विधायक निधि तुरंत से बहाल करने की उठाई मांग
शिमला। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में खूब हंगामा हुआ है। इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी समय तक नोकझोंक देखने को मिली। बता दें कि चंबा चुराह भाजपा के विधायक डॉक्टर हंसराज ने सदन में आमरण अनशन की चेतावनी तक दे डाली। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश में विधायक विकास निधि तुरंत बहाल नहीं की गई तो उन्हें मजबूरन प्रदेश सरकार के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़े तो आमरण अनशन करने के लिए भी तैयार हैं। हालांकि इससे पहले पूर्व मंत्री व पांवटा साहिब के भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने नियम 67 के तहत सदन में प्रस्ताव लाया और प्रदेश के विभिन्न जिलों में डिनोटिफाई किए गए कार्यालय के मामले में चर्चा की मांग की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामले में चर्चा को सहमति दी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 67 के तहत चर्चा को समय दिया।
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उधर, कांग्रेस के विधायक राजेश धर्माणी ने बताया कि पूर्व सरकार ने पिछले 6 महीनों में राजनीति का लाभ लेने के लिए 900 संस्थान खोले गए हैं। जिनका बजट ही प्रदेश सरकार के पास नहीं है। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में अंतिम 6 महीनों में 33 डिवीजन खोल दी है, जबकि बिजली बोर्ड में 10000 फिल्टर स्टाफ की कमी चल रही है।