धर्मशाला। लोकसभा निर्वाचन-2024 के तहत पंपलेट, पोस्टर, प्रचार हैंडबिल इत्यादि पर प्रिंटर तथा प्रकाशक का नाम अंकित करना जरूरी है। इसके साथ ही चुनाव प्रचार से संबंधित होर्डिंग्स और फलेक्स को भी पोस्टर की श्रेणी में ही माना जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी हेमराज बैरवा ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को आचार संहिता का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि हैंडबिल और पोस्टर में ऐसी भाषा का प्रयोग ना करें जो किसी व्यक्ति या समाज को आहत करती हो।
उन्होंने कहा कि जिला में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिप्रिय चुनाव संपन्न करवाने के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं।जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के होर्डिंग, फलैक्स, पोस्टर और पैम्फलेट इत्यादि लगाने से पहले संबंधित निर्वाचन अधिकारी को इस बारे लिखित जानकारी देना जरूरी है।
इसके अलावा निजी संपति पर इस प्रकार की प्रचार सामग्री लगाने से पूर्व संपति मालिक से लिखित में प्राप्त पूर्व अनुमति बारे भी निर्वाचन अधिकारी को अवगत करवाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रत्याशी के प्रचार कार्य पर निजी तौर पर राशि खर्च नहीं कर सकता है, ऐसा पाए जाने पर खर्चा प्रत्याशी या पार्टी के खाते में जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में लोकसभा निर्वाचन-2024 की तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली गई हैं इस के लिए विभिन्न स्तरों पर कमेटियां भी गठित की गई हैं और नियमित तौर पर समीक्षा बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं।
शिमला। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। हिमाचल में अंतिम चरण में एक जून को चार सीटों पर मतदान होगा। हिमाचल को लोग अपने मत का प्रयोग करके लोकसभा चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। लोकसभा चुनावी बेला में हम आपको 1951 से अब तक के सफर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
शुरूआत में हिमाचल में लोकसभा की तीन सीटें थीं। 1951 और 1957 में तीन-तीन सीटें थीं। 1962 में चार सीटों पर चुनाव हुए थे। अगर हम 1967 लोकसभा चुनाव की बात करें तो 6 सीटों पर चुनाव हुए थे। उस वक्त महासू, शिमला (एससी), हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा और मंडी सीटें थीं। 1971 में शिमला (एससी), मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर सीटें अस्तित्व में आईं।
बता दें कि 1951 में तीन सीटों मंडी, महासू, चंबा सिरमौर पर चुनाव हुए थे। 1957 में महासू, मंडी, चंबा सीटों पर चुनाव हुए। 1962 में चंबा, मंडी, महासू, सिरमौर (एससी) सीटों पर चुनाव हुए थे।
यह वही चुनाव था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की हिमाचल की सक्रिय राजनीति में एंट्री हुई थी। महासू से वीरभद्र सिंह चुनाव जीते थे। 1967 में भी वीरभद्र सिंह ने महासू सीट पर जीत दर्ज की थी। शिमला (एससी) से पी सिंह, हमीरपुर से पीसी वर्मा, कांगड़ा से एच राज, चंबा से वी चंद और मंडी से ललित सैन चुनाव जीते थे।
1971 में शिमला से एससी प्रताप सिंह, मंडी से वीरभद्र सिंह, कांगड़ा से विक्रम चंद और हमीरपुर नरैन चंद ने जीत दर्ज की थी। 1977 में हिमाचल की चारों सीटों पर भारतीय लोक दल ने प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। लगातार तीन चुनाव जीत रहे पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को भी हरा का मुंह देखना पड़ा था।
मंडी सीट से गगन सिंह ने वीरभद्र सिंह को हराया था। शिमला (एससी) से बालक राम, कांगड़ा से दुर्गा चंद और हमीरपुर से रंजीत सिंह ने जीत दर्ज की थी। आपको बता दें कि यह इमरजेंसी के बाद वाला दौर था, जिसमें जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था।
1977 के तीन साल बाद ही 1980 में फिर चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस के प्रत्याशी शिमला (एससी) से कृष्ण दत्त, मंडी से वीरभद्र सिंह, कांगड़ा से विक्रम चंद महाजन व हमीरपुर नरैन चंद जीते थे।
1984 में भी कांग्रेस प्रत्याशियों शिमला (एससी) से केडी सुलतानपुरी, मंडी से पंडित सुखराम, कांगड़ा से चंद्रेश कुमारी और हमीरपुर से नरैन चंद ने चुनाव जीता था। हमीरपुर से भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को टिकट दी थी, लेकिन वह हार गए थे।
1989 लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने एक सीट जीती थी। तीन भाजपा के खाते में गई थीं। शिमला (एससी) केडी सुल्तानपुरी जीतने में कामयाब रहे थे। मंडी से महेश्वर सिंह ने सुखराम को हराया था। कांगड़ा में शांता कुमार व हमीरपुर में प्रेम कुमार धूमल जीते थे।
1991 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला बराबरी का रहा है। दोनों पार्टियों ने दो-दो सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने शिमला (एससी) और मंडी तथा भाजपा ने कांगड़ा और हमीरपुर सीट पर जीत दर्ज की।
शिमला (एससी) से केडी सुलतानपुरी, मंडी पंडित सुखराम जीते। कांगड़ा से डीडी खनूरिया और हमीरपुर से प्रेम कुमार धूमल ने जीत दर्ज की।
1996 की बात करें तो कांग्रेस ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की। शिमला (एससी) से केडी सुलतानपुरी, मंडी से पंडित सुखराम, कांगड़ा से सत महाजन और हमीरपुर से मेजर जनरल सेवानिवृत्त विक्रम सिंह जीते।
सत महाजन ने भाजपा प्रत्याशी शांता कुमार और मेजर जनरल सेवानिवृत्त विक्रम सिंह ने प्रेम कुमार धूमल को हराया। वहीं, केडी सुल्तानपुरी ने वीरेंद्र कश्यप और पंडित सुखराम ने अदान सिंह ठाकुर को मात दी थी।
1998 के लोकसभा चुनाव में मुकाबला 3-1 का रहा था। भाजपा ने तीन और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। शिमला (एससी) से कांग्रेस के केडी सुलतानपुरी जीते थे।
मंडी से भाजपा प्रत्याशी महेश्वर सिंह ने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को हराया था। कांगड़ा में शांता कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी सत महाजन को हराया था। हमीरपुर से सुरेश चंदेल चुनाव जीतकर लोकसभा गए थे।
1999 लोकसभा चुनाव की बात करें तो शिमला (एससी) से हिमाचल विकास कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े कर्नल धनी राम शांडिल ने जीत दर्ज की थी। मंडी में भाजपा के महेश्वर सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को हराया था।
कांगड़ा में शांता कुमार ने सत महाजन को मात दी थी। हमीरपुर से भाजपा के सुरेश चंदेल ने ठाकुर राम लाल हराकर एक बार फिर लोकसभा की दहलीज लांघी थी।
2004 के लोकसभा चुनाव में शिमला (एससी) सीट से कांग्रेस की टिकट पर कर्नल धनी राम शांडिल चुनाव लड़े और जीते थे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी हीरा नंद कश्यप को हराया था। मंडी से प्रतिभा सिंह ने भाजपा प्रत्याशी महेश्वर सिंह को मात दी थी।
हमीरपुर से भाजपा के सुरेश चंदेल ने फिर ठाकुर राम लाल को हराया। कांगड़ा से कांग्रेस के चंद्र कुमार ने भाजपा के दिग्गज शांता कुमार को हराया था। यह चुनाव काफी रोचक रहा था। उस वक्त ऐसे नतीजे की उम्मीद कम की जा रही थी।
लोकसभा चुनाव 2009 की बात करें तो कांगड़ा से भाजपा के डॉ. राजन सुशांत ने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र कुमार को हराया था। मंडी से वीरभद्र सिंह ने भाजपा के महेश्वर सिंह को मात दी थी। मंडी का यह चुनाव भी काफी रोचक रहा था। वीरभद्र सिंह मात्र करीब 13 हजार 997 मतों से चुनाव जीते थे।
इस लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंडी संसदीय क्षेत्र में ही प्रचार किया था। वह अन्य संसदीय क्षेत्रों में भी प्रचार के लिए नहीं निकले थे। अपने संसदीय क्षेत्र के अलावा मात्र उन्होंने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में चंबा के चौगान नंबर में दो ही जनसभा की थी।
वह भी इसलिए हुआ था कि चंबा का भरमौर क्षेत्र मंडी संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। वह राख साइड अपने चुनाव प्रचार को पहुंचे थे। इसके चलते उन्होंने चौगान दो में जनसभा करने को हामी भरी थी।
2009 में हमीरपुर से अनुराग ठाकुर ने नरेंद्र ठाकुर और शिमला से वीरेंद्र कश्यप ने कर्नल धनी राम शांडिल को हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने क्लीन स्विप करते हुए चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा को हराया था। कांगड़ा में शांता कुमार ने चंद्र कुमार, मंडी में राम स्वरूप शर्मा ने प्रतिभा सिंह और शिमला में वीरेंद्र कश्यप ने कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा को मात दी थी।
2019 लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने चारों सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी। कांग्रेस प्रत्याशियों को बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा था। कांगड़ा से किशन कपूर, मंडी से राम स्वरूप शर्मा, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर और शिमला से सुरेश कश्यप ने जीत दर्ज की थी।
मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा के निधन के बाद 2021 में उपचुनाव हुआ। इसमें कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने मंडी से जीत दर्ज की। अब देखना बाकी है कि इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में स्थिति क्या रहती है। 1998 के बाद हमीरपुर सीट पर कांग्रेस को हार का मुंह ही देखती आ रही है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी पुरानी ऑल्टो कार (HP-55-2627 ) में विधानसभा पहुंचे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू कार खुद चलाकर आए।
बता दें कि लोकसभा चुनावी साल में सुक्खू के पिटारे पर प्रदेश की नजर है। हालांकि, खजाना खाली होने की वजह से ज्यादा उम्मीद तो नहीं है, फिर भी बेरोजगारों, कर्मचारी, किसानों के लिए कुछ नई योजनाएं इस बजट में देखने को मिल सकती हैं।
किसानों के लिए योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले की बोल चुके हैं कि बजट में कुछ देखने को मिलेगा। चुनाव से पहले यह बजट लोक लुभावना हो सकता है।
कर्मचारियों का 12 फीसदी महंगाई भत्ता सरकार के पास बकाया हो गया है। जनवरी से 16 फीसदी हो गया है। इसी तरह कर्मचारी और पेंशनर्स का नए वेतनमान का 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का एरियर भी सरकार के पास पेंडिंग है।
ऐसे में मुख्यमंत्री सुक्खू डीए (DA) या सैलरी के एरियर में से एक पर कोई घोषणा कर सकते हैं। एसएमसी (SMC), कंप्यूटर टीचर लंबे समय से पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। इस बजट में इनको क्या और कितनी राहत मिलती है, यह आज साफ हो जाएगा।
शिमला। लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राहुल गांधी लोकतंत्र की आवाज हैं और जनता के इस लोकतंत्र को बचाने के लिए राहुल गांधी लड़ाई लड़ रहे हैं। कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा कर लोकतंत्र की आवाज को मजबूत किया है, जिसकी लोकप्रियता से भाजपा घबरा गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राहुल गांधी से खतरा लग रहा है, इसलिए राहुल गांधी को चुप कराने का केंद्र की भाजपा सरकार षड्यंत्र रच रही है। भाजपा संसद के अंदर तो राहुल गांधी की आवाज दबा सकती है, लेकिन जनता की अदालत में उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता। कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के साथ खड़ी है और आने वाले समय में एक बड़ा आंदोलन भी केंद्र सरकार के खिलाफ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर आकर लड़ाई लड़नी होगी, तभी लोकतंत्र बच पाएगा।
वहीं, मुख्यमंत्री ने सीपीएस नियुक्ति को एक संस्था द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने पर कहा कि यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसको लेकर सरकार कोर्ट में जवाब देगी।
शिमला। छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के 85वें पूर्ण अधिवेशन के दूसरे दिन संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्र के विकास में नेहरू-गांधी परिवार के बहुमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार ने देश की एकता और अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह गांधी परिवार सत्ता का भूखा नहीं है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ-साथ राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 18 वर्ष की आयु में मतदान का अधिकार देकर राष्ट्र निर्माण में युवाओं की सहभागिता को सुनिश्चित किया। उन्होंने समाज की विकास प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया।
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को विधानसभा चुनाव में प्रदेश में मिली शानदार जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्रीमती प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीति के फलस्वरूप ही प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ और इस छोटे से राज्य में पार्टी की जीत आगामी लोकसभा चुनावों के लिए वरदान सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से लोगों में एकता और सद्भाव का संदेश देने के लिए कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक 3500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मुख्य विपक्षी दल की जिम्मेदारी को समझते हुए भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ आवाज उठाने और आम लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेशवासियों की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए कांग्रेस हाईकमान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह राज्य के लोगों के कल्याण के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि एक सामान्य पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले कार्यकर्ता को प्रदेश के शीर्ष पद पर आसीन करना कांग्रेस पार्टी की आम लोगों से जुड़े होने की विचारधारा और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही अपने 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है, जो कांग्रेस सरकार के चुनावी वादों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।