धर्मशाला। धोखाधड़ी की मंशा से नागरिकों को मोबाइल कॉल्स का मामला सामने आया है। कुछ एक बूथ लेवल अधिकारियों को भी ऐसी कॉल्स आई हैं। इसके बाद कांगड़ा (Kangra) जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।
कांगड़ा डीसी हेमराज बैरवा ने कहा कि धोखाधड़ी की मंशा से नागरिकों को आ रही मोबाइल कॉल्स से सावधानी बरतना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ एक बूथ लेवल अधिकारियों को भी धोखाधड़ी से संबंधित कॉल्स प्राप्त हुई हैं, जिसमें पहले तो उनसे पुरुष, महिला डाटा व बूथ लेवल ऐप के बारे में पूछा जा रहा है।
इसके साथ ही समस्त बूथ लेवल अधिकारियों से अनुरोध है कि वह अपने-अपने निजी बैंक खातों की जानकारी जैसे कि पासवर्ड, ओटीपी आदि के बारे सूचना किसी अनजान व्यक्ति को ना दें।
उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन-2024 की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च, 2024 को कर दी गई है। मोबाइल कॉल्स के माध्यम से अधिकारियों / कर्मचारियों को निर्वाचन के संबंध में तथा अन्य कार्य के संबंध में जानकारियां प्राप्त की जा रही हैं।
उन्होंने निर्वाचन से संबंधित समस्त अधिकारियों / कर्मचारियों से आग्रह किया है कि इस संबंध में बिना पहचान वाले फोन नंबर पर जानकारी सांझा ना करें और विशेषकर ओटीपी/ पासवर्ड किसी के साथ सांझा न करें।
सूची में छूटे महिला वोटर्स के पंजीकरण को चलेगा अभियान
धर्मशाला। कांगड़ा जिला में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिला वोटर्स की संख्या कम है। हालांकि, कांगड़ा जिला में जनगणना के मुताबिक महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है।
ऐसे में लोकसभा निर्वाचन-2024 के तहत जिला कांगड़ा में मतदाता सूची में छूटे हुए महिला मतदाताओं व दिव्यांगों के नामों का पंजीकरण करने के लिए 4 मई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि मतदाता लिंग अनुपात के अंतर को पूरा करने के लिए बूथ लेवल अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकताओं, महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के सहयोग से मतदाता सूची में छूटे हुए महिला मतदाताओं के नाम पंजीकृत करवाने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे।
कांगड़ा डीसी हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में पुरुष मतदाताओं की संख्या छह लाख 54 हजार 626 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या छह लाख 43 हजार 862 है, जबकि कांगड़ा जिला में जनगणना के मुताबिक महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि कुछ महिला मतदाताओं के नाम शादी से पहले मतदाता सूची में दर्ज नहीं करवाए जाते हैं, जबकि कुछ नाम शादी हो जाने के उपरांत भी ससुराल की तरफ से मतदाता सूची में दर्ज करवाने में देरी हो जाती है, जिस कारण पात्र महिला मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज होने से छूट जाते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वीप कार्यक्रम के तहत बूथ लेवल अधिकारियों तथा स्वयं सहायता समूहों व महिला मंडलों के माध्यम से पात्र महिलाओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाने के लिए विशेष अभियान आरंभ किया जाएगा, ताकि कोई भी मतदान से वंचित नहीं रहे।
इसके साथ ही दिव्यांग पात्र नागरिकों का संबंधित मतदान क्षेत्र में पंजीकरण सुनिश्चित करवाया जाएगा। इस के लिए निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के सहयोग से विशेष कैंप भी आयोजित किए जाएंगे।
इसके साथ ही दिव्यांग मतदाताओं को मत का प्रयोग करने के लिए निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।
मतदान केंद्र पर रैंप, व्हील चेयर, आने जाने के लिए वाहन की सुविधा तथा घर से मतदान की सुविधा भी उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है, मतदान केंद्र में मतदाता सहायता बूथ, मतदाता साथी की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
हमीरपुर। डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के लोकप्रिय ऐप्स में से एक ‘वोटर हेल्पलाइन ऐप’ आम मतदाताओं के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि वोटर हेल्पलाइन ऐप में आम मतदाताओं के लिए कई सुविधाजनक फीचर्स उपलब्ध करवाए गए हैं।
मतदाता सूची में अपना नाम ढूंढना, मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाना या हटवाना, मतदाता के विवरण को दुरुस्त करवाना और मतदाता पहचान पत्र को आधार नंबर या मोबाइल नंबर से लिंक करवाना जैसे महत्वपूर्ण कार्य इस ऐप के माध्यम से घर बैठे ही करवाए जा सकते हैं।
इसके अलावा उम्मीदवारों का विवरण, निर्वाचन प्रक्रिया, चुनाव परिणाम और ईवीएम से संबंधित कई जानकारियां भी इसी ऐप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती हैं। निर्वाचन संबंधी शिकायत भी इस ऐप से की जा सकती है। पात्र मतदाता इस ऐप से अपनी डिजिटल फोटो वोटर स्लिप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वोटर हेल्पलाइन ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस ऐप में पुख्ता प्राइवेसी फीचर्स मौजूद हैं और यह यूजर्स की किसी भी प्रकार की जानकारी स्टोर नहीं करता है।
अमरजीत सिंह ने बताया कि जिला हमीरपुर के पांचों विधानसभा क्षेत्रों 36-भोरंज, 37-सुजानपुर, 38-हमीरपुर, 39-बड़सर और 40-नादौन में सभी पात्र लोगों के नाम मतदाता सूचियों में दर्ज करने के लिए निर्वाचन विभाग ने बूथ लेवल अधिकारियों, राजनीतिक दलों के एजेंटों और विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से व्यापक अभियान चलाया था।
इसके बावजूद किन्हीं कारणों से छूटे लोग और विशेषकर 18-19 वर्ष के आयु वर्ग के नए पात्र युवा 4 मई तक अपने नाम मतदाता सूचियों में दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए बूथ लेवल अधिकारी या एसडीएम कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल एनवीएसपी और वोटर हेल्पलाइन ऐप पर भी ऑनलाइन पंजीकरण करवाया जा सकता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी छूटे लोगों से अपील की है कि वे 4 मई से पहले अपने नाम मतदाता सूचियों दर्ज करवाना सुनिश्चित करें, ताकि वे आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
शिमला। चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक के बाद शिमला लौटी प्रतिभा सिंह के चुनाव न लड़ने के तल्ख तेवर नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि उन्होंने हाईकमान के समक्ष अपना पक्ष रखा है, अब गेंद हाईकमान के पाले में है।
कांग्रेस चुनाव में मजबूत प्रत्याशी उतारेगी और जीत हासिल करेगी। प्रतिभा ने भाजपा के द्वारा मंडी से टिकट देने पर निशाना साधा और कहा कि इससे भाजपा कार्यकर्ता भी हैरान हैं।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि हिमाचल कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव में टिकट को लेकर चर्चा हुई है। हाईकमान आगे का फैसला लेगा।
उपचुनाव को लेकर हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने फीडबैक लिया है। कुछ नामों पर चर्चा हुई है। उपचुनाव के लिए कुछ नए नाम आए हैं। इस पर फैसला लिया गया कि डिटेल रिपोर्ट बनाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। सोच विचार करके ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे जाएंगे।
उनके सामने चुनाव लड़ने को लेकर कुछ समस्याएं थीं। इस बात को हाईकमान के सामने रखा गया है। मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया है कि हम मिल कर हर क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
हमने लोगों की समस्या को दूर करने का काम किया है। आपदा में लोगों को राहत के साथ ही ओपीएस लागू करने, महिलाओं को 1500, दूध के दाम बढ़ाने का काम किया है।
इन सभी चीजों को लेकर कांग्रेस चुनाव के मैदान में जाएगी। सरकार ने वादा किया है कि मिलजुल कर चुनाव लड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल को दिल्ली में हाईकमान के साथ बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। कांग्रेस एक हफ्ते में टिकटों की घोषणा कर देगी। ऐसे लोगों को ही टिकट दिया जाएगा, जो सक्रिय हो लोगों में पहचान हो।
वहीं, कंगना रनौत के मंडी से चुनाव मैदान में उतारने को लेकर प्रतिभा ने कहा कि इससे सभी को हैरानी है। भाजपा के कार्यकर्ता भी हैरान हैं। कांग्रेस सशक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी।
धर्मशाला। हिमाचल के कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में 21542 सैन्य जवानों को ई-ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर भेजे जाएंगे, ताकि सैन्य जवान भी अपने मतदान का प्रयोग कर सकें। जिला निर्वाचन अधिकारी डीसी हेमराज बैरवा ने देते हुए बताया कि यह पोस्टल बैलेट पेपर सभी 17 सेगमेंट्स में भेजे जाएंगे।
मतदान में ज्यादा से ज्यादा से लोग भाग लें इस के लिए मतदाता जागरूकता अभियान भी जिला में आरंभ किया गया है तथा दिव्यांगों से लेकर युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए जिला में 1642 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं तथा इन मतदान केंद्रों पर चुनाव आयोग के दिशा निर्देशानुसार आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं, ताकि लोगों को मतदान करने में किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं आएं। उन्होंने कहा कि जिला में विभिन्न स्तरों पर मतदान के लिए ईवीएम तथा वीवीपैट का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मतदाताओं की सुविधा के लिए निशुल्क दूरभाष नंबर 1950 भी कार्यान्वित किया गया है। इस सुविधा के माध्यम से मतदाता अपने वोटर कार्ड इत्यादि के बारे में जानकारी भी हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नए मतदाताओं का नोमिनेशन से दस दिन पहले तक नाम दर्ज किया जा सकता है।
स्वतंत्र तथा निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने मोबाइल ऐप सी विजिल लांच किया है इस ऐप के जरिये आम जन आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट कर सकेगा, सी विजिल ऐप के लिए कैमरा, इंटरनेट कनेक्शन जीपीएस वाला स्मार्टफोन होना जरूरी है।
मंडी। जिला निर्वाचन अधिकारी व डीसी अपूर्व देवगन ने जिला मंडी के कुछ-एक मतदान केंद्रों के भवनों के क्षतिग्रस्त होने के कारण वहां पर स्थित मतदान केंद्र को अन्य भवनों में स्थापित किया है।
उन्होंने बताया कि करसोग विधानसभा क्षेत्र के कोट कपडयास मतदान केंद्र को राजकीय प्राथमिक पाठशाला गुजरोधार से बदलकर राजकीय उच्च पाठशाला गुजरोधार, सराज विधानसभा क्षेत्र के लेहथाच के मतदान केंद्र को राजकीय प्राथमिक पाठशाला जुहीथाच से राजकीय प्राथमिक पाठशाला जुहीथाच के नए भवन में शिफ्ट किया है।
बागी के मतदान केंद्र को राजकीय प्राथमिक पाठशाला बागी भनवास से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बागी भनवान तथा खोलानाला मतदान केंद्र को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खोलानाला से पंचायत घर खोलानाला परिवर्तित किया गया है।
द्रंग विधानसभा क्षेत्र के देवरी मतदान केंद्र को राजकीय प्राथमिक पाठशाला देवरी से पंचायत घर देवरी, मंडी सदर क्षेत्र के भरगांव मतदान केंद्र को राजकीय उच्च पाठशाला भरगांव से राजकीय प्राथमिक पाठशाला भरगांव, जंद्रोला मतदान केंद्र को राजकीय माध्यमिक पाठशाला नेरल से राजकीय प्राथमिक पाठशाला नेरन में शिफ्ट किया गया है।
मराथु मतदान केंद्र को राजकीय प्राथमिक पाठशाला मराथु से राजकीय माध्यमिक पाठशाला मराथु तथा लोअर भगवाहन मतदान केंद्र को अधिशाषी अभियंता, परियोजना वृत, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद के कार्यालय से राजकीय प्राथमिक पाठशला भगवान में परिवर्तित किया गया है।
मंडी जिला के बल्ह विधानसभा क्षेत्र के छजवाणा रा खाबू मतदान केंद्र को राजकीय प्राथमिक पाठशाला छजवाण खाबू-1 से राजकीय उच्च पाठशाला छजवाण खाबू, हल्यातर मतदान केंद्र को राजकीय प्राथमिक पाठशाला हल्यातर से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हल्यातर में शिफ्ट किया है।
भडयाल मतदान केंद्र को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घासणू से राजकीय प्राथमिक पाठशाला घासणू जबकि सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के कलथर मतदान केंद्र को राजकीय उच्च पाठशाला कलथर से राजकीय उच्च पाठशाला कलथर के नए भवन में परिवर्तित किया गया है।
मंडी संसदीय क्षेत्र में स्थापित होंगे 2213 पोलिंग स्टेशन
मंडी। हिमाचल के मंडी संसदीय क्षेत्र में 13 लाख 59 हजार 497 मतदाता हैं, जिनमें पुरुषों की संख्या 6 लाख 90 हजार 534 और महिलाओं की संख्या 6 लाख 68 हजार 963 है। इनमें 12900 सर्विस हैं।
जोगिन्द्रनगर विधानसभा में सबसे अधिक 1,02,108 मतदाता हैं, जबकि लाहौल और स्पीति विधानसभा में सबसे कम 25,732 मतदाता हैं। पूरे संसदीय क्षेत्र 15347 दिव्यांग मतदाता हैं और 85 वर्ष की अधिक आयु के 13209 मतदाता हैं।
मंडी जिला में कुल 866859 मतदाता हैं। इनमें से धर्मपुर विधानसभा में 82247 मतदाता हैं। धर्मपुर विधानसभा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। धर्मपुर विधानसभा में पुरुष मतदाता 40185 मतदाता हैं और 41075 महिला मतदाता हैं।
मंडी संसदीय क्षेत्र में 2213 पोलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इनमें शहरी क्षेत्रों में 120 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2093 पोलिंग स्टेशन होंगे। इनमें से 98 पोलिंग स्टेशन शैडो जोन में होंगे। सबसे अधिक 1403 मतदाता मंडी जिला के सुंदरनगर विधानसभा के चौगान स्टेशन में है। वहीं सबसे कम 16 मतदाता किन्नौर जिला के पोलिंग स्टेशन का में हैं।
लाहौल स्पीति का टशीगंग पोलिंग स्टेशन सबसे अधिक 15,256 फीट उंचाई पर स्थापित होगा। वहां पर 52 मतदाता हैं। सड़क से अधिक दूरी पर भरमौर का एहलमीं और बंजार विधानसभा का शाकटी पोलिंग स्टेशन है। ये पोलिग स्टेशन 14 किलोमीटर दूर हैं।
मंडी संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभाओं भरमौर, लाहौल-स्पीति, मनाली, कुल्लू, बंजार, आनि, करसोग, सुंदरनगर, नाचन, सराज, द्रंग, जोगिंद्रनगर, मंडी, बल्ह, सरकाघाट, रामपुर और किन्नौर है। इनमें से 9 विधानसभाएं अनारक्षित हैं जबकि 5 अनुसूचित जाति और 3 जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
शिमला। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। हिमाचल में अंतिम चरण में एक जून को चार सीटों पर मतदान होगा। हिमाचल को लोग अपने मत का प्रयोग करके लोकसभा चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। लोकसभा चुनावी बेला में हम आपको 1951 से अब तक के सफर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
शुरूआत में हिमाचल में लोकसभा की तीन सीटें थीं। 1951 और 1957 में तीन-तीन सीटें थीं। 1962 में चार सीटों पर चुनाव हुए थे। अगर हम 1967 लोकसभा चुनाव की बात करें तो 6 सीटों पर चुनाव हुए थे। उस वक्त महासू, शिमला (एससी), हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा और मंडी सीटें थीं। 1971 में शिमला (एससी), मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर सीटें अस्तित्व में आईं।
बता दें कि 1951 में तीन सीटों मंडी, महासू, चंबा सिरमौर पर चुनाव हुए थे। 1957 में महासू, मंडी, चंबा सीटों पर चुनाव हुए। 1962 में चंबा, मंडी, महासू, सिरमौर (एससी) सीटों पर चुनाव हुए थे।
यह वही चुनाव था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की हिमाचल की सक्रिय राजनीति में एंट्री हुई थी। महासू से वीरभद्र सिंह चुनाव जीते थे। 1967 में भी वीरभद्र सिंह ने महासू सीट पर जीत दर्ज की थी। शिमला (एससी) से पी सिंह, हमीरपुर से पीसी वर्मा, कांगड़ा से एच राज, चंबा से वी चंद और मंडी से ललित सैन चुनाव जीते थे।
1971 में शिमला से एससी प्रताप सिंह, मंडी से वीरभद्र सिंह, कांगड़ा से विक्रम चंद और हमीरपुर नरैन चंद ने जीत दर्ज की थी। 1977 में हिमाचल की चारों सीटों पर भारतीय लोक दल ने प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। लगातार तीन चुनाव जीत रहे पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को भी हरा का मुंह देखना पड़ा था।
मंडी सीट से गगन सिंह ने वीरभद्र सिंह को हराया था। शिमला (एससी) से बालक राम, कांगड़ा से दुर्गा चंद और हमीरपुर से रंजीत सिंह ने जीत दर्ज की थी। आपको बता दें कि यह इमरजेंसी के बाद वाला दौर था, जिसमें जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था।
1977 के तीन साल बाद ही 1980 में फिर चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस के प्रत्याशी शिमला (एससी) से कृष्ण दत्त, मंडी से वीरभद्र सिंह, कांगड़ा से विक्रम चंद महाजन व हमीरपुर नरैन चंद जीते थे।
1984 में भी कांग्रेस प्रत्याशियों शिमला (एससी) से केडी सुलतानपुरी, मंडी से पंडित सुखराम, कांगड़ा से चंद्रेश कुमारी और हमीरपुर से नरैन चंद ने चुनाव जीता था। हमीरपुर से भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को टिकट दी थी, लेकिन वह हार गए थे।
1989 लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने एक सीट जीती थी। तीन भाजपा के खाते में गई थीं। शिमला (एससी) केडी सुल्तानपुरी जीतने में कामयाब रहे थे। मंडी से महेश्वर सिंह ने सुखराम को हराया था। कांगड़ा में शांता कुमार व हमीरपुर में प्रेम कुमार धूमल जीते थे।
1991 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला बराबरी का रहा है। दोनों पार्टियों ने दो-दो सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने शिमला (एससी) और मंडी तथा भाजपा ने कांगड़ा और हमीरपुर सीट पर जीत दर्ज की।
शिमला (एससी) से केडी सुलतानपुरी, मंडी पंडित सुखराम जीते। कांगड़ा से डीडी खनूरिया और हमीरपुर से प्रेम कुमार धूमल ने जीत दर्ज की।
1996 की बात करें तो कांग्रेस ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की। शिमला (एससी) से केडी सुलतानपुरी, मंडी से पंडित सुखराम, कांगड़ा से सत महाजन और हमीरपुर से मेजर जनरल सेवानिवृत्त विक्रम सिंह जीते।
सत महाजन ने भाजपा प्रत्याशी शांता कुमार और मेजर जनरल सेवानिवृत्त विक्रम सिंह ने प्रेम कुमार धूमल को हराया। वहीं, केडी सुल्तानपुरी ने वीरेंद्र कश्यप और पंडित सुखराम ने अदान सिंह ठाकुर को मात दी थी।
1998 के लोकसभा चुनाव में मुकाबला 3-1 का रहा था। भाजपा ने तीन और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। शिमला (एससी) से कांग्रेस के केडी सुलतानपुरी जीते थे।
मंडी से भाजपा प्रत्याशी महेश्वर सिंह ने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को हराया था। कांगड़ा में शांता कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी सत महाजन को हराया था। हमीरपुर से सुरेश चंदेल चुनाव जीतकर लोकसभा गए थे।
1999 लोकसभा चुनाव की बात करें तो शिमला (एससी) से हिमाचल विकास कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े कर्नल धनी राम शांडिल ने जीत दर्ज की थी। मंडी में भाजपा के महेश्वर सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को हराया था।
कांगड़ा में शांता कुमार ने सत महाजन को मात दी थी। हमीरपुर से भाजपा के सुरेश चंदेल ने ठाकुर राम लाल हराकर एक बार फिर लोकसभा की दहलीज लांघी थी।
2004 के लोकसभा चुनाव में शिमला (एससी) सीट से कांग्रेस की टिकट पर कर्नल धनी राम शांडिल चुनाव लड़े और जीते थे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी हीरा नंद कश्यप को हराया था। मंडी से प्रतिभा सिंह ने भाजपा प्रत्याशी महेश्वर सिंह को मात दी थी।
हमीरपुर से भाजपा के सुरेश चंदेल ने फिर ठाकुर राम लाल को हराया। कांगड़ा से कांग्रेस के चंद्र कुमार ने भाजपा के दिग्गज शांता कुमार को हराया था। यह चुनाव काफी रोचक रहा था। उस वक्त ऐसे नतीजे की उम्मीद कम की जा रही थी।
लोकसभा चुनाव 2009 की बात करें तो कांगड़ा से भाजपा के डॉ. राजन सुशांत ने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र कुमार को हराया था। मंडी से वीरभद्र सिंह ने भाजपा के महेश्वर सिंह को मात दी थी। मंडी का यह चुनाव भी काफी रोचक रहा था। वीरभद्र सिंह मात्र करीब 13 हजार 997 मतों से चुनाव जीते थे।
इस लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंडी संसदीय क्षेत्र में ही प्रचार किया था। वह अन्य संसदीय क्षेत्रों में भी प्रचार के लिए नहीं निकले थे। अपने संसदीय क्षेत्र के अलावा मात्र उन्होंने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में चंबा के चौगान नंबर में दो ही जनसभा की थी।
वह भी इसलिए हुआ था कि चंबा का भरमौर क्षेत्र मंडी संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। वह राख साइड अपने चुनाव प्रचार को पहुंचे थे। इसके चलते उन्होंने चौगान दो में जनसभा करने को हामी भरी थी।
2009 में हमीरपुर से अनुराग ठाकुर ने नरेंद्र ठाकुर और शिमला से वीरेंद्र कश्यप ने कर्नल धनी राम शांडिल को हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने क्लीन स्विप करते हुए चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा को हराया था। कांगड़ा में शांता कुमार ने चंद्र कुमार, मंडी में राम स्वरूप शर्मा ने प्रतिभा सिंह और शिमला में वीरेंद्र कश्यप ने कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा को मात दी थी।
2019 लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने चारों सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी। कांग्रेस प्रत्याशियों को बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा था। कांगड़ा से किशन कपूर, मंडी से राम स्वरूप शर्मा, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर और शिमला से सुरेश कश्यप ने जीत दर्ज की थी।
मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा के निधन के बाद 2021 में उपचुनाव हुआ। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने मंडी से जीत दर्ज की। अब देखना बाकी है कि इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में स्थिति क्या रहती है। 1998 के बाद हमीरपुर सीट पर कांग्रेस को हार का मुंह ही देखती आ रही है।
सोलन। डीसी सोलन और जिला निर्वाचन अधिकारी मनमोहन शर्मा ने बताया कि शिमला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिला के कुछ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के तहत मतदान केंद्रों में संशोधन किया गया है।
उन्होंने बताया कि सोलन जिला के अर्की विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत मतदान केंद्र 50/64 अर्की-3 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) अर्की को संशोधित कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) अर्की साइंस ब्लॉक में परिवर्तित किया गया है। संशोधित भवन में अधिक आवास एवं सुविधाएं होने के कारण यह निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए नालागढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत मतदान केंद्र 51/40-गुनाहा को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुनाहा (पुराना भवन) से परिवर्तित कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुनाहा (नया भवन) तथा मतदान केंद्र 51/100-राजपुरा रंगुवाला-2 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजपुरा (पुराना भवन) से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजपुरा (नया भवन) में परिवर्तित किया गया है।
मनमोहन शर्मा ने बताया कि दून विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत मतदान केंद्र 52/48-सलगा को राजकीय उच्च पाठशाला तुझार से संशोधित कर राजकीय उच्च पाठशाला बधोनीघाट (नया भवन) में परिवर्तित किया गया है। मतदान केंद्र भवन मतदाताओं के लिए कम दूरी पर होने के कारण यह निर्णय लिया गया है।
धर्मशाला। आगामी लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत जिला कांगड़ा के तीन निर्वाचन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों में परिवर्तन किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी हेमराज बैरवा ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र 13-जयसिंहपुर के मतदान केंद्र 57-नाहलना को राजकीय माध्यमिक पाठशाला नाहलना से बदलकर राजकीय प्राथमिक पाठशाला कसेहड़ा स्थित बकारग किया गया है।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्र 14-सुलह के मतदान केंद्र 6-झरेट को राजकीय प्राथमिक पाठशाला झरेट से बदलकर राजकीय उच्च पाठशाला झरेट किया गया है।