धर्मशाला। धोखाधड़ी की मंशा से नागरिकों को मोबाइल कॉल्स का मामला सामने आया है। कुछ एक बूथ लेवल अधिकारियों को भी ऐसी कॉल्स आई हैं। इसके बाद कांगड़ा (Kangra) जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।
कांगड़ा डीसी हेमराज बैरवा ने कहा कि धोखाधड़ी की मंशा से नागरिकों को आ रही मोबाइल कॉल्स से सावधानी बरतना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ एक बूथ लेवल अधिकारियों को भी धोखाधड़ी से संबंधित कॉल्स प्राप्त हुई हैं, जिसमें पहले तो उनसे पुरुष, महिला डाटा व बूथ लेवल ऐप के बारे में पूछा जा रहा है।
इसके साथ ही समस्त बूथ लेवल अधिकारियों से अनुरोध है कि वह अपने-अपने निजी बैंक खातों की जानकारी जैसे कि पासवर्ड, ओटीपी आदि के बारे सूचना किसी अनजान व्यक्ति को ना दें।
उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन-2024 की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च, 2024 को कर दी गई है। मोबाइल कॉल्स के माध्यम से अधिकारियों / कर्मचारियों को निर्वाचन के संबंध में तथा अन्य कार्य के संबंध में जानकारियां प्राप्त की जा रही हैं।
उन्होंने निर्वाचन से संबंधित समस्त अधिकारियों / कर्मचारियों से आग्रह किया है कि इस संबंध में बिना पहचान वाले फोन नंबर पर जानकारी सांझा ना करें और विशेषकर ओटीपी/ पासवर्ड किसी के साथ सांझा न करें।
धर्मशाला। कांगड़ा जिला स्थित पौंग डैम का स्तर बढ़ रहा है। पौंग डैम में 90 हजार क्यूसेक की दर से पानी आ रहा है। ऐसे में सोमवार को रविवार के मुकाबले ज्यादा पानी छोड़ा जा सकता है।
यह जानकारी डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने दी है। उन्होंने बताया कि पंडोह से पानी छोड़ने के चलते पौंग डैम का स्तर बढ़ रहा है। रविवार को बीबीएमबी प्रशासन ने पानी छोड़ने का फैसला लिया था। रविवार को गेट खोले गए। करीब 22 से 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि उनकी बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर से बात हुई है। पौंग डैम में 90 हजार क्यूसेक की दर से पानी आ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में पानी छोड़ा जा सकता है। आज यानी सोमवार को रविवार के मुकाबले ज्यादा पानी छोड़ा जा सकता है।
डीसी डॉ निपुण जिंदल ने बताया कि अभी पौंग डैम का स्तर 1372 फीट तक है। साथ ही स्टोर करने की क्षमता 1410 फीट है। 1390 फीट खतरे का निशान है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बीबीएमबी से निरंतर संपर्क में है। उन्होंने दरिया के किनारे रहने वाले लोगों को सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पशुओं को भी वहां से हटा लें। आपात स्थिति में संबंधित प्रशासन से संपर्क करें।
ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला से बड़ी खबर आ रही है। पौंग डैम से पानी छोड़ा जाएगा। पौंग बांध प्रबंधन ने पानी छोड़ने का फैसला लिया है। भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड के दिशा निर्देशों के बाद फैसला लिया है। 16 जुलाई शाम 4 बजे पौंग डैम झील से पानी छोड़ा जाएगा।
पौंग पावर हाउस टरबाइन से 4 हजार 377 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। जबकि स्पिलवे के माध्यम से 22 हजार 3 सौ क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। फिलहाल पौंग झील का जलस्तर 1367.87 फीट तक पहुंचा है।
झील में पानी की स्टोरेज कैपेसिटी 1410 फीट है। वहीं 1390 फीट खतरे का निशान है। 1,370 फीट पानी भर जाने के बाद पानी धीरे-धीरे छोड़ा जाता है। जल विनियम बीबीएमबी तलवाड़ा के सीनियर डिजाइन इंजीनियर विनय कुमार ने पानी छोड़ने की पुष्टि की है।
जिला प्रशासन की तरफ से अपील की गई है कि यदि कोई जन/ पशुधन दरिया के नज़दीक है तो उसे तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं ताकि किसी आपदा से बचा जा सके।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें तथा किसी प्रकार का डर पैदा करने वाली आपवाहों से बचें। किसी भी आपदा स्थिति में पंचायत प्रधान/ सचिव/ पटवारी/DEOC 7650991077 को तुरंत सूचित करें।
कांगड़ा जिला कोषाधिकारी कांगड़ा टीएस खन्ना ने दी जानकारी
धर्मशाला। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जिला कांगड़ा (Kangra) के कोषों में सभी पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के वार्षिक सत्यापन की प्रक्रिया 1 जुलाई, 2023 से आरंभ होगी। यह कार्य विशेष सचिव (वित्त) एवं निदेशक, कोष लेखा व लॉटरीज़ शिमला के निर्देशानुसार किया जा रहा है।
कांगड़ा (Kangra) जिला कोषाधिकारी टीएस खन्ना ने बताया कि जिले के सभी पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों से आग्रह किया कि वे जिलाकोष एवं उपकोष के अतिरिक्त अपने संबंधित पटवारी, पंचायत सचिव, बैंक मैनेजर या राजपत्रित अधिकारी से अपना जीवन प्रमाण पत्र सत्यापित करके डाक के माध्यम से जिलाकोष को भेज सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि जीवन प्रमाण पत्र विभाग की वेबसाइट हिमकोष डॉट एनआईसी डॉट आइएन स्लैश इपेंशनलिंक डॉट एएसपीएक्स (https://himkosh.nic.in/ePensionLink.aspx) पर उपलब्ध है। उन्होंने सभी पेंशनभोगियों से अनुरोध किया कि वे अपना जीवन प्रमाण पत्र 1 जुलाई 2023 से 30 सितम्बर 2023 के मध्य जमा करवाएं ताकि उनकी पेंशन अदायगी में कोई व्यवधान न आए।
धर्मशाला। कांगड़ा (Kangra) जिले के 8 स्वास्थ्य संस्थानों में 15 जून से नशा मुक्ति क्लीनिक सेवाएं शुरू हो जाएंगी। आरंभ में इन अस्पतालों में ये सेवाएं हर हफ्ते 2 दिन शुक्रवार और शनिवार को दोपहर बाद 2 से 4 बजे तक मिलेंगी। यह जानकारी डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एनकॉर्ड) के तहत बनी जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक के उपरांत दी। धर्मशाला में बुधवारृ को आयोजित इस बैठक में जिला नार्कोटिक्स समन्वय समिति की संयोजक पुलिस अधीक्षक कांगड़ा (Kangra) शालिनी अग्निहोत्री भी उपस्थित रहीं।
डॉ. निपुण जिंदल बताया कि पहले चरण में जिले के जिन 8 अस्पतालों में ये सेवाएं आरंभ की जा रही हैं, उनमें जोनल अस्पताल धर्मशाला के साथ-साथ सिविल अस्पताल ज्वालामुखी, कांगड़ा (Kangra), शाहपुर, नूरपुर, इंदौरा फतेहपुर और पालमपुर शामिल हैं। इन संस्थानों में नशा मुक्ति के मामलों को डील करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक और स्टाफ मौजूद है। साथ ही वहां नशा मुक्ति से जुड़ी सभी दवाइयां भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। दूसरे चरण में इस सेवा को आगे जिले के अन्य अस्पतालों में लागू किया जाएगा।
डीसी कांगड़ा (Kangra) ने बताया कि जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से नशा निवारण और पुनर्वास केंद्रों के निरीक्षण के लिए एक चेक लिस्ट तैयार की है। इसमें उन सभी कार्रवाइयों को शामिल किया गया है, जिन्हें केंद्र के निरीक्षण में चेक किया जाना चाहिए। इस चेक लिस्ट को सभी एसडीएम और लाइन विभागों से साझा किया जाएगा, ताकि वे निरीक्षण के दौरान बारीकी से देखे जाने वाली बातों का ध्यान रख सकें।
उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में कांगड़ा (Kangra) जिले में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया था, इस कार्य को पूरा कर लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज की मॉनीटरिंग के लिए इसे पुलिस केन्द्र से जोड़ा जाएगा। इससे नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों में बेहतर व्यवस्था और निगरानी सुनिश्चित होगी।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में स्कूलों में जागरूकता व विविध शिक्षा कार्यक्रमों के लिए विस्तृत शेड्यूल बनाया गया है। जल्द ही इस कार्यक्रम का विधिवत तौर शुभारंभ किया जाएगा। ‘संवाद’ ( एस.ए.एम.वी.ए.ए.डी. – सिस्टेमैटिक अडोलसेंट मैनेजमेंट एंड वैल्यू एडीशन डायलॉग) के नाम से चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की स्कूली बच्चों से जुड़ी शिक्षा व जागरुकता गतिविधियों को कन्वर्जेंस के साथ निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक चलाया जाएगा।
इसे लेकर संबंधित अधिकारियों तथा कर्मचारियों के के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। डीसी ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी एसडीएम से संबंधित उपमंडलों में नशा निवारण को लेकर उठाए कदमों और नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के औचक निरीक्षण को लेकर की कार्रवाई की जानकारी ली।
बैठक में पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि ये देखना में आया है कि जिले में अलग अलग इलाकों में कुछ स्थल नशा करने के संभावित अड्डे जैसे बन गए हैं। पुराने भवन, सुनसान स्थल इनमें प्रमुख हैं। उन्होंने सभी एसडीएम तथा अन्य विभागों से ऐसी जगहों की मैपिंग करके डाटा पुलिस से साझा करने का आग्रह किया, ताकि पुलिस की टीमें वहां विशेष निगरानी कर सकें।
बैठक में गुंजन ऑर्गेनाइजेशन के निदेशक संदीप परमार और समन्वयक विजय शर्मा ने भी नशा निवारण गतिविधियों और जागरूकता अभियान को लेकर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण देने में संस्था की सहभागिता की बात कही तथा अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
इस अवसर पर एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा जहां बैठक कक्ष में उपस्थित रहे, वहीं अन्य सभी एसडीएम वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल हुए। इसके अलावा बैठक कक्ष में सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा, डॉ. विक्रम कटोच, विभिन्न विभागों के अधिकारी, गुंजन ऑर्गेनाइजेशन के निदेशक संदीप परमार, समन्वयक विजय शर्मा, पंकज पंडित अन्य गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा हितधारक उपस्थित रहे।