहपुर के दौरे पर हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कांगड़ा जिले में भारी बारिश के बाद बने हालात का हवाई निरीक्षण किया।
पठानकोट एयरफोर्स हवाई अड्डे पर उतरने के बाद वह कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरे पर निकले। मुख्यमंत्री ने डमटाल हेलीपैड पर रेस्क्यू किए लोगों से बातचीत की।
इसके बाद डमटाल रिलीफ कैंप पहुंचे। उन्होंने लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। रिलीफ कैंप में मुख्यमंत्री ने लोगों के साथ खाना भी खाया।
बता दें कि बारिश के चलते पौंग झील का जलस्तर बढ़ने के बाद डैम से पानी छोड़ने से कांगड़ा जिला के इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चला हुआ है।
इसमें आर्मी, एयरफोर्स, पुलिस, एनडीआरएफ जवान डटे हुए हैं। अब तक करीब एक हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। लोगों को रिलीफ कैंप में ठहराया गया है।
2012 से 2017 तक कुल्लू जिले के आनी से रहे हैं विधायक
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व विधायक खूब राम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। खूब राम का आज शिमला जिले के रामपुर में निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। खूब राम वर्ष 2012 से 2017 तक कुल्लू जिले के आनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। 2012 में खूब राम कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के किशोरी लाल को हराया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आनी क्षेत्र के विकास के लिए खूब राम का योगदान अतुलनीय है और क्षेत्र के लोग इसे सदैव याद रखेंगे। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने अब आम लोगों पर बोझ डालने वाले निर्णय लेने शुरू कर दिए हैं। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने डीजल पर वैट बड़ा दिया है जिससे डीजल की कीमत 3 रुपए प्रति लीटर महंगी हो गई है। शिमला में अब डीजल 89.11 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।
इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है। जयराम ठाकुर कहा कि यह समय आपदाग्रस्त प्रदेश को राहत देने का है, आर्थिक बोझ डालने का नहीं। आपदा की इस घड़ी में सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे क्योंकि डीजल के दाम बढ़ने से प्रदेश में महंगाई भी बढ़ेगी।
उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को भारी बारिश के कारण आई आपदा से करोड़ रुपए की क्षति हुई है इसलिए सभी लोग आपदा की घड़ी में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। विधायकों ने अपनी एक महीने की सैलरी आपदा कोष में दे दी है और अधिकारी व कर्मचारी भी एक दिन का वेतन दे रहे हैं।
ऐसे में अब सरकार ने मजबूरी में डीजल पर वैट बढ़ाने का निर्णय लिया है जो कि चुनावों के वक्त में भाजपा ने 7 रुपए कम कर दिया था। अब सरकार ने वेट को बढ़ाकर 9.96% से 13.9% कर दिया है जो कि उत्तराखंड और हरियाणा से अभी कम है।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांगड़ा दौरे पर आ रहे हैं। चंडीगढ़ से कांगड़ा आएंगे। जारी टुअर प्रोग्राम के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 जुलाई को सुबह करीब पौने 9 बजे चंडीगढ़ एयरपोर्ट से कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए निकलेंगे।
करीब 9 बजकर 45 मिनट पर कांगड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद शाहपुर के लिए निकलेंगे। शाहपुर में पुलिस स्टेशन का नींव पत्थर रखेंगे।
करीब 10 बजकर 45 मिनट पर शाहपुर से कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के लिए निकलेंगे। यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। मुख्यमंत्री का रात्रि ठहराव पालमपुर में होगा।
शिमला।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूर्व भाजपा सरकार द्वारा विरासत में छोड़े गए 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज तथा वर्तमान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए वित्तीय प्रतिबंधों के कारण ठीक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार सक्रिय रूप से संसाधन जुटाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें उन केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की विद्युत परियोजनाओं में बड़ी हिस्सेदारी की मांग करना शामिल है, जिन्होंने अपनी लागत वसूल कर ली है। इसके अलावा, सरकार को शराब की दुकानों की नीलामी से 40 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद विकास की गति को बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार संसाधनों को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि धन की कमी राज्य की प्रगति में बाधा न बने।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए बाहरी सहायता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से सहायता के नए प्रस्तावों पर अधिकतम सीमा निर्धारित की है। यह प्रतिबंध 2023-24 से 2025-26 तक तीन वर्षों के लिए लागू रहेगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 की समाप्ति तक हिमाचल प्रदेश भारत सरकार से मात्र 2,944 करोड़ रुपये के प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए पात्र होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के निर्णय से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए उधार सीमा से 1,779 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। इसके अतिरिक्त, खुले बाजार से उधार लेने की सीमा को गत वर्ष की तुलना में लगभग 5,500 करोड़ रुपये कम कर दिया गया है। दिसंबर 2023 तक प्रदेश सरकार को 4,259 करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति मिली है, साथ ही प्रदेश को लगभग 8,500 करोड़ रुपये के लिए अतिरिक्त अनुमति प्राप्त होने की भी उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार संसाधन जुटाने पर विशेष बल दे रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य उधार पर निर्भरता कम करना और राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं और समाज के सभी वर्गों के सहयोग से प्रदेश सरकार का लक्ष्य अगले दस वर्ष के भीतर हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना है।
शिमला। हिमाचल सरकार भंग हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) हमीरपुर द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लंबित रिजल्ट को जल्द से जल्द घोषित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
विजिलेंस की जांच के दायरे में नहीं आने वाली परीक्षाओं के परिणाम जल्द घोषित किए जाएंगे। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जारी एक प्रेस बयान में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कदाचार के लिए भंग किए गए एचपीएसएससी द्वारा आयोजित की गई परीक्षाओं के रिकॉर्ड हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPSSC) को स्थानांतरित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रशासन की कार्यप्रणाली और संस्थानों के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है और मेधावी और योग्य विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संचालित कर रही है। इसके विपरीत पिछली भाजपा सरकार द्वारा एचपीएसएससी (HPSSC) की भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक किए जा रहे थे।