नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के लिए आज डबल खुशी का मौका है। हो भी क्यों न … एक तरफ आम आदमी पार्टी के नेता व सांसद राघव चड्ढा बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा के साथ सगाई करने जा रहे हैं और दूसरी तरफ जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आप ने कांग्रेस को धूल चटाकर जबरदस्त जीत हासिल की है।
जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आप ने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाई है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुशील कुमार रिंकू कांग्रेस प्रत्याशी कर्मजीत कौर चौधरी को हराकर जीत अपने नाम कर ली है। जीत पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झप्पी डालकर बधाई दी है।
राघव चड्ढा की खुशी इसलिए भी दोगुनी हो गई है क्योंकि जालंधर में उनके नानके यानी नानी का घर है। राघव ने बधाई देते हुए ट्वीट किया, मेरे नानके जालंधर ने इस दिन को मेरे लिए और भी खास और यादगार बना दिया है।
उधर, सांसद राघव चड्ढा और बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा की सगाई आज दिल्ली के कपूरथला हाउस में होने जा रही है। रिंग सेरेमनी के लिए परिणीति की बहन एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा भी दिल्ली पहुंच चुकी हैं। परिवार और क्लोज फ्रेंड्स मिलाकर करीब 150 लोगों को न्योता दिया गया है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हैं साथ ही बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज भी पार्टी में पहुंच सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम की शुरुआत शाम करीब 5 बजे से होगी। सबसे पहले सुखमनी साहिब का पाठ किया जाएगा। इसके बाद अरदास और फिर सगाई होगी। डिनर का कार्यक्रम भी रखा गया है। परिवार और क्लोज फ्रेंड्स मिलाकर करीब 150 लोगों को न्योता दिया गया है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हैं।
शिमला। MC शिमला के चुनावों को लेकर भाजपा ने एक विशेष बैठक का आयोजन भाजपा मुख्यालय दीप कमल चक्कर शिमला में किया। इस बैठक में भाजपा के प्रदेश प्रभारी संजय टंडन, प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, संजय सूद, रवि मेहता, प्रदेश कार्यालय सचिव प्यार सिंह कंवर, जिला अध्यक्ष विजय परमार, जिला प्रभारी डीजी ठाकुर, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र भोटका, दिनेश ठाकुर एवं शिमला मंडल के महामंत्री सुशील चौहान उपस्थित रहे।
बैठक की अध्यक्षता भाजपा के पूर्व मंत्री विधायक एवं नगर निगम चुनाव प्रभारी सुखराम चौधरी द्वारा की गई है। भाजपा प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन ने कहा कि हमारी सभी 34 वार्डों की बैठकें हो चुकी हैं और हमारे प्रवासी प्रभारी अपनी रिपोर्ट अगले 3 दिन में पार्टी को सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल को चुनाव समिति की बैठक शिमला में होगी जिसमें भाजपा के नगर निगम में 34 प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जल्द ही हम मेनिफेस्टो और दृष्टि पत्र के लिए एक टीम की घोषणा भी करेंगे जिसमें भाजपा सरकार और नगर निगम की उपलब्धियों को जनता के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 13, 17 और 18 अप्रैल को भाजपा के प्रत्याशी नामांकन भरेंगे, उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100 वे एपिसोड का प्रसारण होगा इसको नगर निगम की दृष्टि से बूथ स्तर पर किया जाएगा और यह नगर निगम चुनाव के प्रचार का आखरी दिन होगा।
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे भी हमारे समक्ष आए हैं जय कई कांग्रेस नेता वहां बड़ी तादाद में वोट बनाने का प्रयास कर रहे हैं जहां आपत्ति दर्ज की जा सकती है, जैसे कई मंत्रियों के घरों में बड़ी तादाद में वोटों का आवेदन किया जा रहे हैं। हम चुनाव आयोग से दरख्वास्त करते हैं कि ऐसे आवेदनों को खारिज किया जाए क्योंकि मंत्री के घर अस्थाई होते हैं और कुछ ऐसे धार्मिक स्थल भी हमारे सामने आए हैं जिसमें बड़ी तादाद में वोट बनाए जा रहे हैं।
कल नगर निगम चुनाव प्रभारी सुखराम चौधरी की अध्यक्षता में हमारा एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से भी इस सिलसिले में मिलेगा और भाजपा का पक्ष उनके समक्ष भी रखेगा। कांग्रेस सरकार के पिछले 3 महीने निराशाजनक रही है और हिमाचल की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है, हमें पूरा विश्वास है कि MC शिमला के चुनावों में भाजपा अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी और जिताऊ उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रति लगभग 11 हजार करोड़ की देनदारी हैं। इसमें 5 हजार करोड़ की पेंशनरों की देनदारी हैं जिसकी अदायगी सरकार शीघ्र करेगी। यह बात शिमला में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने के दौरान कही।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 75 हजार करोड़ रुपए का ऋण है जिसको खत्म करने के लिए सरकार प्रयास करेगी और लगभग 10 साल में हिमाचल को ऋण मुक्त करने का सरकार ने लक्ष्य रखा है। कर्मचारी और पेंशनर प्रदेश की रीड की हड्डी है इसलिए सरकार इनकी मांगों के प्रति गंभीर है। पेंशनरों का डीए और एरियर काफी समय से देय है जिसको लेकर मुख्यमंत्री से वार्तालाप कर इसको शीघ्र जारी करने का सरकार प्रयास करेगी।
पुरानी भर्तियां जल्द से जल्द बहाल करने की उठाई मांग
शिमला। बेरोजगार अभ्यर्थियों का पैदल मार्च शिमला पहुंचा। पैदल मार्च 15 मार्च को हमीरपुर से शुरू हुआ था। अभ्यर्थी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करेंगे। बेरोजगार अभ्यर्थियों ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) की बहाली की मांग की है। जल्द से जल्द पुरानी भर्तियां बहाल करने के साथ विज्ञापित भर्ती परीक्षा करवाने की मांग भी उठाई है।
बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है कि युवा हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) की बहाली की मांग कर रहे हैं। इसमें जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 817 सहित के अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि अन्य बेरोजगार युवा भी शामिल हैं। भर्ती कैलेंडर जारी किया जाए, जिससे की अभ्यर्थियों को परीक्षा के बारे जानकारी मिल सके।
हिमाचल लोक सेवा आयोग को अगर भर्तियां शिफ्ट की गईं तो काफी समय लग सकता है। ऐसे में 15 दिन के अंदर हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को बहाल किया जाए।
अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर हिमाचल चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक हो रहे थे तो उसमें संलिप्त दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी ना कि आयोग को बंद करना चाहिए था। सरकार ने चुनाव से पहले युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने इसके विपरीत निर्णय करते हुए तमाम तरह की भर्तियों को रोक दिया है, जिससे बेरोजगार खासे हताशा में हैं।
कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के निवासी राहुल ने यहां तक कह दिया कि वह कांग्रेस के समर्थक हैं। अगर उनकी मांगें न मानी गई तो वह आगे कभी कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं देंगे।
शिमला। नगर निगम शिमला के चुनावों की अभी घोषणा भी नहीं हुई और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष चुनावों को लेकर आमने सामने आ गए हैं। नगर निगम चुनाव से पहले ही भाजपा ने कांग्रेस सरकार और प्रशासन पर वोटर लिस्ट में धांधली के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद भाजपा ने गुरूवार को शिमला नगर निगम के वार्डों की संख्या घटाए जाने के विरोध में हिमाचल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका डालने के बाद कहा कि शिमला नगर निगम में वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करना हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन है और साथ ही हिमाचल प्रदेश नगर निगम (चुनाव) नियम, 2012 का उल्लंघन है।
सतपाल जैन ने अपनी अर्जी में कोर्ट को बताया कि जब वार्डों को 34 से बढ़ाकर 41 करने की पूरी कवायद कानून को मद्देनजर रखते हुए और सभी नियमों की पालना करते हुए की थी, तो हिमाचल सरकार द्वारा वार्डों को 41 से घटाकर 34 करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने का कोई औचित्य नहीं था।
उन्होंने कहा कि अन्यथा वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने के बाद भी डेलिमिटेशन के नियमों के अनुसार 34 वार्डों के डेलिमिटेशन की प्रक्रिया फिर से करने की क्या आवश्यकता थी।
इसलिए, वार्डों को 41 से घटाकर 34 करने के साथ-साथ पुराने डेलिमिटेशन को अपनाना दोनों अवैध, असंवैधानिक है और रद्द किए जाने योग्य हैं। उन्होंने आग्रह किया कि उत्तरदाताओं को हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुसार नए सिरे से डेलिमिटेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निर्देशित किया जाए।
लंबी सुनवाई के बाद, अदालत ने राज्य के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया और दोनों प्रतिवादियों को मामला दायर करने का निर्देश दिया। माननीय उच्च न्यायालय ने आगे की दलीलों के लिए मामले को 28-3-2023 के लिए फिक्स किया है। इस अवसर पर अधिवक्ता वीर बहादुर वर्मा, अंकित धीमान, अनु वर्मा और मुकुल शर्मा उनके साथ रहे।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 प्रस्तुत किया। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जीडीपी स्थिर भावों पर 8,143 करोड़ रुपए से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 के 1,26,433 करोड़ रुपए के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जीडीपी 1.34,576 करोड़ रुपए अनुमानित है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीडीपी प्रचलित भावों पर 1,95,404 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थाई अनुमानों के अनुसार 1.76,269 करोड़ रुपए से 19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जीडीपी में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जीडीपी स्थिर भावों पर 8,143 करोड़ रुपए से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के 1,26,433 करोड़ रुपए के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जीडीपी 1.34,576 करोड़ रुपए अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जी.डी.पी. प्रचलित भावों पर 1,95,404 करोड़ अनुमानित है। जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थायी अनुमानों के अनुसार 1.76,269 करोड़ से ₹19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जीडीपी में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार, प्राथमिक क्षेत्र से सकल मूल्य वर्धित, स्थिर भावों पर 20 प्रतिशत की गति से बढ़ने की संभावना है। वित्त वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के दौरान प्राथमिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर भावों पर 2021-22 (प्र.स.अ.) के 16.395 करोड़ के मुकाबले 116,717 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार स्थिर (2011-12) मावों पर द्वितीयक क्षेत्र का जीवीए 60,444 करोड अनुमानित है जोकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र. स.अ.) के अनुसार 56,408 करोड़ रुपए था और पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
सेवा क्षेत्र की राज्य जीवीए में महत्वपूर्ण और तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के लिए सेवा क्षेत्र का योगदान स्थिर भावों (2011-12) पर 49,527 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र.स.अ.) में यह 46,350 करोड़ रुपए था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।
अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय (पीसीआई) 2021-22 में 2,01,271 रुपए के मुकाबले 2,22,227 रुपए रहने का अनुमान है, जोकि वित्त वर्ष 2021-22 में 131 प्रतिशत की तुलना में 104 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 51,607 अधिक है। किसी भी राज्य का जीडीपी तीन प्रमुख क्षेत्रों-प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक द्वारा किए गए आर्थिक योगदान के संदर्भ में मापा जाता है। राज्य के सकल राज्य मूल्य वर्धन (जीवीए) में तृतीयक क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा है, इसके बाद द्वितीयक और प्राथमिक क्षेत्रों का स्थान है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीवीए के अग्रिम अनुमानों के आधार पर, तृतीयक क्षेत्र का प्रचलित मूल्यों पर राज्य के जीवीए में 43.6 प्रतिशत, इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 42.7 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र का 13.7 प्रतिशत योगदान है। प्रचलित भावों पर सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी.एस.वी.ए.) में कृषि क्षेत्र का योगदान 2018-19 में 17,767 करोड़ रुपए से 40 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में (अग्रिम अनुमान) 24,847 करोड़ रुपए हो गया है। 2018-19 से 2022-23 के बीच (2018-19 में 10,286 करोड़ से 2022-23 में 15,561 करोड़ रुपए तक) प्रचलित कीमतों पर फसलों के जीएसवीए में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में प्राप्त 49 प्रतिशत की वृद्धि दर के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर कीमतों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्र के जीएसबीए में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। कृषि और संबद्ध गतिविधियों के अर्न्तगत पशुधन पालन एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र है। यह वित्त वर्ष 2022-23 में कुल सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी. एस. वीए) का 1.61 प्रतिशत और कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीएसबीए का 12 प्रतिशत योगदान देता है।
उद्योग क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हिमाचल में रोजगार की बहुत सारी संभावनाएं पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2022 2023 के अग्रिम अनुमानो में औद्योगिक क्षेत्र का (खनन और उत्खनन सहित) कुल जी.बी.ए. (प्रचलित भावों में) 79,284 करोड़ रुपए अनुमानित है। जीएसवीए में प्रचलित भावों पर औद्योगिक क्षेत्र (खनन और उत्खनन सहित) का योगदान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4297 प्रतिशत है जिसमें 30.83 प्रतिशत विनिर्माण, 6.28 प्रतिशत निर्माण, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं का 5.62 प्रतिशत एवं खनन और उत्खनन का योगदान 0.24 प्रतिशत है।
अग्रिम अनुमान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 में औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर कीमतों पर 7.1 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए 4.1 प्रतिशत बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, विनिर्माण क्षेत्र के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है जो औद्योगिक क्षेत्र में तीसरी उच्चतम विकास दर है।
संगठित और असंगठित क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए और राज्य के बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए निर्माण उप-क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण है। निर्माण क्षेत्र में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उच्चतम विकास दर जोकि 9.5 प्रतिशत अनुमानित है। पर्यटकों का आगमन किसी विशेष गंतव्य में पर्यटन की मांग के मुख्य संकेतकों में से एक है। कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख और 2022 में कुल मिलाकर 150.99 लाख हो गया है। इससे पता चलता है कि पर्यटकों का आगमन पूर्व महामारी के स्तर तक पहुंच रहा है।
राज्य की पांच बारहमासी नदी घाटियों में लगभग 27:436 मेगावाट जलविद्युत बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है। राज्य की कुल जलविद्युत क्षमता में से अब तक 10,519 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है, जिसमें से 76 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है जबकि शेष केंद्र सरकार द्वारा दोहन किया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 प्रतिशत से गिरकर 50 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी. पीआई) में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) जो दिसंबर-2022 (अस्थिर) में 39 प्रतिशत दर्ज की गई।
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग 108 नागरिक अस्पतालों, 104 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 580 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 16 नागरिक औषधालयों के नेटवर्क के माध्यम से उपचारात्मक निवारक और पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर रहा है। नीति आयोग एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21 के अनुसार एसडीजी प्रगति मापन में हिमाचल प्रदेश “फ्रंट रनर है। 2020-21 में सतत विकास लक्ष्यों (एस. डी.जी.) के मामले में हिमाचल प्रदेश केरल के बाद भारत में दूसरे स्थान पर है।
इंडिया इनोवेशन इंडेक्स – 2021 में 14.62 के स्कोर के साथ, हिमाचल प्रदेश उत्तर पूर्वी और पहाड़ी राज्यों में पांचवें स्थान पर है। सामाजिक प्रगति सूचकांक (एस.पी.आई.) 2022 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सातवें स्थान पर है और इसे 63.28 स्कोर के साथ टीयर-1 (बहुत उच्च सामाजिक प्रगति) में रखा गया है। 2021 दूर है।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन भी सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नौक झोंक देखने को मिली। विपक्ष की मांग पर सदन में नियम 67 के तहत प्रदेश में डिनोटिफाई किए गए संस्थानों पर चर्चा हुई। जब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू चर्चा के बाद जवाब देने लगे तो असंतुष्ट विपक्ष सदन से नारेबाजी करता हुआ बाहर चला गया।
जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के 455 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 4145 स्कूल एक-एक टीचर के सहारे चल रहे हैं और 12 हजार पद टीचरों के खाली है। अच्छा होता कि पूर्व सरकार नए संस्थान खोलने के बजाय टीचरों की व्यवस्था कर देती।
गौरतलब है कि प्रदेश में सुक्खू सरकार बनने के दूसरे ही दिन कांग्रेस विधायक दल की 12 दिसंबर को सचिवालय में मीटिंग हुई। इसमें एक अप्रैल 2022 के बाद खोले गए सभी दफ्तर डिनोटिफाइ करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद सरकार ने विभिन्न विभागों के 650 से ज्यादा दफ्तर बंद किए। दो संस्कृत महाविद्यालय को मिलाकर 19 कालेजों पर भी ताला जड़ दिया गया है। लगभग 300 स्कूलों पर भी ताला लटकाने की तैयारी है।
इसी मुद्दे को लेकर जिलों में विपक्ष कर रहा आक्रोश रैली दफ्तर बंद करने को लेकर विपक्ष सभी जिलों में आक्रोश रैली भी निकाल रहा है। आज इस मुद्दे को भाजपा विधायकों ने सदन के भीतर भी उठाया। अब इस पर सदन में चर्चा हो रही है।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आज सदन में संस्थान डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। चंबा जिला के चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. हंस राज ने चर्चा में भाग लिया। उन्होंने चुराह में डिनोटिफाई संस्थानों को दोबारा शुरू करने, विधायक विकास निधि बहाल करने की मांग उठाई और कहा कि वह चुराह की जनता के लिए आमरण अनशन पर बैठने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
चर्चा में भाग लेते डॉ. हंस राज ने कहा कि जब सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता संभाली तो व्यवस्था परिवर्तन का नारा दिया। जब सुखविंदर सुक्खू सीएम बने तो सबसे ज्यादा खुशी उन्हें हुई। क्योंकि कांग्रेस में सत्ता राजघरानों से निकल ड्राइवर के बेटे के हाथ में आई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सभी विधानसभा क्षेत्रों से न्याय करेंगे। सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन को ही नहीं देखेंगे।
उन्होंने कहा कि चंबा जिला में बिजली दो डिवीजन हैं। लोगों को बिजली संबंधित कार्यों के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है। उनके विधानसभा क्षेत्र की चार पंचायतों में बिजली के ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। हंसराज ने बर्फबारी में मार्ग बंद होने पर तुरंत जेसीबी भेजने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह का आभार व्यक्त किया। हंसराज ने मांग की कि चंबा जिला को विशेष संरक्षण दिया जाए।
शिमला। हिमाचल में भेड़ की ऊन भंडारण मामले में ऊंट के मुंह में जीरे वाली बात है। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने जानकारी मुहैया करवाई है कि हिमाचल में प्रतिवर्ष 1,400 मीट्रिक टन से 1,500 मीट्रिक टन भेड़ की ऊन का उत्पादन होता है। वर्ष 2018-19 में 1,460.335 मीट्रिक टन, 2019-20 में 1,516.442 मीट्रिक टन, 2020-21 में 1,482 मीट्रिक टन और 2021-22 में 1,432.852 मीट्रिक टन ऊन का उत्पादन हुआ है।
वूल फेडरेशन (हिमाचल प्रदेश ऊन प्रसंघ) की ऊन भंडारण क्षमता कुल 170 मीट्रिक टन है। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश ऊन प्रसंघ आवश्यकतानुसार भवन किराए पर लेकर ऊन का भंडारण करता है। ऊन भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने भारत सरकार (केंद्रीय ऊन विकास मंडल जोधपुर) को एक प्रस्ताव स्वीकृति के लिए 19 नवंबर 2022 को प्रेषित किया गया है, जिसके स्वीकृत होने पर अतिरिक्त 50 मीट्रिक टन क्षमता होने की संभावना है।
शिमला । हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्ष ने संस्थानों को बंद करने के निर्णय का विरोध किया। इसके साथ ही विपक्ष ने हिमाचल प्रदेश में संस्थानों को डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा मांगी। जिसके बाद सदन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थगन प्रस्ताव को गैर जरूरी बताकर विपक्ष पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष सदन में तथ्य पेश करने के बजाए सिर्फ भाषण बाजी कर रहा है। चर्चा करनी थी तो सदन में यह भी बताते कि इन संस्थानों के लिए कितने बजट का प्रावधान किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष हर रोज काम रोको प्रस्ताव लेकर आ रहा हैं। संस्थानों के डिनोटिफाई करने को लेकर विपक्ष द्वारा चर्चा मांगी जा रही है लेकिन वह तथ्यों के साथ चर्चा नहीं कर पा रहे हैं।